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Today’s Current Affairs in Hindi | 01 मई 2025 (हिंदी करंट अफेयर्स)

Today’s Current Affairs in Hindi | 01 मई 2025 (हिंदी करंट अफेयर्स), 01 मई 2025 के current affairs today in hindi.

01 मई 2025 डेली करेंट अफेयर्स

  • भारत दिग्गज फिल्मकार धुंडीराज गोविंद फाल्के की 30 अप्रैल 2025 को 155वीं जयंती मना रहा है। फाल्के को भारतीय सिनेमा का जनक माना जाता है, जिन्होंने 1913 में भारत की पहली पूर्ण लंबाई की फीचर फिल्म “राजा हरिश्चंद्र” बनाई, जो भारतीय फिल्म उद्योग की नींव बनी। फाल्के का जन्म 1860 में महाराष्ट्र के त्र्यंबक में हुआ था, और उन्हें कला और फोटोग्राफी में गहरी रुचि थी। 1910 में मूक फिल्म “द लाइफ ऑफ क्राइस्ट” देखकर उन्हें भारतीय पौराणिक कथाओं को बड़े पर्दे पर लाने का विचार आया। फिल्म निर्माण में तकनीकी जानकारी की कमी को महसूस करते हुए, उन्होंने इंग्लैंड में फिल्म निर्माण सीखा और आवश्यक उपकरण खरीदे। “राजा हरिश्चंद्र” के निर्माण के दौरान उन्हें कई आर्थिक, सामाजिक और प्रबंधन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। फिल्म की सफलता ने भारतीय सिनेमा को एक नई दिशा दी। फाल्के ने 90 से अधिक फिल्में बनाई और भारतीय सिनेमा के लिए कई तकनीकी नवाचार किए। उनकी विरासत को सम्मानित करने के लिए 1969 में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार की शुरुआत की गई। 2025 में उनका सम्मान करने के लिए दिल्ली-एनसीआर में 15वां दादासाहेब फाल्के फिल्म फेस्टिवल आयोजित किया जा रहा है।
  • अमेज़न ने अपने महत्वाकांक्षी $10 बिलियन के प्रोजेक्ट क्यूपर के तहत 27 सैटेलाइट्स का पहला बैच लॉन्च किया है। इस परियोजना का उद्देश्य दुनियाभर के दूरदराज़ और ग्रामीण क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करना है, जिससे इंटरनेट की पहुंच अधिक लोगों तक हो सके। यह कदम स्पेसएक्स के स्टारलिंक के खिलाफ प्रतिस्पर्धा में उठाया गया है, जो पहले से कक्षा में 8,000 से ज्यादा सैटेलाइट्स भेज चुका है। 28 अप्रैल 2025 को फ्लोरिडा के केप केनावेरल से लॉन्च किए गए इन सैटेलाइट्स की तैनाती के बाद, अमेज़न कुल 3,236 सैटेलाइट्स को लो अर्थ ऑर्बिट में भेजने का लक्ष्य रखता है। इस परियोजना के तहत, अमेज़न अपने उपभोक्ताओं को कम कीमत वाले इंटरनेट टर्मिनल्स मुहैया कराएगा, जिनकी कीमत $400 से कम हो सकती है। इसके अलावा, अमेज़न की योजना इस सेवा को 2025 के अंत तक उपलब्ध कराना है और इस दौरान कुछ और लॉन्च भी किए जा सकते हैं। यह प्रोजेक्ट न केवल उपभोक्ताओं बल्कि रक्षा क्षेत्र में भी संभावनाओं को लेकर महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
  • वर्ष 2024-25 में वैश्विक सैन्य खर्च में बढ़ोतरी देखी गई, और कई देशों ने अपने सकल घरेलू उत्पाद का बड़ा हिस्सा रक्षा पर खर्च किया। भारत ने $86.1 बिलियन का सैन्य खर्च किया, जो उसे दुनिया का पाँचवाँ सबसे बड़ा सैन्य खर्चकर्ता बनाता है। अमेरिका, चीन और रूस जैसे देशों के बाद भारत का रक्षा खर्च बढ़ा है, जो उसकी सुरक्षा आवश्यकताओं और आधुनिकीकरण को दर्शाता है। भारत का सैन्य खर्च पाकिस्तान से नौ गुना अधिक है, जो दोनों देशों के बीच रक्षा क्षमताओं के अंतर को स्पष्ट करता है। वैश्विक सैन्य खर्च में वृद्धि का मुख्य कारण बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव हैं, जिनमें यूरोप और मध्य पूर्व की सुरक्षा चिंताएँ शामिल हैं। अमेरिका ने $997 बिलियन खर्च किए, जो वैश्विक सैन्य खर्च का 37% है, जबकि चीन और रूस भी बड़े सैन्य खर्चकर्ता रहे। यूरोप और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा चिंताएँ बढ़ने के कारण देशों ने अपने रक्षा बजट में वृद्धि की। भारत, जापान और यूक्रेन जैसे देशों ने अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बैंकों और व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटरों (WLAOs) को निर्देश दिया है कि वे एटीएम से ₹100 और ₹200 के नोट नियमित रूप से उपलब्ध कराएं। इसका उद्देश्य इन आम उपयोग किए जाने वाले मूल्यवर्ग के नोटों तक जनता की बेहतर पहुँच सुनिश्चित करना है। यह कदम 30 सितंबर 2025 तक 75% एटीएम और 31 मार्च 2026 तक 90% एटीएम में ₹100 और ₹200 के नोटों की उपलब्धता को सुनिश्चित करेगा। यह निर्णय उन लोगों के लिए खासतौर पर फायदेमंद होगा, जो छोटे लेन-देन के लिए एटीएम से नकद निकालते हैं और बड़े नोटों की वजह से असुविधा महसूस करते हैं। इसके साथ ही, यह कदम वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और विशेष रूप से ग्रामीण और निम्न-आय वर्गों के लिए एटीएम की सुविधा को बेहतर बनाने में मदद करेगा। बैंकों और एटीएम ऑपरेटरों को इस बदलाव के लिए अपने सिस्टम में संशोधन करने होंगे और बुनियादी ढांचे में निवेश करना होगा।
  • मिज़ोरम में अफ्रीकन स्वाइन फीवर (ASF) के प्रकोप के कारण पिछले एक महीने में 3,000 से अधिक सूअरों की मौत हो चुकी है। यह प्रकोप मुख्य रूप से सियाहा, लॉन्गतलाई, लुंगलई और मामित ज़िलों को प्रभावित कर रहा है, जहां 46 बस्तियों को संक्रमित घोषित किया गया है। सियाहा ज़िला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है, जहां 1,651 सूअर मारे गए हैं। गर्म जलवायु और बारिश के कारण ASF का प्रसार तेज़ी से हो रहा है, जिससे राज्य को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। 2024 में राज्य को ₹336.49 करोड़ का नुकसान हुआ है, जिसमें 15,000 सूअरों की मौत और 24,200 सूअरों का नाश शामिल है। पिछले वर्षों में भी ASF ने राज्य को कई करोड़ का नुकसान पहुँचाया है, जैसे 2023 में ₹15.77 करोड़ और 2022 में ₹210.32 करोड़। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने कई एहतियाती कदम उठाए हैं, जिनमें 1,000 सूअरों को मारा गया। इसके अलावा, किसानों को मुआवजा भी दिया जा रहा है, ताकि उनके आर्थिक नुकसान की भरपाई हो सके।
  • भारत सरकार द्वारा वर्ष 2025 में 71 विशिष्ट व्यक्तियों को प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कार प्रदान किए गए, जिन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित समारोह में सम्मानित किया। पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों—पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री—में दिए जाते हैं और ये कला, विज्ञान, चिकित्सा, समाज सेवा, शिक्षा जैसे विविध क्षेत्रों में योगदान देने वालों को दिए जाते हैं। इस वर्ष वायलिन वादक एल. सुब्रमण्यम को पद्म विभूषण, जबकि ग़ज़ल गायक पंकज उधास (मरणोपरांत), अभिनेता नंदामुरी बालकृष्ण और S. अजित कुमार, हॉकी खिलाड़ी P.R. श्रीजेश को पद्म भूषण मिला। पद्म श्री सम्मान पाने वालों में गायिका जसपिंदर नरुला, क्रिकेटर रविचंद्रन अश्विन, वेद विशेषज्ञ गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ और अमेरिकी लेखक स्टीफन नप्प शामिल हैं। गणेश्वर शास्त्री को राम लला प्रतिष्ठापन और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर जैसे धार्मिक आयोजनों में शुभ मुहूर्त तय करने में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया, जबकि स्टीफन नप्प को वैदिक संस्कृति पर कार्य के लिए सराहा गया। ये पुरस्कार उन लोगों की प्रेरणादायक कहानियों को सामने लाते हैं जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में असाधारण योगदान दिया है।
