current affairs

Today’s Current Affairs in Hindi | 20 अप्रैल 2025 (हिंदी करंट अफेयर्स)

Today’s Current Affairs in Hindi | 20 अप्रैल 2025 (हिंदी करंट अफेयर्स), 20 अप्रैल 2025 के current affairs today in hindi.

20 अप्रैल 2025 डेली करेंट अफेयर्स

  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण को आसान बनाने और पर्यावरणीय सेवाओं में योगदान देने वाले उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए एक नया वर्गीकरण लागू किया है। इसमें एक नई ‘ब्लू श्रेणी’ बनाई गई है, जो उन उद्योगों को शामिल करती है जो पर्यावरणीय समस्याओं के समाधान में सहायक होते हैं, जैसे वेस्ट-टू-एनर्जी संयंत्र, बायोमाइनिंग इकाइयाँ, और कंप्रेस्ड बायोगैस संयंत्र। इन उद्योगों को प्रदूषण नियंत्रण की मंजूरी की अवधि लंबी दी जाएगी, जिससे उन्हें प्रोत्साहन मिलेगा। ब्लू श्रेणी में शामिल उद्योगों को कुल सात साल तक संचालन की अनुमति मिलेगी, जो अन्य श्रेणियों से दो साल अधिक है। इसके अलावा, ऐसे उद्योग जो पर्यावरणीय मानकों का पालन करते हैं, उन्हें अतिरिक्त लाभ मिलेगा। वेस्ट-टू-एनर्जी संयंत्रों और CBG संयंत्रों को उनके सेवा योगदान के आधार पर ब्लू श्रेणी में रखा गया है, भले ही उनकी प्रदूषण क्षमता उच्च हो। इससे पर्यावरणीय सेवाओं से जुड़े उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा और प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी।
  • भारत और उज्बेकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संयुक्त सैन्य अभ्यास, डस्टलिक का छठा संस्करण 16 अप्रैल 2025 को पुणे, महाराष्ट्र के विदेशी प्रशिक्षण केंद्र, औंध में शुरू हुआ। यह अभ्यास 28 अप्रैल तक चलेगा और इसका उद्देश्य दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच सैन्य सहयोग को मजबूत करना, संयुक्त सामरिक संचालन क्षमता विकसित करना और समन्वय बढ़ाना है। इस अभ्यास में भारतीय सेना और वायुसेना के 60 कर्मी तथा उज्बेकिस्तान सेना के सैनिक शामिल हैं। अभ्यास का मुख्य उद्देश्य अर्ध-शहरी परिदृश्य में आतंकवाद-रोधी अभियानों और उप-पारंपरिक युद्ध में सहयोग को बढ़ावा देना है। इसमें छापेमारी, खोज और विनाश मिशन, हेलीकॉप्टरों और ड्रोन का उपयोग, और काउंटर-UAS उपायों को लागू करना शामिल है। दोनों देशों के बीच रणनीतियों और तकनीकों का आदान-प्रदान किया जाएगा, जिससे उनकी संयुक्त ऑपरेशनल क्षमताएं मजबूत होंगी। इस अभ्यास का आयोजन दोनों देशों में बारी-बारी से होता है, और यह द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और सशक्त बनाता है।
  • सूरत, गुजरात में सितंबर 2019 से शुरू हुआ कणीय प्रदूषण (PM) के लिए विश्व का पहला व्यापार आधारित उत्सर्जन नियंत्रण कार्यक्रम, जिसमें गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (GPCB) और यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट द्वारा नेतृत्व किया गया। इस कार्यक्रम में संयंत्रों को उत्सर्जन सीमा (cap) निर्धारित की गई और उत्सर्जन की अनुमति (permits) दी गई, जिसमें 80% मुफ्त और 20% नीलामी द्वारा दी जाती है। नियम उल्लंघन पर वित्तीय दंड भी तय किया गया है। एक अध्ययन के दौरान, 317 संयंत्रों को दो समूहों में बांटा गया था: 162 संयंत्रों को व्यापार-आधारित उत्सर्जन प्रणाली (ETS) के तहत रखा गया और 155 संयंत्रों को पारंपरिक नियमों के तहत। अध्ययन में यह पाया गया कि ETS संयंत्रों में 20-30% प्रदूषण की कमी आई, अनुपालन दर 99% रही, और प्रदूषण नियंत्रण की लागत 11% कम हुई। इस प्रणाली ने लागत-लाभ अनुपात में 25 गुना अधिक लाभ दिखाया और यह कम प्रशासनिक क्षमता वाले देशों के लिए एक आदर्श मॉडल साबित हुई, जिसे अन्य शहरों और देशों में लागू किया जा सकता है।
