Today’s Current Affairs in Hindi | 20 मई 2025 (हिंदी करंट अफेयर्स), 20 मई 2025 के current affairs today in hindi.
20 मई 2025 डेली करेंट अफेयर्स
- अप्रैल 2025 में भारत का वस्तु निर्यात 9% बढ़कर 38.49 अरब डॉलर पहुंच गया, जो पिछले छह महीनों में सबसे ऊंचा स्तर है। यह बढ़ोतरी खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग वस्तुओं के अमेरिका को निर्यात में तेजी के कारण हुई, जहां अमेरिका द्वारा घोषित अस्थायी टैरिफ ने निर्यातकों को जल्दी व्यापार बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। अमेरिका को निर्यात में 27% की वृद्धि हुई और यह अप्रैल 2025 में 8.4 अरब डॉलर तक पहुंच गया। इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्यात 39.51% और इंजीनियरिंग वस्तुओं का 11.28% बढ़ा। इसके अलावा, रत्न और आभूषण, दवाइयाँ, समुद्री उत्पाद, तैयार वस्त्र, चाय और कॉफी जैसे क्षेत्रों में भी अच्छा प्रदर्शन देखा गया। वाणिज्य सचिव सुनील बार्थवाल ने रत्न और आभूषण क्षेत्र में सकारात्मक संकेत बताए जबकि ईईपीसी इंडिया अध्यक्ष पंकज चड्ढा ने इंजीनियरिंग निर्यात की मजबूती और निर्यातकों को गंतव्य विविधता पर ध्यान देने की सलाह दी। अमेरिका भारत का प्रमुख निर्यात बाजार बना हुआ है और भूराजनीतिक तनावों के बीच भी भारत की निर्यात क्षमता मजबूत बनी हुई है।
- 16 मई 2025 को रूस और यूक्रेन ने इस्तांबुल में तीन वर्षों बाद पहली बार सीधे वार्ता की, जिसमें तुर्की ने मध्यस्थता की। इस उच्चस्तरीय बैठक में व्यापक संघर्षविराम पर सहमति नहीं बनी, लेकिन दोनों पक्षों ने 1,000-1,000 युद्धबंदियों की अदला-बदली पर समझौता किया। रूस ने डोनेट्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और जापोरिजिया से यूक्रेनी वापसी की सख्त मांग की, जिसे यूक्रेन ने अस्वीकार्य बताया और रूस पर वार्ता को बाधित करने का आरोप लगाया। पुतिन की बैठक में गैरमौजूदगी को यूक्रेन ने गंभीरता की कमी माना। वार्ता तुर्की के विदेश मंत्री हाकान फिदान की अध्यक्षता में हुई और पश्चिमी देशों जैसे अमेरिका, यूके, फ्रांस और जर्मनी ने संवाद को बढ़ावा दिया। इस बैठक ने संघर्षविराम की दिशा में सीमित प्रगति दिखाई और भविष्य में और वार्ता की संभावना जताई। इस वार्ता को वैश्विक भू-राजनीति, ऊर्जा कीमतों और क्षेत्रीय स्थिरता पर महत्वपूर्ण असर डालने वाला माना जा रहा है। इसके साथ ही पुतिन और ट्रंप के संभावित सम्मेलन की भी चर्चा शुरू हुई है। यह कदम लंबी लड़ाई के बीच कूटनीतिक प्रयासों में बढ़ोतरी का संकेत है, जो भविष्य में संघर्ष समाधान का मॉडल बन सकता है।
- 16 मई 2025 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में उन्नत मल्टी एजेंसी सेंटर (MAC) का उद्घाटन किया, जो ₹500 करोड़ की लागत से विकसित एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित खुफिया मंच है। यह मंच खुफिया ब्यूरो (IB) के तहत काम करेगा और देश की 28 प्रमुख सुरक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसियों जैसे RAW, सशस्त्र बल, राज्य पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और सीमा सुरक्षा बल को जोड़ता है। इसका उद्देश्य आतंकवाद, संगठित अपराध, वामपंथी उग्रवाद और साइबर खतरों से निपटने के लिए एजेंसियों के बीच रीयल-टाइम सूचना साझा करना