विशाखापट्टनम का विद्रोह

विशाखापट्टनम का विद्रोह

विशाखापट्टनम का विद्रोह (आंध्र प्रदेश) : विशाखापट्टनम का विद्रोह अंग्रेजों के विरुद्ध भारतीयों द्वारा किया गया था।

  • मद्रास प्रेसीडेंसी के अन्तर्गत विशाखापट्टनम जिले में विद्रोहों की एक लम्बी श्रृंखला चली।
  • पालकोण्डा के जमींदार विजयराम राजे ने 1793 ई० से 1796 ई० के बीच अंग्रेजों के साथ कई छुटपुट लड़ाइयाँ लड़ी।
  • 1821 से 1831 के बीच फिर से पालकोण्डा के जमींदार ने राजस्व वसूली के प्रश्न पर विद्रोह किया।

राजू विद्रोह

  • 1827 – 1830 में विशाखापट्टनम के जमींदार वीरभद्र राजू ने पेंशन के सवाल पर अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया। वीरभद्र राजे के नाम पर इस विद्रोह को राजू विद्रोह कहा जाता है।
  • वीरभद्र राजू ने अंग्रेजों की गिरफ्त में आने तक अंग्रेजों का विद्रोह किया।
  • अंग्रेजों द्वारा वीरभद्र राजू को छोटी सी पेंशन देकर उसकी जागीर से हटा दिया गया और राजू विद्रोह समाप्त हो गया।

पलकोण्डा विद्रोह (पलकोंडा विद्रोह)

  • 1831-1832 में विशाखापट्टनम के ही अन्य जमींदार जगन्नाथ राजे ने उत्तराधिकार विवाद में अंग्रेजों के हस्तक्षेप की वजह से विद्रोह कर दिया।
  • पलकोण्डा विद्रोह के फलस्वरूप अंग्रेजों द्वारा पलकोण्डा जागीर का भी विलय ब्रिटिश साम्राज्य में कर दिया गया।
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