त्रावणकोर का विद्रोह

त्रावणकोर का विद्रोह

त्रावणकोर का विद्रोह : त्रावणकोर का विद्रोह केरल के त्रावणकोर में 1808-09 में हुआ था। त्रावणकोर विद्रोह अंग्रेजों की खिलाफ शुरू हुआ था। त्रावणकोर विद्रोह को ‘दिवान वेलुथम्पी या बेलूथम्पी का विद्रोह’ भी कहा जाता है।

  • त्रावणकोर विद्रोह का नेतृत्व वहाँ के दीवान वेलू थम्पी द्वारा किया गया था।
  • त्रावणकोर में वहाँ के दीवान वेलू थम्पी ने कंपनी की बढ़ती ज्यादतियों के खिलाफ एक सशक्त विद्रोह शुरू किया, जिससे के कारण लगभग एक वर्ष तक त्रावणकोर पर कंपनी का अधिकार समाप्त रहा।
  • त्रावणकोर विद्रोह का मुख्य कारण वेलेजली की सहायक संधि और अंग्रेजों की धूर्त नीतियाँ थीं।
  • वेलू थम्पी ने 1808 ई० में फ्रांस एव अमेरिका से भी अंग्रेजों के विरूद्ध सहायता के लिए संपर्क किया था।
  • स्थानीय शासकों से भी सहायता करने के लिए कहा पर किसी ने भी सहयोग नहीं किया।
  • 1809 ई० में कंपनी की सेना की शक्ति बहुत बढ़ जाने पर वेलू थम्पी ने आत्महत्या कर ली और नेतृत्व के अभाव में त्रावणकोर का विद्रोह समाप्त हो गया।
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