ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है ? ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार बताइए

ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है ? ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार बताइए

ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है ? ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार बताइए : Operating System कंप्यूटर में जान फूंकने वाला एक प्रोग्राम होता है जिसकी सहायता से कंप्यूटर को चलाया जाता है। operating system kya hota hai in hindi यहाँ बताया गया है, What is the operating system in hindi, Describe the type of operating system in hindi.

ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है ?

Operating System को OS भी कहा जाता है, ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) एक कम्प्यूटर प्रोग्राम होता है, जो कम्प्यूटर में चलने वाले सभी प्रोग्रामों और कंप्यूटर से जुडी डिवासेज को संचालित करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम ही कंप्यूटर के उपयोगकर्ता (User) को ऐसा इंटरफ़ेस प्रोवाइड करता है जिस पर यूजर आसानी से कार्य कर सकता है। ऑपरेटिंग सिस्टम User तथा विभिन्न प्रग्रामों और हार्डवेयर डिवासेज की बीच की वह अहम् कड़ी है जो User द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों (input) के अनुसार विभिन्न प्रोग्रामों और हार्डवेयर डिवासेज का प्रयोग कर परिणाम दर्शाता (output) है।

ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) के प्रकार – Types of Operating System in Hindi

Operating System कई प्रकार के होते हैं, यहाँ पर Operating System के कुछ प्रमुख प्रकारों के बारे में बताया गया है –

1. Single-user Operating System

Single-user Operating System पर एक समय में केवल एक उपयोगकर्ता ही कार्य कर सकता है. Single-user Operating System पर किसी भी एक समय पर अधिकतम एक ही व्यक्ति या user कार्य कर सकता है। MS-DOS, Palm OS सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरण हैं।

2. Multi-user Operating System

Multi-user Operating System पर किसी भी एक समय पर एक से अधिक उपयोगकर्ता एक साथ कार्य कर सकते हैं। Multi-user Operating System पर एक समय में कई सैकड़ों उपयोगकर्ता टर्मिनल द्वारा नेटवर्क से जुड़कर अपना-अपना अर्थात एक ही समय पर अलग-अलग यूजर अलग-अलग कार्य कर सकते हैं। जैसे नेटवर्क पर कई लोगों का प्रिंटर से जुड़ना। Linux, Unix, Windows 2000, Ubuntu, Mac OS आदि Multi-user Operating System के उदाहरण हैं।

3. Multitasking Operating System

Multitasking Operating System पर उपयोगकर्ता (user) एक ही समय पर एक साथ अलग-अलग प्रोग्राम्स को संचालित कर सकता है। अर्थात यूजर Chat करने के साथ-साथ वेब सर्फिंग भी कर सकता है। Microsoft Windows और Macintosh OS आदि Multitasking Operating System के उदाहरण हैं।

4. Multiprocessing Operating System

Multiprocessing Operating System पर उपभोक्ता एक प्रोग्राम को एक से अधिक CPU पर चला सकता है। Windows NT, 2000, XP, and Unix आदि Multiprocessing Operating System के उदाहरण हैं।

5. Multi Threading Operating System

Multi Threading Operating System पर उपभोक्ता एक प्रोग्राम के विभिन्न भागों को एक साथ चलाने की सुविधा देता है।

6. Real Time Operating System (RTOS)

Real Time Operating System पर उपयोगकर्ता द्वारा दिए गए Input पर तुरंत प्रक्रिया कर Output प्रदान करता है। Real Time Operating System में Multitasking Operating System और उपरोक्त सभी Operating System के गुण शामिल होते हैं। Windows Operating System, Linux, Ubuntu, Mac, Android आदि Real Time Operating System के उदाहरण हैं।

विंडोज (Windows) क्या है ?

