भारत में यूनेस्को द्वारा संरक्षित विश्व धरोहर स्थल

भारत में यूनेस्को द्वारा संरक्षित विश्व धरोहर स्थल

17. खजुराहो के मन्दिरों एवं स्मारकों का समूह

खजुराहो के मन्दिरों एवं स्मारकों का समूह
Khajuraho

स्थल – छतरपुर
राज्य – मध्य प्रदेश
धरोहर घोषित वर्ष – 1986
धरोहर घोषित किये जाने का कारण – खजुराहो का इतिहास लगभग एक हजार साल पुराना है। यह शहर चन्देल साम्राज्‍य की प्रथम राजधानी था। खजुराहो के मंदिर चन्देल राजवंश के दौरान ही बनाए गए थे। यहां बहुत बड़ी संख्या में प्राचीन हिन्दू और जैन मंदिर हैं जो दो धर्मों हिन्दू और बौद्ध के प्रतीक हैं। मंदिरों का शहर खजुराहो पूरे विश्व में मुड़े हुए पत्थरों और हिन्दू कला और संस्कृति से निर्मित मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। खजुराहो को इसके अलंकृत मंदिरों और पत्थरों पर उकेरी हुई प्रतिमाऔं और शिलाचित्रों की वजह से जाना जाता है जो कि देश की सर्वोत्कृष्ठ मध्यकालीन स्मारके हैं। संभोग की विभिन्न कलाओं को इन मंदिरों में बेहद खूबसूरती के उभारा गया है।

source: whc unesco

18. बोध गया में महाबोधि मंदिर परिसर

बोध गया में महाबोधि मंदिर परिसर
Mahabodhi Temple at Bodh Gaya

स्थल – बोधगया
राज्य – बिहार
धरोहर घोषित वर्ष – 2002
धरोहर घोषित किये जाने का कारण – महाबोधि मंदिर परिसर भगवान बुद्ध के जीवन से संबंधित चार पवित्र स्थलों में से एक है। पहला मंदिर सम्राट अशोक द्वारा तीसरी शताब्दी बीसी में बनवाया गया था, और वर्तमान मंदिर 5वीं और छठी शताब्दियों में बनाये गए थे। यह विहार मुख्‍य विहार या महाबोधि विहार के नाम से भी जाना जाता है। इसकी बनावट सम्राट अशोक द्वारा स्‍थापित स्‍तुप के समान ही है। इस विहार में गौतम बुद्ध की एक बहुत बड़ी मूर्त्ति स्‍थापित है। यह मूर्त्ति पदमासन की मुद्रा में है। यहां यह किंवदन्ती प्रचिलत है कि यह मूर्त्ति उसी जगह स्‍थापित की है जहां गौतम बुद्ध को बुद्धत्व (ज्ञान) की प्राप्ति हुई थी। बोधगया में तिब्‍बतियन मठ भी स्थित है जोकि यहाँ का सबसे बड़ा और पुराना मठ है जिसे 1934 ई. में बनाया गया था।

source: whc unesco

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