current affairs

Today’s Current Affairs in Hindi | 30 अप्रैल 2025 (हिंदी करंट अफेयर्स)

Today’s Current Affairs in Hindi | 30 अप्रैल 2025 (हिंदी करंट अफेयर्स), 30 अप्रैल 2025 के current affairs today in hindi.

30 अप्रैल 2025 डेली करेंट अफेयर्स

  • मार्च 2025 में भारत का फैक्ट्री उत्पादन 3% बढ़ा, जो फरवरी के 2.7% से थोड़ा बेहतर है, लेकिन पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में कम है। वित्त वर्ष 2024-25 में औद्योगिक वृद्धि 4% रही, जो पिछले साल के 5.9% से घट गई। इस गिरावट का मुख्य कारण खनन और विनिर्माण क्षेत्र में धीमी वृद्धि था। मार्च में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि 3% रही, जबकि बिजली उत्पादन में 6.3% और खनन में केवल 0.4% की वृद्धि हुई। इंफ्रास्ट्रक्चर उद्योगों ने 17 महीनों में सबसे तेज 8.8% की वृद्धि देखी, जबकि कैपिटल गुड्स की वृद्धि में गिरावट आई। उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं का उत्पादन 6.6% बढ़ा, लेकिन कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल्स में लगातार दूसरी बार गिरावट (-4.7%) देखी गई, जो एफएमसीजी क्षेत्र की कमजोरी को दर्शाता है। भविष्य में निवेश और उपभोग में सुधार की उम्मीद है, लेकिन अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक भू-राजनीतिक जोखिमों से निर्यात प्रभावित हो सकते हैं।
  • 28 अप्रैल 2025 को जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में वैभव सूर्यवंशी ने गुजरात टाइटंस के खिलाफ महज 35 गेंदों में शतक जड़कर इतिहास रच दिया। उनकी पारी में 7 चौके और 11 छक्के शामिल थे, जिससे उन्होंने आईपीएल इतिहास में सबसे तेज शतक लगाने वाले बल्लेबाज़ों की सूची में दूसरा स्थान प्राप्त किया। इस शतक से पहले वैभव ने आईपीएल 2025 की सबसे तेज़ फिफ्टी भी सिर्फ 17 गेंदों में पूरी की। महज 14 साल और 32 दिन की उम्र में वैभव ने टी20 क्रिकेट में अर्धशतक जड़ने का रिकॉर्ड तोड़ा और आईपीएल में सबसे कम उम्र में अर्धशतक लगाने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। आईपीएल 2024 में राजस्थान रॉयल्स ने ₹1.10 करोड़ में उन्हें अपनी टीम में शामिल किया था, और उनके शतक ने टीम के विश्वास को सही साबित किया। वैभव सूर्यवंशी ने पहले ही आईपीएल डेब्यू पर शार्दुल ठाकुर को छक्का जड़कर अपने इरादे जाहिर किए थे। उनकी क्रिकेट यात्रा अविश्वसनीय रही है, जिसमें 12 साल की उम्र में विजय हज़ारे ट्रॉफी में पदार्पण और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी शानदार प्रदर्शन शामिल है।
  • भारत की उड़ान योजना (UDAN) ने 2016 में हवाई यात्रा को आम जनता के लिए सस्ता और सुलभ बनाने का लक्ष्य रखा। इस योजना का उद्देश्य भारत के टियर-2 और टियर-3 शहरों को प्रमुख शहरों से जोड़ना है, जिससे क्षेत्रीय संपर्क और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिले। उड़ान योजना के तहत सरकार एयरलाइनों को वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) और अन्य प्रोत्साहन देती है, ताकि किराए को किफायती बनाए रखा जा सके। इसके अलावा, केंद्र और राज्य सरकारें हवाई यात्रा को सस्ता बनाने के लिए विभिन्न रियायतें प्रदान करती हैं। योजना के तहत अब तक 128 मार्गों पर सेवाएं शुरू हो चुकी हैं, और 73 नए हवाई अड्डों को जोड़ा गया है। इसके साथ ही, पर्यटन और कृषि क्षेत्रों में भी उड़ान योजना के माध्यम से विशेष सेवाएं शुरू की गई हैं। 2025 में योजना के तहत 120 नए गंतव्यों को जोड़ा जाएगा और 50 नए हवाई अड्डे बनाए जाएंगे। उड़ान योजना ने न केवल हवाई यात्रा को सुलभ किया है, बल्कि इससे क्षेत्रीय विकास और रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं।
