तूफान आने के कारण, प्रकार और उपाय

तूफान आने के कारण, प्रकार और उपाय

तूफान आने के कारण, प्रकार और उपाय : तूफान आने के कारण ( toofan aane ke karan ) वायुमंडल में हवा की गति जब सामान्य से अधिक हो जाती है तो इस स्तिथि को तूफान कहते हैं। कई लोग तूफान और आंधी को एक ही समझते हैं लेकिन तूफान एवं आंधी एक जैसे नहीं होते हैं इनमें काफी भिन्नता होती है। आंधी का तूफान की तरह कोई केंद्र नहीं होता है, हल्‍की-फुल्की बूंदाबांदी, बादलों की गड़गड़ाहट और बिजली की चमक के साथ चलने वाली तेज गर्म हवाओं को आंधी कहते हैं जबकि तूफान तेज हवा और बारिश के साथ गोल-गोल घूमता हुआ काफी बड़े इलाके में फैला होता है और समुद्र के आसपास कई सौ और कभी-कभी हजार किलोमीटर तक नुकसान पहुंचाता है।

तूफान या आंधी प्रभावित क्षेत्रों में भारी-भरकम पेड़ गिरने एवं बिजली के तारों के टूटने का डर रहता है जिससे जान जाने का खतरा रहता है। आमतौर पर तेज हवाओं के कारण कई हजार किलोमीटर के क्षेत्र प्रभावित हो जाते हैं जिसके कारण काफी नुकसान होता है। कई बार तूफान इतने भयावह रूप ले लेते हैं कि इससे बचना बहुत मुश्किल हो जाता है। समुद्र से उठने वाले तूफान को चक्रवात तूफान कहा जाता है जिसमें हवा एवं पानी दोनों ही होते है।

तूफान आने का वैज्ञानिक कारण

गर्मियों के दिनों में वायुमंडल का तापमान काफी बढ़ जाता है जिसके कारण हवा का दबाव घट जाता है और तूफान आने की संभावनाएं काफी हद तक बढ़ जाती है। दरअसल, हवा के दबाव को नियंत्रित करने के लिए ठंडे इलाकों से अधिक दबाव वाली हवा तीव्र गति से गर्म क्षेत्रों की ओर बढ़ने लगती है जिसकी गति काफी तेज हो जाती है और आगे जाकर यह हवा तूफान का रूप ले लेती है।

तूफान के प्रकार ( Types of Storm in hindi )

बवंडर (Tornado)

बवंडर एक प्रकार का गोलाकार तूफान है जिसके अंदर वायु का दाब बेहद कम होता है और यह जिस इलाके से गुजरता है उस क्षेत्र की इमारतों को तहस-नहस कर देता है। इस प्रकार का तूफान बेहद शक्तिशाली और विनाशकारी माना जाता है।

चक्रवाती तूफान (Cyclonic Storm)

जब गर्म हवा के चारों तरफ बेहद कम वायुमंडल के साथ दबाव की स्थिति पैदा होती है तो इसे चक्रवात कहा जाता है। चक्रवात तूफान समुद्र से उठता है जो अत्यंत भयावह होता है। इस प्रकार के तूफान में एक तरफ गर्म एवं दूसरी तरफ ठंडी हवा के मिलाप होता है जिसके कारण यह और भी विनाशकारी हो जाता है। चक्रवात मुख्यतः 6 प्रकार के होते हैं, यह सभी प्रकार के चक्रवात अत्यंत प्रभावशाली एवं विनाशकारी होते हैं –

  1. अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय चक्रवात,
  2. अन्तः उष्णकटिबंधीय चक्रवात,
  3. ध्रुवीय कम चक्रवात,
  4. उष्णकटिबंधीय चक्रवात,
  5. मसोस्केल चक्रवात
  6. ध्रुवीय चक्रवात

हरिकेन तूफान (Hurricane Storm)

हरिकेन एक प्रकार का तूफान है जिसे उष्णकटिबंधीय चक्रवात के नाम से भी जाना जाता है। हरिकेन तूफान को सबसे शक्तिशाली तूफानों में भी गिना जाता है, इस प्रकार का तूफान जल की सतह पर बनने वाले निम्न दबाव युक्त वातावरण में घूर्णन करते हैं। इसके कारण समुद्री इलाकों में तेज आंधी व तूफान का निर्माण होता है। हरिकेन तूफान की गति 74 m/h से अधिक होती है।

तूफान आने के कारण ( Causes of Storm in hindi )

मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, गर्म मौसम एवं हवा में बहाव के कारण तूफान की उत्पत्ति होती है। अक्सर देखा गया है कि बंगाल की खाड़ी में अरब सागर की तुलना में अधिक तूफान आते हैं जिसका मुख्य कारण है वहां का वातावरण। दरअसल, पूर्वी तटों के पास के इलाकों में भूमि अधिक समतल होती है जिसके कारण वहां से टकराने वाली हवा मुड़ नहीं पाती वहीं पश्चिमी तटों पर आने वाले तूफान की दिशा अक्सर बदल जाती है। पूर्वी तटों पर आने वाले तूफान ज्यादा शक्तिशाली होते हैं क्योंकि उन इलाकों में तूफान का वर्गीकरण निम्न दबाव के क्षेत्रों में हवा की तीव्र गति के कारण उत्पन्न होता है।

तूफान से बचने के उपाय

तूफान से बचने के उपाय, तूफान आने से पहले कई बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है जैसे :-

  • घर की खिड़कियां एवं दरवाज़े बंद रखें एवं घर की सभी बिजली बंद कर दें।
  • तूफान आने पर बिजली के खंभे एवं तारों से दूरी बना कर रखे एवं किसी सुरक्षित स्थान पर जाएं।
  • तूफान आने पर समुद्र की तरफ जाने से बचें एवं भारी-भरकम पेड़ों से भी दूरी बना कर रखे हैं।
  • तूफान आने पर गैस की सप्लाई को तुरंत बंद करें।
  • तूफान प्रभावित इलाकों में लोगों को इमरजेंसी किट तैयार रखनी चाहिए।
  • तूफान आने पर शांति बनाए रखें और केवल आधिकारिक घोषणाओं पर ही ध्यान दें।

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