Today’s Current Affairs in Hindi | 26 मार्च 2025 (हिंदी करंट अफेयर्स), 26 मार्च 2025 के current affairs today in hindi.
26 मार्च 2025 डेली करेंट अफेयर्स
- भारतीय घरेलू उद्योगों को सस्ते आयात से बचाने के लिए सरकार ने चीन से आयातित पाँच उत्पादों पर एंटी-डंपिंग शुल्क लगाया है। इन उत्पादों में सॉफ्ट फेराइट कोर, वैक्यूम इंसुलेटेड फ्लास्क, एल्युमिनियम फॉयल, ट्राइक्लोरो आइसोस्यान्यूरिक एसिड और पॉली विनाइल क्लोराइड (PVC) पेस्ट रेजिन शामिल हैं, जिन्हें चीन सामान्य बाजार मूल्य से कम कीमत पर निर्यात कर रहा था, जिससे भारतीय निर्माताओं को नुकसान हो रहा था। व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR) की सिफारिश पर यह शुल्क पाँच वर्षों तक लागू रहेगा, जबकि एल्युमिनियम फॉयल पर छह महीने के लिए अस्थायी शुल्क लगाया गया है। सॉफ्ट फेराइट कोर पर 35% तक, वैक्यूम इंसुलेटेड फ्लास्क पर $1,732 प्रति टन, एल्युमिनियम फॉयल पर $873 प्रति टन, ट्राइक्लोरो आइसोस्यान्यूरिक एसिड पर $276 से $986 प्रति टन और PVC पेस्ट रेजिन पर $89 से $707 प्रति टन का शुल्क लगाया गया है। यह कदम भारतीय निर्माताओं को अनुचित प्रतिस्पर्धा से बचाने और बाजार में मूल्य संतुलन बनाए रखने के लिए उठाया गया है। एंटी-डंपिंग शुल्क उन स्थितियों में लगाया जाता है, जब कोई देश अपने उत्पादों को कम कीमत पर निर्यात कर बाजार को प्रभावित करता है, जिससे स्थानीय उद्योगों को नुकसान होता है।
- भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 (FY24) में ऐतिहासिक मुनाफा कमाया और लाभांश भुगतान में 33% की वृद्धि दर्ज की। कुल लाभांश ₹27,830 करोड़ पहुंच गया, जिसमें से 65% (₹18,013 करोड़) सरकार को मिला। FY24 में PSBs का कुल शुद्ध लाभ ₹1.41 लाख करोड़ रहा, जो FY23 के ₹1.05 लाख करोड़ से अधिक था। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने ₹61,077 करोड़ का शुद्ध लाभ अर्जित किया, जो PSBs के कुल मुनाफे का 40% था। अन्य बैंकों में पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने 228%, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 62% और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने 61% लाभ वृद्धि दर्ज की। FY18 में PSBs को ₹85,390 करोड़ का भारी घाटा हुआ था, लेकिन सरकार की पुनर्पूंजीकरण योजनाओं, दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (IBC) के तहत ऋण समाधान और बेहतर बैंकिंग संचालन के कारण ये बैंक अब मजबूती से उभरकर आए हैं।
- मिज़ोरम से सिंगापुर को पहली बार एंथूरियम फूलों का सफल निर्यात उत्तर-पूर्वी भारत के पुष्पकृषि क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। 1,024 कटे फूलों (70 किलोग्राम) की यह खेप APEDA और मिज़ोरम सरकार के बागवानी विभाग के सहयोग से भेजी गई। 26 फरवरी 2025 को आयोजित फ्लैग-ऑफ समारोह में APEDA अध्यक्ष अभिषेक देव और विशेष सचिव रामदिनलिआनी सहित कई प्रमुख हस्तियां शामिल रहीं। यह निर्यात IVC Agrovet Pvt. Ltd. द्वारा किया गया और आयातक Veg Pro Singapore Pte. Ltd. था। आइजोल से कोलकाता होते हुए सिंगापुर भेजी गई यह खेप ज़ो एंथूरियम ग्रोअर्स कोऑपरेटिव सोसाइटी से प्राप्त की गई थी। यह पहल स्थानीय किसानों, विशेष रूप से महिला उद्यमियों को आर्थिक सशक्तिकरण प्रदान करने के साथ ही भारत के कृषि निर्यात को भी बढ़ावा देती है। इससे पहले, दिसंबर 2024 में आइजोल में आयोजित इंटरनेशनल कॉन्क्लेव में 9 अंतरराष्ट्रीय खरीदारों और 24 घरेलू निर्यातकों ने भाग लिया था, जिससे व्यापारिक संपर्क मजबूत हुए। भारत का पुष्पकृषि निर्यात FY 2023-24 में USD 86.62 मिलियन रहा, और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में इसकी व्यापक संभावनाएं हैं। APEDA भारत के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के वैश्विक निर्यात को बढ़ावा देने के लिए लगातार कार्यरत है।
- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंगा और शारदा नदियों के किनारे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कॉरिडोर विकसित करने की घोषणा की है। यह पहल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और राज्य की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने पर केंद्रित होगी। सरकार सड़कों, तीर्थ स्थलों और सुविधाओं का विकास कर हरिद्वार, ऋषिकेश, बद्रीनाथ, केदारनाथ जैसे पवित्र स्थलों की यात्रा को सुगम बनाएगी। इससे न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि स्थानीय व्यवसायों और परिवहन सेवाओं के लिए नए अवसर भी सृजित होंगे। मुख्यमंत्री धामी ने हरिद्वार के पतंजलि विश्वविद्यालय में हुए 62वें अखिल भारतीय शास्त्रोत्सव में भारतीय ज्ञान परंपराओं की वैज्ञानिक उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भारतीय गणितज्ञों और वैज्ञानिकों ने शून्य, दशमलव प्रणाली, खगोलशास्त्र और चिकित्सा विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। योग, प्राणायाम और ध्यान को मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक बताते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की और कहा कि सरकार प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपराओं को पुनर्जीवित करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इस पहल का उद्देश्य उत्तराखंड को विश्वस्तरीय आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र बनाना है।
- संयुक्त राष्ट्र की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, हिंदू कुश हिमालय (HKH) क्षेत्र में 2011-2020 के दौरान ग्लेशियरों के पिघलने की दर 2001-2010 की तुलना में 65% अधिक थी, जिससे जल संसाधन, पारिस्थितिक तंत्र और दो अरब से अधिक लोगों पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। यदि वैश्विक तापमान 1.5°C से 2°C तक बढ़ता है, तो 2100 तक HKH के 30-50% ग्लेशियर खत्म हो सकते हैं, जबकि 2°C से अधिक तापमान वृद्धि से यह नुकसान 45% तक पहुंच सकता है। HKH क्षेत्र दस प्रमुख नदी घाटियों का स्रोत है और अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, चीन, भारत, म्यांमार, नेपाल और पाकिस्तान में फैला हुआ है। ग्लेशियर पिघलने से ग्लेशियर झील विस्फोट बाढ़ (GLOFs), बादल फटने और भूस्खलन जैसी आपदाओं में वृद्धि हुई है, जिससे पिछले 190 वर्षों में HKH क्षेत्र में 7,000 से अधिक मौतें हुई हैं। जल विद्युत, कृषि और जल आपूर्ति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, जबकि सीमापार सहयोग की कमी और डेटा साझा करने की असमानता नीति निर्माण में बड़ी चुनौती बनी हुई है। रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन पर ठोस कदम, पर्वतीय समुदायों की आवश्यकताओं को प्राथमिकता, डेटा साझाकरण और वित्तीय सहायता बढ़ाने की सिफारिश की गई है।