  • सिंधु नदी प्रणाली दक्षिण एशिया की एक प्रमुख और जीवनदायिनी नदी प्रणाली है, जो पश्चिमी हिमालय से निकलकर भारत और पाकिस्तान के करोड़ों लोगों की आजीविका, कृषि, जलविद्युत और शहरी विकास में अहम भूमिका निभाती है। इसमें सिंधु के साथ चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज जैसी नदियाँ शामिल हैं, जो तिब्बत से लेकर अरब सागर तक बहती हैं। यह प्रणाली न सिर्फ सिंचाई और खाद्य उत्पादन का आधार है, बल्कि हड़प्पा और मोहनजोदड़ो जैसी प्राचीन सभ्यताओं की जननी भी रही है। आज यह जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, जलविभाजन विवाद और पारिस्थितिक असंतुलन जैसी चुनौतियों से जूझ रही है। भारत-पाकिस्तान के बीच 1960 की सिंधु जल संधि अब भी सहयोग का एक आधार है, लेकिन बढ़ते तनावों और संसाधनों पर दबाव को देखते हुए नए समाधानों की ज़रूरत है। हाल की रिपोर्टें अंतरराष्ट्रीय सहयोग, जल प्रबंधन रणनीतियों और पर्यावरणीय संरक्षण को प्राथमिकता देने की सिफारिश करती हैं। ड्रिप सिंचाई, नवीकरणीय ऊर्जा, और ग्लेशियरों की निगरानी जैसे उपाय इस संकट को सुलझाने में मदद कर सकते हैं। सिंधु प्रणाली का संरक्षण न केवल ऐतिहासिक धरोहर की रक्षा है, बल्कि भविष्य की स्थिरता और क्षेत्रीय शांति के लिए भी अनिवार्य है।
  • पंडित चतुर लाल की जन्म शताब्दी के अवसर पर डाक विभाग ने एक विशेष डाक टिकट जारी किया है, जो उनकी असाधारण संगीत प्रतिभा और अंतरराष्ट्रीय योगदान को सम्मान देता है। उदयपुर में जन्मे और दरबारी संगीत परंपरा में पले-बढ़े चतुर लाल ने उस्ताद अब्दुल हफीज अहमद खान से तबले की शिक्षा ली और 1947 में ऑल इंडिया रेडियो से अपने करियर की शुरुआत की। पंडित रवि शंकर से मुलाकात ने उनके करियर को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया। 1952 में वायलिनवादक यहूदी मेनुहिन उनकी प्रस्तुति से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने चतुर लाल को न्यूयॉर्क आमंत्रित किया, जिससे भारतीय शास्त्रीय संगीत को वैश्विक मंच मिला। उन्होंने उस्ताद अली अकबर ख़ान के साथ भी विदेशों में भारतीय संगीत को पहुँचाया। पापा जो जोन्स के साथ उनकी इंडो-जैज़ फ्यूज़न प्रस्तुति ने नई संगीत धाराओं को जन्म दिया। 1957 में एक कनाडाई फिल्म में योगदान के लिए उन्हें ऑस्कर नामांकन मिला और 1962 में उन्होंने राष्ट्रपति भवन में महारानी एलिज़ाबेथ के समक्ष प्रदर्शन किया। अक्टूबर 1965 में 40 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया, लेकिन उनका संगीत आज भी नई पीढ़ियों को प्रेरित करता है।
