वेब होस्टिंग क्या होता है ? What is web hosting in hindi

वेब होस्टिंग क्या होता है ? What is web hosting in hindi

वेब होस्टिंग क्या होता है ? What is web hosting in hindi : वेब होस्टिंग (Web Hosting) वेबसाइट को इंटरनेट पर अपलोड करने की सुविधा प्रदान करती है यानि किसी भी वेबसाइट को इंटरनेट पर दिखने और वेबसाइट सम्बन्धी विभिन्न फाइल्स (html, php, css, जावा स्क्रिप्ट्स, इमेज, वीडियो, ऑडियो आदि) रखने के लिए वेब होस्टिंग की आवश्यकता होती है।

वेब होस्टिंग के लिए एक पावरफुल सर्वर (एक तरह का कंप्यूटर) की आवश्यकता होती है जिसको हमेशा इंटरनेट से कनेक्ट होना आवश्यक है ताकि हमारी वेबसाइट की जानकारियां 24 घंटे बिना किसी बाधा के उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध हो सकें। वेब होस्टिंग में हम सर्वर को स्वयं मेन्टेन नहीं सकते है क्योंकि इसकी मेंटेनन्स कॉस्ट बहुत ज्यादा होती है। वेब होस्टिंग को मेन्टेन रखने के लिए हमें वेब होस्टिंग कंपनीज की आवश्यकता होती है। जिनके पास खुद का पावरफुल सर्वर, टेक्नोलॉजी और टेक्निकल स्टाफ होता है जो Servers की Maintenance टाइम टू टाइम करता है और साथ ही वायरस अटैक आदि से Servers की रक्षा करता है।

वेब होस्टिंग के प्रकार (Types of Web Hosting) –

वेब होस्टिंग कई प्रकार के होती हैं जिन्हें हम वेबसाइट बनाते समय अपनी जरूरत के हिसाब से खरीदते हैं। वेब होस्टिंग मुख्यतः 4 प्रकार की होती हैं –

  • Shared Hosting
  • Dedicated Hosting
  • VPS (Virtual Private Server)
  • Cloud Hosting

शेयर्ड होस्टिंग (Shared Hosting)

शेयर्ड होस्टिंग में कई सारी वेबसाइट एक ही सर्वर का उपयोग कर करती हैं और एक ही सर्वर के रिसोर्सेज को आपस में साझा करती हैं। इसीलिए दूसरी होस्टिंग की अपेक्षा शेयर्ड होस्टिंग सस्ती होती है।

उदाहरण के लिए – यदि कोई व्यक्ति खुद की कार लेकर यात्रा करेगा तो उसे ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे वहीं अगर वह व्यक्ति किसी सार्वजनिक बस में यात्रा करता है तो उसको अकेले की तुलना में कम पैसे खर्च करने पड़ेंगे।

शेयर्ड होस्टिंग सस्ती होती है इसलिए अच्छी नहीं मानी जाती, शेयर्ड होस्टिंग का उपयोग एक ही समय पर बहुत सारी वेबसाइट कर रही होती हैं। जिसके कारण कुछ समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं एक ही सर्वर पर ज्यादा वेबसाइट्स होने के कारण या किसी एक वेबसाइट के सारे रिसोर्स यूज़ कर लेने के कारण सर्वर पर लोड पड़ता है और सारे रिसोर्स यूज़ होने के कारण उस सर्वर पर मौजूद सभी वेबसाइट की स्पीड स्लो हो जाती है और विज़िटर्स को वेबसाइट पर डाटा ना दिख कर एरर दीखता है या डाटा ठीक से नहीं या बहुत समय में दिखता है।

शेयर्ड होस्टिंग सस्ती होने के कारण कम ट्रैफिक वाले छोटी व्यावसायिक वेबसाइटों के लिए तो अच्छी होती है लेकिन ज्यादा ट्रैफिक वाली वेबसाइटों के लिए बेकार होती है।

शेयर्ड होस्टिंग में Linux Shared Hosting, Windows Shared Hosting, Open Source Shared Hosting आदि प्रकार देखने को मिलते हैं।

भारत में प्रमुख Shared Hosting प्रोवाइडर कपनियां – Hostgator, Bigrock, Godaddy, Hostinger, Bluehost आदि हैं।

डेडिकेटेड होस्टिंग (Dedicating Hosting)

