Current-Affairs

करेंट अफेयर्स (23 सितम्बर – 30 सितम्बर 2017)

6. मसाला बांड को अब ईसीबी के रूप में माना जायेगा- आरबीआई (RBI)।
विस्तार : – भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने घोषणा की कि मसाला बांड को 3 अक्टूबर 2017 से बाह्य वाणिज्यिक ऋण (External Commercial Borrowings (ECB)) माना जाएगा जिससे एफपीआई द्वारा अधिक निवेश प्राप्त किया जाएगा। मसाला बांड रुपए-डोमिनेटड-ओवरसीज़ बांड हैं। वर्तमान में, कॉरपोरेट बॉन्ड में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा निवेश की सीमा 2,44,323 करोड़ रुपये है। इसमें 4,001 करोड़ रुपये के मसाला बांड शामिल हैं।

7. एमसी मैरीकॉम, आईओसी एथलीट्स फोरम में एआईबी का प्रतिनिधित्व करेंगी।
विस्तार : – पांच बार विश्व चैंपियन और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता एम सी मैरी कॉम को इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन (एआईबीए) में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) एथलीट फोरम के प्रतिनिधि के रूप में चुना गया, वह पहली भारतीय महिला है जिन्हें इस रूप में चुना गया। हालांकि, यह आयोजन वियतनाम में एशियाई चैम्पियनशिप के साथ समाप्त होगा, जो 2 से 12 नवंबर तक आयोजित किया जायेगा। यदि ट्रायल के बाद मैरी कॉम को टूर्नामेंट के लिए चुना जाता है, तो आईओसी के आयोजन में उनकी भागीदारी अनिश्चित हो जाएगी।

8. ग्रामीण तथा शहरी परिवारों को आसानी से विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराने की एक नई योजना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 सितम्बर 2017 को राष्ट्र को समर्पित किया।
विस्तार : –  “सौभाग्य” (“Saubhaya”) केन्द्र सरकार द्वारा 25 सितम्बर 2017 को शुरू की गई उस नई महात्वाकांक्षी योजना को दिया गया नाम है जिसके तहत उसने देश के प्रत्येक ग्रामीण एवं शहरी परिवार को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध बनाने का खाका तैयार किया है। 16,320 करोड़ रुपए की इस योजना का पूरा नाम है – “सौभाग्य” – ‘प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना’ (Pradhan Mantri Sahaj Bijli Har Ghar Yojana’)। योजना के तहत मार्च 2019 तक सम्पूर्ण विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा गया है। वहीं दिसम्बर 2018 तक इस लक्ष्य को हासिल करने वाले राज्यों को अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान करने की घोषणा भी की गई है। “सौभाग्य” योजना के तहत केन्द्र सरकार विद्युतीकरण पर आने वाले खर्च का 60% यानि 12,320 करोड़ रुपए खर्च करेगी। वहीं विशेष श्रेणी के राज्यों को केन्द्र द्वारा 85% की सहायता प्रदान की जायेगी। राज्य सरकार तथा राज्य की विद्युत वितरण कम्पनियाँ 10% खर्च वहन करेंगी। वहीं विशेष श्रेणी के राज्यों व वितरण कम्पनियों को 5% खर्च करना होगा। शेष 30% वित्तीय सहायता ऋण तथा वित्त-पोषण के अन्य जरियों द्वारा हासिल की जायेगी।

9. हाल के महीनों में भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार में सुस्ती आने के चलते केन्द्र सरकार ने पूर्ववर्ती संस्था प्रधानमंत्री को सलाह देने वाली आर्थिक सलाहकार परिषद (Economic Advisory Council (EAC) to the PM) को पुन: गठित करने की घोषणा 25 सितम्बर 2017 को की।
विस्तार : – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व में अस्तित्व में रही प्रधानमंत्री को सलाह देने वाली संस्था आर्थिक सलाहकार परिषद (Economic Advisory Council – EAC) को पुन: गठित की घोषणा 25 सितम्बर 2017 को की। यह निर्णय भारतीय अर्थव्यवस्था में पिछले कुछ महीनों के दौरान दर्ज मंदी की स्थिति को देखते हुए लिया गया है। इस 5-सदस्यीय परिषद की अध्यक्षता नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबरॉय (Bibek Debroy) को सौंपी गई है। नीति आयोग के मुख्य सलाहकार तथा पूर्व वित्त सचिव रतन वटल (Ratan Watal) को परिषद का सदस्य-सचिव (member-secretary) नियुक्त किया गया है। इसके अलावा प्रसिद्ध अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला (Surjit Bhalla), National Institute of Public Finance and Policy (NIPFP) के निदेशक राथिन रॉय (Rathin Roy) और Indira Gandhi Institute of Development Research (IGIDR) की प्रोफेसर आशिमा गोयल (Ashima Goyal) को भी परिषद की सदस्यता प्रदान की गई है। माना जा रहा है कि इस परिषद के गठन से अर्थव्यवस्था में चल रही मौजूदा मंदी को दूर करने के प्रयास किए जा सकेंगे। वित्तीय वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में विकास दर मात्र 5.7% रही है जबकि पिछले वर्ष की समान तिमाही में यह 7.9% थी। उल्लेखनीय है कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने मई 2014 में केन्द्र सरकार में सत्ता संभालते हुए पूर्ववर्ती संप्रग सरकार द्वारा गठित उक्त परिषद को समाप्त कर दिया था।

10. ओडिशा सरकार ने ‘सम्पूर्ण योजना’ का शुभारंभ किया।
विस्तार : – ओडिशा सरकार ने ओडिशा में गर्भवती महिलाओं के लिए ‘सम्पूर्ण (शिशु अबाऊंड मातृ मृत्युहारा पूर्ण निराकरण अभियान) योजना’ का शुभारंभ किया। इस योजना के अंतर्गत, ओडिशा सरकार दुर्गम इलाको में गर्भवती महिलाओं को अस्पतालों तक ले जाने के लिए वाहनों की व्यवस्था में 1,000 करोड़ रुपये प्रदान करेगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य नवजात शिशुओं और माताओं की मृत्यु दर को कम करना है। इस योजना के तहत ओडिशा के 30 जिलों के 7853 गांवों को कवर किया जाएगा।

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