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Today’s Current Affairs in Hindi | 04 जून 2025 (हिंदी करंट अफेयर्स)

Today’s Current Affairs in Hindi | 04 जून 2025 (हिंदी करंट अफेयर्स), 04 जून 2025 के current affairs today in hindi.

04 जून 2025 डेली करेंट अफेयर्स

  • केंद्र सरकार ने भारत में इलेक्ट्रिक पैसेंजर कारों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए एसपीएमईपीसीआई योजना के दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनमें 35,000 डॉलर से अधिक कीमत वाली कारों पर 15% सीमा शुल्क में छूट दी जाएगी। यह योजना ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड दोनों तरह के निवेश को समर्थन देती है ताकि वैश्विक ईवी निर्माताओं को भारत में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। प्रति वर्ष 8,000 इलेक्ट्रिक वाहनों तक रियायती शुल्क पर आयात की अनुमति होगी और अप्रयुक्त कोटा अगले वर्ष में स्थानांतरित किया जा सकेगा। यह नीति मार्च 2024 में घोषित भारत की ईवी आयात नीति का हिस्सा है और भारत को वैश्विक ईवी विनिर्माण केंद्र बनाने तथा कार्बन उत्सर्जन कम करने के उद्देश्य से बनाई गई है। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने बताया कि टेस्ला फिलहाल भारत में कारों का विनिर्माण नहीं करना चाहती, बल्कि केवल शोरूम खोलने में रुचि रखती है। यह योजना घरेलू ईवी उत्पादन को बढ़ावा देने और विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम है, जिससे भारत की स्वच्छ गतिशीलता की दिशा में प्रगति होगी।
  • भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की ताजा आर्थिक शोध रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की घरेलू शुद्ध वित्तीय बचत ₹22 लाख करोड़ तक पहुँच सकती है, जो सकल राष्ट्रीय प्रयोज्य आय (जीएनडीआई) का 6.5% है, जबकि पिछले वर्ष यह 5.1% थी। यह लगातार बढ़ती बचत महामारी के बाद घरेलू आत्मविश्वास और मजबूत आर्थिक आधार को दर्शाती है। रिपोर्ट में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के ₹2.69 लाख करोड़ के रिकॉर्ड अधिशेष हस्तांतरण और उसकी बैलेंस शीट में 8.19% वृद्धि को भी प्रमुख माना गया है, जबकि नाममात्र जीडीपी वृद्धि 9.9% रही। वित्तीय प्रणाली में धोखाधड़ी की घटनाओं में वित्त वर्ष 2025 में ₹36,014 करोड़ की राशि सामने आई है, जो पिछले साल से तीन गुना ज्यादा है, हालांकि धोखाधड़ी के मामले घटे हैं, पर उनका परिष्कार बढ़ा है। कार्ड और इंटरनेट धोखाधड़ी के मामले घटे हैं, लेकिन धोखाधड़ी का पैमाना और जटिलता बढ़ी है। एसबीआई ने बताया है कि भारत की वित्तीय प्रणाली वैश्विक और घरेलू चुनौतियों के बीच लचीलापन और बदलाव के संतुलन पर है, जो देश की आर्थिक स्थिरता और निवेश के लिए महत्वपूर्ण है।
  • हर साल 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है ताकि साइकिल को एक सरल, किफायती और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन के रूप में पहचाना जा सके। यह दिन 2018 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा आधिकारिक रूप से स्वीकार किया गया था और इसे पोलिश-अमेरिकी समाजशास्त्री प्रोफेसर लेस्ज़ेक सिबिल्स्की ने 2015 में शुरू किए गए अभियान के बाद वैश्विक स्तर पर मनाया जाता है। विश्व साइकिल दिवस का उद्देश्य स्वास्थ्य, पर्यावरण और आर्थिक पहुंच को बढ़ावा देना है। साइकिल चलाने से मधुमेह, मोटापा और हृदय रोग जैसी बीमारियों से बचाव होता है, साथ ही यह यात्रा खर्च को कम करके