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Today’s Current Affairs in Hindi | 01 जुलाई 2025 (हिंदी करंट अफेयर्स)

Today’s Current Affairs in Hindi | 01 जुलाई 2025 (हिंदी करंट अफेयर्स), 01 जुलाई 2025 के current affairs today in hindi.

01 जुलाई 2025 डेली करेंट अफेयर्स

  • केंद्र सरकार ने पंजाब कैडर के 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी पराग जैन को रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) का नया प्रमुख नियुक्त किया है, जो 1 जुलाई 2025 से दो वर्षों के लिए कार्यभार संभालेंगे। वे रवि सिन्हा की जगह लेंगे जिनका कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो गया। पराग जैन की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद “ऑपरेशन सिंदूर” नामक एक रणनीतिक खुफिया अभियान को अंजाम दिया था। इस अभियान में पराग जैन ने पर्दे के पीछे से खुफिया समन्वय में अहम भूमिका निभाई थी। रॉ में 20 वर्षों की सेवा के दौरान उन्होंने पाकिस्तान डेस्क, सीमा-पार जासूसी, आतंकी वित्तपोषण और कनाडा में खालिस्तानी नेटवर्क के खिलाफ काम किया है। इसके अलावा उन्होंने श्रीलंका और कनाडा में विदेश तैनातियाँ भी निभाईं। रॉ प्रमुख बनने से पहले वे एविएशन रिसर्च सेंटर (ARC) के प्रमुख थे, जहाँ उनके कार्यकाल में रियल-टाइम निगरानी और हवाई टोही तकनीकों में उल्लेखनीय प्रगति हुई। पराग जैन की नियुक्ति तकनीकी खुफिया प्लेटफॉर्मों और बढ़ते वैश्विक खतरों से निपटने में भारत की क्षमताओं को मज़बूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही के लिए बैलेंस ऑफ पेमेंट्स (BoP) डेटा जारी किया, जिसमें भारत ने $13.5 बिलियन (GDP का 1.3%) का चालू खाता अधिशेष दर्ज किया, जो पिछली तिमाही के $11.3 बिलियन घाटे (1.1%) और पिछले वर्ष की इसी तिमाही के $4.6 बिलियन अधिशेष (0.5%) से कहीं बेहतर है। यह सुधार वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच भारत की बाहरी स्थिरता की ओर इशारा करता है। Q4 FY25 में मर्चेंडाइज़ व्यापार घाटा $59.5 बिलियन रहा, जो Q3 FY25 से कम लेकिन Q4 FY24 से अधिक है। नेट सेवाओं से प्राप्ति $53.3 बिलियन रही, जिसमें कंप्यूटर और बिज़नेस सेवाओं का अहम योगदान रहा। प्राथमिक आय प्रवाह घटकर $11.9 बिलियन हुआ, जबकि प्रवासी भारतीयों से व्यक्तिगत स्थानांतरण बढ़कर $33.9 बिलियन पहुंच गया, जो चालू खाते के अधिशेष में बड़ा योगदान है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) शुद्ध प्रवाह घटकर $0.4 बिलियन रह गया। यह अधिशेष रुपये की स्थिरता और विदेशी मुद्रा भंडार को मज़बूत करने में मदद करता है। RBI हर तिमाही यह डेटा जारी कर भारत की आर्थिक स्थिति पर नज़र बनाए रखता है।
  • 30 जून 2025 को गृह मंत्री अमित शाह ने तेलंगाना के निजामाबाद में राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के मुख्यालय का उद्घाटन किया, जो स्थानीय किसानों की वर्षों पुरानी माँग और भाजपा के 2019 के चुनावी वादे की पूर्ति है। यह बोर्ड हल्दी के उत्पादन, ब्रांडिंग, पैकेजिंग, अनुसंधान और वैश्विक व्यापार को प्रोत्साहित करने के लिए बनाया गया है। केंद्र सरकार ने इसके लिए ₹200 करोड़ की राशि स्वीकृत की है और 2030 तक हल्दी निर्यात को $1 बिलियन तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा है। इस पहल का उद्देश्य किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाना, गुणवत्ता सुधार के लिए अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना और भारतीय मसालों को वैश्विक स्तर पर स्थापित करना है। निजामाबाद, जो भारत के प्रमुख हल्दी उत्पादक क्षेत्रों में से एक है, अब इस बोर्ड के मुख्यालय का केंद्र बन गया है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा हल्दी उत्पादक और निर्यातक देश है, और यह बोर्ड देश की मसाला अर्थव्यवस्था को नया स्वरूप देने की दिशा में एक अहम कदम है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और मूल्य संवर्धित कृषि उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे भारत को एक वैश्विक मसाला हब बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
  • डाक विभाग ने घोषणा की है कि अगस्त 2025 तक देश के सभी डाकघरों में काउंटर पर डिजिटल भुगतान की सुविधा उपलब्ध होगी, जो आईटी 2.0 तकनीकी उन्नयन के तहत डायनामिक UPI लिंक्ड क्यूआर कोड के माध्यम से लागू की जाएगी। यह पहल मैसूर और बागलकोट जिलों में सफल पायलट प्रोजेक्ट के बाद लाई गई है और इसका उद्देश्य ग्रामीण व अर्ध-शहरी क्षेत्रों तक डिजिटल सेवाएं पहुंचाना है। इसके तहत डाक शुल्क, पार्सल बुकिंग, बचत जमा जैसी सेवाओं पर डिजिटल भुगतान संभव होगा और डाकघर कर्मचारी ग्राहकों को इस प्रक्रिया में सहायता करेंगे। इससे न केवल नकद लेन-देन की निर्भरता घटेगी बल्कि वित्तीय पारदर्शिता और दक्षता भी बढ़ेगी। पहले प्रयुक्त स्थैतिक क्यूआर कोड को तकनीकी समस्याओं के कारण बंद कर दिया गया था, लेकिन अब नया सिस्टम अधिक सुरक्षित और उपभोक्ता-अनुकूल होगा। भारत का डाक नेटवर्क, जो 1.5 लाख से अधिक डाकघरों के साथ दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क है, इस परिवर्तन से डिजिटल इंडिया और कैशलेस इकोनॉमी के लक्ष्य को आगे बढ़ाएगा। यह कदम इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) जैसे मौजूदा ढांचों को और सशक्त करेगा और आधुनिक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर से डाक सेवाओं को जोड़ने में मदद करेगा।
  • भारत ने 27 जून 2025 से बांग्लादेश से आने वाले कुछ जूट उत्पादों और बुने हुए कपड़ों के आयात पर नई पाबंदियाँ लागू कर दी हैं, जिनके तहत अब इन वस्तुओं को केवल मुंबई के न्हावा शेवा बंदरगाह से ही आयात किया जा सकेगा। विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) की अधिसूचना के अनुसार, यह प्रतिबंध सभी जमीनी बॉर्डर पोर्ट्स और अन्य समुद्री बंदरगाहों पर लागू होगा। प्रतिबंधित वस्तुओं में फ्लैक्स वेस्ट, जूट और बास्ट फाइबर, सिंगल यार्न ऑफ जूट और बिना ब्लीच किए बुने हुए जूट के कपड़े शामिल हैं। इस फैसले का उद्देश्य भारतीय जूट उद्योग को बांग्लादेश से आयातित सस्ती और सब्सिडी युक्त जूट से हो रहे नुकसान से बचाना है। यह कदम विशेष रूप से पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, त्रिपुरा और मेघालय जैसे राज्यों को प्रभावित करेगा, जहाँ जूट मिलें, किसान और ग्रामीण श्रमिक इस उद्योग पर निर्भर हैं। भारत सरकार ने यह भी कहा कि बांग्लादेश की सब्सिडी और डंपिंग जैसी अनुचित व्यापारिक प्रथाओं से भारतीय किसानों की आय और जूट मिलों की उत्पादन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। सरकार ने स्पष्ट किया कि सद्भावना के नाम पर भारत के आर्थिक हितों से समझौता नहीं किया जा सकता।
  • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आधार आधारित भुगतान प्रणाली (AePS) में बढ़ती धोखाधड़ी को रोकने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो 1 जनवरी 2026 से लागू होंगे। अब अंगूठा लगाकर पैसे निकालने की प्रक्रिया को ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए बैंकों को ऑपरेटरों की पूर्ण KYC करनी होगी और 6 महीने से निष्क्रिय ऑपरेटरों का पुनः सत्यापन अनिवार्य होगा। RBI ने “एक ऑपरेटर–एक बैंक” नियम लागू किया है, जिसके तहत हर ऑपरेटर केवल एक अधिग्रहणकर्ता बैंक के साथ ही काम करेगा, और इसकी निगरानी NPCI व बैंक करेंगे। बैंकों को ऑपरेटर की गतिविधियों की सतत निगरानी करनी होगी, लेन-देन सीमा उसकी जोखिम प्रोफाइल के अनुसार तय होगी, और लेन-देन का स्थान पंजीकृत पते से मेल खाना अनिवार्य होगा। रीयल-टाइम अनियमितता पहचान प्रणाली से संदिग्ध गतिविधियों और क्लोन किए गए आधार डेटा से जुड़ी धोखाधड़ी को तुरंत पहचाना जा सकेगा। NPCI के दिशानिर्देशों का पालन सभी इकाइयों के लिए अनिवार्य होगा। यह कदम ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में बैंकिंग को सुरक्षित, पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में उठाया गया है, जहां AePS के ज़रिए लोग आधार प्रमाणीकरण से नकद निकासी और बैलेंस पूछताछ जैसे लेन-देन करते हैं।
  • भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार मार्च 2025 के अंत तक भारत का बाह्य ऋण 10% बढ़कर 736.3 अरब डॉलर हो गया, जो मार्च 2024 में 668.8 अरब डॉलर था। इस दौरान बाह्य ऋण का जीडीपी के प्रतिशत के रूप में अनुपात 18.5% से बढ़कर 19.1% हो गया। अमेरिकी डॉलर की मजबूती के चलते 5.3 अरब डॉलर का मूल्यांकन प्रभाव देखा गया, और यदि इसे हटाया जाए तो वास्तविक ऋण वृद्धि 72.9 अरब डॉलर होती। उधारकर्ता के अनुसार सबसे अधिक ऋण गैर-वित्तीय निगमों ($261.7 अरब), जमा-स्वीकार करने वाले निगमों ($202.1 अरब), और सरकार ($168.4 अरब) के पास है। दीर्घकालिक ऋण 601.9 अरब डॉलर रहा जिसमें 60.6 अरब डॉलर की वार्षिक वृद्धि हुई, जबकि अल्पकालिक ऋण की कुल हिस्सेदारी 19.1% से घटकर 18.3% हो गई, लेकिन विदेशी मुद्रा भंडार के अनुपात में यह 19.7% से बढ़कर 20.1% हो गया। मुद्रा के अनुसार सबसे अधिक ऋण अमेरिकी डॉलर (54.2%) में है, इसके बाद भारतीय रुपया (31.1%), जापानी येन (6.2%), एसडीआर (4.6%) और यूरो (3.2%) में है। ऋण साधनों में ऋण 34%, मुद्रा और जमा 22.8%, व्यापारिक ऋण 17.8% और ऋण प्रतिभूतियाँ 17.7% शामिल हैं।
  • अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) ने जून 2025 तक 15,539.9 मेगावाट की परिचालन क्षमता प्राप्त कर भारत की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी का दर्जा हासिल कर लिया है, जिससे वह विश्व की शीर्ष 10 स्वतंत्र विद्युत उत्पादक कंपनियों में शामिल हो गई है। इसमें 11,005.5 मेगावाट सौर, 1,977.8 मेगावाट पवन और 2,556.6 मेगावाट हाइब्रिड (सौर+पवन) क्षमता शामिल है। कंपनी की इस हरित ऊर्जा वृद्धि से लगभग 79 लाख परिवारों को बिजली मिल रही है और हर साल 28.6 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन में कटौती