- केरल भारत का पहला राज्य बन गया है जिसने वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण और अधिकारों की रक्षा के लिए ‘केरल राज्य वरिष्ठ नागरिक आयोग अधिनियम, 2025’ पारित कर वरिष्ठ नागरिक आयोग की स्थापना की है। यह आयोग एक वैधानिक निकाय है, जिसका उद्देश्य बुजुर्गों के पुनर्वास, संरक्षण और समाज में उनकी सक्रिय भागीदारी को सुनिश्चित करना है। यह नीति निर्माण में सलाहकार की भूमिका निभाएगा और सरकार को वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण से जुड़ी सिफारिशें देगा। आयोग बुजुर्गों से जुड़ी शिकायतों का समाधान करेगा, खासकर उपेक्षा, दुर्व्यवहार और संपत्ति विवादों के मामलों में कानूनी सहायता प्रदान करेगा। इसके अलावा, यह वरिष्ठ नागरिकों को उनके ज्ञान और अनुभव के आधार पर समाज में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करेगा। जागरूकता अभियानों के माध्यम से बुजुर्गों के अधिकारों और परिवारों की जिम्मेदारियों पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा। यह अपनी तरह का भारत का पहला राज्य स्तरीय आयोग है, जो केरल सरकार की बुजुर्गों के कल्याण को लेकर प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- भारती एयरटेल के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक गोपाल विट्टल को ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल कम्युनिकेशंस एसोसिएशन (GSMA) का अध्यक्ष चुना गया है। वे इस पद पर पहुंचने वाले दूसरे भारतीय हैं और 2026 के अंत तक इस भूमिका में रहेंगे। इससे पहले, विट्टल GSMA बोर्ड में डिप्टी चेयर और 2019-2020 में सदस्य भी रह चुके हैं। उन्होंने जोस मारिया अल्वारेज़-पैलेटे का स्थान लिया, जो टेलीफोनिका के सीईओ पद से इस्तीफा दे चुके हैं। फरवरी 2025 से वे कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में सेवा दे रहे थे और अब औपचारिक रूप से नियुक्त हुए हैं। GSMA दुनिया भर की 1,100 से अधिक टेलीकॉम कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है और मोबाइल इकोसिस्टम को एकीकृत करने, तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा देने और उद्योग नीतियों को आकार देने में अहम भूमिका निभाता है। 2024 में, मोबाइल उद्योग ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में $6.5 ट्रिलियन का योगदान दिया, जिससे इसका डिजिटल परिवर्तन में प्रभाव साफ झलकता है। GSMA में टेलीकॉम ऑपरेटर्स, हैंडसेट निर्माता, सॉफ्टवेयर कंपनियाँ, उपकरण प्रदाता और इंटरनेट कंपनियाँ शामिल हैं। गोपाल विट्टल की यह नियुक्ति भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और वैश्विक दूरसंचार उद्योग में देश की भागीदारी को और मजबूत करेगी।
- केंद्र सरकार ने 24 मार्च 2025 को अजय सेठ को नया वित्त सचिव नियुक्त किया। 1987 बैच के कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी सेठ 2021 से आर्थिक मामलों के सचिव के रूप में कार्यरत थे और उनके पास तीन दशकों से अधिक का अनुभव है। उन्होंने अधोसंरचना वित्तपोषण, सार्वजनिक-निजी भागीदारी और कर सुधारों में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिसके लिए उन्हें 2013 में प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार मिला। आईआईटी रुड़की से इंजीनियरिंग और एमबीए डिग्री प्राप्त सेठ की नियुक्ति ऐसे समय हुई है जब सरकार को राजकोषीय अनुशासन और आर्थिक वृद्धि के बीच संतुलन बनाना है। दिसंबर 2024 तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.2% रही, जबकि FY25 के लिए 6.5% का लक्ष्य रखा गया है, जो FY24 के 9.2% से कम है। उनकी प्राथमिकताएँ निजी निवेश को बढ़ावा देना, नियमन को सरल बनाना और राज्यों को 50-वर्षीय ब्याज-मुक्त ऋण तक पहुंच के लिए मानक सुधार लागू करना हैं। दीर्घकालिक रूप से, उनका लक्ष्य भारत को अगले दशक में 8% जीडीपी वृद्धि बनाए रखने में मदद करना और ‘विकसित राष्ट्र’ के विजन 2047 को साकार करना है।
