एम पॉक्स (मंकीपॉक्स) के खतरे को ध्यान में रखते हुए बेंगलुरु एयरपोर्ट को हाई अलर्ट पर रखा गया है। कोविड-19 की तरह ही एम पॉक्स के प्रसार को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की स्क्रीनिंग और परीक्षण किए जा रहे हैं, खासकर अफ्रीकी देशों से आने वालों की। भारत में एम पॉक्स का पहला मामला दिल्ली में पाया गया, और इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी एयरपोर्ट्स और सीपोर्ट्स पर कड़ी निगरानी और टेस्टिंग के आदेश जारी किए हैं।
बेंगलुरु एयरपोर्ट ने 4 विशेष टेस्टिंग काउंटर बनाए हैं और संदिग्ध मामलों के लिए एक आइसोलेशन ज़ोन भी तैयार किया गया है। यदि कोई यात्री Mpox (मंकीपोक्स) पॉजिटिव पाया जाता है, तो उसे 21 दिन के क्वारंटाइन में रखा जाएगा। इसके अलावा, हवाई अड्डों पर लक्षण जैसे बुखार, स्किन रैशेज, सिरदर्द आदि पर ध्यान दिया जा रहा है।
हालांकि Mpox (मंकीपोक्स) का संक्रमण कोविड-19 जितना घातक नहीं है, लेकिन इसका फैलाव तेजी से हो सकता है, विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय यात्रा के माध्यम से। इसलिए, विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को इस वायरस के प्रति सतर्क रहना चाहिए।
साथ ही, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में पहली एम पॉक्स वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दी है। यह वैक्सीन बवेरिया नॉर्डिक्स द्वारा निर्मित है और दो डोज में दी जाती है।