डेडिकेटेड होस्टिंग में पूरे सर्वर पर केवल एक ही व्यक्ति का अधिकार होता है। यह होस्टिंग पूरी तरह एक ही व्यक्ति के कण्ट्रोल में होती है जिससे व्यक्ति इसमें स्वयं किसी भी प्रकार की सेटिंग या काफी हद तक बदलाव कर सकता है। अधिक ट्रैफिक वाली वेबसाइटों या हैवी ऍप्लिकेशन्स रन करने वाली वेबसाइटों द्वारा डेडिकेटेड होस्टिंग इस्तेमाल की जाती है। डेडिकेटेड होस्टिंग के कारण वेबसाइट की स्पीड और परिणाम बहुत अच्छे आते है। इसी कारण डेडिकेटेड होस्टिंग अन्य सभी होस्टिंग्स के मुकाबले बहुत महंगी होती है।

भारत में प्रमुख Dedicating Hosting प्रोवाइडर कपनियां – Hostgator, Bigrock, Godaddy, Hostinger, Bluehost आदि हैं। भारत के बाहर कई Hosting प्रोवाइडर कपनियां हैं जो Dedicating Hosting प्रोवाइड करती हैं।

वीपीएस होस्टिंग (Virtual Private Server – VPS Hosting)

VPS होस्टिंग का पूरा नाम ‘Virtual Private Server Hosting’ होता है। VPS शेयर्ड और डेडिकेटेड होस्टिंग्स का मिश्रण होती है। वीपीएस होस्टिंग में एक सर्वर को अलग-अलग कई सारे वर्चुअल सर्वर में बाँट दिया जाता है जिसमे एक वेबसाइट के लिए एक वर्चुअल सर्वर दिया जाता है जिसमे सिर्फ उसी का अधिकार होता है। वीपीएस होस्टिंग मॉडल में एक डेडिकेटेड सर्वर होता है जिस पर कई सारे वर्चुअल सर्वर बने होते हैं फिजिकल सर्वर नहीं। VPS होस्टिंग शेयर्ड होस्टिंग के मुकाबले महंगी लेकिन डेडिकेटेड होस्टिंग के मुकाबले काफी सस्ती होती है।

भारत में प्रमुख VPS Hosting प्रोवाइडर कपनियां – Hostgator, Bigrock, Godaddy, Hostinger, Bluehost आदि हैं।

क्लाउड होस्टिंग (Cloud Hosting)

क्लाउड होस्टिंग बहुत ही फ्लेक्सिबल होस्टिंग सोल्युशन है जिसमें हम अपनी आवश्यकता के अनुसार डिस्क स्पेस और मेमोरी (RAM) को बड़ा या घटा सकते हैं। क्लाउड होस्टिंग उनके के लिए बहुत उपयोगी होती है जिन्हें वेबसाइट पर हाई ट्रैफिक और वेबसाइट की स्पीड की वजह से कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। क्लाउड होस्टिंग बड़ी आर्गेनाइजेशन के लिए भी परफेक्ट होते हैं। क्लाउड होस्टिंग शेयर्ड होस्टिंग के मुकाबले महंगी लेकिन VPS होस्टिंग के मुकाबले थोड़ी सस्ती होती है।

भारत में प्रमुख Cloud Hosting प्रोवाइडर कपनियां – Amazon AWS hosting, Google Cloud Platform (GCP) , DigitalOcean, Linode, Vultr आदि हैं।

वेब होस्टिंग कैसे कार्य करता है ?

वेब होस्टिंग की सुविधा कई कंपनियों द्वारा प्रोवाइड की जाती है ये कंपनियां वेबसाइट ओनर को अपने सर्वर पर वेबसाइट होस्ट करने की सुविधा प्रदान करते हैं और उसके बदले हर महीने कुछ पैसे लेते हैं। इसके माध्यम से वेबसाइट के सारे HTML या php Pages, image, video आदि को सर्वर में अपलोड करने के बाद इंटरनेट के माध्यम से कभी भी किसी भी वक्त वेब एड्रेस के जरिए कोई भी देख सकता है। जब कोई इंटरनेट यूजर अपने वेब ब्राउज़र में वेब एड्रेस यानि की डोमेन जैसे www.google.com डालकर आपकी वेबसाइट पर आएगा तो उसका कंप्यूटर उस सर्वर से कनेक्ट हो जाता है जहाँ आपने वेबसाइट की होस्ट किया है और सर्वर उन HTML Pages और कंटेंट्स को विजिटर के ब्राउज़र पर डिस्प्ले कर देता है।

वेब होस्टिंग की आवश्यक विशेषताएं (Essential Web Hosting Features in hindi) –

होस्टिंग खरीदने से पहले कुछ बेसिक फीचर्स का ध्यान रखना आवश्यक होता है यदि आप कभी होस्टिंग खरीदना चाहते है तो उसके लिए उन फीचर्स को नजर अंदाज़ नहीं करना चाहिए जो इसके लिए आवश्यक होते है। होस्टिंग के फीचर्स निम्नलिखित है –

