19. भारतीय पर्वतीय रेल
स्थल / राज्य / धरोहर घोषित वर्ष – दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल (1999); नीलगिरि, तमिलनाडु (2005); कालका-शिमला, हिमाचल प्रदेश (2008)
धरोहर घोषित किये जाने का कारण – भारतीय पर्वतीय रेलवे में तीन रेलवे शामिल हैं: पहला रेलवे दार्जिलिंग हिमालय रेलवे पश्चिम बंगाल (पूर्वोत्तर भारत) में हिमालय की तलहटी में स्थित 5.34 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है।, दूसरा रेलवे तमिलनाडु (दक्षिण भारत) के निलगिरी पहाड़ियों में स्थित 4.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में में फैला हुआ निलगिरी पर्वत रेलवे स्थित है। और तीसरा कालाका शिमला रेलवे हिमाचल प्रदेश (उत्तर पश्चिमी भारत) की हिमालय की तलहटी में स्थित है, जोकि 79.06 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यह तीनों रेलवे अभी भी पूर्णतः कार्यरत हैं। यह 19 वीं और 20 वीं शताब्दी की इंजीनियरिंग का एक जीवंत उदाहरण है।
source: whc unesco
20. कुतुब मीनार और इसके स्मारक
स्थल – दिल्ली
राज्य – दिल्ली
धरोहर घोषित वर्ष – 1993
धरोहर घोषित किये जाने का कारण – 13 वीं शताब्दी के शुरुआत में दिल्ली से कुछ किलोमीटर दक्षिण में, कुतुब मीनार को लाल बलुआ पत्थर द्वारा तैयार किया गया था। इसे दिल्ली के प्रथम मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने बनवाया था, लेकिन वो केवल आधार ही बनवाया पाया था। उसके उत्तराधिकारी शम्सुद्दीन इल्तुतमिश ने इसमें तीन मंजिलें एवं फीरोजशाह तुगलक ने 5 वीं व अंतिम मंजिल को बनवाया था। यह भारतीय कला का एक उत्कृष्ट नमूना है। इसकी ऊँचाई 72.5 मीटर है और इसमें 379 सीढियाँ हैं। इसके आसपास पुरातात्विक क्षेत्र में भव्य इमारतें स्थित हैं, विशेषकर शानदार अलई-दरवाजा हिन्दू-मुस्लिम कला का उत्कृष्ट उदाहरण है, और दो मस्जिद, जिसमें कुवातुउ-इस्लाम शामिल है जोकि उत्तरी भारत में सबसे पुराना है।
source: whc unesco