स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को भी सपोर्ट करता है। पर्यावरण की दृष्टि से यह प्रदूषण मुक्त साधन है जो वायु गुणवत्ता सुधारने में मदद करता है। यह गरीब और ग्रामीण समुदायों को शिक्षा, नौकरी और स्वास्थ्य सेवा तक पहुंचाने में भी सहायक है। विश्व साइकिल दिवस के मौके पर रैलियां, जागरूकता अभियान, सार्वजनिक दौड़ और फिटनेस कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसके अलावा, साइकिल चलाना मानसिक तनाव कम करता है और सामाजिक जुड़ाव बढ़ाता है। यह दिन शहरी नियोजन में साइकिल-अनुकूल बुनियादी ढांचे को प्रोत्साहित करता है और सतत विकास लक्ष्यों से जुड़ा हुआ है। 2025 में यह दिवस शुक्रवार को मनाया जाएगा, जिसमें स्वस्थ और टिकाऊ शहरों की दिशा में ध्यान दिया जाएगा।
  • 2024 में जर्मनी ने जापान को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे बड़ा ऋणदाता देश बनकर एक बड़ा बदलाव किया है, जिससे जापान का 34 साल का दबदबा खत्म हो गया। इस बदलाव के पीछे जर्मनी का बढ़ता चालू खाता अधिशेष है, जो लगभग €240 बिलियन तक पहुंच गया है, साथ ही यूरो मुद्रा की जापानी येन के मुकाबले लगभग 5% बढ़ोतरी ने जर्मनी की विदेशी संपत्तियों का मूल्य बढ़ाया है। जबकि जापान ने ¥533 ट्रिलियन ($3.7 ट्रिलियन) की रिकॉर्ड शुद्ध बाहरी संपत्ति दर्ज की, जर्मनी ने इसे ¥569 ट्रिलियन ($3.9 ट्रिलियन) तक बढ़ा दिया। जर्मनी को यूरोजोन की स्थिरता और व्यापारिक छत्र का लाभ मिला, साथ ही उसने विदेशी बांड और इक्विटी में निवेश जारी रखा। दूसरी ओर, जापान कमजोर येन, घरेलू आर्थिक सुस्ती और वृद्ध होती जनसंख्या जैसी संरचनात्मक चुनौतियों से जूझ रहा है, जिससे निवेश आकर्षण कम हुआ है। जापान ने दीर्घकालिक विदेशी परिसंपत्तियों में निवेश बढ़ाया है, लेकिन कम ब्याज दरों और सतर्क निवेश रणनीति ने उसकी तरलता को प्रभावित किया है। जापानी सरकार घरेलू सुधारों और वेतन वृद्धि के माध्यम से स्थिति सुधारने का प्रयास कर रही है, जबकि जर्मनी के लिए निर्यात-संचालित मॉडल में अमेरिकी टैरिफ जैसी बाहरी चुनौतियाँ भविष्य में जोखिम पैदा कर सकती हैं।
  • फ्रांसीसी जैव रसायनज्ञ एटिने-एमिले बौलियू, जो गर्भपात की गोली मिफेप्रिस्टोन (RU-486) के आविष्कारक थे, का 31 मई 2025 को 98 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने 1980 के दशक में इस दवा का विकास किया, जो गैर-शल्य चिकित्सा गर्भपात को संभव बनाती है और महिलाओं के प्रजनन अधिकारों के लिए महत्वपूर्ण है। बौलियू ने मिफेप्रिस्टोन को प्रोजेस्टेरोन हार्मोन को रोकने वाली दवा के रूप में बनाया, जो गर्भधारण रोकती है, और मिसोप्रोस्टोल के साथ मिलकर इसका उपयोग किया जाता है। 1988 में फ्रांस और बाद में 2000 में अमेरिका में इसे मंजूरी मिली, जहां यह अब गर्भपात का आधे से अधिक हिस्सा बन गया है। धार्मिक और राजनीतिक विरोध के बावजूद बौलियू ने इस दवा का समर्थन किया और इसे गलत तरीके से गर्भपातकारी कहने से इंकार किया। उन्होंने स्टेरॉयड हार्मोन पर भी व्यापक शोध किया, जिसमें उम्र बढ़ने और न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों का अध्ययन शामिल है। वे फ्रेंच एकेडमी ऑफ साइंसेज के अध्यक्ष रहे और अमेरिकी राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के सदस्य थे। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान फ्रांसीसी प्रतिरोध से जुड़ने वाले बौलियू ने विज्ञान और समाज में गहरा प्रभाव डाला और महिलाओं के प्रजनन स्वतंत्रता के लिए उनका योगदान अमूल्य माना जाता है।
