भारत में खनिज सम्पदा :- भारत खनिज सम्पदा की दृष्टि से एक सम्पन्न देश है। भारत में सभी प्रकार के खनिज पाये जाते हैं। प्रमुखतः भारत में पाये जाने वाले खनिजों को तीन वर्गों में बांटा जाता है –
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- धात्विक खनिज
- अधात्विक खनिज
- ऊर्जा खनिज
- समुद्र संसाधनों के भण्डार हैं। समुद्र में पाये जाने वाले खनिजों के उपभोग के लिए संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 1982 में एक सम्मेलन किया जिसे UNCLOS(United Nation Convention on Law of Sea) के नाम से जाना जाता है।
- UNCLOS समझौते के अंतर्गत सभी देशों के अपने सीमावर्ती समुद्रों पर अधिकार दिया गया तथा प्रत्येक देश की तीन प्रकार की सीमाएँ निर्धारित की गयी। जिसके अनुसार अन्य आर्थिक क्षेत्र (EEZ) 200 समुद्री मील तक हैं।
- अपतटीय क्षेत्र खनिज संसाधनों का भण्डार होते हैं। किसी भी देश के तट से लगे छिछले सागर को अपतट कहा जाता है। भारत अपनी आधार रेखा से 200 समुद्रीय मील(EEZ) तक के अपतटीय क्षेत्र से संसाधनों का दोहन कर सकता है।
- भारत में धात्विक, अधात्विक खनिज एवं ऊर्जा खनिजों में कोयले को मुख्य भूमि से प्राप्त किया जाता है। परन्तु ऊर्जा खनिजों का अधिकतर भाग पेट्रोल और प्राकृतिक गैस के रूप में अपतट से निकाला जाता है।
- देश का 60% पेट्रोलियम उत्पादन मुम्बई हाई से निकाला जाता है। जोकि अरब सागर के अपतटीय क्षेत्र में है।
- गोदावरी-कृष्णा नदी बेसिन का रावा अपतटीय क्षेत्र भी पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस का भण्डार है।
- भारतीय संविधान के अनुसार मुख्य भूमि के संसाधनों पर राज्य सरकारों का अधिकार होता है तथा ये राज्य की आय में जोड़े जाते है। परन्तु अपतटीय क्षेत्रों में पाये जाने वाले खनिजों पर केन्द्र सरकार का अधिकार होता है। उदाहरणतः देश में सबसे अधिक पेट्रोलियम उत्पादन मुंबई से होता है। परन्तु अगर सबसे अधिक पेट्रोलियम उत्पादन वाले राज्य की बात की जाए तो वो गुजरात(अंगलेश्वर) है न कि महाराष्ट्र।
यदि धात्विक एवं अधात्विक खनिजों से तुलना की जाए तो देश में मूल्य के आधार पर सबसे अधिक ऊर्जा खनिज निकाले जाते है। ऊर्जा खनिज में भी सबसे अधिक पेट्रोलियम उत्पादों का होता है। - भारत में यदि केवल धात्विक खनिजों की तुलना की जाए तो मूल्य के आधार पर सर्वाधिक लोहे का उत्पादन होता है। भारत विश्व में लोहे का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
- समग्र रूप से देश के अपतटीय खनिज क्षेत्रों से प्राप्त होने वाले खनिज उत्पादों का मूल्य भारत की मुख्य भूमि के किसी भी राज्य की तुलना से अधिक है।
- यदि केवल मुख्य भूमि की तुलना की जाए तो उड़ीसा राज्य में सभी राज्यों की तुलना में सबसे अधिक खनिज उत्पादन होता है। उड़ीसा के बाद झारखंड राज्य का स्थान आता है।
- प्रत्येक खनिज एक निश्चित चट्टानी संरचना में पाया जाता है-
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- धारवाड़ क्रम की चट्टानें- लोहा, तांबा, मैंगनीज, निकिल, जस्ता।
- विंध्यन क्रम की चट्टानें- चूना पत्थर, बलुआ पत्थर।
- टर्शियरी चट्टानें- पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस।
- भारत में अधिकांश खनिज प्रायद्वीपीय भारत के पठारी क्षेत्र में पाए जाते है।
- भारत की सबसे समृद्ध खनिज पेटी- प्रायद्वीपीय भारत के पूर्वी भाग में स्थित छोटा नागपुर खनिज पेटी है। यहां सभी धात्विक खनिज यहां पाये जाते हैं। अतः इसे भारत का रूर(जर्मनी) भी कहते हैं, जो जर्मनी में खनिज प्रदेश के नाम से विख्यात है। छोटा नागपुर खनिज पेटी को भारतीय खनिज का हृदय भी कहते हैं।
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