भारत में पायी जाने वाली भूगर्भिक चट्टानें

भारत में पायी जाने वाली भूगर्भिक चट्टानें

भारत में पायी जाने वाली भूगर्भिक चट्टानें :- धरातल के नीचे पायी जाने वाली चट्टानों को भूगर्भिक संरचना कहा जाता है। पृथ्वी के ठंडा होने से अब तक 6 प्रकार की चट्टानों का निर्माण हुआ है। इनका निर्माण अलग-अलग समय काल हुआ है। भारत के अलग-अलग भाग में अलग-अलग प्रकार की चट्टानें पायी जाती हैं। इन सभी चट्टानों में अलग-अलग प्रकार की धातुएं पायी जाती है। भारत में पायी जाने वाली प्रमुख चट्टानों का विवरण निम्नवत है-

  1. आर्कियन क्रम की चट्टानें
  2. धारवाड़ क्रम की चट्टानें
  3. कुडप्पा क्रम की चट्टानें
  4. विंध्यन क्रम की चट्टानें
  5. गोण्डवाना क्रम की चट्टानें
  6. दक्कन ट्रैप

भारत की भूगर्भिक चट्टानें

1. आर्कियन क्रम की चट्टानें

  • ये चट्टानों पृथ्वी के ठंडा होने के बाद सबसे पहले बनी तथा ये सबसे पुरानी चट्टानें हैं।
  • प्रायद्वीप भारत के 2/3 भाग में पायी जाती है। मुख्यतः कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार।
  • आर्कियन चट्टानें रवेदार होती है।
  • इन चट्टानों में जीवाश्म का अभाव होता है।
  • नीस, ग्रेनाइट, मार्बल, क्वार्टज, डोलोमाइट आदि आर्कियन क्रम की चट्टानों के प्रमुख उदाहरण हैं।
  • आर्कियन क्रम की चट्टानें का इतना रुपांतरण हुआ है कि वर्तमान समय में ये अपना वास्तविक रूप खो चुकी है।

2. धारवाड़ क्रम की चट्टानें

  • नामकरण कर्नाटक के धारवाड़ जिले के नाम पर । सबसे पहले यहीं पर खोजी गयी थी ।
  • इनका निर्माण आर्कियन क्रम की चट्टानों के रुपांतरण से हुआ है।
  • प्रमुख रूप से कर्नाटक के 3 जिलों धारवाड़, बिल्लारी, शिमोगा में पायी जाती है।
  • आर्थिक रूप से सबसे समृद्ध चट्टानें हैं। भारत की सभी प्रमुख खनिज धातुएं जैसे लोहा, सोना, मैंगनीज, जस्ता, तांबा, टंगस्टन, क्रोमियम इसी क्रम की चट्टानों में पायी जाती हैं।
  • कर्नाटक की कोलार एवं हट्टी की खाने इसी के अंतर्गत आती है।

3. कुड़प्पा क्रम की चट्टानें

  • इनका नामकरण आंध्र प्रदेश के कुड़प्पा जिले से हुआ है।
  • इनका निर्माण धारवाड़ क्रम की चट्टानों के नदियों द्वारा एवं विभिन्न जल क्रियाओं से अपरदन के कारण हुआ है।
  • इसका प्रमुख क्षेत्र भी आंध्र प्रदेश ही है। इसके अलावा ये चट्टानें मध्य प्रदेश, राजस्थान तथा महाराष्ट्र में भी पायी जाती हैं।
  • आर्थिक रूप से ये धारवाड़ चट्टानों जितनी तो समृद्ध नहीं है परन्तु इन चट्टानों में भी तांबा, निकिल, कोबाल्ट आदि धातुएं प्राप्त होती है।

4. विंध्यन क्रम की चट्टानें

  • प्रमुख रूप से विंध्याचल पर्वत के क्षेत्र में पायी जाती है।
  • ये परतदार चट्टानें हैं तथा इनका निर्माण कुडप्पा की चट्टानों के बाद हुआ है।
  • भवन निर्माण सामग्री के लिए प्रसिद्ध है जैसे चूना पत्थर, बलुआ पत्थर, संगमरमर आदि।
  • हीरे के लिए प्रसिद्ध मध्य प्रदेश की पन्ना की खान तथा आंध्र प्रदेश की गोलकुंडा की खान इसी क्रम की चट्टानों का भाग है।

5. गोंडवाना क्रम की चट्टानें

  • इस क्रम की चट्टानें प्रमुख रूप से नदी घाटियों में पायी जाती है।
  • इसका प्रमुख विस्तार दामोदर, महानदी तथा गोदावरी की घाटियों में है।
  • भारत में पाया जाने वाला 98% कोयला, गोंडवाना क्रम की चट्टानों में ही पाया जाता है।
  • गोंडवाना क्रम की चट्टानों में मुख्यतः बिटुमेनी कोयला पाया जाता है।

6. दक्कन ट्रैप

  • प्रायद्वीपीय भारत गोण्डवाना लैंड का भाग है। प्राचीन काल में जिस समय ये भाग अफ्रीका महाद्वीप से अलग हुआ उस समय धरती के अंदर से लावा निकलकर पठार के रूप में फैल गया।
  • इस लावा के कारण बेसाल्ट की चट्टानों का निर्माण हुआ।
  • दक्कन ट्रैप मुख्य रूप से महाराष्ट्र में फैला हुआ है, तथा इसका कुछ भाग मध्य प्रदेश तथा गुजरात में भी आता है।
  • दक्कन ट्रैप के अपरदन से काली मिट्टी का निर्माण होता है। काली मिट्टी को रेगर मिट्टी अथवा कपासी मिट्टी भी कहा जाता है।
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