Today’s Current Affairs in Hindi | 22 अप्रैल 2025 (हिंदी करंट अफेयर्स), 22 अप्रैल 2025 के current affairs today in hindi.
22 अप्रैल 2025 डेली करेंट अफेयर्स
- भारतीय वायुसेना ने संयुक्त अरब अमीरात में 21 अप्रैल से 8 मई, 2025 तक चलने वाले प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय हवाई युद्धाभ्यास ‘एक्सरसाइज डेजर्ट फ्लैग-10’ में भाग लेने के लिए मिग-29 और जैगुआर जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों के साथ अपना दल तैनात किया है। इस अभ्यास का उद्देश्य विभिन्न देशों की वायुसेनाओं के साथ मिलकर जटिल और वास्तविक युद्ध जैसे अभियानों का अभ्यास करना है, जिससे आपसी तालमेल, संचालन क्षमता और तकनीकी दक्षता को बढ़ाया जा सके। इसमें भारत समेत 12 देशों की वायुसेनाएँ हिस्सा ले रही हैं, जिनमें अमेरिका, फ्रांस, यूएई और यूनाइटेड किंगडम जैसे रणनीतिक साझेदार शामिल हैं। यह अभ्यास न केवल सैन्य सहयोग को गहरा करता है बल्कि भारत की वैश्विक रक्षा साझेदारियों को भी मजबूती प्रदान करता है। साथ ही, इससे भारतीय वायुसेना को मध्य पूर्व के विशिष्ट रेगिस्तानी वातावरण में काम करने का व्यावहारिक अनुभव भी प्राप्त होता है, जो उसकी रणनीतिक सोच और युद्ध तैयारियों को और बेहतर बनाता है।
- विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवस हर साल 21 अप्रैल को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य रचनात्मकता और नवाचार के महत्व को समझाना और लोगों को नई सोच अपनाने के लिए प्रेरित करना है। यह दिन 15 से 21 अप्रैल तक मनाए जाने वाले रचनात्मकता और नवाचार सप्ताह का हिस्सा है और यह संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने वाली सोच को बढ़ावा देता है। इसकी शुरुआत 2001 में कनाडा की मार्सी सहगल द्वारा की गई थी और 2017 में संयुक्त राष्ट्र ने इसे आधिकारिक मान्यता दी। यह दिन इस बात पर ज़ोर देता है कि रचनात्मकता और नवाचार न केवल वैश्विक समस्याओं के समाधान में मदद करते हैं, बल्कि आर्थिक विकास, रोजगार और जीवन की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाते हैं। जैसे-जैसे दुनिया जलवायु परिवर्तन और सामाजिक असमानता जैसी चुनौतियों से जूझ रही है, यह दिन हरित तकनीकों और सतत नवाचारों की ओर ध्यान केंद्रित करने की प्रेरणा देता है। संयुक्त राष्ट्र का यह आग्रह कि रचनात्मक सोच को पर्यावरणीय और औद्योगिक नीतियों से जोड़ा जाए, इस दिन की प्रासंगिकता को और भी बढ़ा देता है।
- राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस 21 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा, जिसकी शुरुआत 1947 में सरदार वल्लभभाई पटेल के ऐतिहासिक भाषण से हुई थी, जहाँ उन्होंने सिविल सेवकों को “भारत की स्टील फ्रेम” कहा था। इस दिन का उद्देश्य सिविल सेवकों के उत्कृष्ट कार्यों को सम्मानित करना, नैतिक प्रशासन को बढ़ावा देना और युवाओं को सिविल सेवा के लिए प्रेरित करना है। भारत में सिविल सेवा की नींव चार्ल्स कॉर्नवालिस ने रखी थी, जिन्होंने मेरिट आधारित प्रणाली, भ्रष्टाचार रोकने के उपाय और नैतिक