रेसोलुशन, रिफ्रेश रेट, फ्रेम रेट और टच रेट क्या होता है

रेसोलुशन, रिफ्रेश रेट, फ्रेम रेट और टच रेट क्या होता है ?

रेसोलुशन, रिफ्रेश रेट क्या होता है ? रेसोलुशन (resolution) क्या होता है ?, रिफ्रेश रेट (Refresh rate) क्या होता है ?, फ्रेम रेट (Frame Rate) और टच रेट (Touch Rate) क्या होता है ? What is the resolution in hindi, What is the refresh rate in hindi,

रेसोलुशन (Resolution) क्या है ?

रेसोलुशन का उपयोग मॉनिटर, डिस्प्लेस, प्रिंटर्स, और डिजिटल इमेजेज की क्वालिटी को मापने के लिए किया जाता है। रेसोलुशन की सहायता से किसी इमेज की शार्पनेस और क्लैरिटी को मापा जाता है इसे टेक्नोलॉजी के अलग-अलग फील्ड में अलग-अलग रूप में उपयोग किया जाता है। रेसोलुशन को हम पिक्सेल्स के आधार पर मोबाइल या कंप्यूटर की क्वालिटी जानने के लिए प्रयोग करते है किसी भी स्क्रीन की पिक्चर क्वालिटी पिक्सेल के आधार पर निर्धारित की जाती है मतलब जितनी ज्यादा पिक्सेल अच्छा उतना अच्छा रेसोलुशन होगा।

पिक्सेल (Pixel) क्या है ?

पिक्सेल को डाईमेशन भी कहते है जो बहुत से छोटे-छोटे टुकड़ों में बटा होता है किसी भी स्क्रीन की क्वालिटी पिक्सेल द्वारा ही निर्धारित की जाती है यदि किसी एक स्क्रीन में हजार पिक्सेल है और दूसरे में इससे कम पिक्सेल है तो हजार पिक्सेल वाली स्क्रीन की क्वालिटी ज्यादा अच्छी होगी क्योकि उसका पिक्सेल अधिक है। इन्ही पिक्सेल्स के आधार पर हम मोबाइल या कंप्यूटर की क्वालिटी को जानने के लिए रेसोलुशन (Resolution) शब्द का प्रयोग करते है।

रेसोलुशन (Resolution) के प्रकार निम्नलिखित है –

  • HD Resolution – HD का पूरा नाम High Definition है। एचडी रेसोलुशन शब्द का प्रयोग पिक्सेल के लिए निर्धारित किया गया है। HD रेसोलुशन का पिक्सेल 1220*720  होता है जिसे 720p के नाम से भी जाना जाता है।
  • FHD Resolution – FHD का पूरा नाम Full High Definition है। FHD रेसोलुशन का पिक्सेल 1920*1080 होता है और इसे 1080p के नाम से भी जाना जाता है।
  • Ultra HD Resolution – मोबाइल कंपनियों द्वारा लोगों की मांग और स्क्रीन की क्वालिटी को बढ़ाने के लिए अल्ट्रा एचडी रेसोलुशन को बनाया गया। अल्ट्रा एचडी रेसोलुशन 3840*2160 पिक्सेल्स के नाम से  जाना जाता है। अल्ट्रा एचडी रेसोलुशन को 4k के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि 2160p को 4k कहा जाता है यह 1080 FHD और फुल एचडी के चार गुना अधिक पिक्सेल्स प्रदान करता है।
  • 8k Resolution – 8k को 7680*4320 के नाम से भी जाना जाता है इसे 4320p पिक्सेल भी कहा जाता है। यह पिक्सेल एफएचडी और फुल एचडी रेसोलुशन की तुलना में 16 गुना अधिक पिक्सेल प्रदान करते है।

रिफ्रेश रेट (Refresh Rate) क्या होता है ?

हम जो भी टीवी या मोबाइल स्क्रीन पर देखते है वे सब हमे एक लम्बी प्रोसेस के बाद स्क्रीन पर दिखाई देता है। स्क्रीन पर जिन भी चीजों को हम देखते है इसके लिए बैकग्राउंड में कईं टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है। इन टेक्नोलॉजी में से एक टेक्नोलॉजी है रेंडर (Render) और यह प्रोसेस रिफ्रेश रेट (Refresh Rate) के नाम से जानी जाती है। रिफ्रेश रेट से तात्पर्य एक सेकंड में डिस्प्ले की स्क्रीन पर कितनी बार इमेज को रेंडर किया जाता है। वर्तमान में स्मार्टफोन्स और टीवी में कम से कम 60Hz Refresh Rate Display का उपयोग किया जाता है रिफ्रेश रेट को Hz में मापा जाता है, यदि आप डिस्प्ले में किसी भी इमेज को देखते है तो आपकी डिस्प्ले द्वारा उसी फ्रेम को हर सेकंड में 60Hz बार रिफ्रेश किया जाता है।

रिफ्रेश रेट (Refresh Rate) फायदे –

डिस्प्ले में रेफ्रेश रेट होने से आपको विसुअल बहुत स्मूथ और अच्छा दिखाई देगा। इससे एनिमेशन्स में कोई लैग नहीं मिलेगा और स्क्रॉलिंग बेहतर होगी व प्ले बैक भी बहुत स्थिर होगा।

स्मार्टफोन या टीवी के डिस्प्ले पर जो भी दिखाई देता है वह फ्रेम के आधार पर आता है फ्रेम की गति जितनी अच्छी होगी चीजें उतनी साफ़ दिखाई देंगी।

गेम खेलते समय विसुअल खराब होने का कारण कईं बार रिफ्रेश रेट भी होता है। रिफ्रेश रेट के प्रभाव से कईं बार गेम की डिस्प्ले फटी हुई और खराब नजर आती है।

रिफ्रेश रेट (Refresh Rate) के नुकसान –

90 और 120hz के रिफ्रेश रेट वाले स्मार्टफोन की बैटरी अन्य फोन की अपेक्षा बहुत जल्दी खत्म हो जाती है। यदि स्मार्टफोन अच्छी तकनीक के हों तो उन पर हाई रिफ्रेश रेट का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

फ्रेम रेट (Frame Rate) और टच रेट (Touch Rate) क्या होता है ?

फ्रेम रेट (Frame Rate) को FPS कहा जाता है जिसका पूरा नाम Frame Per Second है जैसा की आपको नाम से ही विदित हो रहा है की इसमें एक सेकंड के हिसाब से फ्रेम दिखाई देता है। फ्रेम रेट का उपयोग वीडियो, गेम, एनीमेशन, टीवी ब्राडकास्टिंग आदि में टेक्नोलॉजी के आधार पर किया जाता है। वीडियो बहुत सारे कांस्टेंट इमेजेज से बनाई जाती है कांस्टेंट इमेज को एक कतार में लगाया जाये तो वह हमें के रूप में दिखाई देती है ये सब फ्रेम रेट की मदद से किया जाता है।

टच रिफ्रेश रेट (Touch Refresh Rate) हमें डिस्प्ले में किये गए टच को रजिस्टर करके एनीमेशंस के अगले फ्रेम को दिखाती है। यदि टच रिफ्रेश रेट 120Hz हो और डिस्ले रिफ्रेश रेट 60hz हो तो एनीमेशन बहुत अच्छा और शार्प दिखाई देता है।

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