ईरान-भारत विवाद पर भारत सरकार का कड़ा जवाब

ईरान-भारत विवाद पर भारत सरकार का कड़ा जवाब : हाल ही में एक बड़ा विवाद सामने आया है जहाँ ईरान ने भारत के खिलाफ अत्यंत कठोर और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया। ईरान के सुप्रीम लीडर, अयातुल्ला खामेनेई ने भारत की स्थिति की तुलना म्यांमार और गाज़ा से कर दी। उन्होंने मुस्लिम उम्मा के नाम पर किए गए अपराधों के लिए भारत को भी दोषी ठहराया, जो भारतीय नागरिकों और सरकार को बेहद अस्वीकार्य लगा।

इस टिप्पणी के बाद भारत ने तीव्र प्रतिक्रिया दी। आमतौर पर भारत सरकार कूटनीतिक मामलों में संयमित प्रतिक्रिया देती है, लेकिन इस बार कुछ घंटों में ही जवाब आ गया। भारत के विदेश मंत्रालय ने ईरान के सुप्रीम लीडर की टिप्पणियों को “अनुचित और भ्रामक” बताया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता, रणधीर जैसवाल, ने कहा कि ईरान को पहले अपने देश में अल्पसंख्यकों के हालात देखने चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से ईरान में महिलाओं और अल्पसंख्यक समुदायों की स्थिति की ओर इशारा किया, जिनका वर्षों से दमन हो रहा है।

भारत का कहना था कि ईरान को भारत की अल्पसंख्यक स्थिति पर टिप्पणी करने से पहले खुद के देश की वास्तविकता को पहचानना चाहिए, जहाँ धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार होते रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, 1980 के दशक में ईरान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ बड़े पैमाने पर जेनोसाइड हुआ था, जिसकी संयुक्त राष्ट्र में भी चर्चा हो चुकी है।

भारत के सख्त जवाब ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह अपने राष्ट्र की संप्रभुता और धर्मनिरपेक्षता पर किसी भी तरह का सवाल उठाना बर्दाश्त नहीं करेगा।

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