है। MAC 2.0 तकनीक जैसे AI, मशीन लर्निंग और GIS का इस्तेमाल करके साइलो डाटाबेस को एकीकृत करता है और केंद्रीकृत खुफिया विश्लेषण को संभव बनाता है। यह आधुनिक खुफिया समन्वय रणनीति का हिस्सा है, जो देश की सुरक्षा को मजबूत करने में मदद करेगा। इसके तहत ऑपरेशन सिन्दूर 2025 और छत्तीसगढ़–तेलंगाना सीमा पर नक्सल विरोधी अभियान जैसे प्रयास एजेंसियों के तालमेल और समन्वय की मिसाल हैं, जो भारत की राजनीतिक इच्छाशक्ति और सुरक्षा प्रयासों की दिशा को दर्शाते हैं।
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 17 मई 2025 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 58वां ज्ञानपीठ पुरस्कार कवि-गीतकार गुलज़ार और विद्वान संत रामभद्राचार्य को दिया। यह पुरस्कार भारतीय साहित्य का सर्वोच्च सम्मान है, जो 1961 से साहित्यिक योगदान के लिए दिया जाता है। गुलज़ार को उनकी भावनात्मक कविताओं, फिल्मी गीतों और पटकथा लेखन के लिए सम्मानित किया गया, जबकि रामभद्राचार्य को संस्कृत महाकाव्यों, आध्यात्मिक साहित्य और दिव्यांग छात्रों की शिक्षा में उनके योगदान के लिए जाना गया। ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय साहित्य की विविधता को दर्शाता है, जिसमें पारंपरिक संस्कृत भक्ति साहित्य से लेकर आधुनिक हिंदी कविता तक शामिल है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि साहित्य राष्ट्रीय चेतना और सांस्कृतिक एकता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस पुरस्कार के साथ पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को प्रशस्ति पत्र, नकद राशि और वाग्देवी (सरस्वती) की कांस्य प्रतिमा भी प्रदान की जाती है। यह समारोह भारत की साहित्यिक समृद्धि और रचनात्मकता का उत्सव था, जिसने दो महान व्यक्तित्वों के साहित्यिक योगदान को सम्मानित किया।
- सामरिक बैलिस्टिक मिसाइलें (TBMs) युद्धक्षेत्र में कम दूरी पर सटीक हमले के लिए होती हैं, जिनकी मारक क्षमता आमतौर पर 100 से 1,000 किलोमीटर होती है। भारत की प्रलय मिसाइल और रूस की इस्कंदर मिसाइल दोनों प्रमुख TBMs हैं। प्रलय मिसाइल, जो DRDO द्वारा विकसित है, 150 से 500 किमी की रेंज रखती है और इसमें पारंपरिक वॉरहेड होता है, साथ ही यह मैक 5+ की गति से उड़ती है और मोबाइल लॉन्चर से तैनात की जाती है। इसका मार्गदर्शन INS और उपग्रह नेविगेशन द्वारा होता है, और इसकी सटीकता 10 मीटर से कम है। इस्कंदर मिसाइल की रेंज 50 से 500 किमी है, गति मैक 7 तक पहुंचती है, इसमें पारंपरिक और परमाणु वॉरहेड दोनों हो सकते हैं। इसकी सटीकता 5-7 मीटर की है और यह ऑप्टिकल टर्मिनल गाइडेंस का उपयोग करती है। दोनों मिसाइलें क्वासी-बैलिस्टिक प्रक्षेप पथ अपनाती हैं और मोबाइल TEL से लॉन्च होती हैं। प्रलय भारत की पारंपरिक रक्षा रणनीति का हिस्सा है, जबकि इस्कंदर रूस की उच्च-सटीकता और परमाणु विकल्पों वाली रणनीति का केंद्र है। इस्कंदर का निर्यात संस्करण भी उपलब्ध है, जबकि प्रलय केवल घरेलू उपयोग के लिए है। इन दोनों मिसाइलों की तुलना में इस्कंदर गति, सटीकता और वॉरहेड विकल्पों में थोड़ा आगे है।