  • ड्यूश बैंक ने स्टीफन शेफ़र को भारत में अपने ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) का नया सीईओ नियुक्त किया है, जो कॉर्पोरेट कार्यों के लिए वैश्विक सीआईओ और ग्लोबल टेक्नोलॉजी सेंटरों के प्रमुख भी होंगे। यह कदम बैंक की भारत में तकनीकी और परिचालन क्षमताओं को मजबूत करने की रणनीति को दर्शाता है। ड्यूश इंडिया जीसीसी की स्थापना 2005 में हुई थी, जो मुंबई, पुणे, बेंगलुरु और जयपुर में फैला है और 20,000 से अधिक कर्मचारियों के साथ बैंक के वैश्विक वित्त, जोखिम, प्रौद्योगिकी और संचालन को समर्थन देता है। स्टीफन शेफ़र 2020 में ड्यूश बैंक से जुड़े थे और उन्होंने पहले बुखारेस्ट प्रौद्योगिकी केंद्र का नेतृत्व किया है। उन्हें पुनः प्रयोज्यता, सरलीकरण और मानकीकरण को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। उनकी नियुक्ति से ड्यूश बैंक की भारत में बढ़ती भूमिका और प्रौद्योगिकी-संचालित नवाचार पर जोर साफ होता है, साथ ही यह वैश्विक सहयोग और स्थानीय नेतृत्व को भी बढ़ावा देता है। इस भूमिका में शेफ़र बैंक के इंजीनियरिंग, मानकीकरण और नवाचार प्रयासों को और मजबूत करेंगे।
  • भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है और इसका डेयरी क्षेत्र लगातार बढ़ रहा है। 2023-24 में भारत ने 239.2 मिलियन टन दूध का उत्पादन किया, जो पिछले दस वर्षों में 63.56% की बड़ी वृद्धि दर्शाता है। 2025 तक देश के शीर्ष पाँच दूध उत्पादक राज्यों में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, गुजरात और पंजाब शामिल होंगे। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा दूध उत्पादक राज्य है, जो लगभग 18% दूध उत्पादन करता है और यहाँ पराग और अमूल जैसी बड़ी डेयरी कंपनियाँ सक्रिय हैं। राजस्थान लगभग 11% दूध उत्पादन करता है और यहाँ देशी नस्लों के मवेशियों का उपयोग होता है, साथ ही ऊँट और A2 दूध को बढ़ावा दिया जाता है। आंध्र प्रदेश में लगभग 10% दूध उत्पादन होता है, जहाँ आधुनिक तकनीक और संकर गायों का इस्तेमाल होता है और यहां के डेयरी उत्पाद आस-पास के देशों में भी जाते हैं। गुजरात 8% दूध उत्पादन करता है और अमूल ब्रांड की शुरुआत यहीं हुई थी, यहाँ डिजिटल तकनीक से मवेशियों की देखभाल की जाती है। पंजाब 7% दूध देता है, जहां बेहतर नस्ल और पोषण पर ध्यान दिया जाता है और ताजा दूध की मांग तेजी से बढ़ रही है। ये राज्य देश की डेयरी जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
  • तमिल निर्देशक विक्रम सुगुमारन का 47 वर्ष की उम्र में मदुरै से चेन्नई की यात्रा के दौरान दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे अपने निर्देशन की पहली फिल्म माधा यानाई कूटम के लिए प्रसिद्ध थे और हाल ही में रावण कोट्टम का निर्देशन कर चुके थे। विक्रम सुगुमारन एक यथार्थवादी और सामाजिक विषयों पर आधारित फिल्मों के लिए जाने जाते थे। उन्होंने 1999-2000 में बालू महेंद्र के सहायक निर्देशक के रूप में अपना करियर शुरू किया था और धनुष अभिनीत फिल्म आडुकलम के सह-लेखक भी रहे। उनकी अचानक मृत्यु से तमिल फिल्म उद्योग और उनके प्रशंसक स्तब्ध हैं। वह ‘थेरम पोरम’ नामक नई फिल्म परियोजना पर काम कर रहे थे। दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं पाए। उनके पीछे पत्नी और बच्चे हैं। साथी कलाकारों और संगीतकारों ने उनकी मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया है, जिसमें अभिनेता शांतनु भाग्यराज और संगीतकार जस्टिन प्रभाकरन शामिल हैं, जिन्होंने उन्हें एक सपने देखने वाला फिल्म निर्माता बताया। विक्रम सुगुमारन का जाना तमिल सिनेमा के लिए बड़ी क्षति है।