  • चीन ने सात दुर्लभ पृथ्वी तत्वों (REEs) के निर्यात पर नए प्रतिबंध लगाए हैं, जिससे वैश्विक व्यापार में तनाव बढ़ गया है। ये तत्व इलेक्ट्रॉनिक्स, स्वच्छ ऊर्जा प्रणालियों और रक्षा तकनीकों में महत्वपूर्ण हैं, और चीन इनका प्रमुख उत्पादक है, जो वैश्विक आपूर्ति का 85–95% हिस्सा नियंत्रित करता है। प्रतिबंधित तत्वों में सैमेरियम, गैडोलिनियम, टर्बियम, डिस्प्रोसियम, ल्यूटेथियम, स्कैन्डियम और इट्रियम शामिल हैं। इन तत्वों का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों, पवन टर्बाइनों, स्मार्टफोन, और रक्षा प्रणालियों में होता है। चीन ने इन्हें “रणनीतिक खनिज” घोषित किया है, और यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा, अंतरराष्ट्रीय दायित्व और अप्रसार चिंताओं से जुड़ा हुआ है। इससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में रुकावट और कीमतों में वृद्धि हो सकती है, जैसे कि डिस्प्रोसियम की कीमत $230 से $300 प्रति किलो तक बढ़ सकती है। हालांकि कुछ देशों के पास भंडारण है, लेकिन दीर्घकालिक निर्भरता कम करने के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने की आवश्यकता महसूस हो रही है।
  • विश्व धरोहर दिवस, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्मारक और स्थल दिवस भी कहा जाता है, 18 अप्रैल को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य दुनिया भर की सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण और सुरक्षा के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इस दिन को मनाने की शुरुआत ICOMOS ने 1982 में की थी, और इसे यूनेस्को ने 1983 में मान्यता दी। 2025 की थीम “आपदाओं और संघर्षों से खतरे में धरोहर: तैयारी और ICOMOS की 60 वर्षों की सीख” है। भारत में 43 विश्व धरोहर स्थल हैं, जिनमें 35 सांस्कृतिक और 7 प्राकृतिक स्थल शामिल हैं। ताज महल, अजंता और एलोरा गुफाएं, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, और सूर्य मंदिर, कोणार्क जैसे स्थल इनमें प्रमुख हैं। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य सतत पर्यटन को प्रोत्साहित करना और समुदायों को धरोहर संरक्षण में शामिल करना है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमें अपनी धरोहरों की रक्षा करनी चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए यह धरोहर सुरक्षित रहे। इस दिन को मनाने से हम अपने अतीत, वर्तमान और भविष्य को जोड़ने वाले इन ऐतिहासिक स्थलों को सहेजने की दिशा में कदम बढ़ाते हैं।
  • इंडसइंड बैंक ने वित्तीय जांच और लेखांकन विवादों के बीच संतोष कुमार को नया डिप्टी सीएफओ नियुक्त किया है। यह बदलाव अरुण खुराना के कार्यकारी सीएफओ का कार्यकाल समाप्त होने के बाद हुआ है। संतोष की नियुक्ति 18 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी, जबकि बैंक अब तक पूर्णकालिक सीएफओ की नियुक्ति नहीं कर पाया है। इंडसइंड बैंक, जो भारत का पांचवां सबसे बड़ा निजी बैंक है, फिलहाल माइक्रोफाइनेंस सेक्टर में बढ़ते खराब ऋणों और करेंसी डेरिवेटिव्स की बुकिंग में छह वर्षों से जारी लेखांकन गड़बड़ियों के कारण गंभीर वित्तीय और नियामकीय दबाव का सामना कर रहा है। PwC के अनुमान के अनुसार, इन अनियमितताओं से बैंक पर लगभग ₹1,979 करोड़ (लगभग $175 मिलियन) का असर पड़ा है, जबकि प्रारंभिक अनुमान ₹1,600 करोड़ था। इन मुद्दों के चलते बैंक के शेयर मूल्य में 10 मार्च 2025 से अब तक 15% की गिरावट आई है। माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र में बढ़ते नुकसान ने मुनाफे पर भी सीधा असर डाला है।