- जब अंतरिक्ष एजेंसियों की बात होती है, तो ISRO और NASA अक्सर तुलना में आते हैं। ISRO का वार्षिक बजट लगभग 1.5 अरब डॉलर है, जबकि NASA का बजट 25 अरब डॉलर से अधिक है। ISRO कम लागत वाले मिशनों के लिए जाना जाता है, जैसे मंगलयान, जिसकी लागत केवल 74 मिलियन डॉलर थी। ISRO ने चंद्रयान-1 में चंद्रमा पर जल की खोज की, मंगलयान के जरिए पहली बार मंगल की कक्षा में सफल प्रवेश किया, और चंद्रयान-3 से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग की। PSLV के माध्यम से 104 उपग्रह एक मिशन में प्रक्षेपित कर विश्व रिकॉर्ड बनाया। NASA की प्रमुख उपलब्धियों में अपोलो-11 के जरिए मानव का चंद्रमा पर पहला कदम, वॉयेजर मिशन, हबल और जेम्स वेब टेलीस्कोप से ब्रह्मांड की समझ, मंगल पर क्यूरियोसिटी और परसेवेरेंस मिशन शामिल हैं। भविष्य में ISRO गगनयान, आदित्य-L1 और शुक्रयान-1 जैसे महत्वाकांक्षी मिशन करेगा, जबकि NASA आर्टेमिस II और III से चंद्रमा पर मानव भेजने, मंगल नमूना वापसी, यूरोपा क्लिपर और ड्रैगनफ्लाई मिशन पर काम कर रहा है। दोनों एजेंसियां तकनीकी नवाचार और अंतरिक्ष अन्वेषण में आगे बढ़ रही हैं, लेकिन उनके बजट और मिशनों के उद्देश्य भिन्न हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस हर साल 18 मई को मनाया जाता है ताकि संग्रहालयों की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाया जा सके, जो विरासत संरक्षण, शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में सहायक होते हैं। यह आयोजन पहली बार 1978 में 22 देशों में हुआ था और अब 158 से अधिक देशों में 37,000 से अधिक संग्रहालय हिस्सा लेते हैं। 2025 की थीम है “तेजी से बदलते समुदायों में संग्रहालयों का भविष्य,” जो यह बताती है कि संग्रहालय सामाजिक, तकनीकी बदलावों के अनुसार खुद को कैसे ढाल रहे हैं, नवाचार और डिजिटल तकनीकों को अपना रहे हैं और समुदायों के साथ जुड़ाव बढ़ा रहे हैं। संग्रहालय केवल वस्तुओं के संग्रहालय नहीं हैं, बल्कि ये शिक्षा के केंद्र, संस्कृतिक सेतु और सतत विकास के एजेंट भी हैं, जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी सीखने, मानसिक स्वास्थ्य और समावेशिता को प्रोत्साहित करते हैं। दुनिया भर में इस दिन विशेष प्रदर्शनियां, कार्यशालाएं, नि:शुल्क और डिजिटल दौरे आयोजित किए जाते हैं, साथ ही स्कूलों और समुदायों के लिए शैक्षणिक कार्यक्रम भी चलते हैं। संग्रहालयों को जीवन के अर्थ की खोज और सवाल उठाने वाले स्थान माना जाता है, जो हमें सुंदरता, सत्य और नई दुनियाओं से जोड़ते हैं।
- भारत की प्रतिष्ठित कोडाईकनाल सौर वेधशाला की 125वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में डाक विभाग ने 17 मई 2025 को बेंगलुरु स्थित भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA) में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया। यह टिकट सौर खगोलभौतिकी के क्षेत्र में भारत की ऐतिहासिक और वैज्ञानिक उपलब्धियों को सम्मानित करता है। 1899 में तमिलनाडु में स्थापित यह वेधशाला सौर अनुसंधान का प्रमुख केंद्र रही है। टिकट पर दो ऐतिहासिक गुंबदों वाली वेधशाला की इमारत, 6 मई 2024 को ली गई सूर्य की H-alpha छवि, IIA का लोगो और 1904 से 2020 तक के सनस्पॉट्स को दर्शाता बटरफ्लाई डायग्राम शामिल हैं। इस पहल का उद्देश्य भारत की 125 वर्षों की सौर अनुसंधान यात्रा को श्रद्धांजलि देना और वैश्विक स्तर पर भारतीय विज्ञान के योगदान को उजागर करना है। इस अवसर पर पूर्व ISRO अध्यक्ष और IIA गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष ए.एस. किरण कुमार तथा कर्नाटक सर्कल के मुख्य पोस्ट मास्टर जनरल एस. राजेन्द्र कुमार भी उपस्थित रहे। यह डाक टिकट न केवल विज्ञान प्रेमियों बल्कि डाक टिकट संग्रहकर्ताओं के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्मृति चिह्न बन गया है।