  • केनरा बैंक ने अपने सभी बचत खातों में न्यूनतम शेष राशि बनाए रखने की आवश्यकता को समाप्त कर दिया है, जिसमें नियमित, वेतन और एनआरआई खाते शामिल हैं। इससे औसत मासिक शेष (एएमबी) से जुड़ा दंड पूरी तरह खत्म हो गया है और यह सार्वजनिक क्षेत्र का पहला प्रमुख बैंक बन गया है जिसने ऐसा ग्राहक-केंद्रित बदलाव किया है। इस कदम का उद्देश्य वित्तीय समावेशन बढ़ाना और बैंकिंग सेवाओं को छात्रों, वेतनभोगी, ग्रामीण और निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए और अधिक सुलभ बनाना है। पहले खाताधारकों को खाते में न्यूनतम राशि रखनी पड़ती थी, नहीं तो जुर्माना देना होता था, जो अब लागू नहीं होगा। केनरा बैंक की यह पहल डिजिटल इंडिया और जन धन योजना को भी समर्थन देती है, जिससे वंचित और कमजोर वर्गों के लिए बैंकिंग आसान हो जाएगी। बैंक की स्थापना 1906 में हुई थी और इसके पूरे भारत में लगभग 9,849 शाखाएं हैं, जिनमें 3,139 ग्रामीण क्षेत्र में स्थित हैं, साथ ही इसकी अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति भी है। इस बदलाव से ग्राहक सुविधा बढ़ेगी और बैंकिंग प्रक्रिया अधिक समावेशी बनेगी।
  • भारत और इज़राइल के बीच रक्षा सहयोग 21वीं सदी के सबसे मजबूत द्विपक्षीय संबंधों में से एक है, जिसमें मिसाइल सिस्टम, यूएवी, रडार तकनीक और आतंकवाद विरोधी प्रयास शामिल हैं। बराक मिसाइल प्रणाली, जो 100 किमी तक हवाई खतरों से रक्षा करती है, भारतीय नौसेना, वायु सेना और सेना में उपयोग होती है। हेरोन और सर्चर जैसे यूएवी सीमा निगरानी के लिए खासतौर पर एलएसी और एलओसी पर तैनात हैं। स्पाइडर वायु रक्षा प्रणाली त्वरित प्रतिक्रिया देती है और सैन्य बुनियादी ढांचे की सुरक्षा करती है। फाल्कन AWACS 360 डिग्री हवाई निगरानी प्रदान करता है और भारत की हवाई चेतावनी क्षमता को मजबूत करता है। डीआरडीओ और इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने मध्यम दूरी की मिसाइलों का संयुक्त विकास किया है, जो कई लक्ष्यों पर एक साथ हमला कर सकती हैं। हारोप आत्मघाती ड्रोन दुश्मन के रडार और बंकरों को निशाना बनाता है। ईएल/एम-2032 रडार भारतीय लड़ाकू विमानों में लगाया गया है, जिससे लड़ाकू क्षमताएं बढ़ीं हैं। तवोर, गैलिल और नेगेव जैसे छोटे हथियार विशेष बलों और आतंकवाद विरोधी इकाइयों द्वारा उपयोग किए जाते हैं। आईएआई और बीईएल ने इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों के लिए संयुक्त उद्यम बनाया है, जो आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देता है। आतंकवाद विरोधी खुफिया साझेदारी और संयुक्त प्रशिक्षण भी इस सहयोग का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जिससे भारत की आंतरिक सुरक्षा मजबूत हुई है।
  • भारत सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत कम से कम 10 साल की सेवा पूरी कर 31 मार्च 2025 तक सेवानिवृत्त होने वाले केंद्रीय कर्मचारियों और उनके जीवनसाथी को एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) के लाभ देने का निर्णय लिया है। ये लाभ पेंशन में टॉप-अप, एकमुश्त राशि और साधारण ब्याज सहित बकाया भुगतान के रूप में मिलेंगे। यूपीएस योजना से एनपीएस सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मासिक पेंशन की गारंटी, अतिरिक्त वित्तीय सुरक्षा और आय असुरक्षा से राहत मिलेगी। आवेदन की अंतिम तिथि 30 जून 2025 रखी गई है। इस योजना के तहत पात्र सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अंतिम