- भारत की अर्थव्यवस्था ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है, जहाँ 2015 में $2.1 ट्रिलियन की जीडीपी बढ़कर 2025 में $4.3 ट्रिलियन हो गई, जो 105% की वृद्धि दर्शाती है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार, मुद्रास्फीति-समायोजित वृद्धि दर 77% रही है, जिससे भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया है। यह प्रगति भारत को 2025 में जापान और 2027 तक जर्मनी से आगे निकलने की ओर अग्रसर कर रही है। आर्थिक सुधारों जैसे जीएसटी, पीएलआई योजना, ‘मेक इन इंडिया’, बुनियादी ढांचा विकास और डिजिटल अर्थव्यवस्था ने इस वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चीन की जीडीपी वृद्धि 74%, अमेरिका की 28%, जबकि जर्मनी, यूके, फ्रांस और जापान की केवल 6%-14% रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने निवेश और व्यापार को आसान बनाकर वैश्विक निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना दिया है। डिजिटल अर्थव्यवस्था, स्टार्टअप और विनिर्माण क्षेत्र में उछाल ने रोजगार सृजन और आय वृद्धि को बढ़ावा दिया है। हालाँकि, देश को आय असमानता, मुद्रास्फीति और राजकोषीय अनुशासन जैसी चुनौतियों से निपटना होगा ताकि दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित की जा सके।
- वित्तीय सेवा विभाग ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को उनकी ई-नीलामी प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए नए प्लेटफॉर्म अपनाने की सिफारिश की, जिससे बैंकों की संपत्तियों की बिक्री अधिक पारदर्शी और कुशल बन सके। पहले 28 फरवरी 2019 को “e-BKray” लॉन्च किया गया था, लेकिन 3 जनवरी 2025 को एक अधिक उन्नत प्लेटफॉर्म “BAANKNET” पेश किया गया। यह पोर्टल आधुनिक संपत्ति सूचीकरण और नीलामी प्रणाली प्रदान करता है, जिसमें “स्वचालित KYC, सुरक्षित भुगतान गेटवे, मोबाइल और वेब इंटरफेस, स्मार्ट नीलामी तंत्र” जैसी सुविधाएँ शामिल हैं। इसकी सबसे बड़ी खासियत “बैंक-सत्यापित संपत्ति शीर्षक” है, जिससे खरीदारों को पूर्ण विश्वसनीयता मिलती है। यह प्रणाली “एनपीए ऋणों की वसूली को पारदर्शी और प्रभावी” बनाने के लिए डिज़ाइन की गई है। वर्तमान में “सभी 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSBs) और दिवाला एवं दिवालियापन बोर्ड ऑफ इंडिया (IBBI)” इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से संपत्तियों की नीलामी कर रहे हैं। “AI-आधारित नीलामी प्रणाली” निष्पक्ष मूल्य निर्धारण सुनिश्चित करती है और लेन-देन को निर्बाध बनाती है। सरकार का लक्ष्य बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाना और संपत्ति नीलामी को अधिक संरचित और सुरक्षित बनाना है, जिससे ऋण वसूली में तेजी लाई जा सके।
- भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने केरल और ओडिशा में दो महत्वपूर्ण पुरातात्विक खोजें की हैं। केरल के पलक्कड़ जिले में मलमपुझा डैम के पास 110 से अधिक मेगालिथिक दफन स्थल मिले, जो लौह युग की दफन प्रथाओं और धार्मिक मान्यताओं को समझने में मदद करेंगे। इन स्थलों में सिस्ट कब्र, स्टोन सर्कल, अस्थि कलश, डोलमेंस और डोल्मेनॉइड सिस्ट जैसी संरचनाएँ शामिल हैं, जो ग्रेनाइट और लेटेराइट पत्थरों से बनी हैं। यह खोज दक्षिण भारत के अन्य प्रमुख मेगालिथिक स्थलों के अनुरूप मानी जा रही है। वहीं, ओडिशा