- नासा के GRAIL (ग्रेविटी रिकवरी एंड इंटीरियर लेबोरेटरी) मिशन ने चंद्रमा के नज़दीकी और दूरवर्ती भागों की असमानता का दशकों पुराना रहस्य सुलझा लिया है। 2011 में लॉन्च किए गए इस मिशन के तहत Ebb और Flow नामक दो यानों ने चंद्रमा के गुरुत्वीय क्षेत्र का बेहद सटीक मानचित्रण किया। अध्ययन से पता चला कि नज़दीकी भाग की पर्पटी पतली है, जिससे वहां अधिक ज्वालामुखीय गतिविधि हुई और लावा प्रवाहित होकर चिकने मैदान बने, जबकि दूरवर्ती भाग की पर्पटी मोटी है और वह अधिक खुरदरा है। नज़दीकी हिस्से में थोरियम और टाइटेनियम जैसे रेडियोधर्मी तत्व अधिक मात्रा में पाए गए, जिससे उसका तापमान दूरवर्ती हिस्से की तुलना में लगभग 200°C अधिक है। इसके अलावा, पृथ्वी के गुरुत्वीय प्रभाव के कारण नज़दीकी भाग पर अधिक ज्वारीय खिंचाव होता है, जिससे चंद्रमा की आंतरिक संरचना में भिन्नता आती है। इन सब खोजों से चंद्रमा के ज्वालामुखी इतिहास, थर्मल विकास और आंतरिक बनावट को समझने में बड़ी मदद मिली है। GRAIL मिशन की यह सफलता भविष्य के चंद्र अभियानों और उतरने के स्थलों के चुनाव में भी सहायक सिद्ध हो सकती है।
- दिल्ली के महरौली स्थित 16वीं सदी की ऐतिहासिक राजों की बावली का जीर्णोद्धार कार्य भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने मई 2025 में सफलतापूर्वक पूरा किया है। यह संरक्षण वर्ल्ड मॉन्युमेंट्स फंड इंडिया और टीसीएस फाउंडेशन के सहयोग से ₹125 करोड़ की “Historic Water Systems of India” परियोजना के तहत किया गया। लोधी कालीन स्थापत्य के इस चार-स्तरीय जलाशय का निर्माण लगभग 1506 ई. में हुआ था, जिसे यात्रियों के विश्राम और जल संग्रहण के लिए उपयोग किया जाता था। संरक्षण कार्य में मलबा हटाना, पारंपरिक गारे और चूने से मरम्मत, जल निकासी में सुधार और जल गुणवत्ता के लिए मछलियाँ छोड़ना शामिल था। इस प्रक्रिया में ऐतिहासिक प्रामाणिकता का विशेष ध्यान रखा गया। 1,610 वर्ग मीटर क्षेत्रफल और 13.4 मीटर गहराई वाली इस बावली की वास्तुकला में मेहराबदार स्तंभ, सजावटी स्टुको और पत्थर की नक्काशी शामिल है। परियोजना का उद्देश्य केवल विरासत संरक्षण ही नहीं, बल्कि पारंपरिक जल प्रणालियों को पुनर्जीवित कर जलवायु परिवर्तन के युग में स्थायी जल प्रबंधन को बढ़ावा देना भी है। स्थानीय समुदाय को भी इस पहल में जोड़कर सांस्कृतिक और पर्यावरणीय जागरूकता को सशक्त किया गया है।
- OpenAI ने 16 मई 2025 को Codex नामक एक नया क्लाउड-आधारित AI कोडिंग एजेंट लॉन्च किया है, जो कई सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कार्यों को स्वतः और समानांतर रूप से संभाल सकता है। यह टूल कोड लिखने, यूनिट टेस्ट चलाने, बग्स ठीक करने, पुल रिक्वेस्ट तैयार करने, कोड डिबग करने, डोक्यूमेंटेशन और स्कैफोल्डिंग बनाने जैसे काम करता है। Codex डेवलपर के कोडबेस को संदर्भ मानकर एक सुरक्षित सैंडबॉक्स वातावरण में काम करता है, जिससे उत्पादकता काफी बढ़ जाती है। इसका