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Today’s Current Affairs in Hindi | 04 मई 2025 (हिंदी करंट अफेयर्स)

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04 मई 2025 डेली करेंट अफेयर्स

  • भारत के रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2024-25 में 57.5 टन सोना खरीदा, जो 2017 के बाद से दूसरा सबसे बड़ा वार्षिक अधिग्रहण है। यह कदम वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं, भू-राजनीतिक तनावों और अमेरिकी डॉलर की कमजोरी के बीच उठाया गया है, जब सोने की कीमतों में भारी वृद्धि देखी गई। अप्रैल 2025 में सोने की कीमत ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई, जो सालाना 30% की वृद्धि दर्शाता है। RBI ने सोने की खरीद को अपने विदेशी मुद्रा भंडार को विविधित करने, मुद्रा अस्थिरता और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं से बचाव के रूप में किया है, क्योंकि सोना समय के साथ अपनी क्रय शक्ति बनाए रखता है। मार्च 2025 तक, RBI का कुल सोना भंडार 879.6 टन तक पहुंच चुका है, जो एक साल पहले 822.1 टन था। यह बदलाव RBI की रणनीति में सुधार और भारत की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने का संकेत है। वैश्विक केंद्रीय बैंक भी इसी तरह सोने के भंडार को बढ़ा रहे हैं, जैसे चीन और रूस ने किया है।
  • भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने लैंड पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (LPAI) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत भारत के नेपाल, बांग्लादेश, भूटान और म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों से जुड़े 26 लैंड पोर्ट्स पर बैंकिंग सेवाएं प्रदान की जाएंगी। यह साझेदारी व्यापार, विदेशी मुद्रा लेनदेन, और वित्तीय सेवाओं को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखती है। SBI सीमा पार व्यापार को आसान बनाने, विदेशी मुद्रा, बीमा, और डिजिटल बैंकिंग जैसी सेवाएं प्रदान करेगा। 2030 तक व्यापार को ₹80,000 करोड़ से बढ़ाकर ₹2 लाख करोड़ करने का लक्ष्य है। इस परियोजना से 8 सीमावर्ती राज्यों में 26 लैंड पोर्ट्स को कवर किया जाएगा, जिनमें 15 सक्रिय और 11 नए पोर्ट्स शामिल हैं। 2023-24 में ₹70,952 करोड़ का व्यापार और 30.46 लाख यात्री आवाजाही दर्ज की गई। इस साझेदारी से सीमावर्ती राज्यों की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने, रोजगार सृजन, और भारत को वैश्विक व्यापार केंद्र बनाने में मदद मिलेगी।
  • भारती एंटरप्राइज़ेज़ के अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल विश्व बैंक की पहल ‘प्राइवेट सेक्टर इन्वेस्टमेंट लैब’ (PSIL) के नए चरण से जुड़े हैं, जिसका उद्देश्य विकासशील देशों में निजी निवेश और रोज़गार सृजन को बढ़ावा देना है। 24 अप्रैल 2025 को शुरू हुए इस चरण में ऊर्जा, अवसंरचना और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में प्रभावशाली रणनीतियाँ अपनाई जाएंगी। मित्तल के साथ कई वैश्विक नेता जैसे डांगोटे समूह के अलिको डांगोटे, हयात होटल्स के मार्क होपलामेज़ियन और बेयर एजी के बिल एंडरसन भी इस पहल में शामिल हुए हैं। PSIL पाँच मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है: नियामक स्पष्टता, राजनीतिक जोखिम बीमा, स्थानीय मुद्रा में वित्तपोषण, जूनियर इक्विटी पूंजी और सेक्यूरिटाइज़ेशन। इसका लक्ष्य निजी पूंजी को विश्व बैंक की विकास नीतियों से जोड़ते हुए विदेशी निवेश को बढ़ावा देना और अफ्रीका में 30 करोड़ लोगों को बिजली से जोड़ना है। इस पहल की अध्यक्षता प्रुडेंशियल पीएलसी की चेयरपर्सन श्रुति वडे़रा कर रही हैं, और इसके संस्थापक सदस्यों में ब्लैकरॉक, HSBC, टाटा संस और टेमासेक शामिल हैं। PSIL 2023 में स्थापित हुआ था और अब इसका फोकस उच्च जोखिम वाले बाजारों में बाधाएं दूर कर निजी निवेश को गति देना है।