के रत्नागिरी में ASI के उत्खनन में बौद्ध पुरावशेषों का विशाल भंडार मिला है, जिसमें प्राचीन मंदिर, सैकड़ों वोटिव स्तूप, विशेष डिज़ाइन वाला ईंट स्तूप, विशाल बुद्ध मूर्तियाँ, संस्कृत अभिलेख और मिट्टी के बर्तन शामिल हैं। ये अवशेष महायान से वज्रयान बौद्ध धर्म के संक्रमण और दक्षिण-पूर्व एशिया से इसके संबंधों को दर्शाते हैं। सैकड़ों स्तूपों की उपस्थिति यह प्रमाणित करती है कि रत्नागिरी प्राचीन काल में बौद्ध शिक्षा और तीर्थयात्रा का महत्वपूर्ण केंद्र था। दोनों खोजें भारत के प्राचीन इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर को समझने में अहम योगदान देंगी।
- दिल्ली की मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री रेखा गुप्ता ने ₹1 लाख करोड़ का ऐतिहासिक बजट 2025-26 पेश किया, जिसमें अवसंरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन और सामाजिक कल्याण पर जोर दिया गया है। पूंजीगत व्यय को दोगुना कर ₹28,000 करोड़ किया गया, जिससे सड़कों, जल आपूर्ति और सीवरेज प्रणाली का विकास होगा। परिवहन सुधार के लिए ₹12,952 करोड़ आवंटित किए गए, जिसमें महिलाओं की मुफ्त बस यात्रा के लिए स्मार्ट कार्ड योजना शामिल है। पात्र महिलाओं को ₹2,500 मासिक सहायता देने के लिए ₹5,100 करोड़ का प्रावधान किया गया, जबकि 10वीं के 1,200 छात्रों को मुफ्त लैपटॉप देने के लिए ₹750 करोड़ रखे गए। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए ₹2,144 करोड़ और स्वच्छता व स्वच्छ जल आपूर्ति के लिए ₹9,000 करोड़ निर्धारित किए गए। व्यापारियों के लिए “व्यापारी कल्याण बोर्ड” का गठन होगा और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए हर दो साल में ‘ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट’ आयोजित होगी। पर्यावरण सुधार के लिए ₹300 करोड़ और नगर निगम को ₹6,897 करोड़ दिए गए हैं। दिल्ली में ओवरहेड बिजली लाइनों को भूमिगत करने के लिए ₹100 करोड़ का पायलट प्रोजेक्ट शुरू होगा। यह बजट पारदर्शिता और तेज़ विकास पर केंद्रित है।
- युग-युगेन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली के नॉर्थ और साउथ ब्लॉक में प्रस्तावित एक भव्य संग्रहालय है, जो सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत विकसित किया जाएगा। इसका उद्देश्य भारत की हजारों वर्षों पुरानी सभ्यता और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और प्रदर्शित करना है। इस परियोजना के विकास में तकनीकी सहयोग के लिए भारत के राष्ट्रीय संग्रहालय और फ्रांस म्यूज़ियम्स डेवलपमेंट के बीच 19 दिसंबर 2024 को एक समझौता हुआ। संग्रहालय को अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित किया जाएगा, जिससे भारत के गौरवशाली अतीत, समृद्ध वर्तमान और उज्ज्वल भविष्य की झलक दर्शाई जा सके। परियोजना की समय-सीमा और बजट आवंटन व्यवहार्यता अध्ययन के बाद तय होगा। इसका उद्देश्य न केवल भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना है, बल्कि भावी पीढ़ियों को इसके बारे में शिक्षित और प्रेरित करना भी है। यह संग्रहालय भारत की कालातीत पहचान का उत्सव मनाने और वैश्विक मंच पर इसकी सांस्कृतिक उपस्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