पहला वर्जन codex-1 प्रदर्शन में o3 मॉडल से आगे निकला और यह तब तक टेस्टिंग करता है जब तक सभी टेस्ट पास न हो जाएं। यह फिलहाल रिसर्च प्रीव्यू के तौर पर ChatGPT Pro, Enterprise और Team यूज़र्स के लिए मुफ्त उपलब्ध है, लेकिन बाद में इसमें रेट-लिमिटेड एक्सेस और लचीला मूल्य निर्धारण लागू किया जाएगा। ChatGPT Plus और Edu यूज़र्स को इसकी सुविधा बाद में मिलेगी। Codex और Codex CLI के बीच भी अंतर है, जो इसके उपयोग में विविधता लाता है।
- कार्लोस अलकराज ने रोम में इटालियन ओपन 2025 का खिताब जीतकर बड़ी उपलब्धि हासिल की, जहां उन्होंने विश्व नंबर 1 जानिक सिनर को सीधे सेटों में 7-6 (5), 6-1 से हराया। यह अलकराज का 7वां मास्टर्स 1000 और कुल 19वां ATP खिताब है। उन्होंने फाइनल में घरेलू दर्शकों के सामने खेले सिनर की 26 मैचों की विजयी लकीर तोड़ी और हेड-टू-हेड रिकॉर्ड में 7-4 की बढ़त बना ली। इस जीत के साथ अलकराज 1990 के बाद ऐसे तीसरे खिलाड़ी बन गए जिन्होंने ATP टूर के सभी बड़े क्ले कोर्ट खिताब अपने नाम किए हैं। मैच के निर्णायक क्षण में उन्होंने पहले सेट में दो सेट प्वाइंट बचाकर टाई-ब्रेक जीत लिया। स्पेनिश खिलाड़ी अलकराज की रणनीति में विविध गति, उच्च टॉपस्पिन और अनुशासित खेल देखने को मिला, जिससे उन्होंने सिनर की लय को पूरी तरह तोड़ दिया। यह जीत न केवल उनके करियर में क्ले पर अधूरी सफलता को पूरा करती है, बल्कि फ्रेंच ओपन से पहले आत्मविश्वास भी देती है। 22 वर्षीय अलकराज ने यह भी साबित किया कि अब टेनिस की दुनिया “बिग थ्री” के बाद अलकराज–सिनर युग की ओर बढ़ रही है।
- भारत सरकार पहली बार परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी कंपनियों को परमाणु संयंत्र संचालित करने की अनुमति देने जा रही है, जिससे देश में ऊर्जा उत्पादन के नए रास्ते खुलेंगे। इस कदम के तहत निजी ऑपरेटरों की देयता सीमित करने का प्रस्ताव भी शामिल है, ताकि निवेशकों का भरोसा बढ़े और विदेशी निवेश को प्रोत्साहन मिले। अब तक केवल न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) ही परमाणु संयंत्रों का संचालन करता था, लेकिन इस नीति बदलाव से निजी क्षेत्र को भी भागीदारी का मौका मिलेगा। इसके लिए सिविल लायबिलिटी फॉर न्यूक्लियर डैमेज एक्ट, 2010 में संशोधन की संभावना है। अमेरिका ने भी अपनी कंपनियों को भारत में परमाणु उपकरण बनाने और डिज़ाइन करने की अनुमति दे दी है, जिससे दोनों देशों के बीच असैन्य परमाणु सहयोग और मजबूत हुआ है। यह नीति भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने, स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने और तकनीकी नवाचार व बुनियादी ढांचे के विकास में मददगार साबित होगी। फिलहाल भारत में 22 राज्य-नियंत्रित परमाणु रिएक्टर कार्यरत हैं, जो कुल बिजली आपूर्ति में लगभग 3% योगदान करते हैं। सरकार का लक्ष्य है कि 2031 तक परमाणु ऊर्जा क्षमता को 22 गीगावाट तक पहुंचाया जाए।