  • ‘‘रामानुजन: जर्नी ऑफ अ ग्रेट मैथमेटिशियन’’ अरुण सिंघल और देवेंद्र कुमार शर्मा द्वारा लिखित एक प्रेरणादायक पुस्तक है, जो महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के असाधारण जीवन और गणित में उनके योगदान पर केंद्रित है। सीमित औपचारिक शिक्षा और अनेक संघर्षों के बावजूद रामानुजन ने जो उपलब्धियाँ हासिल कीं, वे आज भी लोगों को चकित करती हैं। यह पुस्तक दुर्लभ दस्तावेज़ों और उनके निजी पत्रों पर आधारित है, जो उनकी सोच की गहराई और गणितीय समझ को उजागर करते हैं। इसमें उनके जीवन के संघर्षों के साथ-साथ उस ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि का भी वर्णन किया गया है, जिसने उनके कार्य को आकार दिया। नेशनल आर्काइव्स ऑफ इंडिया, जो देश की अभिलेखीय धरोहर को संजोने वाली प्रमुख संस्था है, इस पुस्तक के विमोचन का उपयुक्त स्थल रही, जबकि वाणी प्रकाशन ने इसे आम पाठकों तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाई है।
  • राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य व्यवसायों के लिए सुगम वातावरण तैयार करना, नौकरशाही बाधाओं को कम करना और प्रक्रियाओं को सरल बनाना है। यह मिशन भविष्य के लिए तैयार कार्यबल के विकास पर जोर देता है, जिससे श्रमिक आधुनिक तकनीकों से लैस होकर उद्योगों की बदलती माँगों को पूरा कर सकें। लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को तकनीकी, वित्तीय और संसाधन सहयोग देकर उन्हें सशक्त बनाना भी इसका प्रमुख उद्देश्य है। साथ ही, मिशन भारतीय विनिर्माताओं को अत्याधुनिक तकनीकों तक पहुँच प्रदान कर दक्षता और नवाचार को बढ़ावा देगा। यह ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्किल इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसे कार्यक्रमों को भी मजबूती देगा। मिशन का लक्ष्य भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाना है ताकि वैश्विक बाजारों में उनकी विश्वसनीयता बढ़े। इसका व्यापक उद्देश्य देश की जीडीपी में विनिर्माण क्षेत्र का योगदान वर्तमान 16-17% से बढ़ाना है। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि यह मिशन भारत को प्रतिस्पर्धी, नवाचारी और वैश्विक मूल्य शृंखला से जुड़ा विनिर्माण केंद्र बनाने में सहायक सिद्ध होगा।
  • वैश्विक अर्थव्यवस्था तकनीकी नवाचार, व्यापार में बदलाव और भू-राजनीतिक परिस्थितियों के कारण तेजी से बदल रही है, जिसमें देशों की आर्थिक ताकत का आकलन सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आधार पर किया जाता है। GDP किसी देश की आर्थिक स्थिति, जीवन स्तर और उत्पादकता का प्रमुख संकेतक है, जो उपभोक्ता खर्च, व्यापार निवेश, सरकारी व्यय और शुद्ध निर्यात से मापा जाता है। IMF की 2025 की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है, उसके बाद चीन, जर्मनी और भारत हैं। भारत, जो मुख्य रूप से निजी खपत और ग्रामीण मांग पर आधारित है, आने वाले वर्षों में तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था बना रहेगा और 2030 तक जर्मनी व जापान को पीछे छोड़ सकता है। वैश्विक व्यापार, निवेश और नीतियों पर GDP रैंकिंग का सीधा असर पड़ता है, जबकि व्यापार तनाव, नीति अनिश्चितता, बुजुर्ग आबादी और वित्तीय अस्थिरता जैसे कारक बड़ी चुनौतियाँ बने हुए हैं। विशेष रूप से अमेरिका-चीन व्यापार संघर्ष और विकसित देशों में धीमी वृद्धि से वैश्विक असमानता और वित्तीय अस्थिरता बढ़ सकती है। इनसे निपटने के लिए बहुपक्षीय सहयोग, आंतरिक मांग में सुधार और सतत विकास पर जोर देना जरूरी है।
  • राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) ने रिवर सिटीज़ एलायंस (RCA) के तहत एक्शन प्लान 2025 को मंज़ूरी दी है, जो शहरी नदी प्रबंधन को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस योजना के ज़रिए 145 शहर नदी-संवेदनशील शहरी विकास को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। योजना में रिवर-सेंसिटिव मास्टर प्लानिंग (RSMP), शहरी नदी प्रबंधन योजनाएं (URMPs), तकनीकी सहायता, ज्ञान साझाकरण और वित्तीय सलाह जैसी पहल शामिल हैं। कानपुर, अयोध्या, छत्रपति संभाजीनगर, मुरादाबाद और बरेली जैसे शहरों में पहले ही URMPs तैयार किए जा चुके हैं, और अब 25 नए शहरों में इसे लागू करने की योजना है। छत्रपति संभाजीनगर की खाम नदी परियोजना को अंतरराष्ट्रीय मान्यता भी मिली है। दिल्ली के लिए एक विशेष URMP विकसित किया जा रहा है, जो उसकी नदियों को पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में पुनर्परिभाषित करेगा। DHARA कार्यक्रम, एक्सपोज़र विज़िट्स और RCA की नई वेबसाइट जैसे प्रयासों से जन-जागरूकता और जानकारी का प्रसार हो रहा है। साथ ही, वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम 2025 में RCA की भागीदारी से भारत की वैश्विक उपस्थिति भी मज़बूत हुई है।
  • निवेशक शिक्षा और संरक्षण कोष प्राधिकरण (IEPFA) ने कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड (KMBL) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किया है, जिसका उद्देश्य देशभर में निवेशकों को जागरूक बनाना, वित्तीय धोखाधड़ी से बचाव के उपाय बताना और उनके अधिकारों की जानकारी देना है। इस पहल के तहत कोटक महिंद्रा बैंक अपने एटीएम, कियोस्क, मोबाइल ऐप, वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर IEPFA की शैक्षणिक सामग्री जैसे डिजिटल बैनर, लघु फिल्में और वीडियो साझा करेगा। यह कार्यक्रम वित्तीय वर्ष 2025-2026 में शुरू होगा और इसकी लागत IEPFA पर नहीं पड़ेगी, क्योंकि कोटक की मौजूदा आधारभूत संरचना का उपयोग किया जाएगा। 2,000 से अधिक शाखाओं और 3,000+ एटीएम के नेटवर्क के माध्यम से यह साझेदारी विविध जनसमूह तक पहुंच बनाएगी। यह सहयोग न केवल निवेशकों को शिक्षित करेगा बल्कि वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र में विश्वास भी मजबूत करेगा। IEPFA की CEO अनीता शाह अकेला इस प्रयास का नेतृत्व कर रही हैं, जबकि समीक्षा लांबा और विशाल अग्रवाल ने MoU का आदान-प्रदान किया।
  • कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर लिबरल पार्टी को लगातार चौथी बार सत्ता दिलाई है, लेकिन पार्टी स्पष्ट बहुमत से चूक सकती है, जिससे उन्हें ब्लॉक क्यूबेक्वा जैसे दलों के समर्थन की जरूरत पड़ सकती है। पूर्व पीएम जस्टिन ट्रूडो की तरह इस बार भी अल्पमत सरकार संभव है, खासकर तब जब न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) को नुकसान हुआ है। चुनाव में 7.3 मिलियन लोगों ने पहले ही मतदान कर दिया था, जो अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव और ट्रम्प सरकार के विरोध की भावना का असर माना जा रहा है। पहली बार विदेश नीति प्रमुख चुनावी मुद्दा बनी, खासकर अमेरिका के साथ व्यापार विवादों और शुल्क की धमकियों को लेकर। कनाडा की अर्थव्यवस्था, जो 