विंडो Window शब्द का प्रयोग माइक्रोसॉफ्ट के ग्राफ़िक यूजर इंटरफ़ेस (GUI) ऑपरेटिंग सिस्टम एमएस विंडोज के विभिन्न संस्करण के उपयोग के लिए किया जाता है इस ऑपरेटिंग सिस्टम का नाम विंडोज इसलिए रखा गया क्योंकि इसमें प्रत्येक सॉफ्टवेयर एक आयताकार ग्राफिक्स बॉक्स के रूप में खुलता है जो खिड़की और चौखट के समान ही दिखता है जो कंप्यूटर के वातावरण को एक रोचक रूप प्रदान करता है। विंडोज सबसे पहले डॉस ऑपरेटिंग सिस्टम के अंतर्गत एक सॉफ्टवेयर के रूप में आया था। जिसमें हमे सभी सुविधाएँ चित्रात्मक रूप में आइकॉन, मेन्यू और बटन आदि के रूप में मिलती है। विंडोज का विंडोज 3.1 संस्करण बहुत लोकप्रिय हुआ इसके बाद वर्ष 1995 में यह विंडोज 95 के रूप में एक सम्पूर्ण ऑपरेटिंग सिस्टम के रूप में आया। विंडोज के अब तक बहुत से संस्करण जैसे विंडोज 95, विंडोज 98, विंडोज 2000, विंडोज एमइ, विंडोज एक्सपी, विंडोज एनटी, विंडोज विस्टा, विंडोज 7, विंडोज 8, विंडोज 8.1 और विंडोज 10 आ चुके है ये सभी ऑपरेटिंग सिस्टम है जिनके ऊपर कंप्यूटर का सॉफ्टवेयर रन होता है। वर्तमान के कम्प्यूटरों में लगभग 90% विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग किया जाता है।

विंडोज के अंतर्गत महत्वपूर्ण उपयोगी प्रोग्राम निम्नलिखित है –

  • नोट पैड (Note pad)
  • वर्डपैड (Word pad)
  • कैलकुलेटर (Calculator)
  • इमैजिंग (Imaging)
  • मीडिया प्लेयर (Media Player)
  • सीडी प्लेयर (CD Player)
  • ध्वनि रिकॉर्डर और वॉल्यूम कंट्रोल (Sound Recorder and Volume Control)
  • खेल (Game)

विंडोज (Windows) के विभिन्न ऑपरेटिंग सिस्टम –

विंडोज 1 (Windows 1) –

विंडोज 1 माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के मालिक बिल गेट्स द्वारा वर्ष 1985 में शुरू किया था यह माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का पहला ऑपरेटिंग सिस्टम है। विंडोज 1 में बेसिक फंक्शन्स शामिल किये गए थे जैसे – कैलेंडर, एमएस पेंट, वर्ड प्रोसेसर और कैलकुलेटर आदि थे।

विंडोज 2.0 (Windows 2.0) –

विंडोज 2.0 को माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के मालिक बिल गेट्स ने वर्ष 1987 में लॉन्च किया था यह माइक्रोसॉफ्ट कारपोरेशन का दूसरा अपडेटिंग सिस्टम था लेकिन कहा जाता है की यह विंडोज 1 से ज्यादा बेहतर नहीं है। विंडोज 2.0 में मैक्सिमाइज और मिनिमाइज करने की सुविधा प्राप्त है और यह इसमें 286 प्रोसेसर सपोर्ट करता था और इसे बेहतर बनाने के लिए माइक्रोसॉफ्ट ने वर्जन प्रोविशनल वर्जन विंडोज 2.0 लॉन्च किया था।

विंडोज 3.0 (Windows 3.0) –

विंडोज 3.0 को माइक्रोसॉफ्ट कंपनी द्वारा वर्ष 1990 में लॉन्च किया गया था। यह विंडोज 1 और 2.0 का अपग्रेट वर्जन है इसमें वर्चुअल मेमोरी, इम्प्रूवड और मल्टीटास्किंग जैसी एबिलिटी होने के कारण इसके यूजर संख्या 10 मिलियन तक हो गई है। GUI ग्राफ़िक यूजर इंटरफ़ेस को भी अपडेट किया गया था।

