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Today’s Current Affairs in Hindi | 28 फ़रवरी 2025 (हिंदी करंट अफेयर्स)

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28 फ़रवरी 2025 डेली करेंट अफेयर्स

  • भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2025 और 2026 में 6.4% की दर से बढ़ने की संभावना है, जो एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस के अनुमान के अनुसार वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बावजूद स्थिर प्रगति को दर्शाता है। RBI ने फरवरी 2025 में रेपो दर 25 आधार अंक घटाकर 6.25% कर दी, जिससे उधारी और निवेश को बढ़ावा मिलेगा। 2025 के केंद्रीय बजट में कर राहत उपायों से उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा और घरेलू मांग को मजबूती मिलेगी। मुद्रास्फीति में गिरावट, अनुकूल मानसून और सरकारी व्यय जैसे कारक भी इस आर्थिक वृद्धि को प्रभावित करेंगे। अप्रैल 2025 में RBI द्वारा 25 आधार अंकों की और कटौती की संभावना है, जिससे अर्थव्यवस्था को और गति मिलेगी। वित्त वर्ष 2027 में वृद्धि दर मामूली रूप से घटकर 6.2% हो सकती है, लेकिन 2028 में यह फिर से 6.6% तक पहुँचने की उम्मीद है। दीर्घकालिक संरचनात्मक सुधार, तकनीकी प्रगति और बुनियादी ढांचे में निवेश से भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रहेगी। मौद्रिक और राजकोषीय नीतिगत सहयोग के साथ, भारत वैश्विक अस्थिरता के बावजूद सतत आर्थिक विस्तार की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
  • विश्व प्रोटीन दिवस हर साल 27 फरवरी को प्रोटीन के महत्व को उजागर करने और लोगों को पर्याप्त प्रोटीन सेवन के प्रति जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। इसे यूएस सोयाबीन एक्सपोर्ट काउंसिल (USSEC) ने शुरू किया था, और यह अब एक वैश्विक अभियान बन चुका है। भारत में भी इसी दिन राष्ट्रीय प्रोटीन दिवस मनाया जाता है। प्रोटीन मांसपेशियों के विकास, प्रतिरक्षा प्रणाली और हार्मोन संतुलन के लिए आवश्यक है, लेकिन इसकी कमी से कुपोषण और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इस दिन लोग प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों जैसे दालें, चने, अंडे, मछली, डेयरी उत्पाद और मेवों को अपने आहार में शामिल करने पर जोर देते हैं। इसे मनाने के लिए लोग प्रोटीन-थीम आधारित भोज, पोषण कार्यशालाएं और स्वास्थ्य चुनौतियों में भाग लेते हैं। शोध के अनुसार, एक व्यक्ति को 0.8 ग्राम प्रति किलोग्राम शरीर के वजन के हिसाब से प्रोटीन लेना चाहिए, जबकि गर्भवती महिलाओं को 75-100 ग्राम की आवश्यकता होती है। अध्ययन बताते हैं कि प्रोटीन युक्त नाश्ता तृप्ति और एकाग्रता बढ़ाता है और वजन नियंत्रण में सहायक होता है। संतुलित आहार में प्रोटीन शामिल कर हम न केवल अपने स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं, बल्कि एक पोषण-सुरक्षित समाज की ओर भी बढ़ सकते हैं।