मूल वेतन का दसवां हिस्सा और हर छह माह की सेवा के लिए महंगाई भत्ता एकमुश्त मिलेगा, साथ ही एनपीएस और यूपीएस भुगतान में अंतर को टॉप-अप पेंशन के रूप में दिया जाएगा। जनवरी 2025 में घोषित यूपीएस का यह विस्तार मई 2025 में किया गया है ताकि पुरानी और नई पेंशन प्रणालियों में संतुलन बनाया जा सके। यह कदम लगभग 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को प्रभावित करेगा और लंबे समय से चली आ रही सुनिश्चित पेंशन की मांग को संबोधित करता है।
  • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट 2024–25 में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (SCB) के लिए नकदी प्रवाह-आधारित तरलता तनाव परीक्षण ढांचे को मजबूत करने की योजना घोषित की है। इसका उद्देश्य बैंकों की तरलता पर अत्यधिक लेकिन संभावित तनाव परिदृश्यों के प्रभाव का आकलन कर उन्हें संकट के समय पर्याप्त तरलता बनाए रखने में सक्षम बनाना है। साथ ही, यह ढांचा NBFC, UCB और खुद RBI के मार्केट पोर्टफोलियो तक विस्तारित किया जाएगा। RBI बड़े और मध्यम आकार के शहरी सहकारी बैंकों के लिए मैक्रो स्ट्रेस टेस्टिंग और NBFC के लिए इन-हाउस लिक्विडिटी टेस्टिंग विकसित करेगा। मार्केट पोर्टफोलियो के लिए ऐतिहासिक बाजार स्थितियों पर आधारित लिक्विडिटी जोखिम परीक्षण और ब्याज दर व विदेशी मुद्रा जोखिमों का विश्लेषण भी किया जाएगा। इसके अलावा, बैंकिंग पर्यवेक्षण में जलवायु जोखिमों को शामिल करते हुए जलवायु तनाव परीक्षण, दिशा-निर्देश और प्रकटीकरण मानदंड तैयार किए जाएंगे। RBI एक नया “जोखिम-पर-विकास” मॉडल भी ला रहा है, जो वर्तमान कमजोरियों का भविष्य की आर्थिक वृद्धि पर संभावित प्रभाव आंकेगा। इस पहल का मकसद बैंकों की मजबूती, जमाकर्ताओं की सुरक्षा और वित्तीय प्रणाली की स्थिरता सुनिश्चित करना है।
  • भारत अपनी सेना के तोपखाने को आधुनिक बनाने के लिए बोफोर्स, धनुष और ATAGS जैसी शक्तिशाली तोपों का उपयोग कर रहा है। पहले बोफोर्स तोप कारगिल युद्ध में शानदार प्रदर्शन के लिए जानी जाती थी, जिसकी मारक क्षमता 30 किमी थी और यह अर्ध-स्वचालित थी। अब भारत ने इसी डिज़ाइन पर आधारित लेकिन अधिक उन्नत स्वदेशी तोप धनुष विकसित की है, जो 38 किमी तक सटीक निशाना लगा सकती है और ऊंचे इलाकों में भी बेहतर काम करती है। इसके बाद, भारत ने सबसे आधुनिक तोप ATAGS बनाई है, जो DRDO और भारतीय कंपनियों के सहयोग से विकसित की गई है। यह पूरी तरह स्वचालित है, 48 किमी से अधिक की दूरी तक मार कर सकती है और जीपीएस ट्रैकिंग व डिजिटल कंट्रोल जैसी तकनीकों से लैस है। हालांकि यह भारी है और पहाड़ों में ले जाना कठिन हो सकता है, लेकिन यह भारत की सबसे उन्नत तोप मानी जा रही है। इन तीनों तोपों की मदद से भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है और सीमाओं की सुरक्षा को और मजबूत कर रहा है। मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों के चलते भारत अब विश्व स्तरीय सैन्य तकनीक खुद बना रहा है।
  • 2 जून 2025 को जर्मनी की पूर्व विदेश मंत्री अन्नालेना बैरबॉक को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र का अध्यक्ष चुना गया। उन्हें 167 मत मिले, जबकि उनके प्रतिस्पर्धी हेल्गा श्मिड को केवल 7 वोट प्राप्त हुए। बैरबॉक पश्चिमी यूरोपीय और अन्य समूह (WEOG) से इस पद पर चुनी जाने वाली पहली महिला हैं और संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष बनने वाली कुल पाँचवीं महिला बनीं। 