पर्यावरण की परिभाषा, पर्यावरण संकट के कारण

पर्यावरण की परिभाषा, पर्यावरण संकट के कारण

पर्यावरण किसे कहते हैं ? पर्यावरण की परिभाषा, पर्यावरण के घटक, पर्यावरण संकट के कारण, वर्तमान पर्यावरण संकट का वर्णन कीजिए आदि प्रश्नों के उत्तर यहाँ दिए गए हैं।

पर्यावरण किसे कहते हैं ? पर्यावरण की परिभाषा –

पर्यावरण किसे कहते हैं ? पर्यावरण की परिभाषा :- पृथ्वी पर मौजूद सभी जैविक एवं अजैविक तत्वों के योग को प्राकृतिक पर्यावरण के रूप में परिभाषित किया गया है। जल, वायु, भूमि, पेड़-पौधे एवं जीव-जंतु मिलकर प्राकृतिक पर्यावरण का निर्माण करते हैं। पर्यावरण का मानव जीवन में बेहद अहम योगदान होता है। पर्यावरण के बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना कर पाना भी मुश्किल है। पृथ्वी पर जीवन के लालन-पालन के लिए पर्यावरण प्रकृति का एक अनमोल उपहार है। धरती पर जीवित रहने के लिए पांच मुख्य तत्व की आवश्यकता होती है जो पर्यावरण में विलीन है। वे पांच तत्व हैं वायु, जल, अग्नि, थल एवं आकाश। इसके अलावा पर्यावरण के चार घटक होते हैं जो कुछ इस प्रकार हैं :-

पर्यावरण के घटक कितने होते हैं –

  • जलमण्डल
  • जैवमण्डल
  • स्थलमण्डल
  • वायुमण्डल

जलमण्डल

पृथ्वी पर मौजूद महासागर, झील, नदी एवं तालाबों में जल की उपस्थिति को जलमण्डल के रूप में जाना जाता है। पृथ्वी की सतह के कुल क्षेत्रफल का लगभग 71 फीसदी भाग पर जल मौजूद है जिसके कारण पृथ्वी को नीला ग्रह भी कहा जाता है।

जैवमण्डल

जैव मंडल पृथ्वी के वातावरण में मौजूद एक जीवनदायी परत होती है जिसके अंतर्गत सभी जीव-जंतुओं का जीवन संभव होता है। जैवमण्डल की परत बेहद जटिल होती है जिसके कारण पृथ्वी पर जीवन पनपता है।

स्थलमण्डल

पृथ्वी के सतह की कठोर एवं संपूर्ण बाहरी परत को स्थलमण्डल के नाम से जाना जाता है। पृथ्वी पर जीवन निर्वाह करने के लिए स्थलमण्डल एक भौतिक पर्यावरण प्रदान करते हैं।

वायुमण्डल

पृथ्वी के वातावरण में मौजूद वायु के विस्तृत भण्डार को वायुमण्डल कहा जाता है। वायुमण्डल पृथ्वी पर आने वाली ऊष्मा को रोकने का कार्य करता है जिससे पृथ्वी पर एक उचित तापमान बना रहता है। यह तापमान पृथ्वी पर मौजूद जीवमण्डल को विकसित करने में बेहद मददगार होता है।

पर्यावरण संकट के कारण

पर्यावरण संकट के कई कारण होते हैं:-

प्रदूषण

पृथ्वी के वातावरण में मौजूद हानिकारक रसायन, जीवन नाशक पदार्थ एवं विषैले पदार्थों के एकत्रित होने को प्रदूषण कहा जाता है। यह वे हानिकारक पदार्थ होते हैं जो पर्यावरण को दूषित करने का कार्य करते हैं। प्रदूषण मुख्यतः पांच प्रकार के होते हैं; जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, रेडियोएक्टिव प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण एवं भूमि प्रदूषण।

बढ़ती जनसंख्या

तेजी से बढ़ती जनसंख्या के कारण पर्यावरण में परिवर्तन होता है। जनसंख्या में वृद्धि होने से पर्यावरण कई प्रकार से प्रभावित होता है जिसके कारण पर्यावरण दूषित होता है। दरअसल, निरंतर बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैस की मात्रा में वृद्धि होती है जिसके कारण पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है।

आर्थिक विकास

विश्व की आर्थिक प्रगति को संचालित करने में पर्यावरण बेहद सहायक होता है। आर्थिक पर्यावरण एक रोजगार मूलक भी है इसीलिए आर्थिक विकास का पर्यावरण पर प्रभाव पड़ता है। मानव द्वारा किए गए विकास के परिणाम स्वरूप पर्यावरण असंतुलित हो जाता है।

शहरीकरण

शहरीकरण की प्रक्रिया के कारण पर्यावरण को कई प्रकार समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शहरीकरण के कारण विश्व में विभिन्न प्रकार के प्रदूषण में वृद्धि होती है जिससे पर्यावरण नुकसान पहुंचता है। दरअसल, शहरीकरण के दौरान विश्व में वाहनों की संख्या में वृद्धि होती है जिसके कारण वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ता है।

औद्योगीकरण

औद्योगीकरण को पर्यावरण संकट का मुख्य कारण माना जाता है। औद्योगीकरण के कारण पृथ्वी के वातावरण में कई प्रकार की विषैली गैसों का उत्सर्जन होता है जिससे पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचता है। विश्व में औद्योगीकरण से ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण एवं जल प्रदूषण होता है जिसके कारण पृथ्वी का वातावरण दिन प्रति दिन दूषित होता है।

पेड़ काटना

वृक्षों को काटने से पर्यावरण पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। पेड़ काटने की प्रक्रिया में वृद्धि होने के कारण ग्लोबल वार्मिंग की समस्या में भी वृद्धि होती जिसका सीधा प्रभाव मौसम पर दिखाई देता है।

कारखानों से निकलता रसायन

कारखाना से निकलते रसायन के कारण पृथ्वी के वातावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। दरअसल, कारखानों से विषैली गैस का उत्सर्जन होता है जो पृथ्वी के वायुमंडल में पहुंचकर ओजोन परत को नुकसान पहुंचाते हैं। ओजोन परत के कमजोर होने से पृथ्वी पर मौजूद प्राणियों को त्वचा कैंसर जैसी भयंकर रोग की संभावना होती है। इसके अलावा, कारखानों से निकलने वाली गैस वृक्षों, फसलों एवं प्राणियों पर बेहद बुरा प्रभाव करती है।

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