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Today’s Current Affairs in Hindi | 19 अप्रैल 2025 (हिंदी करंट अफेयर्स)

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19 अप्रैल 2025 डेली करेंट अफेयर्स

  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने पर्यावरणीय सेवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए उद्योगों का नया वर्गीकरण लागू किया है, जिसमें “आवश्यक पर्यावरणीय सेवाओं” (EES) के लिए एक नई ‘ब्लू श्रेणी’ बनाई गई है। इस श्रेणी में वे उद्योग शामिल हैं जो पर्यावरणीय समस्याओं के समाधान में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं, जैसे वेस्ट-टू-एनर्जी संयंत्र, बायोमाइनिंग और कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) संयंत्र। इन उद्योगों को प्रदूषण नियंत्रण की मंज़ूरी की अवधि में दो साल की वृद्धि मिलेगी, जिससे उनकी कुल वैधता 7 वर्ष हो जाएगी। ब्लू श्रेणी में आने वाले संयंत्रों को अधिक प्रोत्साहन मिलेगा, जबकि रेड श्रेणी में उच्च प्रदूषण क्षमता वाले संयंत्र शामिल हैं। इस नई पहल से यह सुनिश्चित होगा कि वे उद्योग जो प्रदूषण को कम करने में मदद करते हैं, उन्हें बेहतर नियमन और समर्थन मिले। इसके अलावा, जिन उद्योगों को पहले से पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त है, उन्हें स्थापना की सहमति की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा। इस संशोधित श्रेणीकरण का उद्देश्य पर्यावरणीय सेवाओं से जुड़े उद्योगों को प्रोत्साहित करना और पर्यावरण-संवेदनशील विनियमन को बढ़ावा देना है।
  • भारत और उज्बेकिस्तान के बीच द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास, डस्टलिक का छठा संस्करण 16 अप्रैल 2025 को पुणे के औंध में शुरू हुआ, जो 28 अप्रैल तक चलेगा। इसका उद्देश्य दोनों देशों के सैन्य सहयोग को बढ़ाना, संयुक्त सामरिक क्षमता विकसित करना और आपसी समन्वय को मजबूत करना है। इस अभ्यास में भारतीय सेना की जाट रेजिमेंट और वायुसेना के 60 सैनिक शामिल हैं, जबकि उज्बेकिस्तान की सेना भी भाग ले रही है। अभ्यास का मुख्य विषय अर्ध-शहरी परिदृश्य में आतंकवाद-रोधी अभियान और उप-पारंपरिक युद्ध में सहयोग है, जिसमें आतंकवादियों के हमले से निपटने, हेलीकॉप्टर और ड्रोन की मदद से सुरक्षा उपायों को लागू करने, और विशेष हेलीबोर्न ऑपरेशन्स का अभ्यास किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, दोनों देशों के बीच तकनीकी संसाधनों जैसे ड्रोन और काउंटर-UAS तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस अभ्यास से दोनों देशों के सैन्य बलों के बीच विश्वास और दोस्ती को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे द्विपक्षीय रक्षा सहयोग मजबूत होगा।
  • सूरत, गुजरात में 2019 में शुरू हुआ कैप-एंड-ट्रेड तंत्र, कणीय प्रदूषण (PM) के लिए विश्व का पहला व्यापार आधारित उत्सर्जन नियंत्रण कार्यक्रम है। इसे गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (GPCB) और शिकागो विश्वविद्यालय के एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट द्वारा प्रारंभ किया गया था। इसमें संयंत्रों में उत्सर्जन निगरानी प्रणाली (CEMS) लगाई गई है, जिससे उत्सर्जन डेटा वास्तविक समय में प्राप्त होता है। 318 संयंत्रों के लिए उत्सर्जन सीमा तय की गई है, जिसमें 80% परमिट मुफ्त और 20% नीलामी के जरिए दिए जाते हैं। 2019 से 2021 तक हुए अध्ययन में यह पाया गया कि ETS संयंत्रों में उत्सर्जन 20-30% कम हुआ और अनुपालन दर 99% रही, जबकि नियंत्रण समूह की अनुपालन दर 66% थी। लागत प्रभावशीलता में भी ETS संयंत्रों की प्रदूषण नियंत्रण लागत 11% कम रही। यह योजना प्रशासनिक क्षमता कम वाले देशों के लिए एक मॉडल बन गई है, और पारंपरिक नियमों की तुलना में बाजार-आधारित प्रणाली अधिक प्रभावी साबित हुई है। यह मॉडल अन्य शहरों और देशों में भी लागू किया जा सकता है, जहाँ वायु प्रदूषण गंभीर समस्या है।
