Today’s Current Affairs in Hindi | 08 अप्रैल 2025 (हिंदी करंट अफेयर्स), 08 अप्रैल 2025 के current affairs today in hindi.
08 अप्रैल 2025 डेली करेंट अफेयर्स
- भारत और चीन ने अपने राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाते हुए एक-दूसरे को संदेश भेजे, जिनमें द्विपक्षीय सहयोग और रणनीतिक साझेदारी की जरूरत को रेखांकित किया गया। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत-चीन सहयोग को “ड्रैगन और हाथी के नृत्य” से जोड़ा और कहा कि दोनों देश आधुनिकता की ओर बढ़ रहे हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने आपसी सम्मान, संवेदनशीलता और सहयोग की भावना को मजबूत करने की बात कही। भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने संबंधों की रणनीतिक प्रकृति को उजागर किया। वर्षगांठ समारोह में पिछले पाँच महीनों की प्रगति पर भी चर्चा हुई, जैसे पूर्वी लद्दाख में सेनाओं की वापसी, गश्त की बहाली, कैलाश मानसरोवर यात्रा का पुनः आरंभ, नदियों पर सहयोग, और सीधी हवाई सेवाओं पर बातचीत। लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने के लिए भारत में 2025 की पहली तिमाही में चीनी दूतावास द्वारा 70,000 वीज़ा जारी किए गए, जो दोनों देशों के नागरिकों के बीच बढ़ते भरोसे और संवाद का प्रतीक हैं। यह अवसर भारत में स्थित चीनी दूतावास द्वारा आयोजित एक स्मरणीय कार्यक्रम के रूप में मनाया गया।
- भारत सरकार “एक राज्य, एक आरआरबी” नीति लागू करने जा रही है, जिसके तहत मौजूदा 43 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) को घटाकर 28 किया जाएगा। इसका उद्देश्य संचालन क्षमता बढ़ाना, लागत घटाना और बैंकों के बीच अनावश्यक प्रतिस्पर्धा को कम करना है। यह नीति खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण प्रवाह बढ़ाने और सेवा वितरण को बेहतर बनाने के लिए लाई गई है। इस समेकन से आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, कर्नाटक, ओडिशा समेत कई राज्यों के आरआरबी प्रभावित होंगे। तेलंगाना ने पहले ही APGVB और तेलंगाना ग्रामीण बैंक के बीच परिसंपत्तियों का सफल विभाजन कर लिया है। 2021-22 में सरकार ने आरआरबी में ₹5,445 करोड़ पूंजी निवेश किया था। इसका असर यह हुआ कि 2023-24 में आरआरबी ने रिकॉर्ड ₹7,571 करोड़ का लाभ कमाया और पूंजी पर्याप्तता अनुपात 14.2% पर पहुँच गया, जबकि गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ घटकर 6.1% हो गईं। आरआरबी अधिनियम 1976 के तहत गठित इन बैंकों को 2015 में संशोधन के बाद गैर-सरकारी स्रोतों से भी पूंजी जुटाने की अनुमति मिली। वर्तमान में देशभर में 43 आरआरबी की 22,069 शाखाएँ 700 जिलों में संचालित हैं और अब डिजिटल सेवाओं से भी ग्रामीण ग्राहकों को जोड़ा जा रहा है।
- मेटा ने 6 अप्रैल 2025 को एलएलएएमए-4 नामक अगली पीढ़ी के बड़े भाषा मॉडल्स का सूट लॉन्च किया, जिसमें तीन एआई मॉडल – स्काउट, मैवरिक और बेहेमोथ शामिल हैं। स्काउट को अब तक का सबसे उन्नत मल्टीमॉडल मॉडल बताया गया है, जो टेक्स्ट, इमेज और ऑडियो को एकसाथ प्रोसेस कर सकता है। मैवरिक, मेटा का प्रमुख एआई असिस्टेंट है, जिसे रोज़मर्रा की जरूरतों के लिए तैयार किया गया है, जबकि बेहेमोथ सबसे शक्तिशाली टीचर मॉडल है, जो अन्य एआई को प्रशिक्षित कर सकता है। ये मॉडल डॉक्यूमेंट समरी, कोड जनरेशन और विज़ुअल प्रोसेसिंग जैसे जटिल कार्य कर सकते हैं और प्रदर्शन में GPT-4o, Gemini 2.0 और Mistral 3.1 जैसे प्रमुख मॉडल्स को पीछे छोड़ते हैं। स्काउट और मैवरिक मेटा की वेबसाइट पर मुफ्त में उपलब्ध हैं, जबकि बेहेमोथ अभी प्रीव्यू स्टेज में है। मेटा ने 2025 के लिए एआई में $65 बिलियन का निवेश तय किया है, जिसमें डेटा सेंटर्स, हाई-परफॉर्मेंस चिप्स और नई प्रतिभाओं की नियुक्ति शामिल है। मेटा का लक्ष्य है कि साल के अंत तक Meta AI दुनिया का सबसे व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला एआई असिस्टेंट बने और इसे सोशल मीडिया व स्मार्ट डिवाइसेज़ में एकीकृत किया जाए।
