भारत में यूनेस्को द्वारा संरक्षित विश्व धरोहर स्थल

भारत में यूनेस्को द्वारा संरक्षित विश्व धरोहर स्थल

23. भीमबेटका शैलाश्रय

भीमबेटका शैलाश्रय
Rock Shelters of Bhimbetka

स्थल – रायसेन
राज्य – मध्य प्रदेश
धरोहर घोषित वर्ष – 2003
धरोहर घोषित किये जाने का कारण – यह एक पुरापाषाणिक आवासीय पुरास्थल है। यह आदि-मानव द्वारा बनाये गए शैल चित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है। इन चित्रो को पुरापाषाण काल से मध्यपाषाण काल के समय का माना जाता है। ये भारत में मानव जीवन के प्राचीनतम चिह्न हैं। ऐसा माना जाता है कि यह स्थान महाभारत के चरित्र भीम से संबन्धित है एवं इसी से इसका नाम भीमबैठका पड़ा। ये गुफाएँ मध्य भारत के पठार के दक्षिणी किनारे पर स्थित विन्ध्याचल की पहाड़ियों के निचले छोर पर हैं। यहाँ 750 शैलाश्रय हैं जिनमें 500 शैलाश्रय चित्रों द्वारा सज्जित हैं। पूर्व पाषाण काल से मध्य ऐतिहासिक काल तक यह स्थान मानव गतिविधियों का केंद्र रहा। यह बहुमूल्य धरोहर अब पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है।

source: whc unesco

24. सूर्य मंदिर या कोणार्क मंदिर

सूर्य मंदिर या कोणार्क मंदिर
Sun Temple, Konarak

स्थल – पुरी
राज्य – उड़ीसा
धरोहर घोषित वर्ष – 1984
धरोहर घोषित किये जाने का कारण – कोणार्क के सूर्य मंदिर को अंग्रेज़ी में ब्लैक पगोडा कहा जाता है, यह मंदिर लाल बलुआ पत्थर एवं काले ग्रेनाइट पत्थर से गंग वंश के राजा नृसिंहदेव द्वारा 1236–1264 ई.पू. में बनवाया गया था। यह मंदिर कलिंग शैली में निर्मित है इस मंदिर सूर्य देव (अर्क) के रथ के रूप में निर्मित किया गया है। इस मंदिर को पत्थर पर उत्कृष्ट नक्काशी करके बहुत ही सुंदर स्वरूप में बनाया गया है। संपूर्ण मंदिर स्थल को सूर्य देव के रथ के रूप में बनाया गया है जिसे सात घोड़ों की टोली द्वारा खींचते हुए दिखाया गया है। यह मंदिर अपनी कामुक मुद्राओं वाली शिल्पाकृतियों के लिये भी प्रसिद्ध है।

source: whc unesco

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