  • चीन ने सात दुर्लभ पृथ्वी तत्वों (Rare Earth Elements – REEs) के निर्यात पर नए प्रतिबंध लगाए हैं, जिससे वैश्विक व्यापार में और अधिक तनाव पैदा हुआ है। इन तत्वों का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स, स्वच्छ ऊर्जा प्रणालियों और सैन्य तकनीकों में होता है। चीन REEs के खनन और परिष्करण में वैश्विक स्तर पर अग्रणी है, और यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब अमेरिका ने अपने व्यापारिक भागीदारों पर नए शुल्क लगाए हैं। प्रतिबंधित तत्वों में सैमेरियम, गैडोलिनियम, टर्बियम, डिस्प्रोसियम, ल्यूटेथियम, स्कैन्डियम और इट्रियम शामिल हैं। REEs का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों, पवन टर्बाइनों, डिजिटल डिस्प्ले, स्मार्टफोन, मिसाइलों, रडार और अन्य रक्षा प्रणालियों में किया जाता है। चीन इन तत्वों का 85-95% हिस्सा वैश्विक आपूर्ति में प्रदान करता है। इसके प्रभाव से कीमतों में वृद्धि हो सकती है, जैसे डिस्प्रोसियम की कीमत $230 से $300 प्रति किलो तक बढ़ सकती है। यह प्रतिबंध आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावित करेगा, जिससे इलेक्ट्रिक वाहन, एयरोस्पेस और तकनीकी उद्योगों में समस्याएं आ सकती हैं। दीर्घकालिक रूप से, देशों को चीनी निर्यात पर निर्भरता कम करने की आवश्यकता है।
  • विश्व धरोहर दिवस, जो हर वर्ष 18 अप्रैल को मनाया जाता है, का उद्देश्य सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण और सुरक्षा के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। यह दिन सतत पर्यटन, समुदाय की भागीदारी और ऐतिहासिक स्थलों को सुरक्षित रखने को प्रोत्साहित करता है। 2025 की थीम “आपदाओं और संघर्षों से खतरे में धरोहर: तैयारी और ICOMOS की 60 वर्षों की सीख” पर केंद्रित होगी। भारत में 43 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं, जिनमें ताज महल, अजंता और एलोरा गुफाएं, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, और महाबलीपुरम जैसे स्थल शामिल हैं। इस दिन का उद्देश्य लोगों को धरोहर स्थलों के महत्व के बारे में बताना और संरक्षण प्रयासों में स्थानीय समुदायों की भागीदारी को बढ़ावा देना है। यह दिन हमारी सांस्कृतिक धरोहर को सुरक्षित रखने और आने वाली पीढ़ियों के लिए उसे संरक्षित करने के लिए वैश्विक और स्थानीय स्तर पर किए गए प्रयासों को सम्मानित करता है। साथ ही, यह जलवायु परिवर्तन, युद्ध और शहरीकरण जैसे खतरों से निपटने की आवश्यकता की ओर भी ध्यान आकर्षित करता है।
  • इंडसइंड बैंक ने वित्तीय अनियमितताओं और नियामकीय जांच के बीच नेतृत्व में बदलाव करते हुए संतोष कुमार को नया डिप्टी सीएफओ नियुक्त किया है। यह नियुक्ति 18 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी, जो अरुण खुराना के कार्यकारी सीएफओ का कार्यकाल समाप्त होने के बाद की गई है। बैंक इस समय माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र में बढ़ते खराब ऋणों और पिछले छह वर्षों से चल रही मुद्रा डेरिवेटिव की बुकिंग में गड़बड़ियों के कारण गंभीर वित्तीय दबाव में है। इन अनियमितताओं का प्रारंभिक अनुमानित असर ₹1,600 करोड़ बताया गया है, जबकि PwC ने इसे ₹1,979 करोड़ (लगभग $175 मिलियन) तक आंकड़ा है। भारत के पांचवें सबसे बड़े निजी बैंक इंडसइंड को इन घटनाओं के चलते शेयर बाजार में भी झटका लगा है और 10 मार्च 2025 से अब तक इसके शेयर मूल्य में 15% की गिरावट आ चुकी है। बैंक का मुख्य फोकस माइक्रोफाइनेंस, कॉरपोरेट बैंकिंग और रिटेल लोन जैसे क्षेत्रों में है, लेकिन हालिया संकटों ने इसकी वित्तीय स्थिति को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। स्थायी मुख्य वित्तीय अधिकारी की नियुक्ति अब भी लंबित है।
