कहानी किसे कहते हैं एवं कहानी लिखने के नियम क्या है

कहानी किसे कहते हैं एवं कहानी लिखने के नियम क्या है

कहानी किसे कहते हैं एवं कहानी लिखने के नियम क्या है : कहानी किसे कहते हैं और कहानी लिखने के नियम क्या है, कहानी किसे कहते हैं (What is Story in hindi), कहानी लिखने के नियम क्या है (What Are the Rules of Writing a Story), कहानी की शुरुआत कैसे करें, कहानी लेखन के प्रकार, कहानी के अंत में क्या लिखना चाहिए आदि महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर यहाँ दिए गए हैं।

कहानी किसे कहते हैं (What is Story in hindi)

कहानी वह रचना होती है जिसमें जीवन के किसी महत्वपूर्ण अंग या घटना का वर्णन बेहद रोचक ढंग से किया जाता है। एक लेखक कहानी के माध्यम से अपने मनोभाव को पाठकों के सम्मुख प्रस्तुत करने का प्रयास करता है। कहानी में एक नायक की मुख्य भूमिका होती है जिसमें लेखक उसके चरित्र, विचारधारा, घटनाएं, उपलब्धियां आदि का वर्णन करता है। आसान शब्दों में कहा जाए तो कहानी वह रचना होती है जिसके माध्यम से पाठकों एवं श्रोताओं को किसी महापुरुष के जीवन से संबंधित सभी घटनाओं की जानकारी कलात्मक ढंग से प्रस्तुत की जाती है। कहानी गद्य साहित्य की सबसे रोचक एवं लोकप्रिय विधा मानी जाती है जो किसी व्यक्ति के जीवन का मार्मिक एवं भावनात्मक वर्णन करने में सक्षम होती है।

कहानी लिखने के नियम क्या है (What Are the Rules of Writing a Story in hindi)

कई साहित्यकारों के अनुसार कहानी लिखने के लिए कुछ आवश्यक नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है जैसे:-

  • एक बेहतर कहानी की रचना करने के लिए सर्वप्रथम एक लेखक को कहानी के विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
  • लेखक को कहानी लिखने की प्रेरणा की तलाश करनी चाहिए जिसके माध्यम से वह किसी भी विषय को बेहतर ढंग से प्रस्तुत कर सके।
  • एक बेहतर कहानी लेखन के लिए विषय की रूपरेखा एवं संकेतों के आधार पर कहानी का विस्तार करना चाहिए।
  • एक कहानी में किसी व्यक्ति के जीवन से संबंधित सभी महत्वपूर्ण घटनाओं एवं प्रसंगों का संतुलित वर्णन किया जाना चाहिए।
  • कहानी को अधिक प्रभावशील एवं रोचक बनाने के लिए सरल भाषा का उपयोग करना चाहिए जिसके कारण पाठकों को कहानी के भाव को समझने में आसानी हो सके।
  • विभिन्न साहित्यकारों के अनुसार कहानी स्वाभाविक एवं प्रवाहमयी होनी चाहिए।
  • कहानी का शीर्षक बेहद सरल एवं आकर्षक होना चाहिए। इसके अलावा कहानी का शीर्षक ऐसा होना चाहिए जिसके माध्यम से संपूर्ण कहानी के सार की जानकारी प्राप्त हो सके।
  • कहानी की रचना कुछ इस प्रकार से की जानी चाहिए जिसके माध्यम से पाठकों एवं श्रोताओं को कोई ना कोई उपदेश मिल सके।
  • किसी भी कहानी का अंत बेहद सहज भाव से होना चाहिए जिसमें मुख्य रुप से लेखक के मनोभाव एवं उद्देश्य की जानकारी प्राप्त हो सके।

कहानी की शुरुआत कैसे करें (How To Start A Story in hindi)

कहानी की शुरुआत करने के लिए निम्नलिखित बातों का विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए जैसे:-