मानकों की शुरुआत की। भारतीय सिविल सेवा अधिनियम, 1861 के तहत भारतीयों को प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से उच्च प्रशासनिक पदों पर पहुँचने का अवसर मिला। आज UPSC द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा के तीन चरणों—प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार—के माध्यम से अधिकारी चुने जाते हैं, जो IAS, IPS, IFS जैसी सेवाओं में कार्य करते हैं। ये अधिकारी योजनाओं का क्रियान्वयन, कानून-व्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य, और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में अहम भूमिका निभाते हैं। राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस केवल एक समारोह नहीं, बल्कि पारदर्शिता, सत्यनिष्ठा और जनसेवा के मूल्यों की पुनः पुष्टि का दिन है, जो युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनता है।
- तेलंगाना सरकार ने भूमि शासन में बड़े सुधार करते हुए तेलंगाना भू भारती अधिनियम, 2025 लागू किया है, जो पूर्ववर्ती धरनी पोर्टल की खामियों को दूर करने के उद्देश्य से लाया गया है। यह अधिनियम भूमि प्रशासन को पारदर्शी, कुशल और नागरिकोन्मुख बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है। इसमें शिकायत निवारण प्रक्रिया को विकेंद्रीकृत कर दिया गया है ताकि लोग स्थानीय स्तर पर समस्याओं का समाधान पा सकें। भूमि अभिलेखों में त्रुटियों को मंडल और ज़िला स्तर पर ठीक किया जाएगा, और पंजीकरण से पहले अनिवार्य सर्वेक्षण व डिजिटल नक्शांकन किया जाएगा। सादा बयानों को वैध बनाने और पैतृक संपत्तियों का म्युटेशन स्वचालित रूप से करने का प्रावधान भी जोड़ा गया है। दो-स्तरीय शिकायत निवारण प्रणाली में पहले RDO और फिर ज़रूरत पड़ने पर जिला कलेक्टर के पास शिकायत की जा सकती है। किसानों के लिए सभी सेवाएं नि:शुल्क की गई हैं ताकि वे आर्थिक बाधाओं के बिना अपने अधिकारों की रक्षा कर सकें। इस प्रणाली को पहले पायलट के रूप में चार मंडलों में लागू किया गया और अब यह 2 जून तक पूरे राज्य में विस्तार पाएगी। यह अधिनियम भूमि लेनदेन को आसान, सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
- आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अमरावती को दुनिया का पहला पूर्णतया नवीकरणीय ऊर्जा से संचालित शहर बनाने की योजना है। मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू द्वारा परिकल्पित यह ग्रीनफील्ड परियोजना 217 वर्ग किमी क्षेत्र में फैली होगी और इसका विकास ₹65,000 करोड़ की लागत से किया जा रहा है। अमरावती का लक्ष्य 2,700 मेगावाट स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन है, जो सौर, पवन और जल स्रोतों से प्राप्त होगा, जिससे जीवाश्म ईंधनों की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। कम से कम 30% ऊर्जा सौर और पवन से मिलेगी, और एक-तिहाई सरकारी भवनों की छतों पर सौर पैनल अनिवार्य होंगे। शहर में सभी प्रमुख भवन ग्रीन बिल्डिंग मानकों का पालन करेंगे और सार्वजनिक परिवहन जैसे मेट्रो और इलेक्ट्रिक बसें नवीकरणीय ऊर्जा से संचालित होंगी। पार्क, बस स्टॉप और वॉकवे पर भी सौर पैनल लगाए जाएंगे। 415 kW की पायलट सौर परियोजना पहले ही स्कूलों, आंगनवाड़ियों और ई-हेल्थ केंद्रों पर लागू हो चुकी है। गर्मी से निपटने के लिए Tabreed के साथ मिलकर डिस्ट्रिक्ट कूलिंग सिस्टम लागू किया गया है, जिससे ऊर्जा खपत और उत्सर्जन दोनों में कमी आएगी। अमरावती, ऊर्जा दक्षता और हरित नवाचार का वैश्विक उदाहरण बनकर उभर रहा है।