विंडोज 3.1 (Windows 3.1) –

विंडोज 3.1 को वर्ष 1992 में माइक्रोसॉफ्ट द्वारा लॉन्च किया गया था। इसको विंडोज 3.0 की कुछ कमियों को दूर करने के लिए किया गया था जिसमे कुछ नए इम्प्रूव फॉण्ट शामिल किये गए। विंडोज 3.1 में 1 MB RAM लगाई गई है और इसमे पहली बार MS-DOS को माउस के जरिए कंट्रोल करना आसान हो गया था।

विंडोज 95 (Windows 95) –

विंडोज 95 माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन ने वर्ष 1995 में लॉन्च किया था। विंडोज 95 के अपग्रेशन से विंडोज के रूप को पूरी तरह बदल दिया गया और इस वर्जन में पहली बार स्टार्ट बटन, स्टार्ट मेन्यू और टास्क बार को शामिल किया गया था। विंडोज 95 में विंडोज 32-बिट ऑपरेटिंग सिस्टम में काम करता है।

विंडोज 98 (Windows 98) –

विंडोज 98 को माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन द्वारा वर्ष 1998 को लॉन्च किया गया था। विंडोज 98 को उपयोगकर्ताओं की आवश्यकता के अनुसार बनाया गया था जिसमे डीवीडी ड्राइव और यूएसबी जोड़े गए थे। विंडोज 98 के विंडोज एक्स्प्लोरर में एड्रेस बार और बैक एंड फॉरवर्ड नेविगेशन बटन जोड़े गए।

माइक्रोसॉफ्ट विंडोज एमई (Microsoft Windows ME) –

विंडोज ME को माइक्रोसॉफ्ट द्वारा वर्ष 2000 में लॉन्च किया गया था जो विंडोज का मिलेनियम एडिशन का आखरी ऑपरेटिंग सिस्टम था। विंडोज एमई को MS-DOS के साथ बिल्ड किया गया था जिसमे सिस्टम रिस्टोर की सुविधा जोड़ी गयी थी।

विंडोज 2000 (Windows 2000) –

विंडोज 2000 ऑपरेटिंग सिस्टम को वर्ष 2000 में लॉन्च किया गया था जिसमें डेफ्रेग्मेंटेर और डिवाइस मैनेजर जैसी एडवांस्ड फीचर को जोड़ा गया था। विंडोज 2000 से विंडोज की ऑटोमेटिक अपडेटिंग फीचर को ऐड किया गया था।

विंडोज एक्सपी (Windows XP) –

विंडोज एक्सपी को माइक्रोसॉफ्ट कंपनी द्वारा वर्ष 2001 में बनाया गया था विंडोज एक्सपी को बेस्ट यूजर फ्रेंडली ऑपरेटिंग सिस्टम के रूप में जाना जाता है। विंडोज एक्सपी माइक्रोसॉफ्ट की सबसे ज्यादा बिकने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसमे स्टार्ट मेन्यू और टास्क बार को अपडेट करके इसे नया डिजाइन दिया गया है।

विंडोज विस्टा (Windows Vista) –

विंडोज विस्टा को माइक्रोसॉफ्ट द्वारा वर्ष 2006 में लॉन्च किया गया था जिसमे बहुत सारे अपडेट किये गए। विंडोज विस्टा में एक ऐसा ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसमें यूजर्स सिक्योरिटी का बहुत ज्यादा ध्यान दिया गया था। इसमें डाटा प्रोटेक्शन के लिए ड्राइव एन्क्रिप्शन प्रदान किया गया।

