संविधान में ‘बजट’ शब्द का जिक्र नहीं है जिसे बोलचाल की भाषा में आम बजट कहा जाता है उसे संविधान के अनुच्छेद – 112 में ‘एनुअल फाइनेंशियल स्टेटमेंट’ कहा गया है। फाइनेंशियल स्टेटमेंट अनुमानित प्राप्तियों और खर्चों का उस साल के लिए सरकार का विस्तृत ब्योरा होता है।
भारत में सबसे पहले ब्रिटिश शासनकाल में 1860 में आम बजट प्रस्तुत किया गया था। बजट बनाने और पेश करने का श्रेय फाइनेंस मेंबर जेम्स विल्सन को जाता है जिन्होंने 18 फरवरी 1860 को वाइसराय की परिषद में पहली बार बजट पेश किया था। भारत के आजाद होने के ठीक पहले का बजट उस समय की अंतरिम सरकार के वित्तमंत्री रहे लियाकत अली खां ने पेश किया था। यह बजट 9 अक्टूबर, 1946 से लेकर 14 अगस्त 1947 तक की अवधि के लिए था। इसके बाद आजाद भारत का पहला बजट तत्कालीन वित्तमंत्री आर के षणमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर, 1947 में पेश किया था।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2018-19 का बजट पेश किया। 2019 के आम चुनावों से पहले ये मोदी सरकार का आख़िरी पूर्ण बजट हैं , जो इस प्रकार है –
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टैक्स से संबंधित घोषणाएं
- इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं।
2018-19 के लिए टैक्स स्लैब
इनकम स्लैब टैक्स रेट
2.5 लाख रुपए तक – 0
2.5 से ज्यादा – 5 लाख तक – 5%
5 लाख से ज्यादा -10 लाख – 20 %
10 लाख से अधिक – 30 %[spacer height=”20px”] - सीनियर सिटीजंस को 50,000 रुपए तक की इंटरेस्ट इनकम पर टैक्स छूट।
- सीनियर सिटीजंस को अब 50,000 रुपए तक की इंटरेस्ट इनकम पर टैक्स छूट मिलेगी। पहले यह सीमा 10,000 रुपए थी।
- इसके अलावा सीनियर सिटीजंस अब इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 डी के तहत 50,000 रुपए तक मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं।[spacer height=”20px”]
- इनकम टैक्स रिटर्न फाइल न करने वालों को प्रति दिन 500 रुपए पेनल्टी।
- नए नियम के तहत अब इनकम टैक्स रिटर्न समय सीमा के अंदर फाइल न करने वालों को प्रति दिन 500 रुपए के हिसाब से पेनल्टी देनी होगी।[spacer height=”20px”]
- नहीं कर सकेंगे 10,000 से ज्यादा की कैश पेमेंट।
- आम बजट में कहा गया है कि 10,000रु रुपए से अधिक की कैश पेमेंट की अनुमति नहीं होगी।
- केंद्र सरकार ने कालेधन पर अंकुश लगाने के प्रयास के तहत यह कदम उठाया है।[spacer height=”20px”]
- लॉन्ग टर्म गैपिटल गैन टैक्स में बदलाव, 1 लाख के ज्यादा के रिटर्न पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा।
- शेयर बाजार में एक साल निवेशित रहने के बाद अगर 1 लाख रुपए से ज्यादा की कमाई होती है तो उस पर अब लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन लगेगा। यह टैक्स 10 फीसदी की दर से लगाया जाएगा।[spacer height=”20px”]
- स्वास्थ्य पर सेस अब 3 फीसदी की जगह 4 फीसदी लगाया जाएगा।
- 250 करोड़ तक के टर्नओवर वाली कंपनी को 25 प्रतिशत कॉरपोरेट टैक्स।
- डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 12.6 फीसदी बढ़ा।
- आयकर दाताओं की संख्या 2014-15 में 6.47 करोड़ से बढ़कर 2016-17 में 8.27 करोड़ हो गई।
- देश में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी नहीं चलेगी।
कृषि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसानों से संबंधित घोषणाएं –
- 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य।
