केरल की अनूठी उपलब्धि: अमीबिक मीनिंग एनसेफ इट्स पर विजय

केरल की अनूठी उपलब्धि: अमीबिक मीनिंग एनसेफ इट्स पर विजय, केरल ने एक अनूठी उपलब्धि हासिल की है। हालिया रिपोर्टों के अनुसार, केरल ने अमीबिक मेनिंग एनसेफ इटिस की वैश्विक मृत्यु दर को 97% से घटाकर 26% कर दिया है। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को पाने के लिए, केरल ने सक्रिय मामलों की पहचान की और आक्रामक उपचार के जरिए मस्तिष्क खाने वाले अमीबा से संक्रमित 19 लोगों में से 14 की जान बचाई।

गौरतलब है कि केरल ने अमीबिक मीनिंग एनसेफ इट्स की रोकथाम, निदान, और उपचार पर तकनीकी दिशा-निर्देश तैयार करने के लिए एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया है। अमीबिक मेनिंग एनसेफ इटिस दो प्रकार का होता है:

  • प्राथमिक अमीबिक मेनिंग एनसेफ इटिस (पीएएम)
  • ग्रेनम मेटसन एनसेफ इटिस (जीएई)

ये दोनों ही लगभग समान रूप से घातक होते हैं। पीएएम एक बीमारी है, जो आमतौर पर नेगलेरिया फाउलेरी के संक्रमण से होती है। यह एक सूक्ष्म अमीबा है जिसे “दिमाग खाने वाला अमीबा” भी कहा जाता है।

पीएएम दुर्लभ होता है और यह आमतौर पर स्वस्थ बच्चों, किशोरों और युवा वयस्कों में पाया जाता है। यह सूक्ष्म अमीबा गर्म मीठे पानी के वातावरण में पनपता है, जहां पानी स्थिर होता है। जब दूषित पानी नाक के माध्यम से मस्तिष्क तक पहुंचता है, तो यह अमीबा गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। यह समस्या गर्म जलवायु में और गर्मियों के महीनों में अधिक होती है। इसके लक्षणों में सिर दर्द, बुखार, और गर्दन में अकड़न शामिल होते हैं।

केरल की विशेषताएं

केरल, भारत के दक्षिणी-पश्चिमी तट पर स्थित है। इसकी सीमा पश्चिम में अरब सागर और पूर्व में पश्चिमी घाट पर्वत श्रृंखला से मिलती है। केरल की स्थापना 1 नवंबर 1956 को राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत हुई थी। इसकी आधिकारिक भाषा मलयालम है, जो द्रविड़ भाषा परिवार का हिस्सा है। केरल की साक्षरता दर भारत में सबसे अधिक है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 96.2% है। इस राज्य के दो प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्य रूपों में कथकली और मोहिनीअट्टम शामिल हैं।

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