11. हम्पी में स्मारकों का समूह
स्थल – बेल्लारी
राज्य – कर्नाटक
धरोहर घोषित वर्ष – 1986
धरोहर घोषित किये जाने का कारण – हम्पी का भव्य स्थल विजयनगर के अंतिम महान हिन्दू साम्राज्य की अंतिम राजधानी थी। तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित यह नगर अब हम्पी (पम्पा से निकला हुआ) नाम से जाना जाता है और अब केवल खंडहरों के रूप में ही शेष रह गया है। इन्हें देखने से प्रतीत होता है कि किसी समय में यहाँ एक समृद्धशाली सभ्यता निवास करती होगी। हम्पी शहर विजयनगर राज्य की अदभुत सभ्यता का असाधारण साक्ष्य देता है, जो कि कृष्णदेवराय के शासनकाल (1509-1530) के दौरान अपने चरमोत्कर्ष पर पहुंच गया था। यहाँ पाँच सौ से भी अधिक स्मारक चिह्न हैं। इनमें मंदिर, महल, प्रवेश द्वार, अस्तबल, तहख़ाने, जल-खंडहर, पुराने बाज़ार, शाही मंडप, गढ़, चबूतरे, राजकोष आदि असंख्य इमारतें शामिल हैं।
source: whc unesco
12. महाबलीपुरम का स्मारक समूह
स्थल – चिंगलेपुट
राज्य – तमिलनाडु
धरोहर घोषित वर्ष – 1984
धरोहर घोषित किये जाने का कारण – पल्लव राजाओं द्वारा स्थापित पवित्रास्थानों का यह समूह 7 वीं और 8 वीं शताब्दी में कोरोमंडल तट के किनारे चट्टान से बना था। यह विशेष रूप से अपने रथों (रथों के रूप में मंदिरों), मंडप (गुफा अभयारण्य), प्रसिद्ध ‘गंगा का उद्भव’, किनारे पर बने मंदिर, और शिव की हजारों मूर्तियों के लिए जाना जाता है। सातवीं शताब्दी में यह शहर पल्लव राजाओं की राजधानी था। द्रविड वास्तुकला की दृष्टि से यह शहर अग्रणी स्थान रखता है।
source: whc unesco