  • फेसबुक इंडिया की पूर्व प्रमुख और वेरिक्स की सह-संस्थापक किर्थिगा रेड्डी ने 21 अप्रैल 2025 को संयुक्त राष्ट्र के विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवस पर AI किरण नामक प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य भारत में महिलाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में सशक्त बनाना है। भारत सरकार और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के समर्थन से शुरू की गई इस पहल के ज़रिए महिलाओं को मेंटरशिप, फंडिंग की पहुंच, ब्लॉकचेन-प्रमाणित मान्यता और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग जैसी सुविधाएं मिलेंगी। यह प्लेटफ़ॉर्म स्वास्थ्य, शिक्षा और सततता जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देता है और महिलाओं के लिए एक सुरक्षित, प्रमाणिक और बहु-कार्यात्मक वैश्विक AI समुदाय का निर्माण कर रहा है। किर्थिगा रेड्डी, जो पहले फेसबुक इंडिया की पहली महिला MD और सॉफ्टबैंक विज़न फंड की पहली महिला निवेश भागीदार रह चुकी हैं, वर्तमान में वेरिक्स की सीईओ हैं। भारत में STEM शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी के बावजूद जेनरेटिव AI की वरिष्ठ भूमिकाओं में उनकी संख्या कम है—जूनियर स्तर पर 33% और सीनियर स्तर पर सिर्फ 19%। AI किरण इसी लिंग अंतर को कम करने और महिलाओं को एआई क्रांति के केंद्र में लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • गाज़ियाबाद नगर निगम ने सतत शहरी विकास की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए भारत का पहला प्रमाणित ग्रीन म्यूनिसिपल बॉन्ड जारी किया है, जिससे ₹150 करोड़ की राशि एकत्र कर तृतीयक मल जल शोधन संयंत्र (TSTP) स्थापित की जा रही है। इस संयंत्र की क्षमता 40 MLD है और इसमें माइक्रोफिल्ट्रेशन, अल्ट्राफिल्ट्रेशन, नैनोफिल्ट्रेशन व रिवर्स ऑस्मोसिस जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है। 95 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन के ज़रिए यह संयंत्र 1,400 से अधिक औद्योगिक इकाइयों को शोधित जल की आपूर्ति करेगा, और 800 से अधिक फर्मों से 9.5 MLD जल की आपूर्ति के लिए अनुबंध किए गए हैं। इस परियोजना को PPP-HAM मॉडल के तहत विकसित किया गया है, जिसमें नगर निगम ने 40% वित्तपोषण किया है, जो वित्तीय अनुशासन और निवेशकों के भरोसे को दर्शाता है। भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार का सहयोग प्राप्त इस पहल को वॉटर डाइजेस्ट वर्ल्ड वॉटर अवार्ड्स 2024–25 में सर्वश्रेष्ठ नगरपालिका शोधित जल पुन: उपयोग परियोजना के रूप में सम्मानित किया गया है।
  • भारत ने ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन में वैश्विक नेतृत्व के उद्देश्य से एक बड़ा कदम उठाया है। 29 अप्रैल 2025 को नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने नई दिल्ली में “ग्रीन हाइड्रोजन आपूर्ति श्रृंखला में MSMEs के लिए अवसर” विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने भारत की ग्रीन हाइड्रोजन प्रमाणन योजना (GHCI) की शुरुआत की, जिसका मकसद ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन में पारदर्शिता, स्रोत की पहचान और बाज़ार में विश्वास को मजबूत करना है। कार्यशाला में MSMEs के लिए तकनीकी सहयोग, व्यावसायिक अवसर, विकेन्द्रीकृत उत्पादन, निवेश, और जोखिम-न्यूनन उपायों जैसे ब्लेंडेड फाइनेंस व ग्रीन क्रेडिट पर चर्चा हुई। MSMEs को घटक निर्माण, संचालन-रखरखाव सेवाओं और ग्रामीण क्षेत्रों में हाइड्रोजन उत्पादन में अहम भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा। ग्रीन हाइड्रोजन क्लस्टर बनाने की रुचि, मानकीकृत प्रोटोकॉल, साझा R&D और दीर्घकालिक नीति समर्थन की जरूरतें भी सामने आईं। यह पहल राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन (NGHM) के तहत 2030 तक 5 मिलियन मीट्रिक टन उत्पादन, 125 GW नवीकरणीय ऊर्जा और 6 लाख नौकरियों के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी।