  • भारत में पहली बार सी-डॉट और स्टरलाइट टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (STL) ने मिलकर 4-कोर मल्टी-कोर फाइबर (MCF) पर क्वांटम की-डिस्ट्रिब्यूशन (QKD) ट्रांसमिशन का सफल परीक्षण किया है, जो देश के लिए क्वांटम-सुरक्षित संचार की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। इस तकनीक में एक ही फाइबर के भीतर चार कोर होते हैं, जिनमें एक कोर QKD यानी क्वांटम सिग्नल के लिए और बाकी तीन कोर उच्च गति वाले पारंपरिक डेटा ट्रैफिक के लिए उपयोग किए गए। 100 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर किया गया यह परीक्षण यह साबित करता है कि क्वांटम और पारंपरिक सिग्नल बिना किसी हस्तक्षेप के एक ही फाइबर पर चल सकते हैं। इससे फाइबर की लागत और इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरतें कम होती हैं। C-DOT का QKD सिस्टम टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग सेंटर (TEC) से तकनीकी मंजूरी प्राप्त कर चुका है। यह सफलता न केवल भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता को दर्शाती है बल्कि यह भी दिखाती है कि सार्वजनिक अनुसंधान संस्थान और निजी उद्योग मिलकर किस तरह देश को डिजिटल रूप से मजबूत बना सकते हैं।
  • भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 15 अप्रैल 2025 को एक ऐतिहासिक फैसले में बच्चों की तस्करी पर गहरी चिंता जताते हुए माता-पिता को अत्यधिक सतर्क रहने की सख्त चेतावनी दी है। कोर्ट ने बताया कि संगठित तस्करी गिरोह बच्चों को यौन शोषण, बंधुआ मजदूरी, बाल विवाह, अवैध गोद लेने और भीख मंगवाने जैसे अपराधों में धकेल रहे हैं और अब डिजिटल तकनीक का दुरुपयोग कर इन्हें अंजाम दे रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि तस्करी से जुड़ा दुख मृत्यु से भी अधिक स्थायी होता है और बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। न्यायालय ने अस्पतालों को चेताया कि नवजात के लापता होने पर उनका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है और कानूनी कार्रवाई भी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने किशोर न्याय कानून की खामियों पर भी चिंता जताई, जिससे अपराधी कम सजा का लाभ उठाकर बच्चों को अपराध में धकेलते हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा 13 आरोपियों को दी गई जमानत रद्द करते हुए कोर्ट ने मुकदमा 6 महीनों में पूरा करने और फरार आरोपियों को 2 महीनों में पकड़ने का आदेश दिया है। साथ ही सभी हाईकोर्ट को बाल तस्करी के मामलों का शीघ्र निपटारा करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
  • भारतीय विमानन क्षेत्र 2026 तक दुनिया का सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला बड़ा विमानन बाजार बनने की दिशा में बढ़ रहा है। एयरपोर्ट्स काउंसिल इंटरनेशनल (ACI) के अनुसार, भारत की हवाई यात्री वृद्धि दर 2026 में 10.5% और 2027 में 10.3% रहने का अनुमान है, जो चीन से कहीं अधिक है। भारत की 2023–2027 की औसत वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) 9.5% है, जबकि चीन की 8.8%। इस तेज़ वृद्धि के पीछे प्रति व्यक्ति कम हवाई यात्रा दर (2023 में केवल 0.1 ट्रिप्स), उभरता हुआ मध्यम वर्ग, बेहतर विमानन बुनियादी ढांचा, विस्तारित एयरलाइन नेटवर्क और योजनागत समर्थन (जैसे उड़ान और गति शक्ति) मुख्य कारण हैं। ACI का मानना है कि भारत 2053 तक अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार बना रहेगा, लेकिन विकास दर के लिहाज़ से सबसे आगे रहेगा। दीर्घकालिक रूप से भारत की CAGR 5.5% और चीन की 3.8% रहने की संभावना है। भारत में हवाई यात्रा की मांग लगातार बढ़ रही है और आपूर्ति पक्ष भी नए हवाई अड्डों और बेहतर कनेक्टिविटी के चलते मजबूत हो रहा है। वियतनाम, फिलीपींस और सऊदी अरब जैसे देश भी तेज़ी से उभरते विमानन बाजारों में शामिल हैं।
