नेपोलियन बोनापार्ट कौन था - नेपोलियन बोनापार्ट का इतिहास, उत्थान, उदय के कारण

नेपोलियन बोनापार्ट कौन था – नेपोलियन बोनापार्ट का इतिहास, उत्थान, उदय के कारण

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नेपोलियन बोनापार्ट कौन था

नेपोलियन बोनापार्ट (Napoleon Bonaparte) फ्राँसीसी सैन्य प्रमुख और सम्राट था, जिसने 19वीं शताब्दी की शुरुआत में यूरोप के अधिकांश हिस्से पर विजय प्राप्त की थी। नेपोलियन बोनापार्ट का जन्म नाम नेपोलियोनि दि बोनापार्टे है। नेपोलियन बोनापार्ट ने अपनी बहादुरी से विश्व के एक बड़े क्षेत्र में अपना साम्राज्य कायम किया था। उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत एक सामान्य नागरिक की तरह की थी। नेपोलियन बोनापार्ट ने अपने जीवन काल में कई क्रांतिकारी आंदोलन किए थे जिसके कारण उन्हें कोर्सिका में बेहद कम उम्र में ही कई उपलब्धियां हासिल हुई थी। नेपोलियन बोनापार्ट पूरे विश्व में फ्रांस के साम्राज्य का विस्तार करना चाहते थे जिसके लिए उन्होंने कई सार्थक प्रयास किए परंतु वह इस कार्य में सफल नहीं हो सके। नेपोलियन बोनापार्ट को इतिहास का सबसे महान सेनापति के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने फ्रांस में नवीन विधि संहिता को लागू करने का कार्य किया था जिसके कारण इस संहिता को नेपोलियन की संहिता भी कहा जाता है।

नेपोलियन बोनापार्ट का इतिहास (नेपोलियन बोनापार्ट का जीवन परिचय)

नेपोलियन बोनापार्ट को नेपोलियन-1 के नाम से भी संबोधित किया जाता है। वह फ्रांसीसी सैन्य प्रमुख एवं सम्राट थे जिन्होंने 19वीं शताब्दी के आरंभ में यूरोप के अधिकांश क्षेत्रों पर जीत हासिल की थी। सन 1804 में नेपोलियन बोनापार्ट ने स्वयं को संपूर्ण यूरोप का सम्राट घोषित कर दिया था। इन्हें तोपखानों से संबंधित विषयों का विशेषज्ञ माना जाता था। उनकी इस प्रतिभा को देखते हुए फ्रांस की सरकार ने उन्हें राजकीय तोपखाने में सब-लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात किया था। नेपोलियन बोनापार्ट का व्यक्तित्व बेहद प्रभावशाली था जिसके कारण उन्हें आंतरिक सेना का सेनापति भी नियुक्त कर दिया गया था।

नेपोलियन बोनापार्ट का जन्म कहां हुआ था

नेपोलियन बोनापार्ट का जन्म 15 अगस्त 1769 में अजैक्यिो नामक शहर में हुआ था जो कोर्सिका नामक द्वीप में बसा है। नेपोलियन बोनापार्ट का जन्म एक समृद्ध परिवार में हुआ था जिसके कारण उन्हें उत्तम शिक्षा मिली थी। नेपोलियन बोनापार्ट के पिता का नाम चार्ल्स बोनापार्ट था। उनका संबंध एक कुलीन परिवार से था जो फ्रांसीसी दरबार में कार्सिका का प्रतिनिधित्व करने का कार्य किया करते थे।