- महाराष्ट्र राज्य वन्यजीव बोर्ड ने डीपीएस फ्लेमिंगो झील को संरक्षण आरक्षित क्षेत्र घोषित कर शहरी भारत में वन्यजीव संरक्षण की दिशा में अहम कदम उठाया है। यह पहली बार है जब ठाणे क्रीक फ्लेमिंगो अभयारण्य से जुड़ी किसी आर्द्रभूमि को औपचारिक संरक्षण मिला है। लगभग 30 एकड़ में फैली यह झील प्रवासी फ्लेमिंगो पक्षियों के लिए महत्वपूर्ण विश्राम और आहार स्थल है, जो जल स्तर बढ़ने पर वैकल्पिक ठिकाने की तरह काम करती है। यह झील मुंबई, नवी मुंबई और ठाणे की तटीय आर्द्रभूमियों के नेटवर्क से जुड़ी हुई है, जो पश्चिमी भारत की सबसे बड़ी फ्लेमिंगो आबादी को सहारा देता है। एक समय जल प्रवाह बाधित होने से 17 फ्लेमिंगो की मौत हो गई थी, जिसके बाद जल गुणवत्ता सुधारने के लिए कदम उठाए गए। अब तक 60% झील से अत्यधिक शैवाल हटाया जा चुका है और पक्षियों की वापसी देखी गई है। हवाई अड्डे के निकट होने के कारण इसका संरक्षण विमानन सुरक्षा के लिए भी जरूरी है। यह पहल दर्शाती है कि वैज्ञानिक सोच, जन भागीदारी और सरकारी संकल्प से शहरी पारिस्थितिकी की रक्षा संभव है, और विकास के साथ संतुलन बनाया जा सकता है।
- मोरक्को के मारकेश में आयोजित तीन दिवसीय GITEX Africa 2025 प्रदर्शनी में भारत की भागीदारी ने वैश्विक मंच पर उसकी डिजिटल क्षमताओं और नवाचारों को प्रभावी रूप से प्रस्तुत किया। केंद्रीय मंत्री श्री जयंती चौधरी ने भारतीय स्टार्टअप्स, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI), और कौशल विकास पहलों जैसे आधार, यूपीआई, ओएनडीसी, डिजिटल हेल्थ और स्किल इंडिया डिजिटल हब की सफलता को रेखांकित किया, जिसने अब तक एक करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता जोड़े हैं। उन्होंने AI, साइबर सुरक्षा और फिनटेक को स्किलिंग तंत्र से जोड़ने के भारत के प्रयासों को साझा किया और भारत को AI क्षेत्र में उभरते वैश्विक केंद्र के रूप में प्रस्तुत किया। भारत और अफ्रीकी देशों के बीच तकनीकी सहयोग की संभावनाओं पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि भारत का ओपन-सोर्स DPI मॉडल अन्य विकासशील देशों की डिजिटलीकरण यात्रा में सहायक हो सकता है। मोरक्को के वरिष्ठ मंत्रियों से हुई द्विपक्षीय बैठकों में AI, अनुसंधान और डिजिटल अवसंरचना पर चर्चा हुई। भारत की डिजिटल पहलें जैसे आधार, UPI, डिजीलॉकर, DIKSHA और SIDH वैश्विक स्तर पर अपनाए जा सकने वाले समावेशी विकास के मॉडल के रूप में सामने आईं और भारत की तकनीकी नेतृत्व भूमिका को फिर से स्थापित किया।
