74वां संविधान संशोधन किससे संबंधित है, 74 संविधान संशोधन कब लागू हुआ (74वां संविधान संशोधन कब लागू हुआ), 74 वें संविधान संशोधन की विशेषताएं, 74वां संविधान संशोधन किस राज्य में लागू नहीं होता आदि प्रश्नों के उत्तर यहाँ दिए गए हैं।
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74वां संविधान संशोधन किससे संबंधित है
74 वें संविधान संशोधन अधिनियम का संबंध मुख्य रूप से शहरी स्थानीय सरकार से होता है। यह देश में मौजूद सभी नगर पालिकाओं को एक संवैधानिक दर्जा देने का कार्य करता है। सत्ता विकेंद्रीकरण के दृष्टिकोण से 74 वां संविधान संशोधन भारत देश की एक निर्णायक एवं महत्वपूर्ण पहल है। माना जाता है कि भारतीय संविधान का निर्माण संविधान सभा द्वारा किया गया था जिसमें समय-समय पर जनता की मांगों को मद्देनजर रखते हुए कई बदलाव किए जाते हैं जिन्हें संविधान संशोधन के रूप में परिभाषित किया जाता है। 74 वे संविधान संशोधन को लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण पक्ष भी कहा गया है जिसके द्वारा भारत की जनता को कई प्रकार के अधिकार एवं शक्तियां प्रदान की जाती हैं। 74 वें संविधान संशोधन के अंतर्गत नगर निगम, नगर पंचायत एवं नगर पालिका की कार्यप्रणाली जनता की भागीदारी के द्वारा प्रभावित होती है। यह नागरिकों को निर्णय लेने की सुविधा प्रदान करती है जिसके फलस्वरूप समाज में समानता का स्तर बना रहता है। 74 वां संविधान संशोधन मुख्य रूप से महिला एवं दलित वर्ग के लोगों को आरक्षण का अवसर प्रदान करता है जिससे समाज के प्रति उनकी निर्णय लेने की क्षमता सकारात्मक रूप से प्रभावित होती है। इसके माध्यम से सभी सरकारी योजनाओं को आम जनता तक समय पर पहुंचाने का प्रयास किया जाता है जिससे नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार आता है।
74 संविधान संशोधन कब लागू हुआ (74वां संविधान संशोधन कब लागू हुआ)
भारत में 74 वे संविधान संशोधन को 1 जून, 1993 को लागू किया गया था। भारतीय संविधान के 74 वें संविधान संशोधन अधिनियम 1992 द्वारा संविधान में ‘भाग 9 A’ को जोड़ा गया था जिसके द्वारा देश की सभी नगर पालिकाओं को संवैधानिक दर्जा मिला था। भारतीय संविधान के अनुच्छेद ‘243 P’ से ‘243ZG’ तक नगर पालिकाओं से संबंधित सभी नियमों को व्यवस्थित किया गया है। 74 वें संविधान संशोधन के माध्यम से भारतीय संविधान में 12 वीं अनुसूची को भी जोड़ा गया है जिसके अंतर्गत नगर पालिकाओं के द्वारा किए जाने वाले सभी कार्य व्यवस्थित किए गए हैं।
74 वें संविधान संशोधन की विशेषताएं
74 वें संविधान संशोधन के द्वारा प्रत्येक राज्य के लिए तीन प्रकार के नगर पालिकाओं को व्यवस्थित किया गया है जो कुछ इस प्रकार हैं:-
- परिवर्तित क्षेत्र हेतु नगर पंचायत की व्यवस्था
- छोटे नगरीय क्षेत्रों के लिए नगर पालिका परिषद की व्यवस्था
- विशाल नगरों के लिए नगर निगम की व्यवस्था
74 वें संविधान संशोधन के माध्यम से देश में नगर संस्थाओं जैसे नगर पालिका, नगर निगम एवं नगर परिषद के अधिकारों में समानता बनी रहती है जो देश को आर्थिक एवं राजनीतिक रूप से मजबूती प्रदान करते हैं। इसके अंतर्गत एक नियमित समय के अंतराल में प्रादेशिक निर्वाचन आयोग के अधीन चुनाव भी आयोजित किए जाते हैं जिससे किसी भी निर्वाचित नगर की समय अवधि भंग नहीं होती। इस व्यवस्था के कारण जन प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्तियों का कार्यकाल सुनिश्चित किया जाता है। 74 वें संविधान संशोधन के द्वारा निम्न वर्ग के लोगों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाता है जिसके आधार पर महिला, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति के लोगों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया जाता है। केवल इतना ही नहीं 74 वें संविधान संशोधन के माध्यम से स्थानीय निकायों को वित्तीय रूप से मजबूती भी प्रदान की जाती है जिससे उनकी कार्यप्रणाली पूर्ण रूप से पारदर्शी बनी रहती है।
माना जाता है कि प्रारंभिक काल में स्थानीय स्वशासन व्यवस्था लोकतंत्र के अनुरूप नहीं थी क्योंकि यह व्यवस्था वित्तीय आधार पर बेहद कमजोर हुआ करती थी। वित्तीय संसाधनों के कमजोर होने के कारण भारत के अधिकांश नगर निकायों की कार्यप्रणाली राज्य सरकार के द्वारा नियंत्रित की जाती थी। इसके अलावा भारत के नगर निकायों का कार्यकाल समाप्त हो जाने के उपरांत समय पर चुनाव आयोजित नहीं किए जाते थे जिसके कारण जनप्रतिनिधियों के अधिकार समाप्त हो जाते थे। इन सभी समस्याओं का समाधान करने हेतु 74 वें संविधान में संशोधन किया गया जिसके फलस्वरूप नगर निकायों की नई संरचना की गई।
पढ़ें – 73 संविधान संशोधन क्या है – 73 संविधान संशोधन कब हुआ।
74वां संविधान संशोधन किस राज्य में लागू नहीं होता
माना जाता है कि जम्मू कश्मीर में 74 वें संविधान संशोधन को लागू नहीं किया गया है। जम्मू कश्मीर में 74 वां संविधान संशोधन लागू करने को लेकर नगर निगम में एक असमंजस की स्थिति है। वर्तमान समय में देश के लगभग हर राज्य में 74 वे संविधान संशोधन को लागू किया जा चुका है परंतु जम्मू कश्मीर में इसे लागू करने पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है।