नेपोलियन बोनापार्ट के उत्थान

नेपोलियन बोनापार्ट की सैन्य शिक्षा पूर्ण होने के पश्चात फ्रांसीसी सेना ने उन्हें तोपखाने में उप-लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्त कर दिया था जिसके बाद सन 1792 में उन्होंने पेरिस के जेकोबिन दल की सदस्यता हासिल की थी। इसके बाद सन 1793 में ब्रिटिश सरकार ने फ्रांस पर आक्रमण करके तूलो बंदरगाह पर अपना अधिकार स्थापित किया था जिसके बाद नेपोलियन बोनापार्ट ने तूलों पर आक्रमण करके ब्रिटिश सरकार को हराकर फ्रांस को दोबारा ब्रिटिश सरकार से आजाद करवाया था। माना जाता है कि यह नेपोलियन बोनापार्ट की प्रथम महत्वपूर्ण विजय थी। इसके बाद 10 नवंबर सन 1799 में नेपोलियन बोनापार्ट ने एक गुप्त योजना के तहत फ्रांस के संचालक मंडल के द्वारा किए जाने वाले शासन को ध्वस्त किया जिसके कारण फ्रांस की शासन व्यवस्था में कई बदलाव हुए।

नेपोलियन बोनापार्ट के उदय के कारण

नेपोलियन बोनापार्ट ने अपने जीवन काल में कई सुधार कार्य किए जिसके कारण उनकी शक्ति एवं उदय में तेजी से वृद्धि हुई। नेपोलियन बोनापार्ट के उदय के कई कारण थे जो कुछ इस प्रकार हैं:-

  • अद्भुत सैन्य योग्यता
  • स्थानीय शासन व्यवस्था
  • आर्थिक सुधार
  • शिक्षा संबंधी सुधार
  • समानता का सिद्धांत
  • सार्वजनिक एवं हितकारी कार्य
  • कुशल कूटनीतिज्ञ
  • फ्रांस की सोचनीय दशा

अद्भुत सैन्य योग्यता

नेपोलियन बोनापार्ट के बारे में कहा जाता है कि उनकी सैनिक योग्यता बेहद अद्भुत थी। उन्होंने बेहद कम उम्र में ही तोपखाने के विषय पर प्रसिद्धि हासिल की थी जिसके कारण उन्हें सेना के एक बड़े पद पर नियुक्त किया गया था। इसके अलावा उन्होंने सैनिक शिक्षा का भी पर्याप्त ज्ञान था जिसके कारण उन्हें सेना का सेनापति भी बनाया गया था।

स्थानीय शासन व्यवस्था

नेपोलियन बोनापार्ट का मानना था कि फ्रांस की जनता स्वतंत्रता की तुलना में समानता को अधिक प्राथमिकता देती है जिसके कारण उन्होंने अपने शासनकाल के दौरान केंद्रीकरण पर अधिक जोर दिया था। नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांस के प्रांतों एवं जिलों से निर्वाचित सदस्यों को निष्कासित करके उनके स्थान पर नए प्रांत के अधिकारियों को नियुक्त किया था जिसके कारण स्थानीय शासन व्यवस्था बेहद प्रभावित हुई थी। कुछ इतिहासकारों के अनुसार नेपोलियन बोनापार्ट की शासन व्यवस्था बेहद कठोर एवं निर्दई थी जिसके फलस्वरूप फ्रांस की जनता को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ा।

आर्थिक सुधार

नेपोलियन बोनापार्ट ने अपने जीवन काल में फ्रांस के आर्थिक क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण सुधार किए थे। उन्होंने कर व्यवस्था की नई नीतियों को स्थापित करने का कार्य किया था। माना जाता है कि फ्रांस की तत्कालीन कर व्यवस्था बेहद अन्याय पूर्ण एवं अव्यवस्थित थी जिसके कारण सरकारी कर्मचारियों द्वारा अवैध रूप से कर वसूली का कार्य किया जाता था। 1800 ई. में नेपोलियन बोनापार्ट ने बैंक ऑफ फ्रांस की स्थापना की थी जिसके बाद फ्रांस के व्यापार वाणिज्य को उन्नति प्रदान हुई।