- कम लागत में अधिक फसल उगाने पर ज़ोर, किसानों को उनकी उपज का अधिक दाम दिलाने पर फोकस।
- उपज पर लागत से डेढ़ गुना अधिक दाम मिले, इस पर फोकस।
- 2000 करोड़ रुपये की लागत से कृषि बाज़ार।
- कृषि प्रोसेसिंग सेक्टर के लिए 1400 करोड़ रुपये।
- 500 करोड़ रुपये की लागत से ऑपरेशन ग्रीन।
- 42 मेगा फूड पार्क बनाए जाने का ऐलान।
- लघु और सीमांत किसानों के लिए ग्रामीण कृषि बाजारों का विकास किया जाएगा।
- गांवों में 22 हज़ार हाटों को कृषि बाजार में तब्दील किया जाएगा।
- देश में कृषि उत्पादन रेकॉर्ड स्तर पर है. साल 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करेंगे।
- खरीफ़ की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को 5 गुना किया गया है।
- मछुआरों और पशुपालकों को भी किसानों की तरह क्रेडिट कार्ड दिए जाएंगे।
- कृषि बाजार के विकास के लिए 2,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
- ऑर्गनिक खेती को और बढ़ावा दिया जायेगा. महिला समूहों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा।
- मछली पालन और पशुपालन व्यवसाय में 10000 करोड़ रुपये देकर ग्रामीण क्षेत्रो में जनता की आय बढ़ाने की कोशिश की जाएगी।
- सौभाग्य योजना के तहत चार करोड़ गरीब घरों को मुफ़्त बिजली दी जाएगी।
- साल 2022 तक हर गरीब के पास उसका अपना घर होगा।
- गांवों में इंफ़्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए 34 लाख करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
- उज्ज्वला योजना के तहत अब आठ करोड़ गरीब महिलाओं को मुफ़्त गैस कनेक्शन दिया जाएगा।
- कृषि उत्पादों के निर्यात को 100 अरब डॉलर के स्तर तक पहुंचाने का लक्ष्य।
- नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम के तहत 10 करोड़ गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये तक का हेल्थ बीमा।
शिक्षा से संबंधित घोषणाएं –
- शिक्षा की गुणवत्ता अब भी बड़ी चुनौती।
- ब्लैक बोर्ड से डिजिटल बोर्ड की तरफ जाएंगे।
- टीचरों के लिए एकीकृत बीएड कार्यक्रम की शुरुआत।
- नवोदय की तरह आदिवासी इलाकों में एकलव्य स्कूल बनाए जाएंगे।
- प्री-नर्सरी से 12वीं तक एक ही पॉलिसी होगी।
- सरकार ने अब 20 लाख बच्चों को स्कूल भेजने के लिए सुनिश्चित किया है।
रोजगार और व्यापार से संबंधित घोषणाएं –
- इस साल70 लाख नौकरियों का लक्ष्य।
- 50 लाख युवाओं को नौकरी के लिए ट्रेनिंग देगी सरकार।
- रोजगार में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर।
- व्यापार शुरू करने के लिए सरकार 3 लाख करोड़ का फंड देगी।
- मुद्रा योजना के तहत 3 लाख करोड़ रुपये ऋण देने का लक्ष्य।
- हर जिले में स्किल सेंटर खोले जाएंगे।
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति का वेतन में इजाफा होगा
- राष्ट्रपति का वेतन 5 लाख रुपये प्रतिमाह होगा।
- उपराष्ट्रपति का वेतन 4 लाख रुपये प्रतिमाह होगा।
- राज्यपाल का वेतन 3.5 लाख रुपये प्रतिमाह होगा।
- सांसदों का वेतन हर 5 साल में बढ़ाने का फैसला।
हेल्थ प्रोग्राम से संबंधित घोषणाएं –
- सरकार 1200 करोड़ रुपए खर्च कर एक नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम शुरू करने जा रही है, जिसमें 10 करोड़ लोगों को जोड़ा जाएगा।
- ‘आयुष्मान भारत’ प्रोग्राम शुरू किया जाएगा। इसके तहत देशभर में 50 लाख हेल्थ सेंटर बनाकर दवा और जांच की मुफ्त सुविधा दी जाएगी। कुल मिलाकर देश की 40 फीसदी यानी 50 करोड़ आबादी के इलाज का खर्च सरकार उठाएगी।
