उत्तराखंड करेंट अफेयर्स 18 दिसम्बर 2016 - 24 दिसम्बर 2016

उत्तराखंड करेंट अफेयर्स 18 दिसम्बर 2016 – 24 दिसम्बर 2016

उत्तराखंड करेंट अफेयर्स (18 दिसम्बर 2016 – 24 दिसम्बर 2016)

  1. देहरादून से पिथौरागढ़ तक के लिए हवाई यातायात शुरु।
    विस्तार:-  देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट से पिथौरागढ़ के नैनीसैनी के लिए जिंदल ग्रुप का 9 सीटों वाला विमान रवाना हुआ, यह सेवा 21 दिसम्बर 2016 को 23 साल बाद शुरु हुई है, देहरादून से पिथौरागढ़ के लिए विमान का एक तरफ का किराया मात्र चार हजार रुपये रखा गया है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने देहरादून से इस सेवा का शुभारंभ किया । इस दौरान नागरिक उड्डयन सचिव मीनाक्षी सुंदरम भी मौजूद रहे ।
  1. चीनी मिलों व नहरों से पैदा करेंगे 250 मेगावाट बिजली ।
    विस्तार :- राज्य में चीनी मिलों व नहरों से बिजली पैदा करने को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 250 मेगावाट का लक्ष्य अफसरों को दिया। यूजेवीएनएल मुख्यालय में पिटकुल व यूपीसीएल की ओर से 15 करोड़ का लाभांश सरकार को दिए जाने के अवसर पर सीएम ने कहा कि राज्य के बिजली के निगम अब कमाऊपूत बन रहे हैं। सीएम ने कहा कि चीनी मिलों से भी 100 मेगावाट बिजली पैदा की जाए। फिलहाल शुरुआत यूजेवीएनएल (UJVNL) व उत्तराखंड शुगर्स के बीच दो बगास आधारित परियोजनाएं शुरू होने जा रही हैं। नादेही से 16 मेगावाट, बाजपुर से 22 मेगावाट बिजली पैदा होगी। सीएम ने सोलर ऊर्जा से जल्द 200 मेगावाट बिजली पैदा करने का लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए। पिटकुल, यूजेवीएनएल की ओर से 15 करोड़ का लाभ सरकार को दिया जा रहा है। बिजली उत्पादन बढ़ाने को रुड़की आईआईटी के साथ मिल कर शोध के क्षेत्र में कार्य किया जाएगा।
  1. उत्तराखंड सरकार और डीएमआरसी (DMRC) के बीच मेट्रो लाइन निर्माण के लिए हुआ समझौता।
    विस्तार :- उत्तराखंड सरकार ने राज्य में मेट्रो रेल लाने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया हैं। हरिद्वार-ऋषिकेश-देहरादून में मेट्रो रेल परियोजना के लिए राज्य शहरी आवास विकास प्राधिकरण (UUHDA) और डीएमआरसी (DMRC) के बीच मुख्यमंत्री हरिश रावक की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए थे। UUHDA के मुख्य प्रशासक आर. मीनाक्षी सुंदरम और डीएमआरसी, के निदेशक सोमदत्त शर्मा ने सोमवार को परियोजना के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस परियोजना के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा 2.10 करोड़ रुपए की राशि डीएमआरसी को दी गई है। डीएमआरसी के एक महीने बाद एक प्रारंभिक रिपोर्ट देगी और 5 महीनों के बाद डीपीआर प्रस्तुत करेंगी।
  1. उत्तराखंड सरकार ने निर्णय लिया की, प्राइवेट पढ़ाई अब बंद होगी।
    विस्तार :-
    अब राज्य के स्नातक और पीजी स्तर पर प्राइवेट पढ़ाई भविष्य में नहीं होगी। उत्तराखंड  में प्राइवेट परीक्षा व्यवस्था तत्काल प्रभाव से बंद कर दी गई है। इसके बाद अगले शैक्षिक सत्र में स्नातक और पीजी स्तर की कक्षाओं में प्रथम वर्ष की प्राइवेट परीक्षा बंद कर दी जाएगी। इसके बाद हर साल क्रमवार द्वितीय, तृतीय वर्ष में दोनों स्तरों पर प्राइवेट परीक्षा की व्यवस्था बंद कर दी जाएगी।  सरकार ने शैक्षिक सत्र 2017-18 से व्यक्तिगत परीक्षा की व्यवस्था खत्म कर दी है। इसकी जगह मुक्त विश्वविद्यालय से दूरस्थ मोड में पढ़ाई की जा सकेगी। स्नातक और पीजी स्तर पर प्राइवेट मोड में पढ़ाई करा रहे कुमाऊं और श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय को इस बाबत आदेश जारी कर दिए गए हैं। अगले शैक्षिक सत्र से ये प्राइवेट से पढ़ाई कर रहे सभी छात्र मुक्त विश्वविद्यालय में शिफ्ट हो जाएंगे।
  1. हरिद्वार में दक्षिण भारत के महान संतकवि तिरूवल्लूवर की प्रतिमा का अनावरण
