समान नागरिक संहिता का क्रियान्वयन: उत्तराखंड में ऐतिहासिक पहल

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC – Uniform Civil Code) को लागू करने की तैयारियाँ तेज हो गई हैं। उत्तराखंड सरकार ने इस कानून को 9 नवंबर 2024, राज्य के स्थापना दिवस से पहले इसे लागू करने की योजना बनाई है। UCC के तहत विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, और लिव-इन संबंधों जैसे व्यक्तिगत मामलों में सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू किया जाएगा, चाहे वे किसी भी धर्म, जाति या समुदाय से हों।

इस कानून की प्रमुख विशेषताओं में डिजिटल सेवाओं का प्रावधान भी शामिल है, जिसमें विवाह और लिव-इन संबंधों का पंजीकरण डिजिटल रूप से वेबसाइट और मोबाइल ऐप के माध्यम से किया जा सकेगा। इसके साथ ही वसीयत (विधिक दस्तावेज़) का दस्तावेज़ीकरण और संशोधन भी डिजिटल होगा, जिससे कानूनी प्रक्रिया को सरल बनाया जा सकेगा। राज्य के कॉमन सर्विस सेंटर्स (CSC) उन लोगों की सहायता करेंगे, जिनके पास सीमित डिजिटल कौशल है।

उत्तराखंड में UCC लागू होने के बाद, यह राज्य देश का पहला राज्य बन जाएगा जो इस कानून को लागू करेगा। सरकार द्वारा गठित समिति ने लगभग 500 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें इस कानून के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है। रिपोर्ट में यह सुनिश्चित किया गया है कि UCC से किसी भी समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन न हो और सभी को समान न्याय मिले।

भाजपा सरकार ने इस साल 6 फरवरी 2024 को उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र में समान नागरिक संहिता (UCC) विधेयक पेश किया था और एक दिन बाद 7 फरवरी को इसे बहुमत से पारित कर दिया गया।

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