- 13 मार्च 2025 को हरियाणा सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर मिताथल और तिगराना को हरियाणा प्राचीन एवं ऐतिहासिक स्मारक तथा पुरातात्विक स्थल एवं अवशेष अधिनियम, 1964 के तहत संरक्षित घोषित किया। मिताथल, जो लगभग 10 एकड़ में फैला है, की खोज 1913 में हुई थी और 1968 में हुई खुदाई में हड़प्पा सभ्यता और ताम्र-कांस्य युग की संस्कृति के प्रमाण मिले, जैसे मालाएं, तांबे के उपकरण, टेराकोटा और विशेष प्रकार की चित्रित मिट्टी की हांड़ियाँ। यहाँ नगर योजना, वास्तुकला और कला के हड़प्पा शैली के संकेत मिले हैं। तिगराना स्थल ताम्रपाषाण काल की एक प्रमुख बस्ती थी, जो लगभग 2400 ईसा पूर्व की मानी जाती है और सोथी समुदाय द्वारा बसाई गई थी। यहाँ फूस की छत वाले कच्चे ईंटों के घर, कृषि, पालतू पशु, चित्रित मिट्टी के बर्तन, तांबे व पत्थर के औजार और आभूषण निर्माण के प्रमाण मिले हैं। इस क्षेत्र में हरे कार्नेलियन के कंगन और मनका-निर्माण व्यापार की पुष्टि होती है। तिगराना से पूर्व-सिसवाल, पूर्व-हड़प्पा और उत्तर-हड़प्पा काल के अवशेष मिलने से इसका पुरातात्विक महत्व और भी बढ़ गया है।
- भारत और श्रीलंका ने पहली बार रक्षा सहयोग पर एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जो दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुर कुमारा डिसानायके के बीच हुई बातचीत में यह समझौता संपन्न हुआ, जिसमें संयुक्त सैन्य अभ्यास, प्रशिक्षण और उच्चस्तरीय वार्तालाप शामिल हैं। यह स्पष्ट किया गया कि श्रीलंका की भूमि का उपयोग भारत के विरुद्ध नहीं होने दिया जाएगा। इसके साथ ही, ऊर्जा और अवसंरचना क्षेत्रों में भी कई अहम समझौते हुए, जिनमें सम्पूर पावर प्रोजेक्ट, त्रिकोणीय ऊर्जा पाइपलाइन, और बिजली ग्रिड इंटरकनेक्टिविटी शामिल हैं। डिजिटल परिवर्तन के लिए दोनों देशों ने डिजिटल गवर्नेंस साझेदारी पर सहमति जताई, वहीं 5,000 धार्मिक स्थलों पर सोलर रूफटॉप प्रोजेक्ट के जरिए 25 मेगावॉट हरित ऊर्जा उत्पन्न करने की योजना है। स्वास्थ्य सेवाओं और औषधीय मानकों को लेकर दो अलग-अलग समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए गए। भारत ने श्रीलंका के पूर्वी प्रांतों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए ₹2.4 अरब की सहायता की घोषणा की, जिससे यह संपूर्ण सहयोग भारत-श्रीलंका संबंधों को व्यापक और मजबूत बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित होता है।
- विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 को 7 अप्रैल को “स्वस्थ शुरुआत, आशावान भविष्य” थीम के साथ मनाया गया, जो मातृ एवं नवजात स्वास्थ्य पर केंद्रित है। यह थीम विश्व स्वास्थ्य संगठन के वर्षभर चलने वाले वैश्विक अभियान की शुरुआत का प्रतीक है, जिसका उद्देश्य गर्भावस्था, प्रसव और प्रसवोत्तर अवधि में माताओं की देखभाल को बेहतर बनाना और नवजातों के लिए सुलभ व उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएँ सुनिश्चित करना है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार हर साल लगभग 3 लाख महिलाएँ गर्भावस्था या प्रसव संबंधी जटिलताओं से मरती हैं, 20 लाख नवजात जन्म के पहले महीने में दम तोड़ देते हैं और इतने ही शिशु मृत पैदा होते हैं, जिनमें से कई की जान समय पर चिकित्सा मिलने से बचाई जा सकती थी। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि हर 7 सेकंड में एक रोकी जा सकने वाली मौत होती है। वर्तमान में 5 में से 4 देश 2030 तक मातृ मृत्यु दर कम करने के लक्ष्य से पीछे हैं और 3 में से 1 देश नवजात मृत्यु दर घटाने में विफल रहेगा। यह स्थिति विशेष रूप से निम्न- और मध्य-आय वाले देशों में एक गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य संकट को दर्शाती है।
- संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने वर्ष 2023 में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) क्षेत्र में ₹11,943 करोड़ (US$ 1.4 बिलियन) का निजी निवेश हासिल कर वैश्विक स्तर पर 10वां स्थान प्राप्त किया है, जिससे वह चीन के साथ उन गिने-चुने विकासशील देशों में शामिल हो गया है जिन्होंने AI में इतना बड़ा निवेश आकर्षित किया है। UNCTAD के ‘फ्रंटियर टेक्नोलॉजीज़ की तैयारी’ सूचकांक में भारत 2022 में 48वें से बढ़कर 2024 में 36वें स्थान पर आ गया, जो तकनीकी प्रगति की दिशा में देश की गंभीरता को दर्शाता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि AI का वैश्विक आर्थिक प्रभाव 2033 तक ₹4,09,48,800 करोड़ (US$ 4.8 ट्रिलियन) तक पहुँच सकता है, लेकिन इससे 40% नौकरियों पर खतरा भी है। अमेरिका और चीन इस क्षेत्र में शीर्ष निवेशक हैं, जबकि 100 वैश्विक कंपनियाँ AI R&D खर्च का 40% नियंत्रित करती हैं। भारत के पास 1.3 करोड़ सॉफ्टवेयर डेवलपर्स हैं और यह GitHub पर अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है। India AI मिशन और IIT अनुसंधान केंद्र नवाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। तकनीकी प्रतिस्पर्धा के बीच भारत को भविष्य में R&D और स्किल डेवलपमेंट पर निरंतर निवेश करना होगा।
- दिल्ली सरकार ने केंद्र के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर कर आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) को लागू कर दिया है, जिससे दिल्ली 35वां राज्य/केंद्र शासित प्रदेश बन गया है जो इस योजना का हिस्सा बना है। अब दिल्ली के नागरिक भी इस राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ उठा सकेंगे, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को चिन्हित अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा मिलती है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इसे स्वास्थ्य लाभों के विस्तार की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया, जबकि स्वास्थ्य मंत्री पंकज कुमार सिंह ने पूर्ववर्ती सरकार पर योजना में देरी के लिए आलोचना की। उन्होंने यह भी बताया कि पंजीकरण प्रक्रिया 10 अप्रैल 2025 से शुरू होगी। यह योजना पहले से ही देश के 34 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लागू है और 50 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ पहुँचा रही है। इसमें आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं समेत 36 लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स भी शामिल हैं। इस कदम से दिल्ली के लाखों निवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधा मिल सकेगी और देशभर में योजना का प्रभाव और भी व्यापक होगा।
