कन्या भ्रूण हत्या के कारण और उपाय

कन्या भ्रूण हत्या के कारण और उपाय

कन्या भ्रूण हत्या के कारण और उपाय : कन्या भ्रूण हत्या समाज के व्यक्तियों द्वारा किया जाने वाला एक ऐसा घिनौना कार्य है, जिसके अंतर्गत कुछ कई कारणों की वजह से लड़कों के जन्म को प्राथमिकता देते हुए, लड़कियों के जन्म पर अवरोध उत्पन्न करके उनकी गर्भ में यानि जन्म से पहले ही हत्या कर जाती है। एक शोध के अनुसार भारत में पिछले दस वर्षों में करीब डेढ़ करोड़ लड़कियों को जन्म से पहले ही उनकी हत्या कर दी गई थी। कन्या भ्रूण हत्या किसी भी समाज की पिछड़ी हुई स्थिति को दर्शाता है, यह स्थिति ग्रामीण एवं नगरीय दोनों क्षेत्रों में देखी जा सकती है क्योंकि यह लोगों की मानसिकता पर निर्भर करती है। अर्थात छोटी मानसिकता वाले एवं पिछड़े लोग ही ऐसे कार्य करते हैं।

वर्तमान में अल्ट्रासाउंड स्कैन जैसे लिंग परीक्षण जाँच के माध्यम से गर्भ में पल रहे शिशु के लिंग का पता लगाया जा सकता है अतः जन्म से पहले ही माँ के गर्भ से लड़की के भ्रूण को मारने के लिए गर्भपात की प्रक्रिया को अपनाया जाता है। इन स्थिति को देखकर भारत सरकार द्वारा इस परीक्षण को गैर-क़ानूनी मानकर इसमें नियंत्रण लगा दिया गया है। कन्या भ्रूण हत्या के कई धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक एवं भावनात्मक कारण होते हैं और इसमें अधिकांश वे परिवारों शामिल होते हैं जो केवल लड़का ही चाहते हों। अतः कन्या भ्रूण हत्या समाज द्वारा अपनाई जाने वाली एक ऐसी कुप्रथा है जो संपूर्ण समाज के लिए ही हानिकारक सिद्ध होती है। समाज में हो रही कन्या भ्रूण हत्या के बहुत से कारण हैं जो निम्नलिखित हैं –

कन्या भ्रूण हत्या के कारण

  • ज्यादातर माता-पिता लड़की नहीं चाहते क्योंकि उनका मानना होता है कि लड़की पराई होती है और लड़की की शादी में दहेज़ प्रथा जैसी कुप्रथाओं के कारण भी उनका परिवार यह सोचता है कि इसकी उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी जिसके डर से वे कन्या की गर्भ में ही हत्या कर देते हैं।
  • समाज में कुछ मूर्ख व्यक्तियों का ऐसा मानना है कि लड़का ही भविष्य में माता-पिता एवं परिवार की रक्षा करेगा और जीवनभर उनके साथ रहकर उनके वंश को आगे बढ़ाएगा यही कारण है कि वे लड़कों के जन्म को प्राथमिकता देते है और लड़कियों की जन्म से पहले ही हत्या कर देते हैं।
  • समाज में ऐसी मानसिकता वाले व्यक्ति भी हैं जो लड़के के जन्म को सम्मान जनक नजरिये से देखते हैं। उनका मानना होता है कि लड़के के जन्म से उनको समाज द्वारा सम्मान प्राप्त होगा चाहे फिर वह लड़का बड़ा होकर उनके अपमान का कारण ही क्यों न बन जाए और इन्हीं कारणों से कन्या भ्रूण हत्या हो रही है।
  • कई परिवारों में लड़की के जन्म पर रोक लगाने और लड़के के जन्म के लिए नई बहुओं पर परिवार के सदस्यों द्वारा जोर डाला जाता है और लिंग परीक्षण के माध्यम से ये पता लगाने का प्रयास किया जाता है कि गर्भ में लड़की है या लड़का, यदि गर्भ में लड़की हुई तो गर्भपात करा दिया जाता है और यही कन्या भ्रूण हत्या है।
  • पिछड़े हुए समाज में लड़कियों की सुरक्षा, अशिक्षा आदि कारणों की वजह से भी समाज में लड़कियों को बोझ समझा जाता है। जिसकी वजह से उनका न होना ही लोग सही समझते हैं और उनकी गर्भ में ही हत्या कर देते है। इसके अलावा लड़कियों को उपभोक्ता माना जाता है और लड़कों को उत्पादक अतः यह भी कन्या भ्रूण हत्या का एक कारण है।
  • कन्या भ्रूण हत्या में महिलाओं की भागीदारी भी होती है। जिसमें परिवार में रहने वाली सभी महिलाएं स्वयं भी एक नारी होते हुए कन्या भ्रूण हत्या के पक्ष में होती है और शायद इसलिए कहा गया है कि महिलाएं ही महिलाओं की दुश्मन होती है।

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कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के उपाय

  • कन्या भ्रूण की जाँच करना कानून अपराध है इसे सख्ती से लागु कर कन्या भ्रूण हत्या को रोका जा सकता है। साथ ही चिकित्सालयों में नए नियमों को लागू करना चाहिए तथा कन्या भ्रूण हत्या से संबंधित किसी भी कार्य पर कठोर प्रतिबंध लगाना चाहिए। जो लोग गर्भपात जैसे कार्यों को करने का प्रयास करते है उन लोगों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करनी चाहिए।
  • समाज में शिक्षा को अनिवार्य बनाना चाहिए, लड़कियों की सामाजिक सुरक्षा एवं दहेज़ प्रथा जैसी कुप्रथाओं का विरोध करना चाहिए जिससे लड़की स्वतंत्र होकर जी सके और लड़की का परिवार उसे बोझ न समझ सकें।
  • महिलाओं के लिए तुरंत शिकायत रजिस्ट्रेशन प्रणाली होनी चाहिए और लोगों में कन्या भ्रूण हत्या में रोक लगाने के लिए जागरूकता कार्यक्रमों को अधिक से अधिक महत्व दिया जाना चाहिए।
  • समाज की जागरूकता और बेटी को बोझ नहीं बल्कि परिवार का गर्व समझने से भी कन्या भ्रूण हत्या को कम किया जा सकता है।

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