शिक्षा संबंधी सुधार

नेपोलियन बोनापार्ट ने शिक्षा के क्षेत्र में कई सुधारात्मक कार्य किए जिसके कारण शिक्षा के स्वरूप में विभिन्न प्रकार के बदलाव हुए। नेपोलियन बोनापार्ट के शासनकाल में विज्ञान एवं गणित के विषयों को अधिक महत्व दिया गया एवं प्रशिक्षित अध्यापकों की नियुक्ति भी तेजी से की जाने लगी। इसके अलावा नेपोलियन बोनापार्ट ने उद्योग एवं व्यवसाय से संबंधित कार्यों को भी अधिक महत्व दिया। उन्होंने फ्रांस में प्रयोगात्मक शिक्षा का प्रबंध करके बड़े नगरों में उच्च विद्यालयों को स्थापित किया।

समानता का सिद्धांत

नेपोलियन बोनापार्ट ने चर्च एवं सामंतों के विशेष अधिकारों को समाप्त करके समानता के अधिकार को बनाए रखने का कार्य किया था। उन्होंने समानता के सिद्धांत के द्वारा प्रदेश में सभी नागरिकों को समान अधिकार दिलाने का प्रयास किया था। इसके अलावा उन्होंने देश के नागरिकों को रोजगार के अवसर भी प्रदान किए थे। नेपोलियन बोनापार्ट ने सामान्य वर्ग के लोगों को देश में वापस आने की अनुमति भी प्रदान की थी जो युद्ध के दौरान देश छोड़कर चले गए थे।

सार्वजनिक एवं हितकारी कार्य

नेपोलियन बोनापार्ट ने अपने शासनकाल में फ्रांस की सीमाओं को अन्य देशों से जोड़ने के लिए कई सड़कों का निर्माण किया था जिससे फ्रांस में अनेकों बांध एवं पुलों का निर्माण कार्य संपन्न हो सका। इसके अलावा उन्होंने यातायात व्यवस्था को बेहतर करने हेतु 200 से अधिक सड़कों का निर्माण भी कराया था। केवल इतना ही नहीं नेपोलियन बोनापार्ट ने बाजार एवं नगरों को कलाकृतियों से सुसज्जित भी करवाया था जिसका उद्देश्य विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करना था। उन्होंने अपने जीवन काल में किसानों को सस्ते दरों पर भूमि उपलब्ध कराई थी जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि होने के साथ-साथ नेपोलियन बोनापार्ट की लोकप्रियता भी तेजी से वृद्धि हुई।

कुशल कूटनीतिज्ञ

माना जाता है कि नेपोलियन बोना पार्ट एक साहसी योद्धा होने के साथ-साथ एक कुशल कूटनीतिज्ञ थे। वह हर क्रांतिकारी आंदोलन के दौरान कूटनीतिक व्यवहार करते थे जिससे उनकी जीत निश्चित होती थी।

फ्रांस की सोचनीय दशा

राज्य की क्रांति के बाद फ्रांस राष्ट्रीय सभा देश में शांति को स्थापित करने में असफल रही जिसके बाद उन्हें एक ऐसे शक्तिशाली शासक की आवश्यकता थी जो देश की दशा को सुधार कर उसे सशक्त बना सके। इस स्थिति में नेपोलियन बोनापार्ट ने संपूर्ण देश में व्यवस्थित शासन प्रणाली की स्थापना की जिसके बाद फ्रांस में उनका उदय तेजी से होने लगा।

नेपोलियन बोनापार्ट कब और कहां पराजित हुआ

वर्ष 1815 में नेपोलियन बोनापार्ट को वाटरलू के युद्ध के दौरान पराजय का सामना करना पड़ा जिसके पश्चात उन्हें एल्बा द्वीप पर निर्वासित कर दिया गया था। कहा जाता है कि मित्र-राष्ट्रों की मिली जुली सरकार के कारण नेपोलियन बोनापार्ट ने इंग्लैंड के समकक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था।

नेपोलियन बोनापार्ट का योगदान

नेपोलियन बोनापार्ट ने अपने जीवन काल में कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया था जो कुछ इस प्रकार हैं:-