  • 25 फरवरी 2025 को रोम, इटली में जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (COP16) के दौरान “काली फंड” लॉन्च किया गया, जो जैव विविधता संरक्षण के लिए एक ऐतिहासिक पहल है। यह फंड उन निजी कंपनियों से वित्तीय योगदान प्राप्त करेगा जो आनुवंशिक डेटा (DSI) का उपयोग करती हैं, जैसे फार्मास्यूटिकल्स, कॉस्मेटिक्स, कृषि और बायोटेक्नोलॉजी उद्योग। इस धन का उपयोग वैश्विक संरक्षण परियोजनाओं, वैज्ञानिक अनुसंधान और स्वदेशी समुदायों के सशक्तिकरण के लिए किया जाएगा, जिन्हें कुल निधि का कम से कम 50% मिलेगा। काली फंड का संचालन संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा किया जाएगा, जबकि मल्टी-पार्टनर ट्रस्ट फंड ऑफिस (MPTFO) प्रशासनिक कार्य देखेगा। यह पहली बार है जब कोई UN जैव विविधता कोष व्यवसायों से प्रत्यक्ष योगदान प्राप्त करेगा, जिससे आर्थिक विकास और पर्यावरणीय स्थिरता के बीच संतुलन बनेगा। यह कोष कुनमिंग-मॉन्ट्रियल ग्लोबल बायोडायवर्सिटी फ्रेमवर्क (KMGBF) के 2030 तक जैव विविधता हानि को रोकने और पुनर्स्थापित करने के लक्ष्य को भी समर्थन देगा। COP16 अध्यक्ष सुसाना मुहामद और अन्य नेताओं ने इसे जैव विविधता संरक्षण के लिए एक नया युग बताया।
  • आईआईटी मद्रास ने भारतीय रेलवे के सहयोग से भारत का पहला हाइपरलूप परीक्षण ट्रैक लॉन्च किया है, जो भविष्य के परिवहन में एक बड़ी क्रांति ला सकता है। 422 मीटर लंबी यह सुविधा आईआईटी मद्रास परिसर में स्थित है और इसमें निर्वात ट्यूबों में चुंबकीय उत्तोलन (मैग्नेटिक लेविटेशन) तकनीक से चलने वाले पॉड्स का उपयोग किया गया है। हाइपरलूप 1,200 किमी/घंटा तक की रफ्तार पकड़ सकता है, जिससे दिल्ली-जयपुर या बेंगलुरु-चेन्नई जैसी यात्राएँ सिर्फ 30 मिनट में पूरी हो सकती हैं। इस परियोजना को रेलवे मंत्रालय का समर्थन मिला है, जिसने हाल ही में इसके अनुसंधान के लिए $1 मिलियन (लगभग 8.3 करोड़ रुपये) का अनुदान दिया है। आईआईटी मद्रास की अविष्कार हाइपरलूप टीम इस तकनीक के विकास में अग्रणी भूमिका निभा रही है। अगले चरण में 40-50 किमी की दूरी के लिए एक पूर्ण पैमाने पर हाइपरलूप प्रणाली की पहचान की जाएगी, और यदि पायलट परीक्षण सफल होता है, तो भारतीय रेलवे इसे व्यावसायिक रूप से लागू करेगा। यह तकनीक न केवल यात्रा को तेज और अधिक कुशल बनाएगी, बल्कि ऊर्जा-बचत में भी मदद करेगी। भारत की यह पहल इसे वैश्विक हाइपरलूप अनुसंधान में अग्रणी बना सकती है और परिवहन के भविष्य को नया आकार दे सकती है।
  • संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने ब्लू वीजा प्रणाली का पहला चरण लॉन्च किया है, जो पर्यावरणीय स्थिरता में योगदान देने वाले व्यक्तियों को 10 साल की रेजिडेंसी प्रदान करता है। यह घोषणा विश्व सरकार शिखर सम्मेलन 2025 (दुबई) में की गई और इसे जलवायु परिवर्तन एवं पर्यावरण मंत्रालय (MoCCAE) और संघीय पहचान, नागरिकता, सीमा शुल्क और बंदरगाह सुरक्षा प्राधिकरण (ICP) ने संयुक्त रूप से लॉन्च किया। इस वीजा का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन और स्थिरता में योगदान देने वाले व्यक्तियों को प्रोत्साहित करना है। पात्रता में पर्यावरणीय नवाचार करने वाले नेता, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और NGO के सदस्य, कॉर्पोरेट लीडर, वैश्विक स्थिरता पुरस्कार विजेता और शोधकर्ता शामिल हैं। पहले चरण में 20 विशेषज्ञों को यह वीजा मिलेगा। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल होगी और ICP पोर्टल के माध्यम से 24/7 उपलब्ध रहेगी। सरकारी एजेंसियां भी योग्य उम्मीदवारों को नामांकित कर सकती हैं। जलवायु मंत्री डॉ. अमना बिन्त अब्दुल्ला अल दाहाक ने UAE की स्थिरता प्रतिबद्धता दोहराई, जबकि ICP महानिदेशक मेजर जनरल सुहैल सईद अल खैली ने वीजा की डिजिटल उपलब्धता की पुष्टि की। यह पहल UAE के गोल्डन और ग्रीन वीजा कार्यक्रमों का विस्तार है, जो स्थिरता प्रयासों को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की वर्ल्ड हेल्थ स्टैटिस्टिक्स 2024 रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में कुल 68 मिलियन मौतों में से 57% (39 मिलियन) केवल 10 बीमारियों के कारण हुईं। कोविड-19 महामारी ने वैश्विक मृत्यु दर को प्रभावित किया, जिससे जीवन प्रत्याशा 1.8 वर्ष घटकर 71.4 वर्ष और स्वस्थ जीवन प्रत्याशा 1.5 वर्ष कम होकर 61.9 वर्ष रह गई। प्रमुख कारणों में इस्केमिक हृदय रोग (9M मौतें), कोविड-19 (8.7M), स्ट्रोक (7M), COPD (3.5M), निम्न श्वसन संक्रमण (2.5M), फेफड़ों का कैंसर (1.9M), अल्ज़ाइमर और डिमेंशिया (1.8M), मधुमेह (1.6M), गुर्दे की बीमारियाँ (1.4M) और क्षय रोग (1.4M) शामिल हैं। हृदय रोग, धूम्रपान, मोटापा, अस्वस्थ आहार, वायु प्रदूषण और शारीरिक निष्क्रियता जैसी जीवनशैली संबंधी आदतें इन बीमारियों के मुख्य कारण बने। कोविड-19 महामारी ने संक्रामक रोगों से होने वाली मौतों को 23% से बढ़ाकर 28.1% कर दिया, जो 2005 के बाद सबसे अधिक है। वहीं, गैर-संचारी रोगों की मौतों का प्रतिशत घटा। हृदय रोग और मधुमेह जैसी बीमारियाँ लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ, टीकाकरण, जीवनशैली में सुधार और उन्नत चिकित्सा तकनीकों से इनमें कमी लाई जा सकती है।
  • जर्मनी में बड़ा राजनीतिक बदलाव हुआ है—क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (CDU) के नेता फ्रेडरिक मर्ज़ देश के अगले चांसलर बनने जा रहे हैं। CDU और क्रिश्चियन सोशल यूनियन (CSU) ने 2025 के संघीय चुनावों में जीत दर्ज की, जिससे ओलाफ शॉल्ज़ के नेतृत्व का अंत हुआ। 69 वर्षीय मर्ज़ 1949 के बाद सबसे उम्रदराज़ चांसलर होंगे और उनका सत्ता में आना जर्मनी में रूढ़िवादी नेतृत्व की वापसी दर्शाता है। मर्ज़ ने 1989 में यूरोपीय संसद से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की, 1994 में बुंडेस्टाग के सदस्य बने और वित्तीय नीति विशेषज्ञ के रूप में उभरे। हालांकि, 2009 में राजनीति से बाहर होने के बाद उन्होंने ब्लैकरॉक जर्मनी के चेयरमैन (2016-2020) के रूप में कॉर्पोरेट क्षेत्र में मजबूत करियर बनाया। 2021 में वे राजनीति में लौटे और 2022 में CDU के प्रमुख बने। उनकी नीतियां आर्थिक उदारवाद, सख्त आप्रवासन कानून और यूरोपीय रक्षा स्वायत्तता पर केंद्रित हैं। AfD के अप्रत्यक्ष समर्थन से आप्रवासन सुधार विधेयक लाने और अमेरिका पर निर्भरता घटाने की उनकी नीति विवादों में रही है। अब वे सोशल डेमोक्रेट्स (SPD) के साथ सरकार बनाने की तैयारी कर रहे हैं, जिससे जर्मनी की आर्थिक, आप्रवासन और विदेश नीति में बड़े बदलाव की संभावना है।