विंडोज 7 (Windows 7) –

इसे माइक्रोसॉफ्ट द्वारा वर्ष 2009 में लॉन्च किया गया था जिसे उपयोग में बहुत तेज और आसान बनाया गया था। विंडोज 7, विंडोज एक्सपी के बाद सबसे ज्यादा प्रचलित ऑपरेटिंग सिस्टम है। विंडोज 7 में कईं सारे बेसिक और एडवांस उपग्रडेशन बदलाव किये गए जिसमे इंटरनेट एक्स्प्लोरर 8 और हैंडराइटिंग रिकग्निशन फीचर को जोड़ा गया।

विंडोज 8 (Windows 8) –

विंडोज 8 को माइक्रोसॉफ्ट द्वारा वर्ष 2012 में लॉन्च किया गया जो विंडोज 7 का अपग्रेटिंग वर्जन है। विंडोज 8 को ग्राफिकल डिस्प्ले को पूरी तरह से दिया गया था और इसमें स्टार्ट बटन और स्टार्ट मेन्यू में सबसे ज्यादा बदलाव किये गए।

विंडोज 10 (Windows 10) –

विंडोज 10 को माइक्रोसॉफ्ट कंपनी द्वारा वर्ष 2015 में लॉन्च किया गया जो वर्तमान में माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का सबसे लेटेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम है। विंडोज 10 में मिस और फीचर्स को इनस्टॉल किया गया है। इसके आलावा इसमें बहुत से नए फीचर्स को भी ऐड किया गया।

विंडोज (Windows) के विभिन्न प्रकार –

1 – सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम (Single User OS) – सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम में एक समय में केवल एक ही व्यक्ति कार्य कर सकता है। सिंगल यूजर यानी यह एक ही व्यक्ति के लिए होता है यह किसी एक समय में केवल एक PC पर कार्य करता है।

2- मल्टीपल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम (Multiple User OS) – मल्टीपल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम में एक समय में एक से अधिक व्यक्ति कार्य कर सकते है। मल्टीपल यूजर OS का उपयोग बड़ी-बड़ी कंपनियों, संस्थानों, अस्पतालों और कॉलेजों में किया जाता है।

3- मल्टीटास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम (Multitasking OS) – मल्टीटास्किंग OS में एक समय में दो या दो से अधिक प्रोग्रामों को कंप्यूटर पर चलाया जाता है उदाहरण के लिए आप एक समय में इंटरनेट में अपना काम भी कर सकते है और गाने भी सुन सकते है।

लिनक्स Linux क्या है ?

लिनक्स (Linux) एक मल्टी ऑपरेटिंग सिस्टम है जो इंटेल 80386 पर्सनल कंप्यूटर पर उपयोग करने के लिए डिजाइन किया गया है। लिनक्स की शुरुआत वर्ष 1960 के दशक में हुई थी वर्ष 1968 में AT & T बेल प्रयोगशाला के शोधकर्ताओं ने संयुक्त प्रयत्न से MULTICS (Multiplexed Information Computer System) नाम का एक ऑपरेटिंग सिस्टम बनाया गया था और इसके बाद वर्ष 1969 में यूनिक्स का विकास किया गया जो ऑपरेटिंग सिस्टम के लोकप्रिय वर्जन है। लिनक्स का विकास यूनिक्स से ही हुआ है जिसका विकास टोरवेल्ड के द्वारा किया गया था वर्ष 1991 में लिनक्स का पहला वर्जन 0.11 लॉन्च किया गया जो ग्राफिकल इंटरफ़ेस, एक्स विंडोज सिस्टम पर आधारित है।