  • किसी भी कहानी की शुरुआत में सर्वप्रथम किसी व्यक्ति का जीवन परिचय एवं चरित्र परिचय विभिन्न पात्रों के माध्यम से दिया जाना चाहिए। तत्पश्चात कहानी को एक नाटकीय रूप में प्रस्तुत करके पाठकों को नायक के जीवन से परिचित कराना चाहिए। इसके बाद कहानी के अंत में एक खुशहाल माहौल बनाना चाहिए जो पाठकों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सके।
  • कहानी का आरंभ बेहद आकर्षक एवं रोमांचक होना चाहिए जिससे पाठकों को कहानी के प्रति लुभाया जा सके। इसके अलावा कहानी का शीर्षक भी अच्छा होना चाहिए जिसके कारण पाठकों को कहानी के शीर्षक के माध्यम से आकर्षित किया जा सके।
  • कहानी लेखन के लिए कहानी के नायक पर विशेष ध्यान केंद्रित करना बेहद अनिवार्य होता है क्योंकि नायक वह चरित्र होता है जिसकी किसी कहानी में एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
  • किसी भी कहानी की रचना में सरल भाषा का उपयोग करना चाहिए जिससे कहानी अधिक प्रभावशाली हो सके। इसके अलावा कहानी में कठिन शब्दों एवं वाक्यों का प्रयोग भी कम से कम करना चाहिए।
  • यदि किसी कहानी में किसी विशेष व्यक्ति के जीवन से जुड़ी घटनाओं की जानकारी दी जाती है तो उस कहानी में घटित सभी घटनाओं को क्रमानुसार व्यवस्थित किया जाना चाहिए।
  • कहानी में उपयोग में लाए जाने वाले वाक्य छोटे एवं क्रमबद्ध होने चाहिए।
  • किसी भी कहानी को बेहतर ढंग देने के लिए उसकी आधारभूत रूपरेखा को तैयार करना चाहिए।
  • कहानी लेखन के लिए चरित्रों का निर्माण करना बेहद आवश्यक होता है। यह वह माध्यम होता है जिसके द्वारा पाठकों एवं श्रोताओं को कहानी की संरचना समझने में आसानी होती है। कहानी में मौजूद विभिन्न चरित्रों के द्वारा पाठकों की रूचि कहानी में और अधिक बढ़ जाती है।
  • किसी कहानी में स्पष्ट रूप से समय, स्थान, वातावरण आदि का उपयोग करने से कहानी को अधिक प्रभावशाली बनाया जा सकता है क्योंकि यह कहानी का वह अंग होते हैं जिनमें भावों की अधिक प्रधानता होती है।

कहानी लेखन के प्रकार (Types of Story Writing in hindi)

कहानी लेखन के कई प्रकार होते हैं जैसे:-

  • साहित्यिक कहानियां
  • लोकप्रिय कहानियां
  • घटना प्रधान कहानियां
  • वातावरण प्रधान कहानियां
  • मनोविश्लेषणात्मक कहानियां
  • चरित्र प्रधान कहानियां
  • भाव प्रधान कहानियां

साहित्यिक कहानियां (Literary Stories)

साहित्यिक कहानियां गद्य साहित्य की सबसे महत्वपूर्ण, रोचक एवं लोकप्रिय विधा मानी जाती हैं। इसके अंतर्गत कहानी एवं उपन्यास विधा सम्मिलित रूप में देखी जा सकती है। इस प्रकार की कहानियों में यथार्थता, सामाजिकता, राष्ट्रीयता, संवेदनशीलता, आधुनिकता एवं भावनात्मकता का स्तर परिपूर्ण रहता है। साहित्यिक कहानियां सबसे प्राचीनतम एवं उच्चतम कहानियों की श्रेणी में आती हैं।

लोकप्रिय कहानियां (Popular Stories)

लोकप्रिय कहानियों को पारंपरिक कथाओं के नाम से भी जाना जाता है जिसमें कुछ पात्रों की कहानी को मुख्य रूप से प्रस्तुत किया जाता है। इस प्रकार की कहानियों में दंतकथाएं, परियों की कहानियां, रीति-रिवाजों की कहानियां, संस्कृति की कहानियां आदि सम्मिलित होती हैं। इसके अलावा लोकप्रिय कहानियों में प्राचीनतम कहानियां भी निहित होती हैं जिसे बालकों द्वारा बेहद पसंद किया जाता है।

घटना प्रधान कहानियां (Episodic Stories)

घटना प्रधान कहानियों में विशेष रूप से किसी व्यक्ति के जीवन में घटित सभी घटनाओं को क्रमबद्ध तरीके से दर्शाया जाता है। इस प्रकार की कहानियों में सभी दैवीय घटनाओं एवं रहस्यमई घटनाओं की अधिक प्रधानता रहती है। इसके अलावा घटना प्रधान कहानियों में आदर्शवादी कहानियां, तिलस्मी कहानियां, अद्भुत कहानियां आदि भी सम्मिलित होती हैं। घटना प्रधान कहानियों की विशेषता यह है कि इसमें चरित्रों के भाव की तुलना में मनोरंजन पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जाता है।