44 वर्षीय बैरबॉक अब तक की सबसे युवा अध्यक्षों में से एक हैं। यह चुनाव ऐसे समय हुआ है जब यूक्रेन और गाजा में संघर्ष और सुरक्षा परिषद में गतिरोध के चलते महासभा की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है। वे महासभा को समावेशी मंच बनाने, 2030 सतत विकास एजेंडा को आगे बढ़ाने और संयुक्त राष्ट्र प्रणाली की प्रभावशीलता बढ़ाने को प्राथमिकता देंगी। उन्होंने बहुपक्षवाद, लैंगिक समानता, युवा सहभागिता और नागरिक समाज की भागीदारी को भी ज़ोर देकर उठाया है। बैरबॉक को जलवायु परिवर्तन, मानवाधिकार और कूटनीति के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका के लिए जाना जाता है। उनके चुनाव से वैश्विक सहयोग और संवाद को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
  • एलन मस्क के प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) ने 2 जून 2025 को XChat नामक एक नई मैसेजिंग सेवा का बीटा वर्जन लॉन्च किया है, जो व्हाट्सएप, टेलीग्राम और वीचैट जैसे ऐप्स को चुनौती देने के उद्देश्य से बनाया गया है। XChat में एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन, गायब होने वाले संदेश, फ़ाइल शेयरिंग और क्रॉस-प्लेटफॉर्म ऑडियो/वीडियो कॉलिंग जैसी उन्नत सुविधाएं शामिल हैं। यह ऐप फिलहाल केवल X के प्रीमियम (भुगतान आधारित) उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध है और इसे रस्ट प्रोग्रामिंग भाषा से विकसित किया गया है, जिससे यह बिटकॉइन-शैली एन्क्रिप्शन के जरिए मजबूत साइबर सुरक्षा प्रदान करता है। XChat मस्क के उस विज़न का हिस्सा है, जिसमें वह एक्स को एक ऑल-इन-वन सुपर ऐप में बदलना चाहते हैं, जो मैसेजिंग के साथ-साथ भुगतान, वाणिज्य और एआई को भी एकीकृत करे। ग्रोक एआई के संभावित भविष्य के एकीकरण को लेकर भी चर्चा है। यह लॉन्च मैसेजिंग जगत में तकनीकी बदलाव और प्रतिस्पर्धा को नई दिशा देने वाला कदम माना जा रहा है, जिससे वैश्विक तकनीकी निर्भरता में कमी लाने और एक्स को एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र में बदलने की कोशिश की जा रही है।
  • भारत सरकार ने डाक विभाग के माध्यम से ध्रुव नीति दस्तावेज जारी किया है, जिसका उद्देश्य पूरे देश में जियो-कोडेड और मानकीकृत डिजिटल एड्रेस इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना है। यह पहल डिजिटल सेवा वितरण को अधिक सटीक और प्रभावी बनाने के लिए की गई है। ध्रुव, यानी डिजिटल हब फॉर रेफरेंस एंड यूनिक वर्चुअल एड्रेस, DIGIPIN के पहले लॉन्च के आधार पर आगे बढ़ाया गया है और यह आधार या UPI जैसी अन्य डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचनाओं की तरह एक मुख्य घटक के रूप में उभर रहा है। यह नीति एड्रेस-एज-ए-सर्विस मॉडल के तहत उपयोगकर्ताओं को उनके पते पर अधिक नियंत्रण और लचीलापन देती है, साथ ही सरकार, ई-कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स और वित्तीय सेवाओं के बीच इंटरऑपरेबिलिटी सुनिश्चित करती है। पारंपरिक पतों की असंगति और डिजिटल प्रोसेसिंग की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए यह एकीकृत और सुरक्षित ढांचा पेश करता है जो सेवा वितरण में सुधार, डेटा गोपनीयता की सुरक्षा और समावेशी विकास को बढ़ावा देता है। यह पहल विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज़ क्षेत्रों में डिजिटल शासन की पहुंच मजबूत करने, सेवा त्रुटियाँ कम करने और सार्वजनिक-निजी नवाचार को बढ़ावा देने में मदद करेगी।