    विस्तार :- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरिद्वार के मेला नियंत्रण भवन (अगस्त क्रांति भवन) में सोमवार (19 दिसम्बर 2016) को दक्षिण भारत के महान संत, कवि और समाज सुधारक संत तिरूवल्लूवर की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर कांची कामकोटी पीठ्म के प्रतिनिधि पीएन रविशंकर दवे, डॉ. चिन्नापन भास्कर, एम. गणेशन, डॉ. जनाशेखरन, स्वामी जमूनानन्द, स्वामी षड्मूनानन्द तथा तमिल समुदाय के प्रतिनिधियों के अलावा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी तथा समाज के गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
  1. ‘आदमखोर’ वन्यजीवों को मारने और उनका शव मीडिया में दिखाने पर हाई कोर्ट ने लगाया बैन ।
    विस्तार :- उत्तराखंड हाई कोर्ट ने जंगली जानवरों जैसे- बाघ, चीता और तेंदुए को आदमखोर घोषित कर मारने पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है। 19 दिसम्बर 2016 को कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। जस्टिस राजीव शर्मा और आलोक सिंह की डिविजन बेंच ने सभी जंगली जानवरों को आदमखोर घोषित कर मारने पर पूरी तरह से रोक लगा दी। साथ ही उन जानवरों के शव को प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में दिखाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। हाई कोर्ट ने कहा, ‘अगर किसी जंगली जानवर की वजह से आम लोगों के जीवन को खतरा हो तो उसे जानवरों के डॉक्टर की मौजूदगी में ट्रांक्वेलाइजर गन का इस्तेमाल कर बेहोश कर जिंदा पकड़ा जाए और फिर पास के जंगलों में छोड़ दिया जाए।’ किसी जानवर की वजह से इंसान की जिंदगी को खतरा है या नहीं इस बारे में फैसला हाई लेवल की एक कमिटी द्वारा लिया जाएगा। इस कमिटी में फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के प्रिसिंपल सेक्रेटरी और प्रिसिंपल चीफ कंज़रवेटर शामिल होंगे।
  1. मुख्यमंत्री द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय स्पॉट्स स्टेडियम का उद्घाटन हल्द्वानी में ।
    विस्तार :- हल्द्वानी में प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत, वित्त मंत्री डा0 श्रीमती इन्दिरा हृदयेश, राजस्व मंत्री यशपाल आर्य, खेल मंत्री दिनेश अग्रवाल, प्रभारी मंत्री प्रीतम सिंह, श्रम मंत्री हरीशचन्द्र दुर्गापाल ने संयुक्त रूप से रविवार को ग्रेटर हल्द्वानी गौलापार में लगभग 200 करोडों की लागत से बने इन्दिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय स्र्पोटर्स काम्पलैक्स क्रिकेट स्टेडियम का लोकार्पण किया । 2018 में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी उत्तराखण्ड कर रहा है।
  2. भारत की पहली ट्रेन उत्तराखंड के रुड़की से पिरान कलियर रुट पर चली थी ।
    विस्तार :- भारत में पहली रेल बंबई और थाणे के बीच 1853 में चलाई गई थी। लेकिन बहुत कम लोगों को बता है कि इससे पहले ही भारत में रेल की शुरुआत हो चुकी थी। लेकिन इसकी शुरुआत देवभूमि उत्तराखंड में ही हुई थी। भारत की पहली रेल बंबई और थाणे के बीच नहीं चली थी। बल्कि भारत की पहली रेल उत्तराखंड में चली थी और वह भी बंबई-थाणे से दो साल पहले 22 दिसम्बर 1851 में ब्रिटिश काल में बनी भारत की पहली रेलवे लाइन और भाप के इंजन का पहली बार उपयोग रुड़की से पिरान कलियर के बीच किया गया था। 1837-38 में उत्तर-पश्चिमी प्रांत में भारी सूखा पड़ गया था। इसके चलते ईस्ट इंडिया कंपनी को राहत कार्यों में बड़ी संख्या में धनराशि खर्च करनी पड़ी। कंपनी के अधिकारियों ने इस समस्या से राहत पाने के लिए गंगा से नहर बनाने की तैयारी शुरू की। लेकिन बीच में पड़ने वाली सोनाली नदी के ऊपर से नहर निकालना बड़ी समस्या थी. इसके लिए ब्रिटिश इंजीनियरों ने सोनाली एक्वाडक्ट (जलसेतु) बनाकर नहर को नदी के ऊपर से गुजारने की योजना बनाई। पुल निर्माण के लिए खुदाई करनी थी और मलबे को कलियर में डालने की योजना बनाई गई. इस मलबे को लाने के लिए रेलवे लाइन बिछाई गई। इस लाइन पर चलाने के लिए जो वैगन लाई गई उसका नाम प्रांत के तत्कालीन गवर्नर थॉमसन के नाम पर रखा गया। बाद में मशहूर गायिका के नाम पर इसका नाम जेनी लिंड रख दिया गया। इस तरह भारत की रुड़की और पिरान कलियर के बीच भारत की पहली रेल चली। सार्वजनिक क्षेत्र में इसका उपयोग नहीं होने के कारण देश की पहली रेलवे बंबई से थाणे को ही माना जाता है।

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