कंप्यूटर ग्राफ़िक्स (Computer Graphics) क्या है

कंप्यूटर ग्राफ़िक्स (Computer Graphics) क्या है ?

कंप्यूटर ग्राफ़िक्स क्या है (What is Computer Graphics in hindi), कंप्यूटर ग्राफ़िक्स के प्रकार (Types of Computer Graphics in hindi), कंप्यूटर ग्राफिक्स के उपयोग आदि प्रश्नों के उत्तर यहाँ दिए गए हैं।

कंप्यूटर ग्राफ़िक्स क्या है ? (What is Computer Graphics in hindi)

कंप्यूटर ग्राफ़िक्स क्या है ? (What is Computer Graphics in hindi) : कंप्यूटर ग्राफ़िक्स शब्द का प्रयोग सबसे पहले वर्ष 1960 में Verne Hudson तथा William Fetter द्वारा किया गया था। कंप्यूटर प्रोग्रामिंग कंप्यूटर स्क्रीन पर चित्रों को ड्रॉ करना है यह एक ऐसी कला है जिसमें इमेज, रेखा तथा चार्ट आदि को कंप्यूटर में प्रोग्रामिंग के द्वारा बनाया जाता है। कंप्यूटर ग्राफ़िक्स बहुत सारे पिक्सेल्स से बना रहता है पिक्सेल्स कंप्यूटर स्क्रीन पर दिखाई देने वाली ग्राफ़िक्स की सबसे छोटी इकाई होती है।

किसी कागज में चित्र बनाने में जो भी परेशानियां होती है उनको दूर करने के लिए या उनसे बचने के लिए और आसानी से कोई चित्र बनाने के लिए हम कंप्यूटर ग्राफ़िक्स का प्रयोग करते है। कंप्यूटर ग्राफ़िक्स से हम कोई भी चित्र बना सकते हैं और उसमे कोई भी बदलाव आसानी से कर सकते है बदलाव जैसे – रोटेट करना, कलर स्वैप करना और पिक्चर को शिफ्ट करना आदि।

कंप्यूटर ग्राफ़िक्स के प्रकार (Types of Computer Graphics in hindi) –

कंप्यूटर ग्राफ़िक्स के 2 प्रकार निम्नलिखित है –

  1. इंटरैक्टिव कंप्यूटर ग्राफ़िक्स (Interactive Computer Graphics)
  2. नॉन इंटरैक्टिव कंप्यूटर ग्राफ़िक्स (Non Interactive Computer Graphics)

1. Interactive Computer Graphics (इंटरैक्टिव कंप्यूटर ग्राफ़िक्स) –

इंटरैक्टिव कंप्यूटर ग्राफ़िक्स वह ग्राफ़िक्स होता है जिसमें ऑपरेटर और यूजर डिस्प्ले में दिखाई देने वाली ग्राफिकल डेटा सूचना के साथ एक या एक से अधिक इनपुट डिवाइस के द्वारा इंटरैक्ट कर सकता है इसमें यूजर इमेज में बदलाव कर सकता है। वर्तमान में इंटरैक्टिव कंप्यूटर ग्राफ़िक्स का उपयोग वर्क स्टेशन और कंप्यूटर सिस्टम में किया जाता है। इंटरैक्टिव कंप्यूटर ग्राफ़िक्स में कंप्यूटर में इनपुट डिवाइस के माध्यम से भेजी गई रिक्वेस्ट के अनुसार पिक्चर को बदलता है इसमें यूजर इनपुट डिवाइस के द्वारा कितने भी कमांड्स दे सकता है।

2- Non Interactive Computer Graphics (नॉन इंटरैक्टिव कंप्यूटर ग्राफ़िक्स) –

नॉन इंटरैक्टिव कंप्यूटर डिवाइस को पैसिव कंप्यूटर ग्राफ़िक्स भी कहते है। नॉन इंटरैक्टिव कंप्यूटर ग्राफ़िक्स पर दिखाई देने वाली पिक्चर या इमेज पर यूजर का किसी भी प्रकार का नियंत्रण नहीं होता है इसमें यूजर पिक्चर के साथ इंटरैक्ट नहीं कर सकता है। नॉन इंटरैक्टिव कंप्यूटर ग्राफ़िक्स में यूजर केवल इमेज देख सकता है इसमें यूजर तथा कंप्यूटर के मध्य केवल वन वे कम्युनिकेशन होता है।

कंप्यूटर ग्राफिक्स के उपयोग (Computer graphics usage in hindi)

शिक्षण एवं प्रशिक्षण (Education and Training) –

वर्तमान में कंप्यूटर एजुकेशन और ट्रेनिंग जैसे क्षेत्रों में कंप्यूटर ग्राफ़िक्स का बहुत अधिक उपयोग किया जा रहा है। कंप्यूटर ग्राफ़िक्स के माध्यम से अट्रैक्टिव 3डी और 2डी एजुकेशन ग्राफ़िक्स मॉडल्स बनाये जाते है जिनको विद्यार्थियों द्वारा समझने में बहुत आसान होती है इसके माध्यम से बने ग्राफ़िक्स जटिल कॉन्सेप्ट को आसानी से समझाया और समझा जा सकता है।

मनोरंजन (Entertainment) –

कंप्यूटर ग्राफ़िक्स का सबसे ज्यादा उपयोग आज मनोरंजन के क्षेत्र में होता है इसमें कंप्यूटर ग्राफ़िक्स का उपयोग कंप्यूटर गेम्स, एनिमेशन्स, मूवी, टेलीविज़न शोज और मोशन पिक्चर आदि में किया जाता है।

ग्राफ़िक्स डिजाइन (Graphics Design) –

कंप्यूटर ग्राफ़िक्स का उपयोग ग्राफ़िक्स डिज़ाइन में भी किया जाता है ग्राफ़िक्स डिज़ाइन एक ऐसी कला है जिसमें इमेज, टेक्स्ट और सिम्बल्स की मदद से विजुअल कंटेंट बनाया जाता है। ग्राफ़िक्स डिज़ाइन कंप्यूटर के माध्यम से की जाती है जो वर्तमान में बहुत प्रचलित है।

जीव विज्ञान (Biology) –

जीव विज्ञान में भी कंप्यूटर ग्राफ़िक्स का काफी उपयोग किया जाता है। कंप्यूटर ग्राफ़िक्स की सहायता से विज्ञान मॉलिक्यूलर की संरचना और उनका स्ट्रक्चर बना सकते है इन मॉलिक्यूलर और स्ट्रक्चर को पेंसिल से किसी कागज पर बनाना बहुत ही मुश्किल या नामुमकिन होता है।

वास्तुकार (Architect) –

आर्किटेक्ट के क्षेत्र में भी कंप्यूटर ग्राफ़िक्स का महत्वपूर्ण योगदान है इसकी सहायता से आर्किटेक्ट ऐसे डिजाइन बना सकता है जो कंप्यूटर के बिना बनाना नामुमकिन होता है।

वर्तमान में कंप्यूटर ग्राफ़िक्स का लगभग सभी क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है कंप्यूटर ग्राफ़िक्स को बनाने में बहुत कम समय लगता है और इसमें बनाये गए चित्रलेखनों में बहुत सटीकता भी बहुत ज्यादा रहती है। कंप्यूटर ग्राफ़िक्स से बहुत कम समय में बहुत बेहतर और सटीक ग्राफ़िक्स बनाए जाते है।

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