कांग्रेस व्यवस्था के टूटने के कारण

कांग्रेस व्यवस्था के टूटने के कारण

कांग्रेस व्यवस्था के टूटने के कारण क्या हैं, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के टूटने के कारण क्या हैं आदि प्रश्नों के उत्तर यहाँ दिए गए है।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की स्थापना 28 दिसंबर 1885 में की गयी थी। कांग्रेस पार्टी के संस्थापक ए.ओ. ह्यूम, दिनशा वाचा एवं दादा भाई नौरोजी थे। आजादी के बाद सन 1947 में कांग्रेस पार्टी भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टी बन गई। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की स्थापना 72 प्रतिनिधियों के साथ मुंबई के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत महाविद्यालय में की गई थी। भारत की स्वतंत्रता के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी भारत के मुख्य राजनीतिक दलों में से एक रही। कांग्रेस पार्टी के कई प्रमुख नेता भारत के प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं जैसे लाल बहादुर शास्त्री, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी आदि।

कांग्रेस व्यवस्था के टूटने के कारण

कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों के खराब नेतृत्व के कारण कांग्रेस व्यवस्था कमजोर हुई है। पिछले 5 वर्षों में कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी प्रदेश में ब्लॉक, बूथ एवं जिला स्तर पर संगठन नहीं कर पाए हैं जिसके कारण कांग्रेस व्यवस्था टूट चुकी है। इसके अलावा कांग्रेसी व्यवस्था के टूटने के और भी कई कारण हैं।

कांग्रेस नेताओं का चुनाव लड़ने से इंकार

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने देश के कई राज्यों में चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया जिसके फलस्वरूप पार्टी के कार्यकर्ताओं का हौसला कम हुआ। दिल्ली में कई सीटों पर कांग्रेस के नेताओं ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया जिसके कारण कांग्रेस की व्यवस्था एवं चुनाव जीतने की प्रक्रिया पर बेहद बुरा प्रभाव पड़ा।

कांग्रेस नेताओं का चुनाव के प्रति कम उत्साह

कांग्रेस पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं द्वारा चुनाव से पहले एवं चुनाव के दिन कोई खास उत्साह नहीं दिखाया गया जिससे कारण कांग्रेस की व्यवस्था और कमजोर हो गयी। दरअसल, चुनाव के दिन बूथों पर राजनीतिक पार्टियों द्वारा जोश दिखाया जाता है जिससे जनता पर उसका सकारात्मक प्रभाव पड़ सके। परंतु कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता एवं नेताओं द्वारा वोटरों के प्रति अपील करने की इच्छा नहीं दिखाई गई जो कांग्रेसी व्यवस्था टूटने का एक मुख्य कारण है।

कांग्रेस के प्रचार में कमी

चुनाव की तारीख का ऐलान होने के बाद कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता एवं कार्यकर्ताओं ने चुनाव प्रचार में बढ़-चढ़कर हिस्सा नहीं लिया जिसके कारण कांग्रेस पार्टी का पतन शुरू हुआ। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता भी चुनाव प्रचार में खानापूर्ति करते रहे जिससे कांग्रेस व्यवस्था में दरार आनी शुरू हुई।

कमजोर रणनीति

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हार का विश्लेषण हो जाने के बाद कांग्रेस ने चुनाव के लिए जो रणनीति अपनाई वह पूरी तरह से ध्वस्त हो गई। कई कांग्रेस के कार्यकर्ताओं एवं वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस द्वारा बनाई गई रणनीति का समर्थन नहीं किया जिसके कारण कांग्रेस व्यवस्था बुरी तरह टूट गई।

चुनाव से पहले ही हार मान लेना

कांग्रेस पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने चुनाव से पहले जनता से संवाद नहीं किया जिसके कारण वे जनता का विश्वास नहीं जीत सके। कांग्रेस के कई नेताओं ने चुनाव से पहले ही अपने घुटने टेक दिए जिसके कारण जनता में कांग्रेस की एक नकारात्मक छवि बन गई।

खराब छवि के उम्मीदवारों का चयन

किसी भी राजनीतिक पार्टी में उम्मीदवारों का चयन बेहद अहम माना जाता है। क्योंकि अच्छी एवं साफ छवि के उम्मीदवार पार्टी को जिताने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। परंतु कांग्रेस पार्टी द्वारा खराब उम्मीदवारों का चयन किया गया जिसके कारण कांग्रेस व्यवस्था तहस-नहस हो गई।

कांग्रेस का अति-आत्मविश्वास

कांग्रेस ने चुनाव से पहले अपनी पार्टी में कई ऐसे नेताओं को चयनित किया जो अति-आत्मविश्वास में थे। कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं ने अपने-अपने क्षेत्र में चुनाव के लिए न तो कोई अहम कदम नहीं उठाया और न ही पार्टी के लिए कोई कार्य किया जिसके परिणाम स्वरूप कांग्रेस देश के कई राज्यों में चुनाव हार गई।

जनता से झूठे वादे

कांग्रेस पार्टी ने अपने कार्यकाल में कई वादे एवं योजनाओं को लागू करने की बात कही परंतु समय पर उसे ठीक तरीके से लागू नहीं किया गया जिसके कारण जनता में कांग्रेस पार्टी के प्रति एक नकारात्मक छवि बन गई। कांग्रेस कई विकास कार्यों को समय पर पूरा नहीं कर सकी जिसके कारण देश की जनता कांग्रेस पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं पर भरोसा नहीं कर सकी।

कांग्रेस के उपाध्यक्ष के विवादित बयान

कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के विवादित बयानों को लेकर देश की जनता उनकी परिपक्वता पर सवाल खड़े करते हैं जिसने कांग्रेस पार्टी की मुश्किलों को और भी बढ़ा दिया। राहुल गांधी आए दिन अपनी कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में कई विवादास्पद बयान देते हैं जिससे कांग्रेस का भविष्य खतरे में पड़ा।

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