वातावरण प्रधान कहानियां (Atmospheric Stories)

वातावरण प्रधान कहानियों में मुख्य रूप से वातावरण के स्वरुप पर अधिक बल दिया जाता है। यह कहानियां वास्तव में एक कल्पना ना होकर जीवन परक होती हैं एवं इस प्रकार की कहानियों में यह बताया जाता है कि वास्तव में जीवन का संबंध वातावरण से होता है। कई ऐतिहासिक कहानियों में वातावरण की एक विशेष भूमिका होती है जिसके कारण इस प्रकार की कहानियों की रचना की जाती है। इसके अलावा वातावरण प्रधान कहानियों में किसी युग की संस्कृति, सभ्यता एवं रीति रिवाज का भी वर्णन किया जाता है जिसके माध्यम से पाठकों एवं श्रोताओं को यह बताया जाता है कि वातावरण का संबंध जीवन से किस प्रकार होता है।

मनोविश्लेषणात्मक कहानियां (Psychoanalytic Stories)

मनोविश्लेषणात्मक कहानियों का आधार मनोविज्ञान से होता है जिसमें मानव की चेतना को अधिक प्रधानता दी जाती है। इस प्रकार की कहानियों में विशेष रुप से किसी व्यक्ति के जीवन से जुड़ी घटनाओं एवं कार्यों की अपेक्षा मनोविश्लेषण को अधिक प्रमुखता दी जाती है। मनोविश्लेषणात्मक कहानियों में करुणा, सहानुभूति एवं दया की भावना निहित होती है। यह समाज में एक गहरा प्रभाव डालती हैं जिसके कारण व्यक्तियों का मानसिक विकास होता है।

चरित्र प्रधान कहानियां (Character Driven Stories)

चरित्र प्रधान कहानियां वह होती हैं जिसमें नायक के चरित्र की प्रधानता होती है। इस प्रकार की कहानियों के माध्यम से पाठकों को नायक के जीवन से जुड़ी सभी घटनाओं की विस्तृत जानकारी प्राप्त होती है। एक लेखक चरित्र प्रधान कहानियों के माध्यम से पाठक के भीतर की विचारधाराओं, संवेदनाओं, क्रियाकलापों एवं भावनाओं को जागृत करने का प्रयास करता है। इसके अलावा इस प्रकार की कहानियों में प्रेम, ईर्ष्या, दया, हर्ष, पीड़ा, संघर्ष आदि जैसे भाव को भी व्यक्त किया जाता है।

भाव प्रधान कहानियां (Emotional Stories)

भाव प्रधान कहानियों में कहानी के नायक एवं अन्य पात्रों के भाव पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जाता है। यह वह कहानियां होती हैं जो किसी व्यक्ति के भाव या विचारों पर आधारित होती हैं। इस प्रकार की कहानियों में प्रमुख पात्र एवं वातावरण को गौण रखा जाता है। यह कहानियां भाव-चित्रों के माध्यम से व्यक्ति के आंतरिक सौंदर्य के सत्य को साकार रूप प्रदान करने में सक्षम होती हैं।

कहानी के अंत में क्या लिखना चाहिए (What Should Be Written At the End of the Story)

माना जाता है कि किसी भी कहानी को अधिक आकर्षक बनाने के लिए कहानी के अंत को बेहतर ढंग से व्यवस्थित करना बेहद अनिवार्य होता है क्योंकि कहानी का अंत किसी भी कहानी का वह महत्वपूर्ण अंग होता है जिसमें सम्पूर्ण कहानी का सार निहित होता है। जिस प्रकार किसी कहानी की शुरुआत बेहद सहज भाव से होती है ठीक उसी प्रकार कहानी का अंत भी सहज भाव एवं सरल भाषा के माध्यम से होता है। इसमें संपूर्ण कहानी का सार होने के साथ-साथ कोई ना कोई उपदेश अवश्य होता है जिसका संबंध समाज के लगभग हर प्राणी से होता है। किसी भी कहानी का अंत उस कहानी में वर्णित सभी घटनाओं को क्रमानुसार स्पष्ट करता है। इसके साथ ही यह लेखक के विचारों को भी व्यक्त करने में भी बेहद सहायक होता है।

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