हो रही है, जो 6.3 मिलियन कारों को सड़कों से हटाने या 1.36 बिलियन पेड़ लगाने के बराबर है। FY25 में AGEL ने 3,309 मेगावाट क्षमता जोड़ी, जो किसी भी भारतीय कंपनी द्वारा एक साल में सबसे अधिक है और यह पूरी तरह ग्रीनफील्ड परियोजनाओं से हासिल की गई है। प्रमुख परियोजनाओं में तमिलनाडु का कमुथी सोलर प्लांट (648 मेगावाट) और राजस्थान का जैसलमेर हाइब्रिड प्रोजेक्ट (2,140 मेगावाट) शामिल हैं। गुजरात के कच्छ में स्थित खवड़ा परियोजना 2030 तक 30,000 मेगावाट लक्ष्य के साथ विश्व की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना बनने की दिशा में है, जिसमें अब तक 5,355.9 मेगावाट चालू हो चुके हैं।
  • 28 जून 2025 को G7 देशों ने एक संयुक्त घोषणा में अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को 15% वैश्विक न्यूनतम कर व्यवस्था से छूट देने पर सहमति जताई, जिससे उन्हें “साइड-बाय-साइड” मॉडल के तहत केवल अमेरिका में ही कर देना होगा। यह छूट अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित नीति “One Big Beautiful Bill” की पहल का हिस्सा है, जिसमें धारा 899 के तहत अमेरिका को उन विदेशी निवेशकों पर कर लगाने का अधिकार मिलता है जिनके देश अमेरिकी कंपनियों पर अनुचित कर लगाते हैं। इस फैसले से अमेरिकी कंपनियों को कर स्थिरता, कम अनुपालन बोझ, और दोहरे कराधान से राहत मिलेगी, जिससे विदेशी निवेश में भी वृद्धि हो सकती है। हालांकि, OECD से इस छूट को अंतिम मंजूरी मिलनी बाकी है। यह निर्णय 2021 में स्थापित OECD के वैश्विक कर समझौते, जिसमें 15% न्यूनतम कॉर्पोरेट टैक्स और कर अधिकारों का पुनर्वितरण शामिल था, से बड़ा विचलन माना जा रहा है। इस कदम से वैश्विक कर सहयोग कमजोर हो सकता है, दोहरी कर प्रणाली का खतरा बढ़ सकता है और न्यायपूर्ण प्रतिस्पर्धा व पारदर्शिता को नुकसान पहुंच सकता है। यह भारत जैसे देशों के लिए भी नीति-निर्धारण की दृष्टि से नई चुनौतियाँ खड़ी कर सकता है।
  • कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) ने सामाजिक सुरक्षा कवरेज बढ़ाने और कानूनी विवादों को कम करने के लिए दो अहम योजनाएं शुरू की हैं। पहली, SPREE योजना 1 जुलाई से 31 दिसंबर 2025 तक चलेगी, जिसमें अपंजीकृत नियोजकों और छूटे कर्मचारियों को बिना दंड के स्वैच्छिक रूप से पंजीकरण का अवसर मिलेगा। दूसरी, एमनेस्टी स्कीम-2025 एक एकमुश्त विवाद समाधान खिड़की है, जो 1 अक्टूबर 2025 से 30 सितंबर 2026 तक लागू रहेगी और पुराने मामलों को सुलझाने में मदद करेगी। इन घोषणाओं की घोषणा शिमला में केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में हुई 196वीं ईएसआईसी बैठक में की गई। बैठक में RGSKY योजना में आवेदन की समय सीमा को लचीला बनाने, आयुष प्रणाली को ESIC सेवाओं में जोड़ने और दूरदराज़ क्षेत्रों में चैरिटेबल अस्पतालों से साझेदारी की भी मंजूरी दी गई। इन पहलों का उद्देश्य औपचारिक रोजगार को बढ़ावा देना, स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को ग्रामीण और पिछड़े इलाकों तक ले जाना, और सरकार पर विश्वास मजबूत करना है। ईएसआईसी, 1948 में स्थापित, श्रम मंत्रालय के अधीन कार्य करता है और बीमित कर्मचारियों को चिकित्सा, मातृत्व, बीमारी और मृत्यु से संबंधित लाभ प्रदान करता है।
  • राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों से स्थिर मूल्यों पर सकल उत्पादन मूल्य (GVO) वित्त वर्ष 2011-12 के ₹19.08 लाख करोड़ से बढ़कर 2023-24 में ₹29.49 लाख करोड़ हो गया है, जो 12 वर्षों में 54.6% की वृद्धि को दर्शाता है। यह वृद्धि कृषि, पशुपालन, वानिकी और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों को शामिल करते हुए मापी गई है। रिपोर्ट का उद्देश्य कृषि क्षेत्र के आर्थिक उत्पादन का सटीक मूल्यांकन करना और नीति-निर्माताओं को सब्सिडी, खरीद नीति व ग्रामीण कल्याण योजनाओं के फैसलों में मदद देना है। GVO, जो मध्यवर्ती उपभोग को शामिल करता है, भारतीय कृषि के संरचनात्मक बदलावों को समझने का जरिया भी है। भारत की GDP में कृषि और संबद्ध क्षेत्र का योगदान 18–20% है और यह देश की 50% से अधिक आबादी को रोजगार देता है। भारत चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कृषि उत्पादक देश है। रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि पीएम किसान, फसल बीमा योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड और जल परियोजनाओं जैसी सरकारी योजनाओं ने कृषि क्षेत्र की लचीलापन क्षमता को बढ़ाया है। यह रिपोर्ट कृषि में निवेश, तकनीक और संरचना सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरणा देती है।
  • 29 जून 2025 को सांख्यिकी दिवस के अवसर पर सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने राष्ट्रीय सैंपल सर्वे कार्यालय (NSO) के माध्यम से GoIStats नामक एक मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया। यह ऐप नागरिकों को कभी भी, कहीं भी सरकारी आंकड़ों तक आसान, रियल टाइम पहुंच प्रदान करता है और डिजिटल इंडिया व विकसित भारत के विजन को समर्थन देता है। GoIStats ऐप में GDP, महंगाई, रोजगार जैसे प्रमुख संकेतकों पर इंटरएक्टिव ‘Key Trends’ डैशबोर्ड, ‘Products’ सेक्शन में डेटा डाउनलोड की सुविधा, एडवांस सर्च, फ़िल्टरिंग, इन्फोग्राफिक्स के साथ विजुअल डेटा स्टोरीटेलिंग, NSO की रिपोर्ट्स के लिए नोटिफिकेशन अलर्ट, और आसान यूज़र इंटरफेस शामिल हैं। यह ऐप मोबाइल-फ्रेंडली डिज़ाइन, सीधा संवाद, और फीडबैक सिस्टम जैसी खूबियों के साथ छात्रों, शोधकर्ताओं, नीति-निर्माताओं और आम जनता को सशक्त बनाता है। फिलहाल इसका Android वर्जन गूगल प्ले स्टोर पर मुफ्त में उपलब्ध है जबकि iOS वर्जन जल्द जारी किया जाएगा। यह पहल डेटा पारदर्शिता और नागरिक सहभागिता को बढ़ावा देते हुए शासन प्रणाली को अधिक उत्तरदायी और भरोसेमंद बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
  • 27 जून 2025 को वॉरेन बफेट ने Berkshire Hathaway की क्लास B शेयर्स के रूप में लगभग $6 बिलियन (करीब ₹50,000 करोड़) का दान पांच प्रमुख फाउंडेशनों को देने की घोषणा की, जिससे 2006 से अब तक उनका कुल दान $60 बिलियन तक पहुँच गया है। यह दान 12.4 मिलियन क्लास B शेयर्स के रूप में हुआ, जिनका मूल्य प्रति शेयर $485.68 था और इनका ट्रांसफर 30 जून 2025 को किया गया। इन फाउंडेशनों का कार्यक्षेत्र वैश्विक स्वास्थ्य, शिक्षा, गरीबी उन्मूलन, महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास है। बफेट की यह पहल उनकी उस प्रतिज्ञा का हिस्सा है जिसमें उन्होंने अपनी 99.5% संपत्ति दान में देने का वादा किया है। वे पहले ही गेट्स फाउंडेशन के ट्रस्टी पद से इस्तीफा दे चुके हैं, लेकिन अब भी नियमित दानदाता बने हुए हैं। उनके परोपकार की सोच सरल निर्णय, दीर्घकालिक निवेश और चक्रवृद्धि प्रभाव पर आधारित है। उन्होंने अपने बच्चों को शेष संपत्ति को सार्वजनिक भलाई में उपयोग करने की जिम्मेदारी सौंपी है। यह योगदान न सिर्फ विश्व के सबसे बड़े व्यक्तिगत दानों में शामिल है, बल्कि अरबपतियों के लिए सामाजिक जिम्मेदारी और उत्तराधिकार में परोपकार की एक मजबूत मिसाल भी पेश करता है।
