मध्य प्रदेश के प्राकृतिक एवं खनिज संसाधन 

मध्य प्रदेश के प्राकृतिक एवं खनिज संसाधन 

मध्य प्रदेश के प्राकृतिक एवं खनिज संसाधन (Natural and Mineral Resources of Madhya Pradesh in hindi) : मध्य प्रदेश में विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक एवं खनिज संसाधन पाए जाते हैं जिसके कारण इसे देश में प्रथम स्थान का गौरव प्राप्त है। प्राकृतिक एवं खनिज संसाधनों के दृष्टिकोण से इस प्रदेश को भारत के संपन्न राज्यों में गिना जाता है। मध्य प्रदेश में लगभग 25 से अधिक खनिज संसाधन पाए जाते हैं जिनमें से लगभग 20 प्रकार के संसाधनों का उत्पादन इसी प्रदेश में किया जाता है। भारत के इस राज्य में खनिज नीति का निर्माण वर्ष 1995 में किया गया था। इसके अलावा मध्य प्रदेश में खनिज निगम की स्थापना 19 जनवरी वर्ष 1962 में की गई थी।

जानें – प्राकृतिक संसाधन किसे कहते हैं और खनिज संसाधन किसे कहते हैं

मध्य प्रदेश में मौजूद प्राकृतिक संसाधन (Natural Resources Present in Madhya Pradesh)

मध्य प्रदेश की भूमि में एक विशाल प्राकृतिक संसाधन मौजूद हैं। प्राकृतिक संसाधन वह सुविधाएं होती है जो प्रकृति के माध्यम से स्वयं ही प्रदान की गई है एवं इसके लिए किसी भी मनुष्य को कोई भी मूल्य नहीं चुकाना पड़ता है। प्राकृतिक संसाधन मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:-

  • नवीनीकरण प्राकृतिक संसाधन
  • अनवीनीकरण प्राकृतिक संसाधन

नवीनीकरण प्राकृतिक संसाधन (Renewable Natural Resources)

वह संसाधन जिन्हें एक बार उपयोग करने के बाद पुनः स्थापित करके दोबारा उपयोग में लाया जा सके ऐसे संसाधनों को नवीनीकरण प्राकृतिक संसाधन के नाम से जाना जाता है। यह पूर्ण रूप से प्राकृतिक होते हैं जैसे वृक्ष, सौर ऊर्जा, जल विद्युत ऊर्जा, बायोमास, जैव इंधन, पवन ऊर्जा आदि। माना जाता है कि प्रकृति में कई प्रकार के ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो स्वयं ही पुनः स्थापित हो जाते हैं।

अनवीनीकरण प्राकृतिक संसाधन (Non-Renewable Natural Resources)

अनवीनीकरण प्राकृतिक संसाधन वह संसाधन होते हैं जिन्हें प्राकृतिक रूप से केवल एक ही बार उपयोग में लाया जा सकता है एवं यह दोबारा किसी भी अवस्था में पुनः स्थापित नहीं हो सकते हैं जैसे पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, कोयला इत्यादि। यह ऐसे संसाधन होते हैं जो मानवीय क्रियाओं द्वारा पूर्ण रूप से समाप्त हो जाते हैं। अनवीनीकरण प्राकृतिक संसाधन एक बार समाप्त हो जाने के बाद पुनः स्थापित होने में करोड़ों वर्ष की अवधि ले सकते हैं।

मध्य प्रदेश में मौजूद खनिज संसाधन (Mineral Resources Present in Madhya Pradesh)

खनिज संसाधनों के दृष्टिकोण से मध्य प्रदेश भारत का एक समृद्ध राज्य है। वर्तमान समय में इस प्रदेश में लगभग 20 प्रकार के खनिज संसाधन पाए जाते हैं। मध्य प्रदेश में हीरे का उत्पादन अत्यधिक मात्रा में होता है। इसके अलावा इस प्रदेश में तांबा, मैंगनीज़, चूना पत्थर, पायरोफिलाइट का उत्पादन भी सर्वाधिक मात्रा में किया जाता है।

मध्य प्रदेश में पाए जाने वाले 10 प्रमुख खनिज संसाधन कुछ इस प्रकार हैं:-

  • हीरा
  • मैंगनीज
  • कोयला
  • लौह अयस्क
  • तांबा
  • चूना पत्थर
  • बॉक्साइट
  • अभ्रक
  • रॉक फास्फेट
  • संगमरमर

हीरा (Diamond)

भारत में हीरे का उत्पादन मध्य प्रदेश में सर्वाधिक मात्रा में किया जाता है। इस प्रदेश के विभिन्न स्थानों से हीरे को प्राप्त किया जाता है जिसके कारण यह प्रदेश देश के प्रथम स्थान पर आता है। मध्य प्रदेश में हीरे का उत्पादन सतना, पन्ना, छतरपुर आदि क्षेत्रों में किया जाता है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के पन्ना जिले को देश के एकमात्र हीरे की खान होने का गौरव प्राप्त है।

मैंगनीज (Manganese)

मध्य प्रदेश में मैंगनीज का उत्पादन सर्वाधिक मात्रा में किया जाता है जिसके कारण इस प्रदेश को भारत में प्रथम स्थान प्राप्त है। माना जाता है कि इस प्रदेश में मैंगनीज लगभग 106.2 लाख टन पाया जाता है। यह मध्य प्रदेश के बरवाती, बरजारी, सीतापुर, जबलपुर, छिंदवाड़ा, मखेली आदि स्थानों पर पाया जाता है। मैंगनीज को अवसाद चट्टानों के माध्यम से प्राप्त किया जाता है।