  • संयुक्त राष्ट्र की हाल ही में जारी विश्व सामाजिक रिपोर्ट 2025 में बताया गया है कि दुनिया की 60% आबादी आर्थिक असुरक्षा से जूझ रही है और 690 मिलियन से ज्यादा लोग अभी भी अत्यधिक गरीबी में जी रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार दो-तिहाई देशों में आय में असमानता बढ़ रही है, और दुनिया की सबसे अमीर 1% आबादी के पास 95% लोगों से ज्यादा संपत्ति है। अफ्रीका और दक्षिण एशिया में असुरक्षित और अनौपचारिक नौकरियों का बोलबाला है, जिससे आय में अस्थिरता और सामाजिक सुरक्षा में कमी देखी जा रही है। आधे से अधिक लोग अपनी सरकारों पर भरोसा नहीं करते, जो कि गलत सूचना, डिजिटल गूंज-कक्षों और शासन की विफलताओं से और खराब हो रहा है। 2024 में हर 5 में से 1 व्यक्ति जलवायु आपदा से और हर 7 में से 1 व्यक्ति संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में रहा। हालांकि 1995 से अब तक 1 अरब लोग गरीबी से बाहर निकले हैं और स्वास्थ्य, शिक्षा व समावेशन के क्षेत्र में प्रगति हुई है, लेकिन असमानता, रोजगार असुरक्षा और डिजिटल ध्रुवीकरण बड़ी चुनौतियाँ हैं। संयुक्त राष्ट्र ने सामाजिक अनुबंधों को फिर से मजबूत करने, न्यायसंगत कर नीति और सशक्त शासन की सिफारिश की है।
  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने नियामकीय प्रक्रियाओं को सरल, डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए 28 मई 2024 को PRAVAAH पोर्टल लॉन्च किया था, जिसका पूर्ण रूप है “विनियामक आवेदन, सत्यापन और प्राधिकरण के लिए मंच”। अब RBI ने सभी विनियमित संस्थाओं जैसे वाणिज्यिक बैंक, सहकारी बैंक, NBFCs, भुगतान प्रणाली संचालक और क्रेडिट सूचना कंपनियों के लिए इस पोर्टल का उपयोग 1 मई 2025 से अनिवार्य कर दिया है। इसका उद्देश्य लाइसेंस, अनुमोदन और स्वीकृतियों की प्रक्रिया को तेज़ और पारदर्शी बनाना है। इस वेब-आधारित डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अब तक लगभग 4,000 आवेदन प्रोसेस किए जा चुके हैं। पोर्टल पर यूज़र मैनुअल, FAQs और वीडियो ट्यूटोरियल जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं, जिससे उपयोगकर्ताओं को आवेदन करने और उसकी स्थिति ट्रैक करने में आसानी होती है। यह पहल RBI की डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा देने की रणनीति का हिस्सा है और इससे मैनुअल प्रक्रियाओं में कमी, दक्षता में सुधार और पारदर्शिता में वृद्धि की उम्मीद है।
  • हर साल 30 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय जैज़ दिवस मनाया जाता है, जिसे यूनेस्को ने 2011 में शुरू किया था। इसका उद्देश्य जैज़ संगीत को केवल एक कला नहीं, बल्कि शांति, एकता, विविधता और संवाद की वैश्विक भाषा के रूप में पहचान दिलाना है। प्रसिद्ध जैज़ कलाकार हरबी हैनकॉक की मदद से शुरू हुए इस दिवस पर दुनियाभर में संगीत कार्यक्रम, कार्यशालाएं और चर्चाएं आयोजित होती हैं। जैज़ की शुरुआत 20वीं सदी की शुरुआत में अमेरिका में हुई थी, जो अफ्रीकी और यूरोपीय संगीत परंपराओं के संगम से जन्मा। इसकी खासियत है तात्कालिकता, लय और भावनात्मक अभिव्यक्ति। यह दिवस नस्लीय भेदभाव के दौर में कलाकारों की उपलब्धियों को भी सम्मान देता है और संगीत के ज़रिए युवाओं को प्रेरित करता है। 2025 में भी इसे समावेशिता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रतीक रूप में मनाया जा रहा है। जैज़ को “सबसे लोकतांत्रिक” संगीत माना गया है, जो संस्कृतियों के बीच सेतु बनाकर अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देता है। हाल ही में यूनेस्को ग्लोबल कॉन्सर्ट 2024 मोरक्को के तांगीयर में आयोजित हुआ, जिसका सीधा प्रसारण हुआ ताकि पूरी दुनिया इसका हिस्सा बन सके।