75% से अधिक निर्यात अमेरिका को करती है, अब गंभीर दबाव में है। जीवन यापन संकट और आर्थिक अस्थिरता ने घरेलू मुद्दों को भी गर्माया है। मार्क कार्नी, जिन्होंने वैश्विक वित्तीय संकट के समय कनाडा की बैंकिंग व्यवस्था को संभाला था, अब राजनीति में स्थिरता और विशेषज्ञता के प्रतीक माने जा रहे हैं। बिना राजनीतिक अनुभव के भी उनका नेतृत्व आर्थिक चुनौतियों के बीच उम्मीद का केंद्र बन गया है, लेकिन उन्हें आगे कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मोर्चों पर संतुलन साधना होगा।
  • नेशनल सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM), जिसे भारत सरकार ने 2015 में शुरू किया था, देश को सुपरकंप्यूटिंग के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। मार्च 2025 तक इस मिशन के तहत 34 सुपरकंप्यूटर स्थापित किए जा चुके हैं, जिनकी कुल क्षमता 35 पेटाफ्लॉप्स है और जो 10,000 से अधिक शोधकर्ताओं को सहयोग दे रहे हैं। इससे दवा खोज, आपदा प्रबंधन, ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु मॉडलिंग, खगोलविज्ञान और पदार्थ अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। IISc, IITs और C-DAC जैसे संस्थान प्रमुख लाभार्थी हैं। पुणे, दिल्ली और कोलकाता में स्वदेशी तकनीक से बने PARAM Rudra जैसे सुपरकंप्यूटर अब पूरी तरह सक्रिय हैं, वहीं त्रिनेत्र नेटवर्क उच्च गति से डेटा ट्रांसफर को सक्षम बना रहा है। AIRAWAT परियोजना, जिसकी क्षमता 200 पेटाफ्लॉप्स है, वैश्विक रैंकिंग में 75वें स्थान पर आई है। NSM के तीन चरणों में भारत ने शुरुआती ढांचे से लेकर पूर्ण स्वदेशीकरण तक की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। साथ ही, इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) के माध्यम से प्रोसेसर और चिप्स के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे सुपरकंप्यूटर निर्माण में आत्मनिर्भरता को और बल मिलेगा।
  • मलयालम सिनेमा के महान निर्देशक शाजी एन. करुण के निधन से फिल्म जगत शोक में डूबा है। 73 वर्षीय करुण ने अपनी अनोखी फिल्म निर्माण शैली और मानवीय दृष्टिकोण से न केवल मलयालम सिनेमा को नया आयाम दिया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान दिलाई। हाल ही में उन्हें मलयालम सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान जे. सी. डैनियल पुरस्कार मिला था, जिससे उनका निधन और भी भावुक क्षण बन गया। शाजी करुण की पहली फिल्म ‘पिरवी’ (1988) एक पिता की अपने बेटे की तलाश की मार्मिक कहानी थी, जिसे 70 से अधिक अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में सराहा गया। उनकी दूसरी फिल्म ‘स्वाहम’ को प्रतिष्ठित कान फिल्म महोत्सव में Palme d’Or के लिए नामांकित किया गया था। उन्होंने सात राष्ट्रीय और सात केरल राज्य फिल्म पुरस्कार जीते, जिसमें ‘कुट्टी स्रंक’ को वर्ष 2010 में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री और फ्रांस सरकार द्वारा “ऑर्डर ऑफ आर्ट्स एंड लेटर्स” जैसे अंतरराष्ट्रीय सम्मान भी मिले। एक सृजनात्मक निर्देशक होने के साथ-साथ उन्होंने केरल राज्य चलच्चित्र अकादमी और फिल्म विकास निगम के अध्यक्ष के रूप में भी अहम भूमिका निभाई।

प्रातिक्रिया दे

Your email address will not be published.