- 17 अप्रैल 2025 को भारतीय नौसेना का युद्धपोत INS सुनयना मोज़ाम्बिक के नाकाला बंदरगाह पहुँचा, जो IOS SAGAR मिशन के तहत अफ्रीकी देशों के साथ समुद्री सहयोग को मज़बूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह यात्रा तंज़ानिया में आयोजित भारत-अफ्रीका समुद्री साझेदारी अभ्यास AIKEYME 25 में भाग लेने के बाद हुई है। SAGAR (Security and Growth for All in the Region) मिशन का उद्देश्य समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देना, क्षमता निर्माण और साझा अभियानों के ज़रिए समुद्री खतरों का सामना करना है। 5 अप्रैल को कर्नाटक के कारवार से शुरू हुए इस मिशन में 9 मित्र देशों के 44 नौसैनिक कर्मियों ने भाग लिया। INS सुनयना मोज़ाम्बिक नौसेना के साथ संयुक्त अभ्यास करेगी, जिससे दोनों देशों की संचालनात्मक समझ बेहतर होगी। पोर्ट कॉल के बाद संयुक्त EEZ निगरानी मिशन भी चलाया जाएगा जिसमें मोज़ाम्बिक के Sea Riders शामिल होंगे। इस दौरान INS सुनयना का दल सामुदायिक कार्यक्रमों में भी भाग लेगा, जो भारत की समुद्री कूटनीति को मानवीय छवि प्रदान करता है। यह पहल भारत को एक ज़िम्मेदार और सहयोगी समुद्री शक्ति के रूप में स्थापित करती है, जो हिंद महासागर क्षेत्र में स्थायित्व और साझेदारी को प्राथमिकता देती है।
- साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) भारत का पहला कोयला PSU बन गया है जिसने भूमिगत कोयला खनन के लिए अत्याधुनिक पेस्ट फिल तकनीक अपनाई है। यह तकनीक पर्यावरण के अनुकूल और सतत खनन को बढ़ावा देती है, जिससे सतही बाधाओं वाले क्षेत्रों में भी सुरक्षित और कुशल खनन संभव हो पाता है। SECL ने इस तकनीक को सिंघाली भूमिगत खदान में लागू करने के लिए TMC मिनरल रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ ₹7040 करोड़ का करार किया है, जो 25 वर्षों तक चलेगा और 8.4 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखता है। पेस्ट फिल तकनीक से खदान से निकले कोयले के बाद बनी खामियों को फ्लाई ऐश, सीमेंट, मलबा और पानी के मिश्रण से भरा जाता है, जिससे भूमि धंसने से बचाव होता है और सतही भूमि अधिग्रहण की जरूरत नहीं होती। यह तकनीक औद्योगिक कचरे के पुनः उपयोग, पर्यावरणीय प्रभाव में कमी और खनन सुरक्षा में सुधार जैसे लाभ देती है। सिंघाली खदान में पारंपरिक विधियों के लिए मौजूद चुनौतियों को यह तकनीक सुलझाती है और भारत के खनन क्षेत्र को एक नई दिशा देती है। SECL की यह पहल देश में हरे और टिकाऊ खनन की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
- रोमन कैथोलिक चर्च के पहले लैटिन अमेरिकी और जेसुइट पोप, पोप फ्रांसिस का 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया, जिनका जीवन करुणा, सुधारों और सामाजिक न्याय की मिसाल बना रहा। अर्जेंटीना में जन्मे जॉर्ज मारियो बेर्गोलियो 2013 में पोप बने, और वे पहले अमेरिकी, पहले जेसुइट, व 1200 वर्षों में पहले गैर-यूरोपीय पोप थे। उनके कार्यकाल में चर्च ने यौन शोषण जैसे गंभीर मामलों और प्रशासनिक अव्यवस्था से जूझते हुए एक मानवीय और पारदर्शी दिशा अपनाई। उन्होंने समलैंगिक जोड़ों को आशीर्वाद, महिलाओं को नेतृत्व, पर्यावरण की रक्षा और शरणार्थियों के अधिकारों के लिए कई कदम