  • भारत अपने रक्षा उत्पादन को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा सम्मेलन 2025 “Force of the Future” में बताया कि 2025 तक देश का रक्षा उत्पादन ₹1.60 लाख करोड़ तक पहुँचने की उम्मीद है और 2029 तक इसे ₹3 लाख करोड़ तक बढ़ाने का लक्ष्य है। इसी तरह रक्षा निर्यात को 2025 तक ₹30,000 करोड़ और 2029 तक ₹50,000 करोड़ तक ले जाने की योजना है। ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ के तहत आयात पर निर्भरता घटाकर स्वदेशी नवाचार और घरेलू उद्योग को बढ़ावा दिया जा रहा है। नई युद्ध प्रणालियों जैसे साइबर, अंतरिक्ष और नैरेटिव वॉरफेयर की पहचान करते हुए रक्षा ढांचे का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों को निगमीकरण के ज़रिए लाभकारी इकाइयों में बदला गया है, जिसे सरकार ने 21वीं सदी का ऐतिहासिक सुधार बताया। अब रक्षा खरीद बजट का 75% हिस्सा घरेलू कंपनियों के लिए आरक्षित है। फिलहाल 509 वस्तुएं सशस्त्र बलों और 5,012 वस्तुएं रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा स्वदेशी रूप से बनाई जा रही हैं, जिससे भारत एक मजबूत और भविष्य-उन्मुख रक्षा उत्पादन राष्ट्र बनने की ओर बढ़ रहा है।
  • भारत सरकार ने इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (IBCA) के साथ एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत इसका मुख्यालय और सचिवालय भारत में स्थापित होगा। यह कदम बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता, जगुआर और प्यूमा जैसी सात बड़ी बिल्ली प्रजातियों के वैश्विक संरक्षण में भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। IBCA की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रैल 2023 में प्रोजेक्ट टाइगर की 50वीं वर्षगांठ पर की थी। भारत सरकार ने इस संगठन के संचालन और आधारभूत संरचना के लिए 2023-24 से 2028-29 तक ₹150 करोड़ का कोष प्रदान किया है। 2024 में IBCA एक संधि-आधारित अंतर-सरकारी संगठन बना और भारत, लाइबेरिया, इस्वातिनी, सोमालिया और निकारागुआ जैसे देशों की मंजूरी के बाद यह प्रभावी हुआ। समझौते में वीज़ा सुविधा, IBCA कर्मियों और परिसरों को विशेषाधिकार व छूट जैसे प्रावधान शामिल हैं। इस ऐतिहासिक समझौते पर भारत की ओर से पी. कुमारन और IBCA की ओर से एस. पी. यादव ने हस्ताक्षर किए। यह पहल न सिर्फ वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा देती है, बल्कि भारत की वैश्विक नेतृत्व भूमिका को भी सशक्त करती है।
  • केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने 17 अप्रैल 2025 को नई दिल्ली स्थित नेशनल डोप टेस्टिंग लैबोरेटरी (NDTL) में भारत की पहली और विश्व की 17वीं एथलीट पासपोर्ट मैनेजमेंट यूनिट (APMU) का उद्घाटन किया। यह इकाई एथलीट बायोलॉजिकल पासपोर्ट (ABP) प्रणाली के तहत खिलाड़ियों के जैविक संकेतकों जैसे रक्त मान और हार्मोन स्तर की दीर्घकालिक निगरानी करेगी, जिससे बिना सीधे जांच के डोपिंग की पहचान संभव हो सकेगी। यह पहल भारत को वर्ल्ड एंटी-डोपिंग एजेंसी (WADA) मानकों के अनुरूप बनाते हुए निष्पक्ष और स्वच्छ खेलों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। APMU ग्लोबल साउथ के लिए भी एक सहायक कदम है, जिसके माध्यम से भारत पड़ोसी देशों को तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण देगा। इस उद्घाटन समारोह में खेल मंत्रालय के सचिव सुजाता चतुर्वेदी, संयुक्त सचिव श्री कुनाल और NDTL के सीईओ प्रो. पी.एल. साहू सहित प्रमुख वैज्ञानिकों ने भी भाग लिया। APMU का उद्देश्य निष्पक्षता को सुनिश्चित करना, अनैतिक खेल प्रथाओं की पहचान करना और विभिन्न स्तरों पर एंटी-डोपिंग जागरूकता को बढ़ावा देना है, जिससे भारत क्षेत्रीय सहयोग और वैश्विक नेतृत्व में अपनी भूमिका को और सुदृढ़ कर सके।