- पश्चिम बंगाल ने अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजते हुए एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है—राज्य के सात पारंपरिक उत्पादों को हाल ही में भौगोलिक संकेतक (GI) टैग मिला है। इनमें सबसे प्रमुख नोलें गुड़र संदेश और बारुईपुर अमरूद शामिल हैं। नोलें गुड़र संदेश एक खास बंगाली शीतकालीन मिठाई है जो अपने कारमेल जैसे स्वाद और सुनहरे रंग के लिए जानी जाती है। इसके अलावा कामारपुकुर का सफेद बोंदे, मुर्शिदाबाद का छानाबोरा, बिष्णुपुर का मोतीचूर लड्डू, राधुनिपागल चावल, और मालदा का निस्तारी रेशम यार्न भी इस सूची में हैं। ये टैग न केवल इन वस्तुओं को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाते हैं, बल्कि राज्य की स्थानीय अर्थव्यवस्था, कारीगरों और किसानों को भी मजबूती प्रदान करते हैं। GI टैग इन उत्पादों की मौलिकता को बनाए रखते हुए उनकी ब्रांड वैल्यू को सुरक्षित करता है। हालांकि, नोलें गुड़र संदेश जैसी मिठाइयों की कम शेल्फ लाइफ और महंगा एयर कार्गो निर्यात में बड़ी चुनौती है। FACSI और अन्य संगठनों की मदद से राज्य सरकार ने जागरूकता फैलाने और भविष्य में शक्तिगढ़ का लंगचा, कृष्णनगर की स्वर पुरिया जैसी और पारंपरिक वस्तुओं को GI टैग दिलाने की दिशा में प्रयास तेज कर दिए हैं।
- ब्राज़ील के फॉज़ डू इगुआसू में आयोजित 2025 वर्ल्ड बॉक्सिंग कप में भारत ने अपने पहले ही प्रयास में शानदार प्रदर्शन किया। हितेश गुलिया ने 70 किलोग्राम भार वर्ग में इंग्लैंड के ओडेल कैमारा की चोट के कारण फाइनल मुकाबले में बिना लड़े स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया और इस टूर्नामेंट में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय बने। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय ब्राज़ील में हुए 10-दिवसीय तैयारी शिविर को दिया, जिसने उनके तकनीकी और रणनीतिक कौशल को निखारा। इसके अलावा अभिनाश जम्वाल ने 65 किलोग्राम भार वर्ग में ब्राज़ील के यूरी रीस से करीबी मुकाबले में हारकर रजत पदक जीता। भारत के चार अन्य मुक्केबाज़ों—जदुमणि सिंह मंदेंगबम (50 किग्रा), मनीष राठौर (55 किग्रा), सचिन (60 किग्रा) और विशाल (90 किग्रा)—ने कांस्य पदक अपने नाम किए। कुल मिलाकर भारत ने 10 सदस्यीय टीम के साथ छह पदक जीतकर शानदार शुरुआत की, जो न केवल पेरिस ओलंपिक के बाद की पहली बड़ी भागीदारी थी बल्कि लॉस एंजेलेस 2028 की तैयारी के लिए भी टीम के आत्मविश्वास को नई ऊँचाई दे गई।
- प्रसिद्ध सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने “फ्रेड डैरिंगटन अवॉर्ड फॉर एक्सीलेंस” जीतकर इतिहास रच दिया है। उन्हें यह सम्मान भगवान गणेश की 10 फीट ऊँची रेत की मूर्ति के लिए मिला, जो “विश्व शांति” का संदेश देती है और इंग्लैंड के साउथ-वेस्ट डोर्सेट स्थित सैंडवर्ल्ड में नवंबर 2025 तक प्रदर्शित की जाएगी। यह पुरस्कार फ्रेड डैरिंगटन की स्मृति में शुरू किया गया है, जिन्होंने 1925 में पहली बार रेत मूर्ति बनाकर इस कला को पहचान दिलाई थी। पटनायक इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन में प्रदर्शित होने वाले पहले भारतीय सैंड आर्टिस्ट बन गए हैं। उन्हें फ्रेड डैरिंगटन के कैरिकेचर वाली स्वर्ण पदक और उनकी ही मूर्ति की रेत से भरी कांच की लहर भेंट की गई। पुरस्कार पाकर पटनायक ने इसे अपने प्रशंसकों को समर्पित किया और लोगों से उनकी मूर्ति देखने की अपील की। ओडिशा के मुख्यमंत्री ने भी इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी और इसे भारत की सांस्कृतिक विरासत के लिए गौरव का क्षण बताया। फ्रेड डैरिंगटन के पोते मार्क एंडरसन, जो खुद भी सैंड आर्टिस्ट हैं, ने यह पुरस्कार प्रदान किया। पटनायक की यह उपलब्धि भारत की कला और संस्कृति को वैश्विक मंच पर सम्मान दिलाने वाली है।