Bandwidth – बैंडविड्थ वेबसाइट और विज़िटर्स के मध्य एक निश्चित समय में ट्रांसफर होने वाले डाटा की मात्रा को बताता है। अधिक बैंडविड्थ से एक ही समय में अधिक से अधिक यूजर्स आपकी वेबसाइट को बिना किसी परेशानी के एक्सेस कर सकते हैं और लो बैंडविड्थ से आपके वेबसाइट की स्पीड कम होने से यूजर्स को वेबसाइट एक्सेस करने में परेशानी हो सकती है या ज्यादातर होस्टिंग प्रोवाइडर कंपनियां हर होस्टिंग प्लान पर एक निश्चित मात्रा तक ही बैंडविड्थ प्रोवाइड करती हैं। बैंडविड्थ की सीमा से ऊपर जाने पर यूजर को वेबसाइट दिखना बंद या एरर (Resource Limit Reached, Upgrade plan etc) दिखना शुरू हो जाता है जिसके बाद वेबसाइट ओनर को अपना होस्टिंग प्लान अपग्रेड करना पड़ता है।

Uptime – अपटाइम का मतलब होता है कि कोई वेबसाइट या सर्वर कितना समय यूजर के लिए उपलब्ध रहता है या ऑनलाइन रहता है।  अपटाइम वेब होस्टिंग प्रोवाइडर्स की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक है। बहुत सी कम्पनियां guaranteed uptime प्रोवाइडर करती हैं जो आपकी वेबसाइट को कम से कम 99.9 प्रतिशत समय अपने विज़िटर्स के लिए उपलब्ध रहेगी। इसका मतलब हुआ कि आपकी वेबसाइट न के बराबर ही डाउन रहेगी अगर यह प्रतिशत कम है तो वेबसाइट ज्यादा समय डाउन रहेगी। वेबसाइट डाउन होने की वजह सर्वर की poor इंटरनेट कनेक्टिविटी या maintenance कार्य चलना या बेकार सर्वर हार्डवेयर का यूज़ होना आदि हो सकता है।

Storage – होस्टिंग अकाउंट में वेब पेज, ग्राफ़िक्स, अन्य मिडिया फाइल्स (इमेज, वीडियो, ऑडियो आदि) आदि को स्टोर करने के लिए मिलने वाले स्पेस को Storage कहते हैं। वेबसाइट को अच्छे से कार्य करने के लिए पर्याप्त डिस्क स्पेस जरूर होना चाहिए।

RAM (Random Access Memory) – एक होस्टिंग सर्वर एक कंप्यूटर ही होता है जोकि इंटरनेट पर वेबसाइट उपलब्ध कराने के कार्य के लिए समर्पित होता है। रैम किसी भी कंप्यूटर का एक प्रमुख भाग होती है। किसी भी प्रोग्राम या एप्लिकेशन को चलाने के लिए आवश्यक सभी अस्थायी डेटा RAM में ही स्टोर रहता है और सर्वर के रीस्टार्ट होने या एप्लीकेशन के बंद होने पर यह डाटा अपने आप ही डिलीट हो जाता है। अतः वेबसाइट के स्मूथ और फ़ास्ट रन करने के लिए अच्छी और ज्यादा RAM को होना अति आवश्यक होता है।

Email – वेब होस्टिंग के साथ-साथ आप ईमेल होस्टिंग की सुविधा भी प्राप्त कर सकते हैं इसके अंतर्गत आप अपने organization के लिए कस्टम ईमेल एड्रेस बना सकते है। ईमेल होस्टिंग में ईमेल रिसीव करने, मेल भेजने से लेकर कई अन्य फीचर्स जैसे वायरस और स्पैम फिल्टर्स, एड्रेस बुक, कलैंडर आदि सुविधा प्राप्त होती है।

Backups – कई बार वायरस अटैक या खुद की गलती से होस्टिंग सर्वर से कुछ फाइल्स डिलीट हो जाती है और सारा डाटा लॉस हो जाता है। इसमें इस बात का हमेशा ध्यान रखें की जिस भी होस्टिंग प्रोवाइडर से आप होस्टिंग सर्विस प्राप्त कर रहे है उसमे बैकअप (Backup) की सुविधा अवश्य हो।

Customer Support – आपको इस बात का भी ध्यान रखना आवश्यक होता है की आपका जो भी होस्टिंग प्रोवाइडर है वह आपकी तकनीकी सहायता के लिए उपलब्ध रहता है या नहीं। क्या आप उन्हें कॉल और मेल करके स्वयं की परेशानियों को बता सकते हैं ? क्या वे आपकी परेशानियों के लिए उपलब्ध हैं ? इन सभी बातों को ध्यान में रखकर हम होस्टिंग सर्विस का सुचारु रूप से उपयोग कर सकते है।

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