  • भारत के दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों में म्यूचुअल फंड निवेश को सरल और सबके लिए सुलभ बनाने के लिए डाक विभाग और एसबीआई फंड्स मैनेजमेंट लिमिटेड ने साझेदारी की है, जिसके तहत अब डाकिए घर-घर जाकर केवाईसी सत्यापन करेंगे। यह पहल निवेशकों को सुरक्षित, सटीक और सुविधाजनक ऑनबोर्डिंग की सुविधा देती है और भारत पोस्ट के 1.64 लाख से अधिक डाकघरों के नेटवर्क का उपयोग कर अधिक लोगों तक पहुंचने का प्रयास करती है। नई दिल्ली में हुए समझौते में यह तय हुआ कि विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों, शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों को इस सेवा से बड़ा लाभ मिलेगा, क्योंकि अब उन्हें निवेश शुरू करने के लिए शाखाओं में जाने की जरूरत नहीं होगी। यह कदम “जन निवेश” और “डिजिटल इंडिया” अभियानों के अंतर्गत वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने की दिशा में अहम भूमिका निभाता है। पहले भी इंडिया पोस्ट ने यूटीआई म्यूचुअल फंड और SUUTI के साथ सफल साझेदारियां की हैं और 5 लाख से ज्यादा केवाईसी पूरे किए हैं। भविष्य में डाक विभाग सार्वजनिक और निजी वित्तीय संस्थाओं के साथ और साझेदारियां कर निवेश को और अधिक सुलभ बनाने की दिशा में काम करेगा।
  • भारत में म्यूचुअल फंड निवेश को आसान और सबके लिए सुलभ बनाने के लिए डाक विभाग और एसबीआई फंड्स मैनेजमेंट लिमिटेड ने साझेदारी की है, जिसके तहत डाकिए अब घर-घर जाकर केवाईसी सत्यापन करेंगे। यह सेवा खासकर ग्रामीण, पिछड़े इलाकों, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए उपयोगी है, जिससे उन्हें निवेश प्रक्रिया के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं होगी। इस पहल में इंडिया पोस्ट के 1.64 लाख से अधिक डाकघरों के नेटवर्क का उपयोग किया जा रहा है, ताकि निवेशकों को सुरक्षित और सुविधाजनक ऑनबोर्डिंग मिल सके। यह कदम “जन निवेश” और “डिजिटल इंडिया” अभियानों को समर्थन देता है और देश में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देता है। समझौता नई दिल्ली के डाक भवन में हस्ताक्षरित हुआ, जिसमें डाक विभाग और एसबीआई फंड्स के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इंडिया पोस्ट पहले भी यूटीआई म्यूचुअल फंड के साथ सफल साझेदारी कर चुका है और 5 लाख से ज्यादा केवाईसी सत्यापन कर चुका है। अब इसका लक्ष्य है भविष्य में और वित्तीय संस्थानों के साथ मिलकर, विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी भारत में निवेश को और आसान बनाना।
  • वित्त वर्ष 2023-24 में सूचीबद्ध भारतीय कंपनियों ने CSR (कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) पर ₹17,967 करोड़ खर्च किए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 16% अधिक है। CSR कानून के तहत, ऐसी कंपनियाँ जिनका शुद्ध मूल्य ₹500 करोड़, टर्नओवर ₹1,000 करोड़ या शुद्ध लाभ ₹5 करोड़ से अधिक है, उन्हें अपने औसत शुद्ध लाभ का 2% सामाजिक कार्यों पर खर्च करना अनिवार्य है। इस वर्ष 1,394 में से 1,367 कंपनियों ने CSR खर्च किया, जबकि 27 कंपनियाँ इससे चूक गईं। शीर्ष खर्च करने वालों में HDFC बैंक (₹945.31 करोड़), रिलायंस (₹900 करोड़), TCS (₹827 करोड़) और ONGC (₹634.57 करोड़) शामिल हैं। सबसे अधिक खर्च शिक्षा (₹1,104 करोड़) और स्वास्थ्य (₹720 करोड़) पर हुआ, जबकि पर्यावरणीय स्थिरता पर खर्च में 54% की बढ़ोतरी हुई। वहीं, झुग्गी, ग्रामीण विकास और पूर्व सैनिकों से जुड़े खर्च में भारी कमी दर्ज की गई। PSU कंपनियों ने कुल ₹3,717 करोड़ का योगदान दिया। CSR के मानदंडों की पुनः समीक्षा और छोटे व्यवसायों को इससे मुक्त करने की मांग भी उठ रही है, ताकि व्यापार करने में आसानी हो और लाभ के बढ़ते आंकड़े सामाजिक सुधारों में बेहतर ढंग से झलक सकें।

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