उठाए। हालाँकि, पारंपरिक गुटों से उन्हें तीव्र विरोध भी झेलना पड़ा। अपने 12 वर्षों में उन्होंने 47 देशों की यात्राएँ कीं, चार प्रमुख दस्तावेज लिखे, और मदर टेरेसा सहित 900 से अधिक संतों को मान्यता दी। उनकी सबसे बड़ी पहचान बनी आम जनता, खासकर हाशिए पर खड़े लोगों से गहरा जुड़ाव—चाहे वह बेघरों से मिलना हो, विकलांगों के साथ समय बिताना या युद्ध से प्रभावित लोगों के साथ खड़ा होना। पोप फ्रांसिस ने सेवा, संवाद और दया की भावना से पोप की छवि को मानवीय बना दिया।
- सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) दिनेश माहेश्वरी को अप्रैल 2025 में भारत के 23वें विधि आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह आयोग 1 सितंबर 2024 से 31 अगस्त 2027 तक कार्य करेगा और इसमें कुल 7 सदस्य शामिल हैं, जिनमें 4 पूर्णकालिक, 2 पदेन और 1 अध्यक्ष हैं, साथ ही सरकार 5 अंशकालिक सदस्य भी नियुक्त कर सकती है। आयोग का प्रमुख कार्य समान नागरिक संहिता (UCC) की व्यवहार्यता की जांच करना है, जो लंबे समय से एक संवेदनशील और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण विषय रहा है। 22वें आयोग द्वारा 2023 में UCC पर व्यापक परामर्श किया गया था, लेकिन प्रक्रिया अधूरी रह गई थी। 21वें आयोग ने 2018 में UCC को न आवश्यक बताया था, जिससे मतभेद उत्पन्न हुए थे। अब 23वें आयोग से अंतिम सिफारिशों की उम्मीद की जा रही है। UCC भाजपा के वैचारिक एजेंडे का अहम हिस्सा है, जिसमें अनुच्छेद 370 और राम मंदिर जैसे वादों की तरह यह भी प्रमुख स्थान रखता है। उत्तराखंड पहले ही इसे लागू कर चुका है और गुजरात ने मसौदा समिति बनाई है। आयोग स्वतंत्र रूप से कार्य करेगा लेकिन विधिक संस्थाओं और नागरिक समाज के साथ समन्वय में सुधारों की सिफारिशें करेगा।
- भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने शाखाओं में भीड़ कम करने और डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल के तहत करीब 4,500 शाखाओं में ‘ग्राहक मित्र’ तैनात किए हैं। ये विशेष रूप से प्रशिक्षित सहायक SBI की SBOSS इकाई से लिए गए हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य ग्राहकों को वैकल्पिक और स्वयं सेवा बैंकिंग चैनलों के उपयोग के लिए मार्गदर्शन देना है। यह पहल उन शाखाओं में प्राथमिकता से लागू की जा रही है जहाँ सरकारी वेतन, पेंशन और लाभ खातों की अधिक भीड़ होती है। ग्राहक मित्र विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों और तकनीक से अनजान लोगों को मदद देंगे, जिससे स्टाफ पर दबाव घटेगा और ग्राहक अनुभव बेहतर होगा। SBI ने डिजिटल बैंकिंग के लिए ATM/ADWM, कियोस्क, YONO ऐप, और व्हाट्सएप सेवाओं जैसे चैनल विकसित किए हैं। बैंक 40,000 ATM/ADWM अपग्रेड और 5,500 नए SWAYAM कियोस्क लगाने की योजना पर भी काम कर रहा है। मार्च 2024 तक 20,135 कियोस्क के जरिए हर दिन 11 लाख ट्रांजैक्शन हो रहे हैं, जिससे शाखाओं में कामकाज अधिक प्रभावी हो गया है। दिसंबर 2024 तक SBI के 98.1% लेन-देन वैकल्पिक चैनलों से हुए हैं, जो डिजिटल बदलाव की बड़ी सफलता को दर्शाता है।