रामोसी विद्रोह : रामोसी विद्रोह पूना में 1922 में हुआ था। यह विद्रोह पूना के रामोसी जनजाति के द्वारा अंग्रेजों के विरुद्ध किया गया था।
- पूना के रामोसी (मराठायुगीन पुलीस) अंग्रेजों के शासनकाल में बेरोजगार हो गए थे।
- साथ ही उनकी जमीनों पर अंग्रेजों द्वारा लगान भी लगा दिया गया था।
- ऐसे में रामोसियों ने 1822 ई० में चित्तूर सिंह के नेतृत्व में विद्रोह कर दिया। रामोसियों ने सतारा के आस-पास के क्षेत्रों को लूटा और क़िलों पर भी आक्रमण किया।
- लेकिन अंग्रेजों द्वारा इस विद्रोह को दबा दिया गया।
- 1826 ई० में फिर से उमाजी के नेतृत्व में रामोसियों ने विद्रोह किया। इस समय भयंकर अकाल पड़ा था और लोगों के पास अन्न का अभाव था।
- इसे 1829 तक रामोसियों ने अंग्रेजों से मोर्चा लिया परन्तु अंततः इसका भी दमन कर दिया गया।
- लेकिन परिणाम स्वरूप अंग्रेजों ने रामोसियों के सभी अपराध माफ कर उन्हें अपनी सेवाओं में शामिल कर लिया।
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