11. तीन यूरोपीय मूल के वैज्ञानिकों – जाक डबोशे, जोएकिम फ्रैंक और रिचर्ड हेण्डरसन को रसायनशस्त्र के बायोमॉल्यूक्यूल्स की गतिविधियों की गतिविधियों को कैद करने में सक्षम क्रायो इलेक्ट्रिक माइक्रोस्कोपी (cryo-electric microscopy) के विकास के लिए वर्ष 2017 का रसायनशास्त्र का नोबेल पुरस्कार (2017 Nobel Prize for Chemistry) प्रदान किया जा रहा।
विस्तार : – बायोमॉल्यूक्यूल्स (यानि जैव अणुओं) की गतिविधियों की गतिविधियों को कैद करने में सक्षम क्रायो इलेक्ट्रिक माइक्रोस्कोपी के विकास के लिए तीन वैज्ञानिकों – स्विट्ज़रलैण्ड के जाक डबोशे (Jacques Dubochet), अमेरिका के जोएकिम फ्रैंक (Joachim Frank) और ब्रिटेन के रिचर्ड हेण्डरसन (Richard Henderson) को वर्ष 2017 का रसायनशास्त्र का नोबेल पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा नोबेल समिति ने 4 अक्टूबर 2017 को की। इन तीनों वैज्ञानिकों के प्रसासों के कारण प्रोटीन और अन्य मॉलीक्यूल्स को जमी हुई अवस्था (frozen state) में लाकर उनका अत्यंत उच्च गुणवत्ता वाला चित्र लिया जा सकता है। इनके प्रयासों के कारण हाल ही में चर्चा में आए ज़ीका (Zika) वायरस की सतह पर मौजूद प्रोटीन का चित्र लेना भी संभव हुआ है।
12. विश्व भर में परमाणु हथियारों को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए वर्ष 2017 का शांति का नोबेल पुरस्कार (2017 Nobel Peace Prize) गैर-सरकारी संगठनों के गठबन्धन (इंटरनेशनल कैम्पेन टू एबॉलिश न्यूक्लियर वेपन्स (ICAN)) को देने कि घोषणा 6 अक्टूबर 2017 को की गई।
विस्तार : – इंटरनेशनल कैम्पेन टू एबॉलिश न्यूक्लियर वेपन्स (International Campaign to Abolish Nuclear Weapons – ICAN), जोकि 100 से अधिक देशों के गैर-सरकारी संगठनों का गठबन्धन है तथा जिसका मुख्यालय स्विटज़रलैण्ड (Switzerland) के जिनेवा (Geneva) में स्थित है, को वर्ष 2017 के शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है। यह घोषणा नोबेल पुरस्कार समिति ने 6 अक्टूबर 2017 को की। इस गठबन्धन को दुनिया भर में परमाणु हथियारों को समाप्त करने के लिए किए गए प्रयासों के कारण इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना गया है। नोबेल पुरस्कार समिति के अनुसार ने परमाणु हथियारों का प्रयोग किए जाने की स्थिति में भयानक मानवीय नुकसान की तरफ दुनिया भर का ध्यान आकर्षित करने में योगदान दिया है तथा इस विषय पर अंतर्राष्ट्रीय संधियों जैसे Treaty on the Prohibition of Nuclear Weapons को कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ICAN अपना परिचय 100 से अधिक देशों के गैर-सरकारी संगठनों के गठबन्धन के रूप में कराता है। इसकी शुरूआत ऑस्ट्रेलिया (Australia) में हुई थी जबकि आधिकारिक रूप से इसे वर्ष 2007 में वियना (Vienna) में शुरू किया गया था। इसका नेतृत्व बेट्रीस फिह्न (Beatrice Fihn) कर रही हैं।
13. वर्ष 2017 के साहित्य के नोबेल पुरस्कार के लिए काज़ुओ इशिगुरो (Kazuo Ishiguro) को चुना गया है।
विस्तार : – जापान में जन्में ब्रिटिश साहित्यकार काज़ुओ इशिगुरो (Kazuo Ishiguro), जिनकी सर्वप्रमुख रचना ‘The Remains of the Day’ है, को वर्ष 2017 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार (2017 Nobel Literature Prize) देने की घोषणा 5 अक्टूबर 2017 को की गई। 64-वर्षीय इशिगुरो का जन्म जापान में हुआ था लेकिन बाद में उनका परिवार उस समय ब्रिटेन में आकर बस गया था जब वे 5 वर्ष के थे।1989 में प्रकाशित हुए उनके उपन्यास ‘The Remains of the Day’ से उनको पहचान मिली तथा बाद में इस पर एक फिल्म भी बनाई गई जिसमें एन्थॉनी हॉपकिन्स ने प्रमुख भूमिका निभाई। इशिगुरो ने कुल 8 किताबों का लेखन करने के अलावा फिल्म तथा टी.वी. सीरियल्स की पटकथाएं भी लिखी हैं।
14. भारतीय उद्यमी ने अभिनव आईटी समाधान के लिए यूके बिजनेस अवार्ड जीता।
विस्तार : – अफ्रीका में नए आईटी समाधान लाने के प्रयासों के लिए घाना स्थित एक भारतीय उद्यमी ने यूके में प्रतिष्ठित व्यवसाय पुरस्कार जीता है। पश्चिम अफ्रीका में परिचालन के साथ कंपनी को संपन्न आईटी, दूरसंचार और विनिर्माण सफलता की कहानी में बदलने के लिए सुभा के सीईओ बिरेंद्र सस्माल ने लंदन के एशियाई अचीवर्स अवॉर्ड में International Business Person of the Year का पुरूस्कार जीता।
15. भारत को पहली बार किसी विश्वस्तरीय फुटबॉल टूर्नामेण्ट में खेलने का मौका 6 अक्टूबर 2017 को तब मिला जब फीफा अण्डर-17 विश्व कप (FIFA under-17 World Cup) का प्रारंभ भारत में हुआ।
विस्तार : – 6 अक्टूबर 2017 को भारत में एक फुटबॉल का नया अध्याय तब लिखा गया जब इस दिन वर्ष 2017 के फीफा अण्डर-17 विश्व कप (2017 FIFA under-17 World Cup) का उद्घाटन नई दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम (Jawaharlal Nehru Stadium) में किया गया। इस प्रतिष्ठित टूर्नामेण्ट के इस 17वें संस्करण का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। उल्लेखनीय है कि इस टूर्नामेण्ट का आयोजन पहली बार वर्ष 1985 में चीन (China) में किया गया था तथा तबसे प्रत्येक दो वर्ष के अंतराल पर इसका आयोजन किया जाता है।