- परमिंदर चोपड़ा को तीन महीने के लिए आरईसी लिमिटेड (REC Ltd) की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (CMD) का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, जबकि वह पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (PFC) की CMD के रूप में कार्य जारी रखेंगी। अगस्त 2023 में PFC की पहली महिला CMD बनने के बाद, उन्होंने कंपनी को रिकॉर्ड शुद्ध लाभ और न्यूनतम NPA स्तर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने ₹1.12 लाख करोड़ की लिक्विडिटी इन्फ्यूजन स्कीम (LIS) को सफलतापूर्वक संचालित किया और PFC को भारत के सबसे बड़े नवीकरणीय ऊर्जा वित्त पोषक के रूप में स्थापित किया। 35 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ, उन्होंने NHPC और पावर ग्रिड कॉरपोरेशन में भी कार्य किया है, और वित्तीय पुनर्गठन, कोष प्रबंधन व परिसंपत्ति-देयता प्रबंधन में विशेषज्ञता रखती हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय से वाणिज्य स्नातक और प्रबंधन लेखाकार (CMA) होने के साथ, उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी व यूरोपियन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से उच्च कार्यकारी प्रशिक्षण प्राप्त किया है। REC में अपनी नई भूमिका में, वह सतत ऊर्जा वित्तपोषण, नवाचार और वित्तीय उत्कृष्टता पर ध्यान केंद्रित करेंगी।
- केंद्र सरकार ने 24 मार्च 2025 को सांसदों के वेतन में 24% वृद्धि की घोषणा की, जो 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी होगी। लोकसभा और राज्यसभा सांसदों का मासिक वेतन ₹1,00,000 से बढ़ाकर ₹1,24,000 किया गया, जबकि दैनिक भत्ता ₹2,000 से ₹2,500 हो गया। पूर्व सांसदों की पेंशन ₹25,000 से बढ़ाकर ₹31,000 प्रति माह कर दी गई, और अतिरिक्त पेंशन ₹2,000 से ₹2,500 प्रति माह हुई। यह संशोधन मुद्रास्फीति दर के अनुरूप किया गया है ताकि सांसदों और पूर्व सांसदों को वित्तीय स्थिरता मिल सके। पिछली वेतन वृद्धि अप्रैल 2018 में हुई थी। सांसदों को सरकारी आवास, यात्रा भत्ता और निर्वाचन क्षेत्र भत्ता जैसी सुविधाएँ भी मिलती हैं।
- न्यायमूर्ति हरीश टंडन को ओडिशा उच्च न्यायालय का नया मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह के 19 जनवरी 2024 को सेवानिवृत्त होने के बाद हुई, जिनकी जगह अब तक न्यायमूर्ति अरिंदम सिन्हा कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे। 22 मार्च 2024 को कानून एवं न्याय मंत्रालय ने उनकी नियुक्ति की आधिकारिक अधिसूचना जारी की और साथ ही न्यायमूर्ति अरिंदम सिन्हा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम, जिसकी अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ कर रहे थे, ने 6 मार्च 2024 को न्यायमूर्ति टंडन की नियुक्ति की सिफारिश की थी, जो उनकी वरिष्ठता, अनुभव और विधिक विशेषज्ञता को ध्यान में रखते हुए की गई। उन्होंने 1983 में कोलकाता विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की और 1989 में वकील के रूप में पंजीकृत हुए। 13 अप्रैल 2010 को कोलकाता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने और 14 वर्षों तक महत्वपूर्ण मामलों में न्याय प्रदान किया। उनकी नियुक्ति से ओडिशा उच्च न्यायालय को स्थिर नेतृत्व मिलेगा, न्यायिक प्रशासन मजबूत होगा और लंबित मामलों के शीघ्र निपटान की उम्मीद की जा रही है।
