भारत में यूनेस्को द्वारा संरक्षित विश्व धरोहर स्थल

भारत में यूनेस्को द्वारा संरक्षित विश्व धरोहर स्थल

5. सांची में बौद्ध स्तूप

सांची में बौद्ध स्तूप
Buddhist Monuments at Sanchi

स्थल – सांची
राज्य – मध्य प्रदेश
धरोहर घोषित वर्ष – 1989
धरोहर घोषित किये जाने का कारण – सांची में ‘महान स्तूप’ सबसे पुराना ढांचा है और इसे मूल रूप से तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में सम्राट अशोक महान द्वारा बनवाया गया था। इस स्तूप का मूल निर्माण अशोक की देखरेख में हुआ था, जिनकी पत्नी देवी विदिशा एक व्यापारी की बेटी थीं। सांची में महान अशोक के जन्मस्थान के साथ-साथ उनकी शादी भी वहीं हुई थी। यहां कई बौद्ध स्मारक हैं, जो तीसरी शताब्दी ई.पू से बारहवीं शताब्दी के बीच के काल के हैं। सांची में रायसेन जिले की एक नगर पंचायत है। यहीं एक महान स्तूप स्थित है। इस स्तूप को घेरे हुए कई तोरण भी बने हैं। यह प्रेम, शांति, विश्वास और साहस के प्रतीक हैं। सांची, विशेषकर स्तूप 1, में बड़ी संख्या में ब्राह्मी शिलालेख हैं। हालांकि उनमें से ज्यादातर छोटे हैं और दान का उल्लेख करते हैं, इनका महान ऐतिहासिक महत्व है।

source: whc unesco

6. चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व उद्यान

चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व उद्यान
Champaner-Pavagadh Archaeological Park

स्थल – पंचमहल
राज्य – गुजरात
धरोहर घोषित वर्ष – 2004
धरोहर घोषित किये जाने का कारण – चंपानेर-पावागढ़ पुरातात्विक पार्क अपनी प्राचीन हिंदू वास्तुकला, मंदिरों और अपने धार्मिक, सैन्य और कृषि ढांचे के कारण जाना जाता है, जो 16 वीं शताब्दी में मेहमूद बेगडा द्वारा निर्मित हैं। चंपानेर-पावागढ़ पुरातात्विक पार्क हिंदू विश्वासियों के लिए आराधना और अविरल तीर्थस्थल है। इसमें प्रागैतिहासिक चैकोलिथिक स्थल, एक प्राचीन हिन्दू राज्य की राजधानी का एक महल व किला व सोलहवीं शताब्दी के गुजरात प्रदेश की राजधानी के अवशेष हैं। यहां अन्य पदांकों सहित, किले, प्रासाद, धार्मिक इमारतें, आवासीय अहाते, कृषि चिह्न व जल आपूर्ति निर्माण कार्य के आठवीं शताब्दी से लेकर चौदहवीं शताब्दी तक के अनेक स्थल हैं।

source: whc unesco

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