नायक विद्रोह

नायक विद्रोह

नायक विद्रोह (बंगाल) : नायक विद्रोह अंग्रेजों के विरुद्ध शुरू हुआ था। नायक विद्रोह बंगाल के मेदिनीपुर जिले में शुरू हुआ था। जिसे बगड़ी राज्य की नायक जाति (रैयतों) ने शुरू किया था।

  • बंगाल में मेदनीपुर जिले में हुआ यह नायक विद्रोह उन रैयतों ने किया था, जिन पर ईस्ट इंडिया कंपनी ने बढ़ा हुआ लगान चुकाने के लिए दबाव डाला गया।
  • इन रैयतों को नायक भी कहा जाता है इसलिए इस विद्रोह को नायक विद्रोह कहा जाता है।
  • 1806 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने इन नायकों की जमीन भी जब्त कर ली थी।
  • नायक विद्रोह का नेतृत्व नायकों के नेतृत्व अचल सिंह द्वारा किया गया।
  • अचल सिंह ने नायकों को प्रशिक्षण देकर कुशल सेना तैयार कर ली।
  • नायकों द्वारा अचल सिंह के नेतृत्व में छापामार युद्ध शुरू कर दिया गया जोकि 1806 तक चले।
  • गनगनी नामक स्थान पर अचल सिंह के नेतृत्व में नायकों और अंग्रेज अफसर ओकेली की सेना के मध्य हुआ और दोनों ओर ही जान-माल की काफी हानि हुई।
  • किसी गद्दार के अंग्रेजों से मिल जाने के कारण अचल सिंह को अंग्रेजी सेना द्वारा पकड़ लिया गया।
  • आगे चलकर यह विद्रोह बिना किसी नेता के कमजोर पड़ गया और अंग्रेजी सरकार ने नायक विद्रोह का दमन कर दिया।
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