  • तेलंगाना सरकार ने 30 मई 2025 को एक बड़ा कदम उठाते हुए कवल-ताडोबा बाघ गलियारे को “कुमराम भीम संरक्षण रिजर्व” के रूप में अधिसूचित किया है, जो अब वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 36(ए) के तहत कानूनी रूप से संरक्षित है। यह रिजर्व 1,492.88 वर्ग किलोमीटर में फैला है और कुमराम भीम आसिफाबाद जिले के 10 मंडलों और 78 आरक्षित वन ब्लॉकों को शामिल करता है। इसका उद्देश्य तेलंगाना, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के टाइगर रिजर्वों के बीच बाघों के संपर्क को मजबूत करना, जैव विविधता को सुरक्षित रखना और दीर्घकालिक आवास संरक्षण को बढ़ावा देना है। यहां अब तक 45 से अधिक बाघों की पहचान की गई है और यह तेंदुए, भालू, भेड़िये, गौर, चीतल, नीलगाय जैसी कई प्रजातियों का भी घर है। यह क्षेत्र दुर्लभ पक्षियों जैसे मालाबार पाइड हॉर्नबिल और लंबी चोंच वाले गिद्ध का भी महत्वपूर्ण आवास है। संरक्षण के बेहतर प्रबंधन के लिए एक समिति का गठन किया गया है, जिसमें जिला वन अधिकारी, स्थानीय सरपंच, NGOs और विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल हैं। यह कदम भारत में बाघ संरक्षण और पारिस्थितिक संतुलन की दिशा में एक प्रेरणादायक मिसाल है।
  • ईद-उल-अज़हा, जिसे बकरा ईद या बलिदान का त्यौहार कहा जाता है, मुसलमानों के लिए एक पवित्र और महत्वपूर्ण अवसर है जो भक्ति, त्याग और एकजुटता का प्रतीक है। 2025 में यह भारत में शनिवार, 7 जून को और सऊदी अरब में 6 जून को मनाई जाएगी। यह त्यौहार इस्लामी महीने जिल हिज्जा की 10वीं तारीख को आता है, जबकि इससे एक दिन पहले 6 जून को अराफात दिवस मनाया जाएगा, जो हज यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह त्यौहार पैगंबर इब्राहिम की उस कथा से जुड़ा है जब उन्होंने अपने बेटे को बलिदान करने की ईश्वर की आज्ञा मानी थी, पर अंत में भगवान ने एक भेड़ भेज दी। इस दिन मुसलमान सुबह की नमाज़ पढ़ते हैं, जानवर की बलि देते हैं और मांस को तीन हिस्सों में बांटते हैं—परिवार, दोस्तों और गरीबों के लिए। यह दिन सिर्फ बलिदान का नहीं, बल्कि करुणा, मदद और साझा करने का संदेश देता है। लोग एक-दूसरे से मिलते हैं, उपहार बांटते हैं और विशेष पकवानों का आनंद लेते हैं। यह पर्व मक्का में हज की समाप्ति और आध्यात्मिक पूर्णता का प्रतीक भी है।
  • भारत में ब्लूबेरी की खेती धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रही है और अब देश हर साल लगभग 2,000 से 3,000 टन ब्लूबेरी पैदा कर रहा है। महाराष्ट्र इसमें सबसे आगे है, जहाँ पुणे और नासिक जैसे क्षेत्रों की अम्लीय मिट्टी और संतुलित मौसम ब्लूबेरी की अच्छी पैदावार के लिए उपयुक्त हैं। महाराष्ट्र के किसान आधुनिक खेती तकनीकों से उच्च गुणवत्ता वाले फल उगा रहे हैं। कर्नाटक के नीलगिरी क्षेत्र में ठंडी जलवायु ब्लूबेरी के लिए अनुकूल है, और यहाँ की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। हिमाचल प्रदेश की सोलन और शिमला पहाड़ियों में भी ब्लूबेरी की खेती में तेजी आई है, जिससे किसानों को बेहतर आमदनी हो रही है। तमिलनाडु के ऊटी और कोडाईकनाल जैसे ठंडे इलाकों में किसान धीरे-धीरे इस फल को अपनाने लगे हैं और अच्छी गुणवत्ता वाले फल उगा रहे हैं। उत्तराखंड में देहरादून और नैनीताल जैसे क्षेत्रों की ठंडी जलवायु और पहाड़ी मिट्टी ब्लूबेरी की खेती के लिए उपयुक्त है, जिससे किसानों को नए मौके और आमदनी के स्रोत मिल रहे हैं। भारत के शीर्ष ब्लूबेरी उत्पादक राज्यों में महाराष्ट्र, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु और उत्तराखंड शामिल हैं।

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