- हर परिवार को सालाना मिलेगा 5 लाख रुपए मेडिकल खर्च।
- टीबी मरीजों को हर माह 500 रुपए की मदद देने की घोषणा।
- हेल्थ वेलनेस केंद्र बनाने के लिए 1200 करोड़ का फंड।
- देशभर में 24 नए मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा।
- 10 करोड़ गरीब परिवारों के लिए होगी हेल्थ बीमा स्कीम।
- नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम लॉन्च।
- 50 करोड़ लोगों को मिलेगा हेल्थ बीमा का लाभ।
- देश की 40 फीसद आबादी को हेल्थ बीमा की सुविधा देने की योजना।
रेल बजट
- रेलवे के सारे नेटवर्क को ब्रॉड गेज में बदला जाएगा।
- 3600 किमी पटरियों के नवीनीकरण का लक्ष्य।
- दो सालों में 4268 मानवरहित क्रॉसिंग समाप्त कर दिए जाएंगे।
- रेलवे के लिए 1 लाख 48 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।
- 600 रेलवे स्टेशनों को आधुनिक बनाया जाएगा।
- सभी ट्रेनों में वाई-फाई और सीसीटीवी लगाने की योजना।
- मुंबई में लोकल ट्रेनों का दायरा बढ़ेगा।
- 18,000 किलोमीटर रेल लाइनों का दोहरीकरण किया जाएगा।
- 20, 000 लोगों से ज्यादा की प्रतिदिन भीड़ वाले रेलवे स्टेशनों पर एस्केलेटर लगाए जाएंगे।
- केन्द्र सरकार ने बजट में रेलवे के लिए 1.48 लाख करोड़ के कैपिटल एक्सपेंडीचर का प्रावधान किया है. पिछले साल 1.31 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।
विनिवेश का लक्ष्य
- 2018-19 के लिए विनिवेश का लक्ष्य 80 हजार करोड़ रुपये रखा गया है। वहीं वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान केन्द्र सरकार को 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक प्राप्ति हो चुकी है जबकि इस दौरान सरकार का लक्ष्य 72,500 करोड़ रुपये का था।
- डिफेंस क्षेत्र में निजी सेक्टर के निवेश को बढ़ाया गया है। केन्द्र सरकार वित्त वर्ष 18 में डिफेंस प्रोडक्शन की नई नीति लेकर आएगी। देश में दो डिफेंस कॉरिडोर तैयार किए जाएंगे।
- केन्द्र सरकार ने इंफ्रा डेवलपमेंट के लिए 97 करोड़ रुपये के अतिरिक्त प्रावधान किया है।
- केन्द्र सरकार ने ईज ऑफ डूईंग बिजनेस में भारत की रैंकिग को और सुधारने के लिए 372 मूलभूत सुधारों की पहचान की है।
मर्ज होंगी इंश्योरेंस कंपनियां
- नैशनल इंश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया अश्योरेंस और ओरिएंटल इंश्योरेंस को मर्ज करते हुए शेयर बाजार में लिस्ट कराया जाएगा।
इनके मूल्यों में वृद्धि होगी
- टीवी, मोबाइल, लैपटॉप के दाम बढ़ेंगे।
- इलेक्ट्रोनिक्स और फूड प्रोसेसर पर 5 प्रतीशत की कस्टम ड्यूटी बढ़ाई।
- 31 जनवरी 2018 के बाद खरीदा शेयर पर 10 पर्सेंट टैक्स।
- एलसीडी-एलईडी-ओएलईडी टीवी के कलपुर्जों पर सीमा शुल्क को बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया।
- कारें और मोटरसाइकिलें।
- फ्रूट-जूस।
- परफ्यूम, सनस्क्रीन।
- जूते-चप्पल।
- सोना, चांदी और हीरे।
- कृत्रिम आभूषण स्मार्ट घड़ियां-वियरएबल उपकरण।
- फर्नीचर, गद्दे, लैंप, हाथ और पॉकेट घड़ियां, ट्राइसाइकिल, स्कूटर, पेडल कार, पहिये वाले खिलौने, गुड़िया।
- आउटडोर खेलों, स्वीमिंग पूल में इस्तेमाल होने वाले उपकरण।
- सिगरेट और अन्य लाइटर।
इनके मूल्यों में कमी होगी
- एलएनजी (लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस)।
- प्रिपेएर्ड लेदर।
- सिल्वर फॉयल।
- फिंगर स्कैनर।
- माइक्रो एटीएम।
- सौर बैटरी।
- देश में तैयार हीरे।
- ई-टिकट पर से सर्विस टैक्स कम किया गया।
- कच्चा माल।
बहुत अच्छे से समझने का प्रयास किया गया है।
धन्यवाद सर।