उत्तराखंड के वन क्षेत्र, वनों के प्रकार, वन आच्छादित क्षेत्र, वन नीतियाँ : उत्तराखंड वन सांख्यिकी (Uttarakhand Forest Statistics) के अनुसार उत्तराखंड राज्य में रिकॉर्डेड वन का कुल क्षेत्रफल 37999.60 वर्ग किलोमीटर है, जो राज्य के कुल क्षेत्रफल का 71.05 % है।
जिसमे से वन विभाग के अधीन 25,863.18 वर्ग किमी. व वन पंचायतों के अधीन 12,089 वर्ग किमी. है, आकड़ों के अनुसार उत्तराखंड के वनों को निम्न 3 भागो में बाँटा गया हैं :-
- आरक्षित वन (Reserved forests) – 24,65 वर्ग किमी.
- संरक्षित वन (Protected Forests) – 614 वर्ग किमी.
- अवर्गीकृत वन (Unclassified forest) – 917 वर्ग किमी.
राष्ट्रीय वन नीति (National Forest Policy) 1998 के अनुसार देश की कुल क्षेत्रफल के 33% भाग पर वन होने आवश्यक है, जिसमें पर्वतीय क्षेत्र में कम से कम 60% और मैदानी क्षेत्रों में कम से कम 25% वन होने आवश्यक है।
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उत्तराखंड वन क्षेत्र
उत्तराखंड वन सांख्यिकी 2015 के अनुसार प्रबंध की दृष्टि से वन क्षेत्रों का जनपदानुसार विवरण (हेक्टेयर में) :-
जनपद | आरक्षित वन | संरक्षित वन | अवर्गीकृत वन | निजी वन | कुल वन |
---|---|---|---|---|---|
बागेश्वर | 68,925.700 | 107.620 | 38,782.924 | 1,10,159.576 | |
अल्मोड़ा | 78,399.930 | 119.610 | 2,955.735 | 2,36,184.110 | |
पिथौरागढ़ | 75,583.160 | 1,44,451.00 | 2,77,175.090 | 5,40,149.775 | |
चम्पावत | 73,420.750 | 117.166 | 31,232.781 | 1,32,337.501 | |
नैनीताल | 2,56,643.516 | 800.670 | 1.000 | 28,067.789 | 2,98,235.946 |
उधमसिंह नगर | 92,852.250 | 863.370 | 121.400 | 93,837.020 | |
रुद्रप्रयाग | 1,27,778.260 | 20701.585 | 1,80,365.292 | ||
चमोली | 2,81,719.850 | 1,88,355.180 | 5,06,100.261 | ||
टिहरी | 2,31,517.400 | 0.070 | 13,180.000 | 3,21,563.920 | |
उत्तरकांशी | 6,95,478.790 | 9.982 | 2.629 | 7,264.518 | 7,21,664.103 |
हरिद्वार | 66,394.550 | 2,123.000 | 3,913.150 | 72,430.700 | |
पौढ़ी गढ़वाल | 2,30,907.350 | 1775.900 | 19.130 | 52814.023 | 3,85,094.246 |
देहरादून | 1,46,846.350 | 4,288.460 | 1,138.951 | 15,357.711 | 2,01,830.072 |
भारतीय वन सर्वेक्षण के द्वारा सेटेलाइट इमेजरी के विशलेषण के अनुसार वन आच्छादित क्षेत्र का विवरण (2013)
जनपद | वन क्षेत्र (वर्ग किमी.) | वन क्षेत्र % में |
---|---|---|
बागेश्वर | 2,246 | 61.49 |
अल्मोड़ा | 3,139 | 50.24 |
पिथौरागढ़ | 7,090 | 29.62 |
चम्पावत | 1,766 | 67.21 |
नैनीताल | 4,251 | 72.31 |
उधमसिंह नगर | 2,542 | 24.48 |
रुद्रप्रयाग | 1,984 | 56.96 |
चमोली | 8,030 | 33.56 |
टिहरी | 3,642 | 58.98 |
उत्तरकांशी | 8,016 | 39.23 |
हरिद्वार | 2,360 | 26.06 |
पौढ़ी गढ़वाल | 5,329 | 61.76 |
देहरादून | 3,088 | 52.14 |
- क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे ज्यादा वन क्षेत्र वाले ज़िले क्रमशः घटते क्रम में :- चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, पौढ़ी गढ़वाल, नैनीताल, टिहरी, अल्मोड़ा, देहरादून, उधमसिंह नगर, हरिद्वार, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग, चम्पावत
- ज़िले के क्षेत्रफल के अनुपात की दृष्टि से सबसे ज्यादा वन क्षेत्र वाले ज़िले क्रमशः घटते क्रम में :– नैनीताल, चम्पावत, पौड़ी गढ़वाल, बागेश्वर, टिहरी, रुद्रप्रयाग, देहरादून, अल्मोड़ा, उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, हरिद्वार, उधमसिंह नगर
ऊँचाई के क्रम में वनों का प्रतिशत
ऊंचाई के बढने के साथ-साथ वनों का कुल क्षेत्रफल बढ़ता है फिर एक निश्तिच ऊंचाई के बाद पुन: घटने लगता है।
- 300 मीटर से नीचे ऊंचाई वाले भागों में वनों का प्रतिशत 12.8 है।
- 300-600 मीटर के मध्य 12.3% है ।
- 600-1200 मीटर वाले क्षेत्रों में 16.3% है ।
- 1200- 1800 मीटर की ऊँचाइयों वाले क्षेत्रों में 22.3% है ।
- 1800- 3000 मीटर की ऊँचाइयों वाले क्षेत्रों में सर्वाधिक वन 28.8% हैं ।
- 3000 मीटर से अधिक ऊँचाइयों वाले क्षेत्रों पर केवल 7.5% हैं ।
विधिक दृष्टि से वन
नियंत्रण/प्रबन्ध की दृष्टि से वन क्षेत्र का वर्गीकरण
उत्तराखंड की वन नीतियाँ
सन् 1865 में वनों से संबंधित भारत का पहला कानून भारतीय वन अधिनियम (Indian Forest Act) पास किया गया। इस अधिनियम के बाद वनों की अंधाधुन्ध कटाई में कमी आयी । इसके बाद 1884 में वनों के वैज्ञानिक प्रबंधन के लिए वन विभाग कार्य योजना लागू किया गया।
स्वतंत्रता के बाद 1948 में केन्द्रीय वानिकी परिषद (Central Forestry Council) की स्थापना हुई तथा वनों के संरक्षण, विस्तार, रखरखाव लाभों के प्रति लोगो में जागरूकता लाने के लिए 1950 से देश भर में वन महोत्सवों के आयोजन शुरु किए गये।
वनों के संरक्षण, विकास एवं प्रशासन को नये सिरे से चलाने के लिए 1952 में नई राष्ट्रीय वन नीति (National Forest Policy) बनायीं गई और कुछ परिवर्तन के साथ 1998 में संशोधित राष्ट्रिय वन नीति (Revised National Forest Policy) बनाईं गई।
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