बलवंत राय मेहता समिति - बलवंत राय मेहता समिति की सिफारिशें

बलवंत राय मेहता समिति – बलवंत राय मेहता समिति की सिफारिशें

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बलवंत राय मेहता समिति (बी आर मेहता समिति)

बलवंत राय मेहता समिति की स्थापना जनवरी वर्ष 1957 में की गई थी। बलवंत राय मेहता समिति का गठन पंचायती राज व्यवस्था को मजबूती प्रदान करने हेतु किया गया था। इस समिति का गठन भारत सरकार द्वारा सामुदायिक विकास कार्यक्रमों की कार्यप्रणाली की उचित जांच करने हेतु किया गया था। बलवंत राय मेहता समिति का गठन भारतीय योजना आयोग ने बलवंत राय मेहता की अध्यक्षता में किया था। इस समिति को स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य भारतीय ग्रामीण क्षेत्रों का विकास करना था। बलवंत राय मेहता समिति ने सामुदायिक विकास कार्यक्रम एवं राष्ट्रीय विस्तार सेवा का पूर्ण अध्ययन करने के पश्चात अपनी सूचना केंद्र सरकार के सम्मुख रखी थी। यह समिति जनता के बीच पंचायती राज व्यवस्था को प्रभावी रूप से स्थापित करने का कार्य करती है जिसके द्वारा देश के नागरिकों की समस्याओं का समाधान किया जाता है।

बलवंत राय मेहता कौन थे

बलवंत राय मेहता का पूरा नाम बलवंत राय गोपाल जी मेहता था, जिनका जन्म 19 फरवरी वर्ष 1900 में भावनगर में हुआ था। यह प्रसिद्ध भारतीय स्वतंत्रता सेनानी एवं राजनीतिज्ञ थे जिन्हें भारतीय संविधान सभा हेतु चुना गया था। इन्होंने अपने जीवन काल में कई भारतीय स्वतंत्रता आंदोलनों में भाग लिया था। इन्होंने महात्मा गांधी के नेतृत्व में किए जाने वाले असहयोग आंदोलन में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। माना जाता है कि बलवंत राय मेहता ने महात्मा गांधी के विचारों को अपने प्रयासों से साकार किया था। देश की आजादी के बाद बलवंत राय मेहता गुजरात के दूसरे मुख्यमंत्री बने थे। बलवंत राय मेहता को पंचायती राज का जनक एवं पंचायती राज के वास्तुकार के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने बारदोली सत्याग्रह एवं भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया था जिसके कारण उन्हें ब्रिटिश सरकार ने 3 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई थी। बलवंत राय मेहता समिति के कारण उन्हें भारत में प्रसिद्धि हासिल हुई थी।

बलवंत राय मेहता समिति का गठन

बलवंत राय मेहता समिति का गठन 16 जनवरी 1957 में किया गया था। बलवंत राय मेहता समिति (BR Mehta) का गठन मुख्य रूप से सामुदायिक विकास कार्यक्रम एवं राष्ट्रीय विस्तार सेवा के द्वारा किए जाने वाले सामाजिक कार्य की जांच करने एवं उसमें सुधार करने हेतु किया गया था।

बलवंत राय मेहता समिति कितने स्तरीय थी

बलवंत राय मेहता समिति ने सर्वप्रथम केंद्र सरकार के सामने पंचायती राज व्यवस्था की स्थापना करने का प्रस्ताव रखा था जिसका उद्देश्य ग्राम, ब्लॉक एवं जिला स्तर में पंचायती राज की संरचना करना था। बलवंत राय मेहता समिति ने केंद्र सरकार के सम्मुख ग्रामीण स्थानीय शासन हेतु मुख्य रूप से त्रिस्तरीय व्यवस्था का सुझाव रखा था जो कुछ इस प्रकार हैं:-