  • हर साल 1 जुलाई को भारत में नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाता है, जो डॉक्टरों के निःस्वार्थ सेवा, समर्पण और समाज में उनके योगदान को सम्मान देने के लिए समर्पित है। यह दिन महान चिकित्सक और पूर्व पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री डॉ. बिधान चंद्र रॉय की स्मृति में 1991 में शुरू किया गया था, जिनका जन्म और निधन दोनों इसी दिन हुआ था। वे भारतीय चिकित्सा परिषद और भारतीय चिकित्सा संघ के संस्थापक थे और उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। 2025 की थीम “Behind the Mask: Who Heals the Healers?” है, जो डॉक्टरों की मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक भलाई की ओर ध्यान खींचती है। इसका उद्देश्य है कि समाज और नीति निर्माता डॉक्टरों के लिए परामर्श, मानसिक स्वास्थ्य संसाधन और बेहतर कार्य-जीवन संतुलन जैसी सुविधाओं को प्रोत्साहित करें। यह दिन डॉक्टरों की चुनौतियों, आपातकालीन सेवा और समाज के प्रति उनके समर्पण को पहचानने का अवसर है। डॉ. रॉय की विरासत आधुनिक भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था की नींव है और उनका जीवन भावी डॉक्टरों के लिए प्रेरणा बना रहेगा। इस दिन हम सोशल मीडिया, धन्यवाद पत्र, हेल्थ सेमिनार और व्यक्तिगत आभार के माध्यम से अपने डॉक्टरों को सम्मानित कर सकते हैं।
  • केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 29 जून 2025 को कृषि भूमि में पेड़ों की कटाई के लिए मॉडल नियम जारी किए हैं, जिससे आग्रोफॉरेस्ट्री, सतत खेती और किसानों की आय में वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। इस पहल का उद्देश्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सरल और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से खेती में पेड़ों के समावेश के लिए प्रेरित करना है। मंत्रालय ने साथ ही नेशनल टिंबर मैनेजमेंट सिस्टम (NTMS) पोर्टल की भी घोषणा की, जिससे डिजिटल पंजीकरण और अनुमति प्रणाली संभव होगी। इससे किसानों को भूमि स्वामित्व प्रमाण, खेत की लोकेशन, पेड़ों की प्रजातियां, और जियो-टैग्ड फोटोज जैसे विवरण ऑनलाइन अपलोड कर कटाई की अनुमति लेने में सुविधा होगी। यह प्रक्रिया प्रमाणित सत्यापन एजेंसियों और डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर की निगरानी में होगी। इससे वुड-बेस्ड इंडस्ट्रीज को स्थायी और ट्रेसेबल कच्चा माल मिलेगा, घरेलू लकड़ी उत्पादन बढ़ेगा और आयात पर निर्भरता घटेगी। साथ ही, यह भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं को भी मजबूती देगा। इन नए नियमों से किसानों को न केवल पर्यावरणीय लाभ मिलेंगे, बल्कि उन्हें अपनी जमीन का आर्थिक रूप से टिकाऊ उपयोग करने का अवसर भी प्राप्त होगा।

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