राष्ट्रीय आय किसे कहते हैं ?, राष्ट्रीय आय का अर्थ, राष्ट्रीय आय का महत्व, राष्ट्रीय आय का सूत्र क्या है ?, प्रति व्यक्ति आय क्या है ?, आदि प्रश्नों के उत्तर यहाँ दिए गए हैं। National Income notes in Hindi for UPSC, PCS –
राष्ट्रीय आय (National Income)
किसी भी राष्ट्र की अर्थव्यवस्था द्वारा पूरे वर्ष में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के शुद्ध मूल्य के योग को राष्ट्रीय आय कहते हैं। इसे NNP(FC) (Net national Product@ Factor Cost या साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद) से भी दर्शाया जाता है। भारत में सबसे पहले राष्ट्रीय आय की गणना दादा भाई नैरोजी द्वारा 1868 में अपनी किताब “Poverty in British Rule in India” में की गयी थी, इसमें उनके द्वारा प्रति व्यक्ति आय को 20/- रू0 बताया गया था।
राष्ट्रीय आय NNP(FC) (Net national Product@ Factor Cost या साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद) को समझने के लिए हमे कुछ अन्य महत्वपूर्ण आर्थिक विषयों को भी समझना पड़ेगा जिसकी सहायता से राष्ट्रीय आय और प्रति व्यक्ति आय का आकलन किया जाता है।
- GDP (Gross Domestic Product या सकल घरेलू उत्पाद) – किसी भी राष्ट्र की सीमा के अंतर्गत एक आर्थिक वर्ष में उत्पादित होने वाली सभी अंतिम वस्तुएं तथा सेवाओं के मौद्रिक मूल्य को राष्ट्र का सकल घरेलू उत्पाद या GDP कहा जाता है। यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि GDP में सभी वस्तुओं तथा सेवाओं के अंतिम रूप को ही लिया जाता है मध्यवर्ती रूप को नहीं।
- NDP (Net Domestic Product या शुद्ध घरेलू उत्पाद) – शुद्ध घरेलू उत्पाद या NDP को समझने के लिए हमें मूल्यह्रास को समझना होगा।
- मूल्यह्रास (Depreciation) – एक वर्ष की अवधि में निवेश खर्च का वह हिस्सा है जो कि खराब उपकरणों को बदलने के लिए व्यय किया जाता है जोकि उत्पादन के स्तर को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। ये किसी भी तरह से अर्थव्यवस्था की क्षमता में वृद्धि नहीं करता है।
यदि इसी Depreciation को GDP से हटा दिया जाए तो शुद्ध घरेलु उत्पाद प्राप्त होता है।
NDP=GDP – D(Depreciation)
- GNP (Gross National Product या सकल राष्ट्रीय उत्पाद) – केवल भारतीयों द्वारा देश अथवा विदेश में एक वर्ष में किये गये कुल उत्पादित अंतिम वस्तुओं तथा सेवाओं के मौद्रिक मूल्य को सकल राष्ट्रीय उत्पाद या GNP कहते हैं। यहां पर ध्यान दे की GDP का आकलन करते समय राष्ट्र की सीमाओं के अंतर्गत उत्पादित समस्त वस्तुओं को जोड़ लिया गया था, परन्तु इन वस्तुओं में से कुछ का उत्पादन विदेशियों द्वारा भी किया गया होगा जोकि भारत में निवास कर रहें हैं। अतः GNP को GDP में से विदेश में रह रहें भारतीयों द्वारा उत्पादित मूल्य(X) को जोड़ कर तथा भारत में रह रहें विदेशियों द्वारा उत्पादित मूल्य(M) को घटा कर प्राप्त किया जाता है।
GNP=GDP+X-M
- NNP(Net National Product या शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद) – यदि GNP में से मूल्यह्रास को हटा दिया जाए तो हमें शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद यानी NNP प्राप्त होता है।
NNP=GNP – D(Depreciation)
हमनें NNP (Net National Product या शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद) तो ज्ञात कर लिया है परन्तु राष्ट्रीय आय NNP (FC) को कहा जाता है। NNP (FC) को समझने के लिए हमे Factor Cost (साधन लागत) तथा Market Price (बाजार मूल्य) के बारे में जानना आवश्यक है।
- Factor Cost (साधन लागत) – किसी भी वस्तु या उत्पाद के बनने में जो मूल राशि लगी होती है वह उस वस्तु की साधन लागत कहलाती है। उदाहरण के लिए यदि कोई खिलौना बाजार में 10रू0 का बेचा जाता है जिसमें 2रू0 का कर(टैक्स) लगा हुआ है, तो उस खिलौने की साधन लागत 8रू0 मानी जाएगी।
- Market Price (बाजार मूल्य) – उपभोक्ता जिस मूल्य पर बाजार में किसी भी वस्तु को खरीदता है, वह उस वस्तु की Market Price(बाजार मूल्य) होती है। या इसे इस तरह से भी समझा जा सकता है कि साधन लागत में यदि करों (टैक्स) को जोड़ दिया जाए तो बाजार मूल्य निकल आता है।
अब हम NNP(MP) का आकलन कर सकते हैं-
NNP(MP)= NNP(FC) + Indirect Taxes
या NNP(FC)= NNP(MP) – Indirect Taxes
हमें सरकार द्वारा कई वस्तुओं में अनुवृत्ति(Subsidies) भी दी जाती है। अतः उसे भी NNP(FC) में जोड़ा जाता है।
NNP(FC)= NNP(MP) – Indirect Taxes + Subsidies
इसी NNP(FC) को राष्ट्रीय आय भी कहा जाता है।
प्रति व्यक्ति आय (Per capita income)
यदि हम राष्ट्रीय आय को राष्ट्र की जनसंख्या से विभाजित कर दें तो हमें प्रति व्यक्ति आय प्राप्त हो जाएगी।
प्रति व्यक्ति आय = राष्ट्रीय आय / राष्ट्र की जनसंख्या
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