  • प्रशासनिक व्यवस्था
  • संविधान निर्माण
  • धार्मिक व्यवस्था
  • सामाजिक व्यवस्था

प्रशासनिक व्यवस्था

नेपोलियन बोनापार्ट ने प्रशासनिक क्षेत्रों में कई प्रकार के सुधार कार्य किए थे जिसके कारण देश में शासन व्यवस्था को दोबारा स्थापित किया जा सका। उन्होंने क्रांति के दौरान प्रशासनिक ढांचे का पूर्ण रूप से विकेंद्रीकरण करने का कार्य किया था।

संविधान निर्माण

नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांस में नए संविधान का निर्माण किया था जो क्रांतिकारी युग का चौथा महत्वपूर्ण संविधान माना जाता है। नेपोलियन बोनापार्ट द्वारा प्रतिपादित किए गए नए संविधान के द्वारा राज्य की संपूर्ण सत्ता का नियंत्रण पूर्ण रूप से उन्हीं के हाथों में ही केंद्रित था। नेपोलियन बोनापार्ट ने कार्यपालिका की शक्तियों को कई भागों में विभाजित करने का कार्य किया था जिसके कारण राज्य की शक्तियों का खंडन हुआ था।

धार्मिक व्यवस्था

नेपोलियन बोनापार्ट में क्रांति के दौरान चर्च के अधिकारों को राज्य के अधीन कर दिया था जिसके कारण तत्कालीन सरकार एवं आम जनता के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। नेपोलियन ने इस तनाव की स्थिति को दूर करने के लिए सन 1801 में कई समझौते किए जिसे कॉनकारडेट (Concordate) के नाम से जाना जाता है।

सामाजिक व्यवस्था

नेपोलियन बोनापार्ट का मानना था कि नागरिक संहिता का आधार सामाजिक समता होता है। नेपोलियन समाज में कुलीन वर्ग की स्थापना करके लोगों की आय के अनुसार उपाधियों के क्रम को निर्धारित करने का कार्य किया था जो देश के विकास के दृष्टिकोण से उचित नहीं था।

नेपोलियन बोनापार्ट की उपलब्धि पर चर्चा

फ्रांसीसी क्रांति के दौरान नेपोलियन बोनापार्ट का फ्रांस की सेना में शीघ्रता से पदोन्नति हुई जिसके कारण उन्हें फ्रांसीसी क्रांति की संतान भी कहा जाता है। फ्रांसीसी क्रांति की शुरुआत सन 1889 से लेकर 1799 में हुई थी। उन्होंने फ़्रांसिसी क्रांति में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया था जिसके कारण उन्हें 1793 में ब्रिगेडियर जनरल के पद पर नियुक्त किया गया था। नेपोलियन बोनापार्ट ने नील नदी के युद्ध में जीत हासिल करने का भरपूर प्रयास किया था परंतु यह संभव नहीं हो पाया।

नेपोलियन बोनापार्ट के अनमोल विचार

नेपोलियन बोनापार्ट क्या अनमोल विचार कुछ इस प्रकार है:-

  • नेपोलियन बोनापार्ट के कथनानुसार विश्व में केवल धन एवं शक्ति ही ऐसे तत्व हैं जिन्हें प्राप्त करने का हर संभव प्रयास करना चाहिए क्योंकि उसका मानना था कि यही वो तत्त्व हैं जो जीवन का आधार बनाते हैं।
  • नेपोलियन बोनापार्ट का मानना था कि वास्तविक साहस या शक्ति वह है जब एक कमजोर व्यक्ति विपरीत परिस्थिति में भी डटा रहता है।
  • नेपोलियन बोनापार्ट के अनुसार धर्म का उद्देश्य यह होता है को वह संपन्न वर्ग के लोगों को निम्न वर्ग के लोगों के प्रति अन्याय करने से रोके।