- हर साल 6 अप्रैल को मनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय खेल दिवस फॉर डेवलपमेंट एंड पीस (IDSDP) खेलों की उस ताकत को उजागर करता है जो समाज में सकारात्मक बदलाव, समानता और शांति लाने में सक्षम है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त यह दिन खासतौर पर इस साल “लेवलिंग द प्लेइंग फील्ड: स्पोर्ट फॉर सोशल इनक्लूजन” थीम के साथ मनाया जा रहा है, जो खेलों के ज़रिए लैंगिक समानता, नस्लीय न्याय और वंचित समुदायों के समावेशन को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। खेल न सिर्फ सीमाएं मिटाते हैं, बल्कि सहनशीलता, सम्मान और शांति के मूल्यों को भी मजबूत करते हैं। 2025 में न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसमें मोनाको और क़तर के मिशन, UN Women और अन्य वैश्विक संस्थाएं हिस्सा लेंगी। साथ ही, अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति की Olympism365 रणनीति 176 देशों में 550 से अधिक सामाजिक कार्यक्रमों के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य और समावेशी समाज को बढ़ावा दे रही है। इसके तहत “Olympism365 Summit: Sport for a Better World” सम्मेलन जून 2025 में स्विट्ज़रलैंड में आयोजित होगा, जिसमें खेल आधारित विकास की संभावनाओं पर चर्चा की जाएगी।
- 5 अप्रैल 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को लेकर देशभर में चर्चा तेज हो गई है। यह अधिनियम वक्फ संपत्तियों के प्रशासनिक ढांचे में बड़े बदलाव करता है और लोकसभा व राज्यसभा में तीन दिन की बहस के बाद पारित हुआ। सरकार का कहना है कि इससे पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी, जबकि विपक्ष का आरोप है कि यह धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। गृह मंत्री अमित शाह ने सफाई दी कि यह कानून इस्लामी धार्मिक प्रथाओं में हस्तक्षेप नहीं करता और वक्फ दान केवल मुस्लिम दानदाता ही कर सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि गैर-मुस्लिमों की भागीदारी केवल प्रशासनिक उद्देश्यों तक सीमित रहेगी ताकि दान का सही उपयोग हो सके। शाह ने वक्फ प्रणाली को धार्मिक बनाए रखने की बात कही और विपक्ष पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। कुछ आलोचकों ने मदरसों व मुस्लिम शिक्षा पर प्रभाव की आशंका जताई, लेकिन सरकार ने कहा कि धार्मिक और शैक्षणिक गतिविधियां इससे प्रभावित नहीं होंगी।
- 6 अप्रैल 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के रामनाथपुरम ज़िले में भारत के पहले वर्टिकल-लिफ्ट समुद्री पुल, नए पंबन ब्रिज का उद्घाटन किया, जो रामेश्वरम द्वीप को मांडपम (मुख्य भूमि) से जोड़ता है। यह पुल 2.07 किलोमीटर लंबा है और ₹700 करोड़ से अधिक की लागत से बना है। इसे 100 वर्षों तक टिकाऊ रखने के लिए स्टेनलेस स्टील, वेल्डेड जोड़ और पॉलिसिलॉक्सेन कोटिंग जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है। 72.5 मीटर लंबे लिफ्ट स्पैन को 17 मीटर तक ऊँचा किया जा सकता है ताकि जहाज़ आसानी से गुजर सकें। यह पुल फिलहाल एक रेलवे ट्रैक पर संचालित है और 80 किमी/घंटा तक ट्रेन गति को सपोर्ट करता है। इस ऐतिहासिक दिन प्रधानमंत्री ने श्रीलंका से लौटते हुए राम सेतु का हवाई दर्शन किया और रामेश्वरम के रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा भी की। साथ ही ₹8,300 करोड़ की रेल और सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई। इस पुल की तुलना गोल्डन गेट ब्रिज (अमेरिका), टॉवर ब्रिज (UK) और ओरेसुंड ब्रिज (डेनमार्क–स्वीडन) से की जा रही है, जो इसे न सिर्फ तकनीकी रूप से, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से भी भारत के लिए विशेष बनाता है।