  • पंचायत समिति
  • ग्राम पंचायत
  • जिला परिषद

पंचायत समिति

बलवंत राय मेहता समिति के अनुसार पंचायत समिति का स्थान ग्राम पंचायत से अधिक एवं जिला परिषद से कम होना चाहिए। यह समिति ग्राम पंचायत की संरचना महिलाओं एवं दलित वर्ग के लोगों के साथ मिलकर करना चाहती थी। बलवंत राय मेहता समिति के सदस्यों का मानना था कि पंचायत समिति का निर्माण करने से भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों को बढ़ावा मिल सकता है।

ग्राम पंचायत

बलवंत राय मेहता समिति ने ग्राम पंचायत की कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से चलाने का प्रयास किया था। इस समिति के अनुसार ग्राम पंचायत का मुख्य कार्य ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण करना, भूमि व्यवस्था की देखरेख करना, गांव में बिजली की उचित व्यवस्था करना एवं गांव में पेयजल की सुविधा कराना होता है। बलवंत राय मेहता समिति ने इन सभी कार्यों को ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अत्यंत आवश्यक माना था।

जिला परिषद

बलवंत राय मेहता समिति जिला परिषद को ग्राम पंचायत एवं पंचायत समिति से अधिक महत्वपूर्ण मानते थे। इस समिति ने केंद्र सरकार के सम्मुख जिला परिषद की कार्यप्रणाली को बेहतर करने का सुझाव रखा था। जिला परिषद के अंतर्गत लोक स्वास्थ्य, कृषि क्षेत्र, शिक्षा प्रणाली, सार्वजनिक निर्माण, निम्न वर्गों का कल्याण करना आदि कार्य सम्मिलित होते हैं।

बलवंत राय मेहता समिति के सदस्य

बलवंत राय मेहता समिति के कुल 13 सदस्य थे जिन्होंने देश में पंचायती राज व्यवस्था को बेहतर करने की दिशा में कई प्रयास किए थे।

बलवंत राय मेहता समिति की सिफारिशें

बलवंत राय मेहता समिति की कई सिफारिशें थीं जो कुछ इस प्रकार हैं:-

  • बलवंत राय मेहता समिति की प्रमुख सिफारिश यह थी कि पंचायती राज की संरचना त्रिस्तरीय होनी चाहिए जिसमें मुख्य रुप से ग्राम पंचायत, जिला पंचायत एवं पंचायत समिति को आपस में परस्पर जुड़ा होना चाहिए।
  • इस समिति ने केंद्र सरकार के सम्मुख यह सिफारिश रखी थी कि पंचायतों में मुख्य रूप से महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए एक रिक्त स्थान होना चाहिए जिससे पंचायतों में जनता के आवश्यकतानुसार प्रतिनिधि चुनाव किया जा सके।
  • इस समिति ने विकेंद्रित प्रशासनिक संरचना का दायित्व जनता के द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधि के हाथ में सौंपे जाने का प्रस्ताव रखा था।
  • बलवंत राय मेहता समिति ने पंचायती राज संस्था की कार्यप्रणाली सरकारी प्रशासन तंत्र के माध्यम से संपन्न करने की सिफारिश की थी। इसके अलावा इस समिति ने कानून व्यवस्था को व्यापक रूप से स्थापित करने का प्रयास किया था।
  • इस समिति ने निम्न स्तर पर वित्तीय साधनों को उपलब्ध कराने की सिफारिश की थी। बलवंत राय मेहता समिति सरकार के द्वारा किए जाने वाले कार्य एवं अधिकारियों को निचले स्तर पर हस्तांतरित करना चाहती थी।
  • बलवंत राय मेहता समिति के अनुसार पंचायती राज व्यवस्था मुख्य रूप से स्थानीय नेतृत्व करने वाले व्यक्तियों एवं केंद्र सरकार के बीच एक संबंध को स्थापित करती है जिसके द्वारा सरकारी नीतियों की स्थापना होती है। अतः बलवंत राय मेहता समिति ने पंचायती राज व्यवस्था को सत्ता का विकेंद्रीकरण करने हेतु सिफारिश की थी।