  • सी-डॉट और स्टरलाइट टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (STL) ने मिलकर भारत में पहली बार 4-कोर मल्टी-कोर फाइबर (MCF) पर क्वांटम की (QKD) ट्रांसमिशन का सफल परीक्षण किया है, जो देश के लिए क्वांटम-सुरक्षित संचार नेटवर्क की दिशा में बड़ी उपलब्धि है। यह परीक्षण 100 किलोमीटर से अधिक दूरी पर किया गया, जिसमें एक कोर को QKD यानी क्वांटम सिग्नल के लिए और बाकी तीन कोरों को पारंपरिक हाई-स्पीड डेटा ट्रैफिक के लिए इस्तेमाल किया गया। MCF तकनीक एक ही फाइबर में क्वांटम और पारंपरिक सिग्नलों को अलग-अलग कोर में ट्रांसमिट कर उनके बीच भौतिक पृथक्करण संभव बनाती है, जिससे संचार में कोई हस्तक्षेप नहीं होता और फाइबर की लागत भी घटती है। C-DOT द्वारा विकसित QKD सिस्टम को टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग सेंटर (TEC) से तकनीकी मंजूरी मिल चुकी है। यह परियोजना सार्वजनिक अनुसंधान और निजी उद्योग के सहयोग का बेहतरीन उदाहरण है, जो भारत की डिजिटल प्रगति को नई दिशा देता है। STL ने इस परियोजना में देश में ही निर्मित मल्टी-कोर फाइबर और स्पेस डिवीजन मल्टीप्लेक्सिंग (SDM) तकनीक का उपयोग किया, जो अल्ट्रा-हाई डेटा क्षमता के लिए अहम है।
  • 15 अप्रैल 2025 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने बच्चों की तस्करी को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया, जिसमें माता-पिता को अत्यधिक सतर्क रहने की सख्त चेतावनी दी गई। कोर्ट ने कहा कि संगठित गिरोह बच्चों को यौन शोषण, बंधुआ मजदूरी, भीख मंगवाने, बाल विवाह और अवैध गोद लेने जैसे अपराधों में फंसा रहे हैं और इसके लिए तकनीक का दुरुपयोग कर रहे हैं। कोर्ट ने नवजात शिशुओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी अस्पतालों पर डाली और चेताया कि लापरवाही की स्थिति में उनके लाइसेंस रद्द किए जा सकते हैं। किशोर न्याय कानून की खामियों का जिक्र करते हुए कहा गया कि अपराधी बच्चों को कम सजा का फायदा उठाकर अपराधों में शामिल कर रहे हैं। अवैध गोद लेने के मामलों में तेजी लाने के निर्देश भी दिए गए। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दी गई 13 आरोपियों की जमानत रद्द कर दी और मुकदमे को 6 महीनों में पूरा करने का आदेश दिया। साथ ही फरार आरोपियों की गिरफ्तारी दो महीनों में सुनिश्चित करने और तीन विशेष लोक अभियोजकों की नियुक्ति व गवाह सुरक्षा के निर्देश दिए। उत्तर प्रदेश सरकार को अपील न करने पर फटकार लगाई गई और सभी हाईकोर्ट को लंबित मामलों का 6 महीने में निपटारा करने को कहा गया।
  • भारतीय विमानन क्षेत्र 2026 तक दुनिया का सबसे तेज़ी से बढ़ता बड़ा विमानन बाजार बनने जा रहा है। एयरपोर्ट्स काउंसिल इंटरनेशनल (ACI) के अनुसार, भारत की अनुमानित यात्री वृद्धि दर 2026 में 10.5% और 2027 में 10.3% होगी, जबकि चीन की दरें क्रमशः 8.9% और 7.2% होंगी। 2023 से 2027 तक भारत की वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) 9.5% रहेगी, जो चीन की 8.8% दर से अधिक है। इस तेज़ी का कारण है प्रति व्यक्ति कम हवाई यात्रा दर (2023 में सिर्फ 0.1 ट्रिप), उभरता मध्यम वर्ग, बढ़ती एयरलाइन कनेक्टिविटी, और सरकारी योजनाएं जैसे उड़ान और गति शक्ति। ACI का मानना है कि भारत की दीर्घकालिक CAGR 2053 तक 5.5% रहेगी, जबकि चीन की 3.8% होगी। हालांकि 2053 तक भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार बनेगा, लेकिन विकास दर में यह सबसे आगे रहेगा। अन्य तेज़ी से बढ़ते बाजारों में वियतनाम (4.6%), फिलीपींस (4.5%), और सऊदी अरब (4.5%) शामिल हैं। 2043 तक भारत की प्रति व्यक्ति हवाई यात्रा दर 0.4 तक पहुंचने की उम्मीद है। ACI के अनुसार, मांग और आपूर्ति दोनों ही तेज़ी से बढ़ रहे हैं, जिससे भारत का विमानन भविष्य उज्ज्वल दिख रहा है।
  • भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा सम्मेलन 2025 “Force of the Future” में बताया कि देश का लक्ष्य 2029 तक रक्षा उत्पादन को ₹3 लाख करोड़ तक पहुँचाना है, जबकि 2025 में यह ₹1.60 लाख करोड़ रहने की संभावना है। इसी तरह, रक्षा निर्यात 2025 में ₹30,000 करोड़ और 2029 तक ₹50,000 करोड़ तक पहुँचाने का लक्ष्य है। यह रणनीति ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहल पर आधारित है, जिसका उद्देश्य आयात पर निर्भरता घटाकर स्वदेशी नवाचार को बढ़ावा देना है। साइबर, अंतरिक्ष और नैरेटिव वॉरफेयर जैसे नए युद्धक्षेत्रों पर ध्यान दिया जा रहा है और समग्र क्षमता निर्माण के लिए लगातार सुधार किए जा रहे हैं। ऐतिहासिक सुधार के तहत 200 साल पुरानी ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों को लाभकारी इकाइयों में बदला गया है। रक्षा खरीद बजट का 75% हिस्सा अब घरेलू कंपनियों के लिए आरक्षित है, जिससे घरेलू औद्योगिक ढांचे को मजबूती मिल रही है। अभी तक सशस्त्र बलों के लिए 509 और रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा 5,012 स्वदेशी वस्तुएँ तैयार की जा चुकी हैं, जो भारत के रक्षा क्षेत्र को नई ऊँचाइयों पर ले जा रही हैं।
  • भारत सरकार ने इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (IBCA) के साथ एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत इसका मुख्यालय और सचिवालय भारत में स्थापित किया जाएगा। यह कदम दुनिया की सात बड़ी बिल्लियों — बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता, जगुआर और प्यूमा — के संरक्षण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। IBCA की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रैल 2023 में प्रोजेक्ट टाइगर की 50वीं वर्षगांठ पर की थी, और इसका उद्देश्य इन संकटग्रस्त प्रजातियों के संरक्षण और उनके प्राकृतिक आवास की सुरक्षा के लिए वैश्विक सहयोग बढ़ाना है। भारत ने इस मिशन के लिए ₹150 करोड़ की वित्तीय सहायता 2023-24 से 2028-29 तक प्रदान की है, जो बुनियादी ढांचे और संचालन पर खर्च होगी। 2024 में यह संगठन एक संधि-आधारित अंतर-सरकारी निकाय बन गया है, जिसे भारत, लाइबेरिया, इस्वातिनी, सोमालिया और निकारागुआ द्वारा मान्यता प्राप्त हुई है। समझौते में वीज़ा सुविधा, IBCA कर्मियों को विशेषाधिकार और संचालन संबंधी दिशा-निर्देश शामिल हैं। भारत की ओर से पी. कुमारन और एलायंस की ओर से एस. पी. यादव ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।
  • केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने 17 अप्रैल 2025 को नई दिल्ली स्थित नेशनल डोप टेस्टिंग लैबोरेटरी (NDTL) में भारत की पहली और विश्व की 17वीं एथलीट पासपोर्ट मैनेजमेंट यूनिट (APMU) का उद्घाटन किया। यह यूनिट एथलीट बायोलॉजिकल पासपोर्ट (ABP) प्रणाली के तहत खिलाड़ियों के जैविक संकेतकों जैसे रक्त और हार्मोन स्तर की लंबी अवधि तक निगरानी करेगी, जिससे डोपिंग की पहचान बिना प्रतिबंधित पदार्थों की सीधी जांच के भी संभव होगी। यह पहल न केवल भारत की एंटी-डोपिंग क्षमताओं को वर्ल्ड एंटी-डोपिंग एजेंसी (WADA) के मानकों के अनुरूप बनाती है, बल्कि भारत को ग्लोबल साउथ के लिए एक तकनीकी और वैज्ञानिक सहायक राष्ट्र के रूप में भी स्थापित करती है। उद्घाटन समारोह में डॉ. मंडाविया के साथ खेल मंत्रालय की सचिव सुजाता चतुर्वेदी, संयुक्त सचिव श्री कुनाल और NDTL के सीईओ प्रो. पी.एल. साहू सहित कई प्रमुख वैज्ञानिक और विशेषज्ञ मौजूद थे। इस यूनिट का उद्देश्य स्वच्छ, निष्पक्ष और नैतिक खेलों को बढ़ावा देना, अनैतिक प्रथाओं की पहचान करना, और स्कूलों, कॉलेजों व ग्रामीण क्षेत्रों में एंटी-डोपिंग के प्रति जागरूकता फैलाना है।
