अम्लीय वर्षा क्या है ( What is acid rain in hindi ), अम्लीय वर्षा के प्रकार, अम्लीय वर्षा के कारण, अम्लीय वर्षा के दुष्परिणाम एवं अम्लीय वर्षा के समाधान, वर्षा अम्लीय वर्षा कब कहलाती है, अम्लीय वर्षा क्या है यह कैसे बनती है, अम्लीय वर्षा के नुकसान क्या है आदि प्रश्नों के उत्तर यहाँ दिए गए हैं।
अम्लीय वर्षा क्या है ? – What is acid rain in hindi
अम्लीय वर्षा वह वर्षा होती है जिसमें मुख्य रूप से रासायनिक तत्व एवं प्रदूषण का मिश्रण होता है। यह धरती पर एक हलके अम्लीय सांद्रण के रूप में गिरती है जिससे पेड़-पौधे एवं जलीय प्राणी बुरी तरह प्रभावित होते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, वर्षा के जल में अम्लों की उपस्थिति को अम्लीय वर्षा कहा जाता है। अम्लीय वर्षा के कारण वातावरण भी बुरी तरह प्रभावित होता है जिसके कारण पेड़-पौधों के साथ-साथ वन्य जीव-जंतुओं को भी नुकसान पहुंचता है।
अम्लीय वर्षा की खोज किसने की – अम्लीय वर्षा की खोज रॉबर्ट एंगस स्मिथ ने की थी।
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अम्लीय वर्षा के प्रकार – types of acid rain in hindi
अम्लीय वर्षा मुख्यतः 2 प्रकार की होती है –
- गीली अम्लीय वर्षा
- सूखी अम्लीय वर्षा
गीली अम्लीय वर्षा
जब अम्लीय वर्षा बर्फ, धुंध एवं बारिश के रूप में होती है तो उसे गीली अम्लीय वर्षा के रूप में जाना जाता है।
सूखी अम्लीय वर्षा
जब अम्लीय प्रदूषक धुएं या धुल में मिलकर सूखे कणों के रूप में धरती पर गिरते हैं तो उसे सूखी अम्लीय वर्षा कहा जाता है। इस प्रकार की वर्षा में इमारत, घर, पेड़-पौधे एवं स्मारक बुरी तरह प्रभावित होते हैं।
अम्लीय वर्षा के कारण – reasons of acid rain in hindi
अम्लीय वर्षा का मुख्य कारण वायु प्रदूषण को माना जाता है, अम्लीय वर्षा प्राकृतिक रूप से अम्लीय होती है इसका मुख्य कारण कार्बन डाइऑक्साइड होता है जो पृथ्वी के वायुमंडल में पाया जाता है। दरअसल, यह कार्बन डाइऑक्साइड जल के साथ प्रतिक्रिया करके कार्बनिक एसिड बनाता है जिसके कारण अम्लीय वर्षा होती है। वैज्ञानिकों के अनुसार, वर्षा के जल में अम्लों की उपस्थिति को अम्लीय वर्षा कहा जाता है। वायुमंडल में सल्फर ऑक्साइड एवं नाइट्रोजन ऑक्साइड के अत्यधिक उत्सर्जन के कारण वायुमंडल के जल में सल्फेट एवं सल्फ्यूरिक अम्ल का निर्माण होता है जिसके कारण धरती पर अम्लीय वर्षा होती है। अम्लीय वर्षा का पीएच स्तर 5.5 से भी कम होता है जो जल जैविक समुदायों एवं धरती के वातावरण के लिए बेहद हानिकारक माना जाता है। कई देशों में अम्लीय वर्षा होने के कारण वहां के जंगल नष्ट हो रहे हैं जिसका वातावरण पर गंभीर परिणाम हो रहा है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि जीवाश्म ईंधन को जलाने से वर्षा अम्लीय हो जाती है। दरअसल, जीवाश्म ईंधन को जलाने से नाइट्रोजन ऑक्साइड एवं सल्फर डाइऑक्साइड का उत्सर्जन होता है जिससे वायु प्रदूषण होता है। यह दोनों ही अम्लीय होते हैं जो अम्लीय वर्षा के प्रमुख स्रोत माने जाते हैं।
अम्लीय वर्षा के दुष्परिणाम – side effects of acid rain in hindi
अम्लीय वर्षा के निम्नलिखित दुष्परिणाम होते हैं :-
- अम्लीय वर्षा के कारण मृदा की उर्वरता में भारी गिरावट आती है जिससे फसलों को नुकसान पहुंचता है। अम्लीय वर्षा होने से मृदा में अम्लीयता का स्तर बढ़ जाता है जिससे कृषि उत्पादों में कमी आती है। इसके अलावा अम्लीय वर्षा के कारण मिट्टी में मौजूद नाइट्रेट के स्तर में भी गिरावट आती है जिससे मृदा की उर्वरता में कमी आती है।
- अम्लीय वर्षा होने से खेती कर रहे किसानों को आर्थिक नुकसान पहुंचता है।
- अम्लीय वर्षा के कारण नदियों एवं तालाबों का पानी विषैला हो जाता है जिससे जलीय प्राणियों की मृत्यु हो जाती है। मछली पालन कर रहे किसानों को अम्लीय वर्षा के कारण भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। असल में, अम्लीय वर्षा के कारण पानी में तांबा एवं शीशा जैसे घातक तत्व मिल जाते हैं जिससे जलीय प्राणियों की मृत्यु हो जाती है।
- अम्लीय वर्षा होने से पेड़ पौधों एवं फसलों की वृद्धि में भारी गिरावट होती है जिसके कारण शुद्ध वातावरण एक अशुद्ध वातावरण में बदल जाता है।
- अम्लीय वर्षा के कारण लाइमस्टोन व संगमरमर से बने स्मारकों को नुकसान पहुंचता है। अम्लीय वर्षा से सफेद मार्बल का कैल्शियम कार्बोनेट अम्लीय जल के साथ प्रतिक्रिया करता है जिसके कारण उसका क्षरण होता है। इसे “स्टोन कैंसर” के नाम से भी जाना जाता है। अम्लीय वर्षा के कारण ही वर्तमान समय में आगरा में मौजूद ताजमहल का रंग हल्का पीला पड़ता जा रहा है।
- अम्लीय वर्षा होने से स्टील, लकड़ी, सीमेंट एवं पत्थरों से बने भवनों के निर्माणों को नुकसान पहुंचता है।
- अम्लीय वर्षा के कारण वातावरण दूषित हो जाता है जिससे आंखों एवं शरीर में जलन के साथ-साथ सांस लेने में परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। अम्लीय वर्षा के दुष्प्रभाव से शरीर में अस्थमा, कैंसर एवं श्वास की बीमारी हो सकती है।
अम्लीय वर्षा की समस्या का समाधान – ways to reduce acid rain in hindi
अम्लीय वर्षा को रोकने के लिए वायु प्रदूषण पर नियंत्रण करना बेहद जरूरी है। नदियों एवं झीलों के पानी को स्वच्छ करने के लिए चूना का इस्तेमाल किया जा सकता है। चुना बहुत क्षारीय होता है जिसकी मदद से जल में मौजूद अम्लों को साफ किया जा सकता है। इसके अलावा, उत्प्रेरक कनवर्टर की मदद से वायु प्रदूषण को रोका जा सकता है। इस कनवर्टर की मदद से सभी वाहनों निकलने वाले प्रदूषण को शुद्ध वायु में परिवर्तित किया जा सकता है। यह अम्ल वर्षा से बचने के उपाय हैं।
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