कंप्यूटर मेमोरी – सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस

Secondary Storage Device को Auxiliary Storage Device भी कहा जाता है। यह कंप्यूटर का भाग नहीं होती है। इसकी Storage क्षमता अधिक होती है। एवं डाटा को ऐक्सेस करने कि गति Primary Memory से धीमी होती है।

डाटा को ऐक्सेस करने के आधार पर यह तीन प्रकार की होती है।

  1. Sequential Access Device इस क्रिया के Storage Data को उसी क्रम में ऐक्सेंस किया जाता है जिस क्रम में स्टोर किया जाता है। चुम्बकीय टेप इसी का उदाहरण है।
  2. Index Sequential Access Method – इसमें डाटा को Sequential Access method से ही डाटा को एक्सेस किया जाता है। लेकिन इसमें डाटा को स्टोर करते समय एक इंडेक्स तैयार कर लिया जाता है।
  3. Direct Access Method – इसमें डाटा को किसी भी क्रम में ऐक्सेस किया जा सकता है। एवं किसी भी क्रम में डाटा को स्टोर किया जा सकता है। इसकी ऐक्सेस गति सिरियल ऐक्सेस की तुलना में अधिक होती है।

 स्टोरेज डिवाइस के प्रकार:

  1. चुम्बकीय टेप (Magnetic Tape) :- Magnetic Tape एक स्थाई द्वितीयक स्टोरेज डिवाइज है। इसमें एक प्लास्टिक के टेप पर चुम्बकीय पदार्थ (Magnetic oxide) का लेप लगा रहता है।
  2. कार्टेज टेप (Cartridge Tape) :- इस टेप की चौडाई चुम्बकीय टेप से कम होती है। 1970 के दशक के अंत में घरेलू कम्प्यूटरों में कॉम्पेक्ट कैसेट का प्रयोग किया जाता था।
  3. चुम्बकीय डिस्क (Magnetic Disk) आजकल डाटा को स्टोर करने के लिए चुम्बकीय डिस्क का प्रयोग किया जा रहा है। चुम्बकीय डिस्क दो प्रकार की होती है।
    1. Floppy Disk (फ्लॉपी डिस्क)
    2. Hard Disk (हार्ड डिस्क)

फ्लॉपी डिस्क:- फ्लॉपी डिस्क को डिक्केट या फ्लॉपी भी कहा जाता है। इसका प्रयोग माइको कम्प्यूटर में होता है। यह आकार एवं साईज के आधार पर दो प्रकार की होती है।

  1. Mini Floppy :- यह आकार में 5.25  इंच की होती है, संग्रहण क्षमता 1.2 MB होती है। इनकी Drive भी आकार में इसी के आकार की होती है।
  2. Micro Floppy :- यह आकर 3.50 इंच की होती है। इनकी संग्रहण क्षमता 1.4 MB होती है। 

हार्ड डिस्क :- हार्ड डिस्क का विकास कम्प्यूटर में डाटा को स्टोर करने के लिये किया गया था आज कल इसका प्रयोग कम्प्यूटर से आगे बढकर कई क्षेत्रों में हो रहा है। डिस्क की प्लेट में Track और Sector होता है। एक सेक्टर में डाटा स्टोर होता है।

डाटा को स्टेार एवं पढ़ने के लिये तीन तरह के समय लगते है। जो निम्न है।

  1. Seek Time :- डिस्क में डाटा को रीढ़ या राईट करने वाले Track तक पहुंच में लगा समय सीक टाइम कहलता है।
  2. Latency time :- Track से डाटा को Sector तक पहुंच में लगा समय लेटेंसी टाईम कहलाता है।
  3. Transfer Rate :- Sector में डाटा को लिखने एवं पढने में जो समय लगता है। उसे Transfer Rated कहा जाता है।

ऑप्टिकल डिस्क (Optical Disk):-  ओप्टिकल डिस्क वे डिस्क होती है। जिसमें डाटा को रीड और स्टोर करने के लिये लाईटा का प्रयोग किया जाता है। ऑपटिकल डिस्क कहलाती है। इस डिस्ट में एक रासायनिक पदार्थ का लेप रहता है।

  1. सीडी (CD)
  2. डीवीडी (DVD)

पढ़ें कंप्यूटर के प्राइमरी मेमोरी के बारे में।

मेमोरी यूनिट (Memory Unit)

Unit                Short Name          Capacity

Bit                     Bit                               0,1 (Binary Language)
Nibble              Nibble                        4 bits
Byte                  Byte                            8 bits
Kilo Byte         KB                               1024 Bytes=1 KB
Mega Byte      MB                              1024KB=1MB
Giga Byte        GB                               1024MB=1 GB
Tera Byte        TB                               1024 GB= 1TB
Peta Byte        PB                               1024 TB = 1 PB
Exa Byte         EB                               1024 PB = 1 EB
Zetta Byte      ZB                                1024 EB = 1 ZB
Yotta Byte      YB                               1024 ZB = 1 YB
Bronto Byte   BB                               1024 YB = 1 BB