  • मध्य प्रदेश भारत में सबसे अधिक गिद्धों की आबादी वाला राज्य बन गया है, जहां 2025 की पहली गिद्ध जनगणना के अनुसार इनकी संख्या 12,981 तक पहुंच गई है। 2019 में यह संख्या 8,397 थी, जो संरक्षण प्रयासों की सफलता को दर्शाती है। 2016 से जारी इस जनगणना प्रक्रिया के तहत 2025 में दो चरणों में सर्वेक्षण किया जा रहा है, जिसमें 16 सर्कल, 64 डिवीजन और 9 संरक्षित क्षेत्र शामिल हैं। राज्य में भारत में पाई जाने वाली नौ में से सात गिद्ध प्रजातियां मौजूद हैं, जिनमें भारतीय लंबी चोंच वाला गिद्ध, सफेद पीठ वाला गिद्ध, मिस्री गिद्ध, लाल सिर वाला गिद्ध (स्थायी प्रजातियां) और हिमालयी ग्रिफॉन, यूरेशियन ग्रिफॉन, सिनीरियस गिद्ध (प्रवासी प्रजातियां) शामिल हैं। गिद्धों की संख्या में गिरावट का मुख्य कारण डाइक्लोफेनाक नामक पशु चिकित्सा दवा थी, जिसके कारण उनकी मृत्यु दर बढ़ गई थी। 2006 में इस दवा के प्रतिबंध, आवास संरक्षण और जागरूकता अभियानों से इनकी संख्या में सुधार हुआ। गिद्ध पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि वे शवों का निपटान कर बीमारियों के प्रसार को रोकते हैं। उनकी बढ़ती संख्या संरक्षण प्रयासों की सफलता का संकेत है और निरंतर प्रयासों की आवश्यकता को दर्शाती है।
  • मुथूट फाइनेंस को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से 115 नई शाखाएं खोलने की मंजूरी मिली है, जिससे इसकी गोल्ड लोन सेवाओं का विस्तार होगा। यह कदम अंडरबैंक और कम सेवा प्राप्त क्षेत्रों तक पहुंचने की कंपनी की रणनीति का हिस्सा है। गोल्ड लोन भारत में एक लोकप्रिय ऋण विकल्प है, और नई शाखाएं लोगों को अपने सोने को संपत्ति के रूप में उपयोग कर आर्थिक जरूरतें पूरी करने में मदद करेंगी। इन शाखाओं में उन्नत सुरक्षा सुविधाएं और सुरक्षित जमा वॉल्ट होंगे। जुलाई 2022 में भी कंपनी को 150 नई शाखाएं खोलने की मंजूरी मिली थी, जिससे ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में इसकी पहुंच बढ़ी। 2024-25 की पहली तिमाही में 218 नई शाखाएं जोड़ी गईं और वर्ष के अंत तक 300-400 नई शाखाएं खोलने की योजना है। दिसंबर 2024 तिमाही में मुथूट फाइनेंस का शुद्ध लाभ ₹1,389 करोड़ रहा, जो 26% की वृद्धि है, जबकि ऑपरेशनल रेवेन्यू 36% बढ़कर ₹5,190 करोड़ हो गया। कंपनी 2024-25 में अपने एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) में 15% वृद्धि का लक्ष्य रखती है। मजबूत वित्तीय स्थिति और विस्तार रणनीति के साथ, मुथूट फाइनेंस भारत में अग्रणी गोल्ड लोन प्रदाता बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
