Haryana HTET PGT exam paper 16 November 2019 Answer Key (Child Development and Pedagogy)

16. वाइगोट्स्की के अनुसार, कार्य करने की वह सीमा जो बालक अकेले के लिए बहुत कठिन हो परन्तु प्रौढ़ और अधिक कुशल साथी की सहायता से करना संभव हो, कहलाती है :
(1) स्कैफोल्डिंग
(2) अन्तः व्यक्तिनिष्ठता
(3) निर्देशित सहभागिता
(4) आसन्न विकास क्षेत्र

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17. पियाजे के अनसार. निम्नलिखित में से कौन-सी विशेषता बालकों के औपचारिक क्रियात्मक अवस्था से सम्बन्धित नहीं है ?
(1) परिकल्पनात्मक-निगमनात्मक तर्कना
(2) आदर्शवादी तर्कना
(3) स्थानिक तर्कना
(4) अमूर्त तर्कना

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18. पारुल के बुद्धि परीक्षण उसे औसत और औसत से अधिक बुद्धि को दर्शाते हैं। जबकि उसके पठन, वर्तनी, सामाजिक विज्ञान और विज्ञान के ग्रेड अत्यधिक न्यन (कम) हैं। उसके गणित के ग्रेड काफी उच्च और लेखन कौशल पर्याप्त हैं। पारुल को मुख्यतः है :

(1) डिसकेल्कुलिया
(2) डिसग्राफिया
(3) डिसलेक्सिया
(4) डिसफेसिस

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19. निम्नलिखित में से कौन-सा प्रश्न विद्यार्थियों को अपने प्रयोजन पर विवेचना करने में सर्वाधिक सही है ?
(1) आपके जीवन में आपके लिए क्या सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है ?
(2) आप अपने जीवन को किस प्रकार संगठित कर सकते हैं ?
(3) आप अच्छे ग्रेड प्राप्त करने लिए क्या कर सकते हैं ?
(4) आप किस प्रकार बेहतर अल्पकालिक लक्ष्य बना सकते हैं ?

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20. प्रतिभाशाली बालकों के लिए निम्नलिखित में से कौन-सा कार्यक्रम उपयुक्त नहीं है ?
(1) विशिष्ट कक्षा
(2) उपचारात्मक शिक्षण
(3) त्वरण (गतिवर्द्धन)
(4) सामान्य कक्षा में संवर्धन

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21. किशोर जन मुख्यतया बालिकाएँ कठोर आहार आदतों और अत्यधिक अभ्यास कार्य को करने लगती हैं। किशोरों का यह आहार सम्बन्धी विकार कहलाता है :

(1) एनोरेक्सिया नर्वोसा
(2) बाध्यता-मनोग्रस्ति तन्त्रिकाताप (ऑबसेसिव कम्पल्सिव न्यूरोसिस)
(3) तन्त्रिकीय विकास विकार (न्यरो डेवलपमेन्टल डिसऑर्डर)
(4) बुलिमिया नर्वोसा

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22. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन समावेशी शब्द को सर्वाधिक उपयुक्त रूप से परिभाषित करता है ?
(1) विशेष आवश्यकता वाले बालकों को विशिष्ट विद्यालयों में शिक्षा देना
(2) विशेष आवश्यकता वाले बालकों को विद्यालयों में विशिष्ट कक्षा में शिक्षा देना
(3) विशेष आवश्यकता वाले बालकों को सामान्य कक्षा में अधिकतम समय शिक्षा देना
(4) विशेष आवश्यकता वाले बालकों को सामान्य कक्षा में पूरे समय शिक्षा देना

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23. सर्वगों की प्रकृति के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है ?
(1) संवेगों की अभिव्यक्ति अधिगम द्वारा परिवर्तित हो जाती है।
(2) संवेग जीव की स्थायी अवस्था है।
(3) संवेग आन्तरिक उद्दीपनों द्वारा जाग्रत होते
(4) संवेगों की निश्चित भावाभिव्यक्ति भिन्न-भिन्न अर्थ लिए होती है।

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24. जब विद्यार्थी अधिगम विषयवस्तु का अथ निकालकर उसे समझने के अधिगम उपागम का उपयोग करते हैं तो यह अधिगम शैली निम्नलिखित में से कौन-सी है ?
(1) व्यावहारिक शैली
(2) आवेगी शला
(3) सतही शैली
(4) गहन शैली

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25. इस प्रकार बोलना अथवा लिखना जो दूसरों पर प्रभाव छोड़ दे, कहलाता है :
(1) भाषा का व्याकरण
(2) भाषा का ध्वनिग्राम (फ़ोनीम)
(3) भाषा का व्यवहारिक रूप
(4) भाषा का रूपग्राम (मॉरफीम)

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26. अधिगम की वह अवस्था जिसमें एक से अधिक साथी एक दूसरे को प्रेरित और प्रोत्साहित करते हैं, कहलाती है :
(1) दल (टीम) शिक्षण
(2) अभिक्रमित अनुदेशन
(3) सहयोगी अधिगम
(4) अन्वेषण अधिगम

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27. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन बालक विकास के सिद्धान्तों के बारे में गलत है ?
(1) विकास एक निश्चित और पूर्व अनुमानित प्रारूप से होता है।
(2) सभी व्यक्ति उनके विकास में समान होते है।
(3) विकास आनुवंशिकी और वातावरण का उत्पाद (परिणाम) है।
(4) विकास समाकलन के सिद्धान्त पर कार्य करता है।

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28. गार्डनर के अनुसार, दूसरों के मूड (मनोदशा), स्वभाव अभिप्रेरणाओं और इरादों को पहचानने और उपयुक्त अनुक्रिया करने की योग्यता कहलाती है :
(1) भाषिक बुद्धि
(2) दैहिक-गतिबोधक बुद्धि (बॉडिली-काइनेस्थैटिक बुद्धि)
(3) अंतर्वैयक्तिक बुद्धि
(4) अंतरावैयक्तिक बुद्धि

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29. पियाजे के अनुसार, किशोरों की वास्तविक संसारिक परिस्थितियों को देखे बिना शाब्दिक कथनों के तर्कों को मूल्यांकन करने की योग्यता है:
(1) साध्यात्मक विचार
(2) ट्रांजिटिव निष्कर्ष (संक्रमणीय अनुमान)
(3) संज्ञानात्मक मानचित्रण
(4) विकेन्द्रीयन

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30. निम्नलिखित में से किस मनोवैज्ञानिक न किशोरावस्था को परिभाषित किया कि किशोरावस्था वह काल (अवधि) है जिसमें बालक और बालिकाएँ मानसिक, संवेगात्मक, सामाजिक और शारीरिक रूप से बाल्यावस्था से प्रौढ़ावस्था की ओर जाते हैं” ?
(1) ए० टी० जरशिल्ड
(2) ई० बी० हरलॉक
(3) आई० पी० डेविस
(4) एच० सोरेनसन

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Haryana HTET PGT exam paper 16 November 2019 Answer Key (Part 2 – Languages)

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