कोयला (Coal)

मध्य प्रदेश के पूर्वी भाग में कई कोयले की खदानें पाई जाती है जहां से प्रतिवर्ष भारी मात्रा में कोयला प्राप्त किया जाता है। माना जाता है कि इस प्रदेश में लगभग 16 कोयले की खदाने मौजूद हैं जिसके कारण यह प्रदेश कोयला उत्पादन में देश में चौथे स्थान पर आता है। मध्य प्रदेश में अधिकांश कोयले की खदानें बैतूल एवं छिंदवाड़ा नामक जिले में मौजूद हैं।

लौह अयस्क (Iron ore)

मध्य प्रदेश के उत्तर पूर्वी भाग में लौह अयस्क के भंडार पाए जाते हैं। कहा जाता है कि इस प्रदेश में पाए जाने वाला लोहा उच्चतम श्रेणी का होता है जिसमें लौह अयस्क की मात्रा लगभग 67% तक होती है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के विभाजन से पूर्व लगभग 80% लोहे के भंडार छत्तीसगढ़ क्षेत्र में पाए जाते थे। इस प्रदेश में लौह अयस्क झाबुआ, जबलपुर, मंडला एवं बालाघाट जैसे क्षेत्रों में अधिकांश मात्रा में पाए जाते हैं।

तांबा (Copper)

मध्य प्रदेश में तांबे की खदान बालाघाट के मलाजखंड नामक क्षेत्र में स्थित है। माना जाता है कि इस प्रदेश में तांबे का उत्पादन लगभग 29.22 करोड़ टन है। इस प्रदेश में तांबा अयस्क का खनन भारत के हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड कंपनी द्वारा किया जाता है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के जबलपुर, होशंगाबाद, सीधी, छतरपुर, ग्वालियर एवं नरसिंहपुर नामक जिलों में भी भारी मात्रा में तांबे के भंडार पाए जाते हैं।

चूना पत्थर (Limestone)

मध्य प्रदेश में चूना पत्थर को जबलपुर एवं मुड़वारा क्षेत्र से प्राप्त किया जाता है। इस प्रदेश में चूना पत्थर लगभग 40 से 50% तक पाया जाता है। चुना पत्थरों को कैल्केरियस चट्टानों का प्रमुख प्रतिनिधि माना जाता है। यह सीमेंट बनाने, कागज बनाने, चमड़ा बनाने एवं अन्य रासायनिक खादों के लिए बेहद उपयोगी माना जाता है। इसके अलावा मध्य प्रदेश में इसका खनन झाबुआ, ग्वालियर, सागर, जबलपुर, छिंदवाड़ा, निमाड़ आदि क्षेत्रों में भी किया जाता है।

बॉक्साइट (Bauxite)

मध्य प्रदेश में बॉक्साइट के भंडार मंडला, बालाघाट, शहडोल, कटनी, रीवा एवं सतना जैसे जिलों में पाए जाते हैं जहां लगभग 63.87 मिलियन टन भंडार मौजूद हैं। इन क्षेत्रों में कटनी एवं सतना जिलों में उच्चतम श्रेणी का बॉक्साइट प्राप्त किया जाता है। यह एलुमिनियम का एक प्रमुख अयस्क माना जाता है जो मुख्य रूप से एलुमिनियम बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है।

अभ्रक (Mica)

अभ्रक मध्य प्रदेश के बालाघाट, होशंगाबाद, छिंदवाड़ा, मंदसौर आदि जिलों में भारी मात्रा में पाया जाता है जो मुख्य रूप से विद्युत उद्योग में काम आता है। यह एक हल्का चमकदार एवं परतदार खनिज होता है जिसकी सहायता से कई प्रकार के यंत्र जैसे कंप्यूटर, टेलीफोन, डायनेमो, कंडेनसर आदि बनाए जाते हैं। अभ्रक विद्युत का कुचालक होता है जिसके कारण इसका इस्तेमाल स्टोव, भट्टियां, लैंप की चिमनी आदि में भी किया जाता है।

रॉक फास्फेट (Rock Phosphate)

मध्य प्रदेश में रॉक फास्फेट झाबुआ, सागर एवं छतरपुर जिले में पाए जाते हैं। यह मुख्य रूप से पेड़-पौधों के लिए प्राकृतिक स्रोत के रूप में कार्य करते हैं जो इनकी जड़ों को मजबूत बनाने एवं फलों का उत्पादन करने में सहायता प्रदान करते हैं। यह पौधों के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण कारक माने जाते हैं क्योंकि यह प्रकाश संश्लेषण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। माना जाता है कि मध्य प्रदेश में रॉक फास्फेट का लगभग 57 मिलियन टन भंडार मौजूद है।

संगमरमर (Marble)

संगमरमर एक चट्टान का परिवर्तित रूप है जो मुख्य रूप से इमारत बनाने, प्रतिमा बनाने, स्मारक बनाने एवं आंतरिक सजावट करने हेतु बेहद उपयोगी माने जाते हैं। मध्य प्रदेश में संगमरमर को ग्वालियर, जबलपुर, छिंदवाड़ा, बैतूल, सिवनी आदि क्षेत्रों से प्राप्त किया जाता है। यह मार्बल्स के निर्माण के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं। भारत में मौजूद इस प्रदेश में उच्चतम गुणवत्ता वाले संगमरमर का उत्खनन किया जाता है जो भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी निर्यात किए जाते हैं।

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