  • भोपाल में आयोजित 8वें इन्वेस्ट मध्य प्रदेश समिट में रिकॉर्ड ₹30.77 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले, जिससे राज्य एक प्रमुख निवेश हब के रूप में उभरा। इस दो दिवसीय आयोजन में अडानी ग्रुप, रिलायंस इंडस्ट्रीज, NTPC, Avaada समेत कई बड़ी कंपनियों ने भाग लिया और निर्माण, बुनियादी ढांचा, नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में बड़े निवेश की घोषणा की। प्रमुख निवेशों में अडानी ग्रुप का ₹1.10 लाख करोड़, NTPC का ₹1.2 लाख करोड़, रिलायंस इंडस्ट्रीज का ₹60,000 करोड़ और Avaada का ₹50,000 करोड़ शामिल है। इंडो-यूरोपियन चैंबर, इंडो-जर्मन चैंबर और जर्मनी इंडिया इनोवेशन सेंटर के साथ अंतरराष्ट्रीय समझौते भी हुए। समिट के दौरान 5,000 से अधिक B2B और 600 से अधिक B2G बैठकें हुईं, जिससे निवेश को बढ़ावा मिला। सरकार ने निवेशकों के लिए सिंगल-विंडो मंजूरी, सब्सिडी, औद्योगिक कॉरिडोर और कौशल विकास जैसी योजनाएँ लागू की हैं। खास बात यह रही कि पहली बार यह समिट भोपाल में आयोजित हुई, जो राज्य के औद्योगिक विकास के लिए ऐतिहासिक कदम साबित हो सकती है।
  • जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पुलिस स्टेशन ख्रेव में पहली बार ई-एफआईआर दर्ज कर डिजिटल पुलिसिंग की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया। यह एफआईआर मुश्ताक अहमद भट द्वारा उनके परिवार पर हमले के आरोप में दो व्यक्तियों के खिलाफ ईमेल के माध्यम से दर्ज कराई गई और केस संख्या 17/2025 के रूप में पंजीकृत हुई। यह पहल विधि आयोग की 282वीं रिपोर्ट की सिफारिशों के अनुरूप है, जिसमें संज्ञेय अपराधों के लिए ई-एफआईआर की अनुमति दी गई है, खासकर जब आरोपी अज्ञात हो या तीन साल तक की सजा वाले मामलों में आरोपी ज्ञात हो। ई-एफआईआर प्रक्रिया के तहत शिकायत ईमेल से भेजी जाती है और शिकायतकर्ता को इसे तीन दिनों के भीतर मान्य करना आवश्यक होता है। इसके कई लाभ हैं, जैसे तेज शिकायत पंजीकरण, पारदर्शिता, और पुलिस की जवाबदेही में वृद्धि। हालांकि, चुनौतियाँ भी हैं, जैसे सभी राज्यों में मानकीकृत प्रक्रिया की कमी, स्वचालित एफआईआर प्रणाली का अभाव और कानूनी वैधता के लिए डिजिटल हस्ताक्षर की आवश्यकता। आगे की राह में ई-प्रमाणीकरण तकनीकों को अनिवार्य बनाना और इलेक्ट्रॉनिक तरीकों से एफआईआर पंजीकरण को और सुगम बनाना शामिल है।
  • तेलंगाना सरकार ने 2025-26 से राज्य के सभी सीबीएसई, आईसीएसई, आईबी और अन्य बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में कक्षा 9 के छात्रों के लिए तेलुगु विषय को अनिवार्य कर दिया है, जिसे 2026-27 से कक्षा 10 तक विस्तारित किया जाएगा। यह कदम तेलुगु भाषा के संरक्षण और प्रचार के उद्देश्य से 2018 में बने तेलंगाना (स्कूलों में तेलुगु की अनिवार्य शिक्षा) अधिनियम के तहत उठाया गया है। सरकार ने छात्रों के लिए तेलुगु सीखना आसान बनाने के लिए ‘सिंगिडी’ पाठ्यपुस्तक की जगह सरल ‘वेन्नेला’ (सीबीएसई कोड: 089) को अपनाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी के नेतृत्व में नई सरकार इस नीति को प्रभावी रूप से लागू कर रही है, जो पिछली सरकार के कार्यकाल में पूरी तरह लागू नहीं हो सकी थी। यह पहल सभी स्कूलों में तेलुगु भाषा की शिक्षा सुनिश्चित करने और गैर-तेलुगु पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए भाषा सीखना आसान बनाने पर केंद्रित है। सरकार सरल शिक्षण विधियों के जरिए छात्रों में तेलुगु के प्रति रुचि बढ़ाने का प्रयास कर रही है, जिससे राज्य में इस भाषा का संरक्षण और व्यापक प्रसार हो सके।