लाइनक्स के मुख्य रूप से तीन घटक होते है –

  • कर्नेल – कर्नेल लिनक्स का एक मुख्य भाग है जो ऑपरेटिंग सिस्टम की सभी प्रमुख गतिविधियों के लिए जिम्मेदार है। कर्नेल में विभिन्न मोड्यूल शामिल है जो अंतर्निहित हार्डवेयर के साथ सीधे सम्पर्क स्थापित करता है। कर्नेल सिस्टम प्रोग्राम में निम्न स्तर के हार्डवेयर विवरण को छुपाने के लिए आवश्यक अमूर्तता प्रदान करता है।
  • सिस्टम लाइब्रेरी – यह लिनक्स का एक विशेष प्रोग्राम है जो लाइब्रेरी ऑपरेटिंग सिस्टम की अधिकांश कार्यक्षमता को लागू करते है जो कर्नेल मॉड्यूल के कोड को एक्सेस करने में सहायक नहीं होती है। सिस्टम लाइब्रेरी एप्लीकेशन प्रोग्राम सिस्टम यूटिलिटी कर्नेल की विशेषताओं में सम्मिलित है।
  • सिस्टम यूटिलिटी – सिस्टम यूटिलिटी लिनक्स के विभिन्न कार्यों को करने में सक्षम और जिम्मेदार होता है।

उबन्टू (Ubuntu) क्या है ?

उबन्टू, लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का सबसे लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम है जो माइक्रोसॉफ्ट विंडोज की तरह ही एक ऑपरेटिंग सिस्टम है। उबन्टू को यूके बेस्ड कंपनी कैनॉनिकल लिमिटेड द्वारा डिस्ट्रीब्यूट किया गया है। उबन्टू की प्रमुख खासियत यह है की इसका उपयोग फ्री में किया जाता है। उबन्टू एक डेबियन लाइनक्स पर आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसका उपयोग किसी भी कंप्यूटर में किया जा सकता है। उबन्टू में इतेमाल किये जाने वाले बहुत सारे फीचर्स है जैसे – Libre Office, Mozilla Fire Fox, VLC Media Player है। उबन्टू में ग्राफ़िक यूजर इंटरफ़ेस GUI का भी उपयोग किया जाता है।

उबन्टू लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग करने पर किन-किन चीजों की आवश्यकता होती है वे निम्नलिखित है –

  • सिस्टम में कम से कम 700 mhz का प्रोसेसर होना चाहिए।
  • कम से कम 512 एमबी का रैम होना चाहिए।
  • सिस्टम में कम से कम 5 जीबी का हार्ड डिस्क स्टोरेज फ्री होना चाहिए।
  • 1024*768 रेजोल्यूशन का वीजीए केपेबल होना चाहिए।

मैक Mac क्या है ?

मैक Mac को Macintosh Computer, Apple Macintosh, Thin Mac और Fat Mac आदि नामों से भी जाना जाता है। मैक दुनिया का पहला डेस्कटॉप कंप्यूटर था जिसे एप्पल आईएनसी द्वारा विकसित किया गया था जो एक सिंगल यूजर कंप्यूटर है। मैक में GUI ग्राफ़िक यूजर इंटरफ़ेस का उपयोग भी किया जाता है। मैक में एक बिल्ट इन स्क्रीन तथा पॉइंटिंग डिवाइस के लिए माउस का उपयोग किया गया। मैक को पहली बार वर्ष 1984 में प्रदर्शित किया गया था बाद में वर्ष 1998 में इन्हे मैक नाम दिया गया इसका प्रयोग पीसी से अलग दिखने के लिए किया गया था। शुरुआत में मैक कम्प्यूटर्स में मोटोरोला 68,000 सीरीज के माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग किया गया था जिन्हे बाद में पावर पीसी प्रोसेसर्स द्वारा रेप्लेस किया गया था।

मैक (Mac) की विशेषताएं –

  • मैक को सिंगल यूजर के लिए विकसित किया गया था।
  • मैक कम्प्यूटर्स में पहली बार GUI (Graphic User Interface) तकनीक का उपयोग किया गया था।
  • मैक कम्प्यूटर्स के द्वारा किसी भी कार्य को करने के लिए कमांड्स की आवश्यकता नहीं थी यह कार्य माउस द्वारा भी किया जाता है।
  • मैक कम्प्यूटर्स का आकार बहुत छोटा था और यह सरल था इसीलिए यह लोगों को बहुत पसंद आया लेकिन इसकी कीमत बहुत ज्यादा थी।