सैटेलाइट-आधारित टोल संग्रह : सरकार अब नई तकनीक, जैसे सैटेलाइट बेस्ड “जीएनएसएस” (ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम), का उपयोग करके टोल वसूली करने की योजना बना रही है। यह तकनीक वर्तमान फास्ट टैग प्रणाली की जगह लेगी, और इसके माध्यम से गाड़ियों के मूवमेंट को सैटेलाइट से ट्रैक किया जाएगा।
इसके कुछ महत्वपूर्ण बिंदु हैं:
20 किमी की टोल छूट: सरकार ने घोषणा की है कि यदि कोई गाड़ी 20 किमी तक यात्रा करती है, तो उस पर कोई टोल शुल्क नहीं लगेगा। लेकिन यह सुविधा केवल प्राइवेट गाड़ियों के लिए है और उसमें जीएनएसएस सिस्टम इनेबल्ड होना चाहिए।
जीएनएसएस प्रणाली: यह एक सैटेलाइट आधारित सिस्टम है, जो आपकी गाड़ी की सटीक लोकेशन ट्रैक करता है। इससे सरकार को यह पता चलेगा कि गाड़ी हाईवे पर कब और कहां चल रही है, जिससे टोल वसूली ऑटोमेटिक रूप से हो जाएगी।
फास्ट टैग का अंत: यह नई तकनीक धीरे-धीरे फास्ट टैग को रिप्लेस करेगी। पहले की तरह फास्ट टैग पर कैशबैक या डिस्काउंट की सुविधा नहीं होगी, बल्कि सैटेलाइट से टोल वसूली की जाएगी।
गगन सिस्टम: यह एक एयर नेविगेशन सिस्टम है, जिसका उपयोग हवाई जहाजों को मॉनिटर करने के लिए होता है। अब इसी तकनीक का उपयोग गाड़ियों की ट्रैकिंग के लिए किया जाएगा, जिससे गाड़ियों की हरकतों की सटीक जानकारी मिल सकेगी।
कुल मिलाकर, यह नई प्रणाली टोल चोरी और लीकेज को रोकने के लिए एक बड़ा कदम है, जिससे भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर में पारदर्शिता आएगी।