  • वित्त वर्ष 2024–25 में भारत ने निर्यात के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है, जहाँ कुल निर्यात 824.9 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया—जो अब तक का सर्वोच्च स्तर है। यह पिछले साल के 778.1 अरब डॉलर की तुलना में 6.01% अधिक है। इस उल्लेखनीय वृद्धि में सेवाओं के निर्यात की प्रमुख भूमिका रही, जिसने मार्च 2025 में 35.6 अरब डॉलर तक पहुँचते हुए 18.6% की बढ़त दर्ज की। आईटी, परामर्श, वित्त और डिजिटल सेवाओं जैसे क्षेत्रों में भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता में तेज़ी से सुधार हुआ है। इस निर्यात वृद्धि से न केवल विदेशी मुद्रा भंडार को बल मिला है, बल्कि पेट्रोलियम उत्पादों पर निर्भरता भी घटाने में मदद मिली है। यह ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ अभियानों को मजबूती देता है। सरकार की विदेश व्यापार नीति 2023 का लक्ष्य 2030 तक निर्यात को 2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचाने का है, जिसमें नवाचार और नए व्यापार बाजारों पर जोर दिया गया है। उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन योजनाएं और व्यापारिक बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण भी इस सफलता में सहायक रहे हैं। खास बात यह है कि यह उपलब्धि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद हासिल हुई है।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 मई 2025 को केरल के तिरुवनंतपुरम में ₹8,800 करोड़ की लागत से बने विझिंजम अंतरराष्ट्रीय गहरे पानी के बहुउद्देश्यीय बंदरगाह का उद्घाटन किया। यह बंदरगाह भारत का पहला ट्रांसशिपमेंट हब है, जो दुनिया के सबसे बड़े कार्गो जहाजों को संभालने में सक्षम है और विदेशी बंदरगाहों पर भारत की 75% निर्भरता को कम करेगा। यह बंदरगाह अंतरराष्ट्रीय शिपिंग मार्ग से केवल 10 नॉटिकल मील दूर है और अडाणी पोर्ट्स द्वारा PPP मॉडल पर संचालित है। इसका उद्घाटन आदि शंकराचार्य जयंती पर हुआ, जिससे इसे आध्यात्मिक महत्व भी मिला। यह परियोजना सागरमाला, पीएम-गति शक्ति और मैरिटाइम अमृत काल विजन जैसे सरकारी प्रयासों से जुड़ी है और भारत को वैश्विक व्यापार और लॉजिस्टिक्स हब बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगी। यह बंदरगाह इंडो-पैसिफिक व्यापार केंद्र बनने की स्थिति में है और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे से जुड़ेगा। इससे केरल की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, MSME, मत्स्य पालन, पर्यटन और जहाजरानी को बढ़ावा मिलेगा और हजारों रोजगार के अवसर सृजित होंगे। साथ ही, कोच्चि में जहाज निर्माण क्लस्टर को समर्थन और विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभ भी क्षेत्र को मिलेंगे।
  • विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 3 मई 2025 को मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य स्वतंत्र, निष्पक्ष और बहुलवादी मीडिया की भूमिका को सम्मान देना और प्रेस की स्वतंत्रता को एक मौलिक मानव अधिकार के रूप में स्थापित करना है। यह दिन 1993 से हर साल मनाया जा रहा है और इसकी प्रेरणा 1991 की विंडहोक घोषणा से मिली थी। इस वर्ष, यूनेस्को द्वारा आयोजित इस दिवस पर पत्रकारों को सेंसरशिप, हिंसा और डिजिटल निगरानी जैसी चुनौतियों से बचाने की अपील की गई है, साथ ही यह डिजिटल युग में गलत सूचना और AI-जनित कंटेंट से उपजी नई समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करता है। यह दिन पारदर्शिता, जवाबदेही और लोकतंत्र को बनाए रखने में पत्रकारों की अहम भूमिका को उजागर करता है, साथ ही मीडिया साक्षरता और नैतिक पत्रकारिता के महत्व को भी रेखांकित करता है। विश्व स्तर पर यह सरकारों, नागरिक समाज और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के सहयोग को प्रोत्साहित करता है ताकि पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और उन पत्रकारों को श्रद्धांजलि दी जा सके जिन्होंने सच की आवाज़ उठाते हुए अपनी जान गंवाई।