- 18 मई 2025 को इसरो को एक बड़ा झटका तब लगा जब उसका भरोसेमंद रॉकेट PSLV-C61 मिशन असफल हो गया। इस मिशन का उद्देश्य 1,696.24 किलोग्राम वजनी EOS-09 सैटेलाइट को सूर्य समकालिक ध्रुवीय कक्षा में स्थापित करना था, जो सिंथेटिक एपर्चर रडार तकनीक से हर मौसम में पृथ्वी का अवलोकन कर कृषि, वानिकी, आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में मदद करता। लॉन्च श्रीहरिकोटा से सुबह 5:59 बजे हुआ और पहले दो चरणों ने ठीक से काम किया, लेकिन तीसरे चरण में चैम्बर प्रेशर में गिरावट आई, जिससे सैटेलाइट तय कक्षा में नहीं पहुंच पाया। प्रारंभिक जांच में फ्लेक्स नोजल की खराबी का संदेह है। यह PSLV की 63वीं उड़ान और 1993 से अब तक तीसरी विफलता थी। पिछली विफलता 2017 में PSLV-C39 मिशन में हुई थी। EOS-09 उपग्रह RISAT-1 तकनीकी प्लेटफॉर्म पर आधारित है और इसका मिशन जीवनकाल 5 वर्ष है। ISRO प्रमुख वी. नारायणन ने असफलता की पुष्टि करते हुए जांच की घोषणा की, वहीं पूर्व अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने भरोसा जताया कि इसरो जल्दी समाधान निकालेगा। हाल में जनवरी 2025 के NVS-02 मिशन में भी तकनीकी गड़बड़ी देखी गई थी, जो इन मिशनों की बढ़ती जटिलता को दर्शाती है।
- विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस (WTISD) हर साल 17 मई को मनाया जाता है, जो संचार और सूचना प्रौद्योगिकी की भूमिका को उजागर करता है। इसकी शुरुआत 1865 में इंटरनेशनल टेलिकम्युनिकेशन यूनियन (ITU) की स्थापना के साथ हुई थी। 2005 में इसे विश्व सूचना समाज दिवस के साथ जोड़ा गया। 2025 में WTISD का मुख्य विषय है “सतत विकास के लिए डिजिटल नवाचार”, जो जलवायु लचीलापन, शिक्षा, आर्थिक समानता और स्वास्थ्य सेवा तक डिजिटल पहुंच को बढ़ावा देता है। यह डिजिटल खाई को पाटने और दूरदराज़ व वंचित समुदायों को सशक्त बनाने की दिशा में काम करता है। शिक्षा, स्वास्थ्य, शासन, व्यापार और सामाजिक जुड़ाव जैसे क्षेत्रों में तकनीकी नवाचार के लाभ को दर्शाया गया है, जैसे डिजिटल कक्षा, टेलीमेडिसिन, ई-गवर्नेंस और फिनटेक सेवाएँ। ITU और उसके सदस्य देश इस अवसर पर 5G, AI और स्मार्ट टेक पर तकनीकी मंच, नवाचार प्रदर्शनियाँ, कार्यशालाएँ और नीति संवाद आयोजित करते हैं। यह दिवस सभी के लिए डिजिटल समावेशन सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करता है और तकनीक को विशेषाधिकार नहीं बल्कि एक बुनियादी ज़रूरत के रूप में स्थापित करता है।
- भारत ने सैफ अंडर-19 चैंपियनशिप 2025 के फाइनल में बांग्लादेश को रोमांचक मुकाबले में पेनल्टी शूटआउट में 4-3 से हराकर खिताब सफलतापूर्वक बचा लिया। अरुणाचल प्रदेश के युपिया स्थित गोल्डन जुबली स्टेडियम में खेले गए इस फाइनल में भारत की शुरुआत शानदार रही, जब कप्तान शामी सिंगमायुम ने दूसरे मिनट में फ्री-किक से गोल कर बढ़त दिलाई। हालांकि, 61वें मिनट में बांग्लादेश के मो. जॉय अहमद ने बराबरी कर ली, जिससे मैच का स्कोर 1-1 रहा। पेनल्टी शूटआउट में भारत ने धैर्य और आत्मविश्वास दिखाते हुए 4-3 से जीत दर्ज की, भले ही शुरुआती कोशिश में रोहन सिंह का शॉट रोक लिया गया था। यह भारत का दूसरा SAFF U-19 खिताब है, इससे पहले उसने 2023 में पाकिस्तान को हराकर खिताब जीता था। इस टूर्नामेंट में भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका और मालदीव ने भाग लिया था और इसका उद्देश्य दक्षिण एशिया में युवा फुटबॉल को प्रोत्साहित करना और खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तैयार करना है। यह जीत न केवल एक फुटबॉल ट्रॉफी है, बल्कि भारत के उभरते युवा खिलाड़ियों और देश के खेल भविष्य की चमकदार तस्वीर भी पेश करती है।