  • एक्सिस बैंक ने MSME व्यवसायों को डिजिटल परिवर्तन और परिचालन लचीलापन अपनाने में मदद करने के लिए ‘इवॉल्व’ सेमिनार के 9वें संस्करण की शुरुआत की है। इस साल का विषय “नए युग के व्यवसाय के लिए MSME को भविष्य के लिए तैयार करना” है, जिसका उद्देश्य छोटे और मध्यम उद्यमों को प्रतिस्पर्धी बनाए रखना है। 2014 में शुरू हुए इस कार्यक्रम से अब तक 50+ शहरों में 9,000 से अधिक उद्यमी लाभान्वित हुए हैं। 2024 में इसे दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, कोच्चि, इंदौर और अहमदाबाद में आयोजित किया जाएगा। ‘इवॉल्व’ MSME को उद्योग विशेषज्ञों और वित्तीय सलाहकारों से जुड़ने का मंच प्रदान करता है, जिससे वे नवाचार और डिजिटल समाधानों को अपना सकें। एक्सिस बैंक कैश फ्लो आधारित लेंडिंग, GST और बैंकिंग डेटा के उपयोग, और Neo for Business जैसे डिजिटल प्लेटफार्मों के जरिए MSME की वित्तीय स्थिति मजबूत कर रहा है। 2020 से बैंक ने MSME लोन में 30% की वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की है और 8.7% बाजार हिस्सेदारी हासिल की है। कार्यकारी निदेशक मुनीश शारदा के अनुसार, एक्सिस बैंक MSME के सतत विकास में सहायक बनकर उन्हें बदलते व्यावसायिक माहौल के लिए तैयार कर रहा है।
  • भारतीय सेना ने तटरक्षक बल और मरीन पुलिस के साथ मिलकर गुजरात के बेत द्वारका में ‘जल-थल-रक्षा 2025’ सैन्य अभ्यास आयोजित किया, जिसका उद्देश्य द्वीप सुरक्षा मजबूत करना और अवैध अतिक्रमण रोकना था। इस अभ्यास में भारतीय सेना की अहमदाबाद और जामनगर इकाइयों के साथ तटरक्षक बल, मरीन पुलिस, देवभूमि द्वारका जिला प्रशासन, वन विभाग, समुद्री बोर्ड, गुजरात ऊर्जा विभाग और NSG ने भाग लिया। इसमें हवरक्राफ्ट लैंडिंग, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और आतंकवादी हमलों की प्रतिक्रिया जैसी गतिविधियाँ शामिल थीं। यह अभ्यास भारत की तटीय रक्षा क्षमताओं को मजबूत करता है और आपातकालीन स्थितियों में विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय बढ़ाने में मदद करता है।
  • पंजाब सरकार ने राज्य के सभी स्कूलों में पंजाबी को मुख्य और अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाने का आदेश दिया है, चाहे वे पीएसईबी, सीबीएसई या सीआईएससीई से संबद्ध हों। शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने यह फैसला सीबीएसई की कक्षा 10 की क्षेत्रीय भाषा सूची से पंजाबी के कथित रूप से हटने की चिंताओं के बीच लिया। सरकार ने स्पष्ट किया कि यदि किसी छात्र के प्रमाणपत्र में पंजाबी मुख्य विषय के रूप में नहीं होगी, तो वह अमान्य माना जाएगा। 