  • भारतीय जनता पार्टी के सांसद बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता में श्रम संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने श्रम और रोजगार मंत्रालय से आग्रह किया है कि कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) का पहला थर्ड-पार्टी मूल्यांकन दिसंबर 2025 तक पूरा किया जाए। यह योजना नवंबर 1995 में शुरू हुई थी और अब तक इसका कोई स्वतंत्र मूल्यांकन नहीं हुआ है। मंत्रालय ने इस मूल्यांकन के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोज़ल प्रक्रिया के जरिए अनुबंध जारी कर दिया है और प्रक्रिया फिलहाल प्रगति पर है। समिति ने जोर देकर कहा है कि योजना की समीक्षा के लिए यह मूल्यांकन बेहद जरूरी है ताकि जरूरी सुधारों की दिशा में कदम उठाए जा सकें। इसके साथ ही समिति ने सरकार से मांग की है कि वर्तमान में दी जा रही न्यूनतम पेंशन राशि ₹1,000 को बढ़ती महंगाई को देखते हुए तत्काल बढ़ाया जाए, क्योंकि यह राशि अब पर्याप्त नहीं मानी जा सकती। यह योजना कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा संचालित की जाती है और संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन लाभ देती है। मंत्रालय के अधिकारियों ने भी स्वीकार किया कि योजना के लगभग 30 वर्षों में कभी कोई औपचारिक मूल्यांकन नहीं किया गया, जो नीति निर्माण में एक महत्वपूर्ण कमी है।
  • कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की मदद से पृथ्वी से 124 प्रकाश वर्ष दूर स्थित एक्सोप्लैनेट K2-18b के वातावरण में डायमेथाइल सल्फाइड (DMS) और डायमेथाइल डिसल्फाइड (DMDS) जैसे जीवन-संबंधी अणु खोजे हैं। यह ग्रह सिंह नक्षत्र में स्थित है, आकार में पृथ्वी से 2.6 गुना बड़ा है और एक लाल बौने तारे की परिक्रमा करता है। DMS और DMDS गैसें पृथ्वी पर मुख्यतः समुद्री प्लवक और बैक्टीरिया द्वारा उत्पन्न होती हैं, इसलिए इनका वहां पाया जाना संभावित सूक्ष्मजीवी जीवन का संकेत माना जा रहा है। यह खोज 99.7% निश्चितता (3-सिग्मा) पर आधारित है, जबकि वैज्ञानिक पुष्टि के लिए 99.9999% (5-सिग्मा) की आवश्यकता होती है। फिर भी, यह खोज एस्ट्रोबायोलॉजी के क्षेत्र में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकती है और ब्रह्मांड में जीवन की संभावना को नया आयाम देती है। JWST ने यह जानकारी ग्रह के वातावरण से गुजरने वाली तारों की रोशनी का विश्लेषण कर प्राप्त की, और यह अध्ययन ‘The Astrophysical Journal Letters’ में प्रकाशित हुआ है। यह खोज वैज्ञानिकों के लिए जीवन की खोज की दिशा में एक निर्णायक कदम मानी जा रही है।
  • केरल राज्य विद्युत बोर्ड (KSEB) इलेक्ट्रिक वाहनों को ऊर्जा स्रोत के रूप में उपयोग करने के लिए “व्हीकल-टू-ग्रिड” (V2G) तकनीक को अपनाने जा रहा है, जो राज्य की ऊर्जा प्रणाली में एक क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में कदम है। यह तकनीक EV बैटरियों को न केवल चार्ज करने, बल्कि जरूरत पड़ने पर ग्रिड को बिजली लौटाने की सुविधा देती है, जिससे ग्रिड की स्थिरता बनी रहती है। इस पायलट प्रोजेक्ट में KSEB और IIT बॉम्बे मिलकर काम करेंगे, जिसकी शुरुआत व्यवहार्यता अध्ययन से होगी और बाद में इसे बड़े स्तर पर लागू किया जाएगा। यह पहल विशेष रूप से सौर ऊर्जा जैसी नवीकरणीय ऊर्जा के बढ़ते इस्तेमाल को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करेगी। साथ ही, EV मालिकों को ऊर्जा वापस ग्रिड में भेजने पर प्रीमियम टैरिफ जैसे वित्तीय प्रोत्साहन मिल सकते हैं। परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए स्मार्ट चार्जिंग स्टेशन, सार्वजनिक जागरूकता और सरकारी सहयोग बेहद जरूरी होंगे। इस कदम से न केवल केरल की ऊर्जा व्यवस्था सशक्त होगी, बल्कि यह राज्य को स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा की दिशा में भी आगे ले जाएगा।

प्रातिक्रिया दे

Your email address will not be published.