  • 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने 2 मई 2025 को पाकिस्तान से सभी प्रकार के आयात और पारगमन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है, चाहे वह किसी तीसरे देश जैसे यूएई, सिंगापुर या कोलंबो के माध्यम से ही क्यों न हो। यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा और सीमा पार आतंकवाद की फंडिंग रोकने की रणनीति का हिस्सा है। सरकार ने साफ किया है कि किसी भी अपवाद के लिए पूर्व अनुमति अनिवार्य होगी। अटारी ICP पहले ही बंद किया जा चुका है, लेकिन यूएई जैसे देशों के जरिए पाकिस्तान से खजूर और सूखे मेवे अब भी आ रहे थे, जिसे अब पूरी तरह रोका गया है। GTRI के मुताबिक, तीसरे रास्तों से करीब $10 अरब का व्यापार होता था, जो अब बंद हो जाएगा। 2018–19 से भारत-पाक व्यापार में गिरावट आई है, लेकिन 2023–24 में यह ₹3,886 करोड़ तक पहुंचा। भारत से पाकिस्तान को सोया बीन, मिर्च, सब्ज़ियां आदि भेजी जाती थीं, जबकि पाकिस्तान से खजूर, सीमेंट व सेंधा नमक आता था। भारत ने विश्व बैंक, IMF व ADB को भी पाकिस्तान को मदद देने पर सतर्क किया है। सिंधु जल संधि निलंबन, अटारी-वाघा सीमा बंद और कूटनीतिक संबंधों में कटौती जैसे कदम भी उठाए गए हैं।
  • भारत ने दुनिया की सबसे बड़ी न्यूक्लियर फ्यूजन परियोजना आईटीईआर में एक बड़ी सफलता हासिल की है, जिसमें मुख्य चुंबकीय प्रणाली का निर्माण पूरा कर लिया गया है। इस परियोजना का उद्देश्य सूर्य जैसी ऊर्जा को धरती पर दोहराना है ताकि स्वच्छ और कार्बन-मुक्त ऊर्जा उत्पन्न की जा सके। भारत ने इसमें क्रायोस्टैट का डिजाइन और निर्माण, क्रायोलाइन्स, इन-वॉल शील्डिंग, कूलिंग और हीटिंग सिस्टम जैसी जटिल तकनीकों में अहम योगदान दिया है। यह परियोजना फ्रांस के कैडाराश में चल रही है और इसमें भारत समेत सात प्रमुख देश भागीदार हैं। हाल ही में इसके सेंट्रल सोलोनॉयड का छठा मॉड्यूल तैयार हुआ है, जो अत्यधिक गर्म प्लाज़्मा को नियंत्रित करने वाला “इलेक्ट्रोमैग्नेटिक दिल” है। इसकी चुंबकीय ताकत इतनी है कि यह एक एयरक्राफ्ट कैरियर को उठा सकती है। 45% लागत यूरोपीय संघ वहन कर रहा है, जबकि बाकी देशों की हिस्सेदारी लगभग 9% है। 30 से ज्यादा देशों और 100 से ज्यादा फैक्ट्रियों ने मिलकर इसके उपकरण बनाए हैं। यह परियोजना बिजली पैदा नहीं करेगी, बल्कि फ्यूजन ऊर्जा की व्यवहार्यता सिद्ध करेगी, जिससे भविष्य में वाणिज्यिक फ्यूजन रिएक्टरों के विकास को गति मिलेगी और निजी क्षेत्र की भागीदारी से नवाचार को नया बल मिलेगा।
  • कर्नाटक के गडग ज़िले में स्थित लक्कुंडी और उसके आसपास के चालुक्य कालीन मंदिरों और स्मारकों को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की अस्थायी सूची में शामिल करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। 10वीं से 12वीं शताब्दी में कल्याण चालुक्य वंश के शासन में निर्मित ये मंदिर नागर, द्रविड़ और भूमिजा शैलियों के मेल से बनी वेसर शैली का सुंदर उदाहरण हैं। इन स्मारकों में काशी विश्वेश्वर, मणिकेश्वर, नन्नेश्वर मंदिर, ब्रह्मा जिनालय, मुसुकिना बावि सहित आसपास के डोड्डबासप्पा, त्रिकुटेश्वर, महादेव, मल्लिकार्जुन, सोमेश्वर और तारकेश्वर मंदिर शामिल हैं। ये संरचनाएँ न केवल स्थापत्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं बल्कि इनकी बावड़ियाँ भी बेहद आकर्षक और उपयोगी हैं। मंदिरों की निर्माण तकनीक, जल संरचना और सामाजिक उपयोगिता का अद्भुत समावेश इन्हें विशिष्ट बनाता है। कर्नाटक सरकार ने INTACH की सहायता से प्रस्ताव तैयार किया है और विशेषज्ञ इसकी समीक्षा कर रहे हैं। अस्थायी सूची में शामिल होने के एक वर्ष बाद नामांकन डोज़ियर प्रस्तुत किया जाएगा। इससे पहले बादामी, ऐहोले, श्रीरंगपट्टन, हीरे बेनकल और डेक्कन सल्तनत स्मारक भी इस सूची में आ चुके हैं।