2008 के अधिनियम का उल्लंघन करने पर निजी स्कूलों पर ₹50,000 का जुर्माना लगाया जाएगा। सीबीएसई पर पंजाबी को सूची से हटाने का आरोप लगाते हुए बैंस ने इसे “एक सोची-समझी साजिश” बताया और केंद्रीय शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर स्पष्टीकरण मांगा। शिरोमणि अकाली दल ने भी इस फैसले का विरोध किया। हालांकि, सीबीएसई ने सफाई देते हुए कहा कि सूची सांकेतिक थी और पंजाबी अभी भी मान्य विषय है। सरकार ने नियमों का पालन न करने पर मोहाली और जालंधर के कुछ स्कूलों पर दंड लगाया। इसके अलावा, पंजाब सरकार जल्द ही अपनी शिक्षा नीति पेश करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने की योजना बना रही है।
  • FY24 में भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र ने 15.3% की मजबूत मुनाफा वृद्धि दर्ज की, जबकि बिक्री वृद्धि केवल 5.5% रही। RBI की रिपोर्ट के अनुसार, लागत-कटौती उपायों ने कंपनियों की लाभप्रदता बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई। सेवा क्षेत्र ने 6.8% बिक्री वृद्धि, 15.5% परिचालन मुनाफा वृद्धि और 38.1% PAT वृद्धि के साथ मजबूत प्रदर्शन किया, जबकि विनिर्माण क्षेत्र की बिक्री वृद्धि घटकर 4.1% रह गई, हालांकि परिचालन मुनाफा 13.2% और PAT 7.6% बढ़ा, जिससे पिछले वर्ष की गिरावट से सुधार दिखा। लागत प्रबंधन की वजह से परिचालन लागत केवल 3.4% बढ़ी और वेतन वृद्धि धीमी रही, जिससे लाभ मार्जिन बेहतर हुआ। वित्तीय स्थिति भी मजबूत रही—ऋण-से-इक्विटी अनुपात में गिरावट आई और ब्याज कवरेज अनुपात (ICR) बढ़कर 4.1 हो गया, जिससे कंपनियों की कर्ज चुकाने की क्षमता में सुधार हुआ।
  • टाटा संस के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन को रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (RTEF) का प्रमुख नियुक्त किया गया है, जिसे दिवंगत रतन टाटा ने समाज सेवा और तकनीकी अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया था। यह फाउंडेशन टाटा ट्रस्ट्स से स्वतंत्र रूप से संचालित होता है और भारतीय समाज के विकास में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है। चंद्रशेखरन की नियुक्ति रतन टाटा की वसीयत के कार्यकारियों मेहली मिस्त्री, शिरीन और दीना जेजीभॉय तथा दारियस खंबाटा द्वारा की गई, जिन्होंने कानूनी सलाह के बाद यह निर्णय लिया। रतन टाटा ने उन्हें अपने उत्तराधिकारी के रूप में व्यक्तिगत रूप से चुना था। फाउंडेशन की नेतृत्व संरचना को मजबूत करने के लिए बर्जिस तारापोरवाला और आर.आर. शास्त्री को होल्डिंग ट्रस्टी बनाया गया, जबकि जमशेद पॉंचा को सीईओ नियुक्त किया गया। चंद्रशेखरन के नेतृत्व में फाउंडेशन की कार्यप्रणाली को सुव्यवस्थित किया जाएगा, जिससे इसकी स्वतंत्र पहचान और प्रभावी संचालन सुनिश्चित हो सके। इस फाउंडेशन का उद्देश्य समाज सेवा और टेक्नोलॉजी अनुसंधान को बढ़ावा देना, प्रभावशाली पहलों के माध्यम से भारतीय समाज को सशक्त बनाना और रतन टाटा की परोपकारी विरासत को आगे बढ़ाना है।

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