- सकल मानव अधिकार उल्लंघन और पीड़ितों की गरिमा के विषय में सत्य के अधिकार के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस हर साल 24 मार्च को मनाया जाता है। यह दिवस विशेष रूप से मोनसिन्योर ऑस्कर अर्नुल्फो रोमेरो को श्रद्धांजलि देने के लिए समर्पित है, जिनकी 1980 में हत्या कर दी गई थी क्योंकि वे अल सल्वाडोर में मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ मुखर थे। यह दिन संक्षिप्त फांसी, जबरन गुमशुदगी और यातना जैसे गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों को उजागर करने और पीड़ितों को न्याय दिलाने पर केंद्रित है। पीड़ितों के परिवारों को यह जानने का अधिकार होता है कि उनके साथ क्या हुआ और कौन जिम्मेदार था। सरकारों पर यह जिम्मेदारी है कि वे अपराधों की जांच करें, न्याय प्रदान करें और मुआवजा दें। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 दिसंबर 2010 को इस दिवस की स्थापना की थी, और इसे सत्य, न्याय और मानव गरिमा की रक्षा के लिए मनाया जाता है। 1991 में अल सल्वाडोर में “सत्य आयोग” का गठन किया गया, जिसने पुष्टि की कि आर्कबिशप रोमेरो की हत्या सरकार समर्थित बलों द्वारा की गई थी। यह दिन मानवाधिकार रक्षकों के संघर्ष को पहचान देने और पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों को मजबूत करने के लिए प्रेरित करता है।
- हर साल 24 मार्च को विश्व क्षय रोग (टीबी) दिवस मनाया जाता है, ताकि इस संक्रामक बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके। 2025 की थीम “”हां! हम टीबी को समाप्त कर सकते हैं: संकल्प लें, निवेश करें, क्रियान्वयन करें”” है, जो इस बीमारी के उन्मूलन के प्रति सामूहिक प्रयासों पर जोर देती है। टीबी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो सामाजिक और आर्थिक प्रभाव भी डालती है। इसे माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्युलोसिस बैक्टीरिया फैलाता है, जो हवा के माध्यम से संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या थूकने से फैलता है। टीबी की रोकथाम के लिए “बीसीजी टीका, शीघ्र पहचान और उपचार आवश्यक हैं”। यह पूरी तरह ठीक हो सकता है यदि समय पर सही दवा दी जाए। 1882 में डॉ. रॉबर्ट कॉच ने इस बैक्टीरिया की खोज की, जिससे इसके निदान और इलाज में मदद मिली। टीबी आज भी दुनिया के सबसे घातक संक्रामक रोगों में से एक है। “दवा-प्रतिरोधी टीबी (MDR-TB) के बढ़ते मामले चुनौती बने हुए हैं”, जिससे “एंड टीबी 2030” लक्ष्य खतरे में पड़ सकता है। WHO और ECDC जैसे संगठन इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। 19 मार्च 2025 को टीबी निगरानी रिपोर्ट पर चर्चा के लिए वेबिनार आयोजित किया जाएगा।
- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भारत में आने वाले प्रेषण (रेमिटेंस) के स्रोतों में बड़ा बदलाव हुआ है, जहां अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम (यू.के.) खाड़ी देशों को पीछे छोड़ते हुए शीर्ष योगदानकर्ता बन गए हैं। FY24 में अमेरिका और यू.के. से भारत आने वाले कुल प्रेषण का हिस्सा 40% तक पहुंच गया, जो FY17 में केवल 26% था। खासकर यू.के. से प्रेषण 3% से बढ़कर 10.8% और अमेरिका से 28% हो गया। वहीं, खाड़ी देशों से आने वाले प्रेषण में गिरावट देखी गई—UAE का हिस्सा FY17 में 27% था, जो FY24 में 19.2% रह गया, और सऊदी अरब से प्रेषण लगभग आधा होकर 6.7% तक गिर गया। इस बदलाव का मुख्य कारण अमेरिका और यू.के. में भारतीय पेशेवरों के लिए बेहतर रोजगार अवसर और इन देशों में भारतीय छात्रों की बढ़ती संख्या है। दूसरी ओर, खाड़ी देशों में वेतन वृद्धि की स्थिरता और नौकरियों की कमी इस गिरावट की वजह बनी। राज्यवार आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु को कुल प्रेषण का 50% मिला, जबकि हरियाणा, गुजरात और पंजाब में भी वृद्धि दर्ज की गई। साथ ही, 28.6% प्रेषण ₹5 लाख से अधिक थे, जबकि 40.6% लेन-देन ₹16,500 या उससे कम के थे।