  • भाजपा सांसद बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता में बनी श्रम संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने श्रम और रोजगार मंत्रालय से आग्रह किया है कि कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) का अब तक का पहला थर्ड-पार्टी मूल्यांकन वर्ष 2025 के अंत तक पूरा किया जाए। यह योजना नवंबर 1995 में शुरू हुई थी और करीब 30 वर्षों में इसका कभी स्वतंत्र मूल्यांकन नहीं हुआ। समिति ने बताया कि मूल्यांकन की प्रक्रिया रिक्वेस्ट फॉर प्रपोज़ल (RFP) के तहत शुरू हो चुकी है और इसे तय समयसीमा में समाप्त करना जरूरी है ताकि जरूरी सुधारों के लिए सटीक जानकारी मिल सके। साथ ही, समिति ने सरकार से अपील की है कि वर्तमान में EPS के तहत दी जा रही न्यूनतम पेंशन ₹1,000 को महंगाई की स्थिति को देखते हुए तत्काल बढ़ाया जाए, क्योंकि यह राशि अब पर्याप्त नहीं मानी जा सकती। यह योजना कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा संचालित होती है और संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन लाभ देती है। मंत्रालय के अधिकारियों ने माना कि योजना शुरू होने के बाद अब तक कोई औपचारिक मूल्यांकन नहीं हुआ, जो नीति की समीक्षा में बड़ी कमी को दर्शाता है।
  • कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) की मदद से एक्सोप्लैनेट K2-18b के वातावरण में जीवन से जुड़े संकेत खोजे हैं, जिससे पृथ्वी के बाहर जीवन की संभावना को लेकर नई उम्मीद जगी है। यह ग्रह पृथ्वी से 124 प्रकाश वर्ष दूर सिंह नक्षत्र में स्थित है और इसका आकार पृथ्वी से 2.6 गुना बड़ा है। यह एक लाल बौने तारे की परिक्रमा करता है। वैज्ञानिकों ने इसके वातावरण में डायमेथाइल सल्फाइड (DMS) और डायमेथाइल डिसल्फाइड (DMDS) जैसे अणुओं की पहचान की है, जो पृथ्वी पर आमतौर पर समुद्री प्लवक और बैक्टीरिया द्वारा उत्पन्न होते हैं। इन अणुओं की मौजूदगी संभावित समुद्री-प्रकार के सूक्ष्मजीवी जीवन की ओर संकेत करती है। यह खोज JWST द्वारा ग्रह के वातावरण से गुजरने वाली तारों की रोशनी के विश्लेषण से की गई है। हालाँकि यह निष्कर्ष अभी तीन सिग्मा (3σ) यानी 99.7% निश्चितता पर आधारित है, वैज्ञानिक पुष्टि के लिए पाँच सिग्मा (5σ) यानी 99.9999% की आवश्यकता होती है। अगर यह खोज पुष्टि पाती है, तो यह पृथ्वी के बाहर जीवन का पहला प्रमाण बन सकता है और खगोल-जीवविज्ञान के क्षेत्र में ऐतिहासिक मोड़ साबित हो सकता है।
  • केरल राज्य विद्युत बोर्ड (KSEB) ने IIT बॉम्बे के साथ मिलकर एक पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की है, जो “व्हीकल-टू-ग्रिड” (V2G) तकनीक को राज्य की विद्युत प्रणाली में शामिल करने की दिशा में एक अहम कदम है। यह तकनीक इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की बैटरियों को ग्रिड से ऊर्जा लेने और जरूरत के समय उसे वापस ग्रिड में भेजने की सुविधा देती है, जिससे ये वाहन चलते-फिरते ऊर्जा भंडारण केंद्र बन जाते हैं। यह परियोजना सौर ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोतों के कुशल प्रबंधन, ग्रिड की स्थिरता और पीक समय में बढ़ती बिजली मांग को पूरा करने में मदद करेगी। KSEB और IIT बॉम्बे के बीच इस तकनीक के अध्ययन और परीक्षण के लिए MoU साइन किया जाएगा। परियोजना के तहत व्यवहार्यता अध्ययन, पायलट डिप्लॉयमेंट और बाद में ग्रिड सेवा एकीकरण किया जाएगा। V2G तकनीक न केवल कार्बन उत्सर्जन को कम करने में सहायक होगी, बल्कि इसमें भाग लेने वाले EV मालिकों को प्रीमियम टैरिफ के जरिए मुआवजा भी दिया जाएगा। हालांकि इसके सफल कार्यान्वयन के लिए स्मार्ट चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, जन जागरूकता और मजबूत सरकारी सहयोग की जरूरत होगी।

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