  • फोर्ब्स इंडिया ने अपनी बहुप्रतीक्षित W-पावर सूची 2025 जारी की है, जिसमें व्यवसाय, विज्ञान, खेल, कला और उद्यमिता जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाली स्वनिर्मित भारतीय महिलाओं को सम्मानित किया गया है। यह वार्षिक सूची उन अग्रणी महिलाओं को पहचान देती है जो पारंपरिक सोच को चुनौती देकर सफलता की नई परिभाषा गढ़ रही हैं। इस बार की सूची में IMF की प्रथम उप प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ, Chanel की वैश्विक CEO लीना नायर, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी स्मृति मंधाना, पीवी सिंधु, मनु भाकर, फिल्म निर्माता पायल कपाड़िया, NIMHANS की निदेशक डॉ. प्रतिमा मूर्ति, डेलॉयट साउथ एशिया की चेयरपर्सन शेफाली गोराडिया और आदित्य बिड़ला कैपिटल की CEO विशाखा मुल्ये जैसी प्रभावशाली महिलाएं शामिल हैं। कुल मिलाकर सूची में 5 महिलाएं अंतरराष्ट्रीय संगठनों से, 3 शीर्ष खिलाड़ी, 4 फिल्म व कला क्षेत्र से और 4 निर्णायक मंडल सदस्य हैं। यह पहल न केवल महिला नेतृत्व और सशक्तिकरण का उत्सव है, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है, जो पुरुष-प्रधान क्षेत्रों में लैंगिक समावेशन को बढ़ावा देती है और अगली पीढ़ी की महिलाओं को आगे बढ़ने का साहस देती है।
  • नीति आयोग और इंस्टिट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस (IFC) ने MSMEs की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने पर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की प्रमुख चुनौतियों और उनके समाधान के लिए व्यापक योजना प्रस्तुत की गई है। रिपोर्ट में सीमित ऋण सुविधा, कुशल श्रमिकों की कमी, तकनीक अपनाने में रुकावटें और बाज़ार में एकीकरण की कमी को मुख्य समस्याएं बताया गया है। MSMEs की ऋण पहुँच में सुधार के बावजूद उनकी कुल मांग का केवल 19% ही पूरा हो रहा है, जिस पर CGTMSE के माध्यम से सुधार की सिफारिश की गई है। कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण और R&D को बढ़ावा देने की जरूरत बताई गई है, जबकि तकनीकी नवाचार में बिजली, इंटरनेट और लागत जैसी बाधाओं को दूर करने के लिए राज्यों को कदम उठाने की सलाह दी गई है। वैश्विक बाज़ार में भागीदारी के लिए डिजिटल मार्केटिंग, लॉजिस्टिक्स साझेदारी और नए प्लेटफॉर्म की सिफारिशें की गई हैं, खासकर पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत पर विशेष ध्यान देने के साथ। रिपोर्ट में राज्य स्तर पर लचीले और क्लस्टर आधारित नीति ढांचे के निर्माण पर ज़ोर दिया गया है, जिससे MSMEs नवाचार और आर्थिक विकास में प्रमुख भूमिका निभा सकें।
  • एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने 2 मई 2025 को भारतीय वायु सेना के वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ का पद संभाला, replacing एयर मार्शल एसपी धारकर। इससे पहले वे दक्षिण पश्चिमी वायु कमान में एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ थे। तीन दशक से अधिक की सेवा के दौरान उन्हें परम विशिष्ट सेवा मेडल (2025), अति विशिष्ट सेवा मेडल (2022) और वायु सेना मेडल (2008) से सम्मानित किया गया है। तिवारी को 7 जून 1986 को फाइटर पायलट के रूप में कमीशन मिला और उन्होंने 3600 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव प्राप्त किया है। NDA से राष्ट्रपति स्वर्ण पदक विजेता रहे तिवारी ने अमेरिका के एयर कमांड एंड स्टाफ कॉलेज से उच्च अध्ययन किया और वायु सेना टेस्ट पायलट स्कूल व डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में प्रशिक्षक रहे। उन्होंने कारगिल युद्ध में ‘Litening’ पॉड के संचालन में, और तेजस विमान की फाइनल ऑपरेशनल क्लीयरेंस में अहम भूमिका निभाई। 2013 से 2016 तक वे पेरिस में एयर अटैशे रहे और अंतरराष्ट्रीय सैन्य संबंध मजबूत किए। उनकी नियुक्ति वायु सेना में नेतृत्व, आधुनिकीकरण और रणनीतिक क्षमताओं को और सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

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